The Rajsharma Sex Story of चाहत (Romance Special)
बिस्तर पर लेटे हुए उसने अपना मोबाइल चेक किया उसके पासएक ही कीपैड मोबाइल था जिसका इस्तेमाल वह अपनी मित्र काजल से बात करने के लिए करती थी यहएक नॉर्मल सा मोबाइल था जिसे चाहत की पापा ने उसे दिया था जिसका यूज वह मम्मी के ना रहने पर भी करती थी उसकी मम्मीएक हाउसवाइफ थी जो पापा के ना रहने पर घर की सभी कामों को करने के लिए जबबाहर् जाती थी तो वह उस मोबाइल का इस्तेमाल उनसे बात करने के लिए करती थी और साथ-साथ उसने नंबर काजल को ही दिया था क्योंकि उसे ज्यादा लोगों से काम नहीं होता था जिससे उसे काम होता था वह उसी को ही अपना नंबर देती थी पर वहइसे बात से अनजान थी की उसका नंबर क्लास की सभी लड़कियों के पास है।
चाहत ने अपना मोबाइल देखा उस पर मिस्टी नाम से मैसेज फ़्लैश हो रहा था चाहत ने उसे ओपन किया और उसमें मिस्टी का मैसेज था जिस पर वह उसे याद दिला रही थी की कल उसे अपने संग कुछ पैसे लाने हैं जिससे वह चॉकलेट खरीद सकें।
चाहत और काजल दोनों कीएक आदत थी जब भी वह
क्लास की कैप्टन चुनी जाती तब वह अपने सारे क्लास वालों को चॉकलेट देती थी।
इसे बात को हुए तकरीबन 8 वर्ष हो चुके थे ये आदत उसे उसके पापा ने दिलाई थी उन्होंने ही उसे बताया था की खुशियां बांटने से बढ़ती है और ये बात उसने काजल को भी बताया दोबारा दोनों संग में ये काम करने लगी काजल ने जो कहा उसे याद रखते हुए चाहत सो गई
अगली सुबह 7:00 बजे काजल उठी और अपनी मोबाइल से चाहत को मैसेज किया गुड मॉर्निंग के संग उसे ये बात याद दिलाई की उसे कुछ पैसे लानी है और सेंड कर दिया। चाहत की नींद हमेशा की तरह काजल की मैसेज से खुली उसने मैसेज देखा और स्माइल के संग उठी और दोबारा अपने पलंग से कुछ दूरी पर दूसरे पलंग पर सो रहे आर्यन को उठाया और दोबारा उसे फ्रेश होने को भेज दिया चाहत ने अपने पलंग को सही कर सारी चीजें जैसे की चादर तकिया और उसका प्यारा टेडी बियर सभी चीजों कोएक स्थान या यूं कहें सही स्थान पर रखा और दोबारा अपने रूम और अपने घर को स्वच्छ करने लगी घर स्वच्छ हो जाने के पश्चात उसने टाइम देखा घड़ी अभी 7:30 मिनट का टाइमबता रही थी वह उठी और जल्दी से दूध गर्म करने के लिए फ्रिज खोला और गैस में दूध चढ़ाकर मुड़ी देखा सामने से उसकी मम्मी नाश्ता बना रही थी चाहत नेउन्को गुड मॉर्निंग कहा और दूध उबालने लगी दोबारा
उसने दूध को उतार कर ग्लास में लिया औरबाहर् भागी देखा आर्यन बस जन को था तभी उसने उसे दूध का ग्लास दिया और पीने को कहा वो दुध पीकर बाए बोल कर स्कूल चला गया ।
घर का काम ख़त्म कर वो स्कूल के लिए रेडी हुई और खाना खा कर स्कूल के लिए निकाल पड़ी जैसे ही वह चौंक के पास पहुंची वहा काजल उसका पहले से इंतज़ार कर रही थी। वहा के पास के दुकान उन दोनो ने चॉकलेट ली और स्कूल गए।
क्लास में सभी क्लासेज हुई और लंच हुआ।
काजल और चाहत ने सभी को चॉकलेट दी दोबारा सभी का नाम पूछ कर बात करने लगी।चाहत ने देखा कि अंश को जो काजल कोही देख रहा था काजल जहा इन सबसे बेखबर अपने ही दुनिया में थी वहीं अंश उसे देख मुस्कुराए जा रहा है ।
चाहत के ये बात समझते देर न लगी कि अंश काजल कोपस्न्द करने लगा है। वो मुस्कुराते हुए अपनी सीट पर बैठ कर अपना काम करने लगी पर दूसरों को देखने में वह इतनी बिज़ी हो गई के उसे भी कोई प्रेम भरी नजरो से देख रहा था पर कौन?
वो किसकी आंखे थी जो चाहत को देख रही थी .
ये कोई और नहीं अध्यन शर्मा था जो चाहत को बड़े प्रेम से देख रहा था उसे वो कल से प्यारी लग रही थी । जब वो स्कूल आया उसके साइकिल के जस्ट सामने वो अपनी साइकिल रख रही थी उसकी वो लम्बी दो चोटी जो कमर तक थी वो छोटी छोटी आंखे जिस पर मासूमियत थीं। ऐसी मासूमियत उसने कभी नहीं देखी थी ये मासूमियत ही उसे उसकी ओर खींच रही थी वरना लड़कियों को बस बहन कि नज़र से देखने वाला अध्यन उसे ऐसे क्यों देखता।
ऐसा नहीं था कि उसे लड़कियों से परेशानी थी पर उसका दिल जिसे देख के धड़के ऐसा कोई नहीं था।
अध्यन सभी भूल कर उसे देख रहा था वो साइकिल को रख अपने दोनो लंबी चोटी कोएक संग दाए और बाए तरफ कर
ठीक कर रही थी। दोबारा वो वहा से मेन गटे पर गई।
वहा जाकर उसने गेट के पास देखा और शायद किसी को ढूंढ रही थी उसकी टाईट चोटी होने के कारण कुछ छोटे बाल उसके चेहरे पर आ रहे थे जो उसकी मासूम आंखो को परेशान कर रहे थे और वो बड़े प्रेम से उसे हटा रही थी जब उसके माथे से वो बाल हटे तो उसने देखा उसके माथे पर देखा एक,. एक काली बिंदी जैसा कुछ है पहले तो उसे समझ नहीं आया कि ये बिंदी है या दोबारा कुछ और पर जब उसने माथे पर आते पसीने को पोछा तो उसने देखा कि वो बिंदी वहीं पर तब उसे पता चला कि वो तिल है ।
हाय ये तिल ये कह के उसने दिल पर हाथ रख लिया वो गोरी नहीं थी उसे खूबसूरती के लिए रंग की नहीं जरूरत नहीं थी वो तो उसकी मासूम आंखो से ही खूबसूरत लग रही थी । वह उसकी आंखो को ही देख रहा था उसकी होठ थोड़े से बड़े थे। उसकी गोल थोड़ी सी दबी नाक उसके गोल चेहरे को और भी खूबसरत बना रहे थे । छोटी सी तो थी वो पर बड़े से बेग को पकड़ के चल रही थी।
पता नहीं क्यू अध्यन को उसे और जानने का मन कर रहा था । वो उसे देख ही रहा था और उपरि देखते हुए कहा कि काश इसका नाम पता चल जाए सच में भगवान अपना खून भी दे दू आपको। तभी वो अपने साइकिल की लॉक को बंद कर रहा था । उसका हाथ अचानक से काट गया घाव गहरा नहीं
था पर खून थोड़ा सभी रिसने लगा ये देख अध्यन ने कहा ले लिया ना खून अब तो नाम बता दो मेरी चाहत का।
तभी पीछे से आवाज़ आती " चाहत " वो पलट गई और संग में पलटा अध्यन जिसे नाम सुन कर पता नहीं क्या मिला वो खुशी से दोनो हाथ उठा कर नाचने लगा और उसकी पिंक साइकिल को देख कर खुश हुआ जा रहा था।
आस पास के लोग उसे देख रहे थे । अचानक उसकी नजर उन पर पड़ी तो वो चुप हुआ और स्कूल के साइड भाग गया।
चाहत पता नहीं कितनी बार उसने ये नाम लिया होगा और ये नाम लेते हुए वो क्लास आ गया। हमेशा की तरह खाली डेस्क ढूंढ कर बैठने लगा।
तभी उसने देखा कोई गेट से अंदर आया जिसे सारे लड़के मुंह फाड़ कर देख रहे है। ये काजल थी जो मुस्कुराते हुए अंदर सा रही थी उसने उसे देखा और दोबारा अपना बेग रखने के लिए जैसे ही उपरि देखा.
उसकी नज़र पीछे से आती चाहत पर पड़ी जिसकी पलके
झुकी हुई थी जिस कारण उसकी बड़ी पलके साफ़ साफ़ दिख रही थी उन पलको में छिपी वो आंखेदेख्ना चाहता था जो उसको हर बार उसे हूंअट्रैक्ट करती थी।
चाहत नेएक भी बार पलके नहीं उठाई थी वो पलके झुकाएं क्लास में आ रही थी और अध्यन उसे होश खो कर देख रहा था।
तभी किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा ब्यूटीफुल ना.
अध्यन - या.
तभी उसने देखा दोबारा कहा - अंश तूने मुझे डरा दिया यार।
अंश - तुझे भी वो अच्छी लगी मुझे भी यार लव एट फर्स्ट साइट हो गया।
अध्यन - नहीं यार वो तेरे टाइप की नहीं है।
अंश - बट सीइसे सो क्यूट उसके गोरे गोरे गाल आए हाय।
अध्यन - हा . क्या. क्याएक बार दोबारा कहना गोरे गाल तू किसकी बात कर रहा है।
उसकी ये कह कर अंश ने काजल के तरफ इशारा किया । उसका इशारा देख अध्यन ने राहत की सांस ली और दोबारा कहा या शीइसे । दोबारा अपने बेग रखने में लग गया।
अंश उसके सामने आया और बोला - देख तू चतुर है और कोई भी लड़की तुझेएक बार में हा बोल देगी मेरा सोच ।
अध्यन था ही चतुर गोरा रंग भुरी आंखे और अपनी उम्र के हिसाब से अच्छी पर्सनैलिटी आंखो पर आते हुए उसके बाल
उसे क्यूट बना रहे थे।
अध्यन - तू क्या बोल रहा है सीधे प्वाइट पर आ।
अंश - वो तू . वो तू .
अध्यन - अब बोल भी।
अंश - तू उस से दूर रह भाई वो मुझे पहले दिखी थी मुझे वो पहले मिलनी चाहिए यदि मेरे कहने के पश्चात उसने हा नहीं कहा तो दोबारा तू ट्राय कर लेना उसने कौन सा भाग जाना है प्लीज़।
अध्यन ने बेग रखा और उसकी तरफ देख कर कहा- देख मुझे उसमे कोई इंटरेस्ट ही नहीं है। जैसे ही अध्यन ने बोला अंश सीधा उसके गले लग गया और बोला थैंक्यू भाई थैंक्यू सो मच । और वहा से चला गया।
अध्यन - पागल। कह कर सोचने लगा।
अध्यन - मुझे तो बस अपनी चाहतपस्न्द है।
वह तब से वो उसे देख रहा था उसका क्लास में होना उसके दिल की धड़कन को बढ़ा रहा था।
उसका ध्यान तब टूटा जब सर क्लास में आए और उन्होंने काजल और चाहत नाम लिया ये नाम सुन कर क्लास में दो लोगो के चेहरे में स्माइल थीएक अंश और दूसरा अध्यन जो बस चाहत को देखे जा रहा था।
इसे तरह वो जहा जाती वहा उसकी नजर जाती तभी उसने देखा सर सभी से रोल नं के हिसाब से बैठने बोला इतेफाक से दोनो का रोल नंएक संग आ गया तो अब वो दोनो संग ने बैठने थे।
संग में बैठने से को खुशी अध्यन को हुई वो किसी को नहीं हुई वो वहा बैठ कर बस चाहत तो महसूस कर रहा था वहा उसे चाहत के बालो से आती भिनी खुशबू ज्यादा अच्छी लग रही थी और यहां चाहत ने काजल से करते हुए अचानक ही उसकी तरफ देखा ।
अध्ययन ने दोबारा हाथ दिल पर रखा उसे दोबारा वही अहसास हुआ वो दिल में हाथ रख उसे देखने लगा पर ये खुशी ज्यादा देर की नहीं थी काजल और चाहत ने कुछ बात की और क्लास सेबाहर् निकाल गई।
तभी उनके पीछे अंश निकाला और उसने चुपके से सारी बाते सुन ली और दोबारा क्लास आया और अध्यन को बताया कि कैसे दोनो वोट के लिए बात करने गए है।
सर ने दोनो को कैप्टन बनाने से लेकर क्लास में हुई बाते सभी उसे बताई अध्यन चाहत को देखने में इतना बिज़ी था कि उसनेइसे बात पर ध्यान ही नहीं दिया।
अंश ने कहा कुछ कर भाई मैंने काजल को देखा वोटिंग का नाम सुन कैसे उसके चेहरे में बारह बजे थे।
अध्यन कुछ सोचते हुए रुक करता हूं कुछ।
उसने कुछ सोचा और सारे ब्वॉयस के पास आया और कहा देखो तुम लोग कोएक अंदर की खबर बताता हूं।
सारे बॉयज़ ध्यान से सुन रहे थे कि पता नहीं कौन सी जरूरी बात हुई हो।
अध्यन - देखो फ्रेंड्स आज जो दो गर्ल्स कैप्टन बनी किसी को बढ़िया नहीं लगा पर यार सोचो यदि उन लोगो को कैप्टन बना दिया तो हमे कितना फायदा होगा।
सारे बॉयज़ - वो कैसे ?
अध्यन - वो ऐसे की ये वहीं गर्ल्स है जो हमेशा टॉप करती है यदि ये क्लास में आ गई तो क्या होगा। ये कह कर उसनेएक बड़ी सी स्माइल दी और आगे कहना जाती रखा ये हमे जानती भी नहीं तो ये दोनो हमें ज्यादा परेशान भी नहीं करेगी और उन लोगो को हम सभी को जानने के ज्यादा टाइम लगेगा तब तक हम दूसरी क्लास में चले जाएंगे। नाम ना जानने से ये हमारी शिकायत भी नहीं कर पाएंगी सौ बात कीएक बात ये फायदेमंद होगा हमारे लिए।
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अब सभी सोचने लगे तो दोबारा अध्यन ने कहा देखो भाईयो वो जो भी होगी सुलेखा से बेहतर होगी और याद नहीं कैसे अपने दोस्तो का नाम लिखने के बजाए हमारा नाम लिख देती थी और दोबारा डांट भी हमे पड़ती थी ये सभी के संग ऐसा नहीं कर पाएगी तो ब्वॉयज बदला लेना है या नहीं ।
सारे ब्वॉयजएक संग - हा
अध्यन - तो दोबारा ठीक है तो दोबारा सारे ब्वॉयज वोट किसे देंगे।
ब्वॉयस- किसे ?
अध्यन और अंश ने सर पर हाथ रख लिया। और कहा चाहत तभी अंश ने उसे घुर के देखा तो अध्यन ने कहा चाहत और काजल को वोट देंगे किसी भी लड़के का वोट कहीं और नहीं जाना चाहिएइसे दैट क्लियर ।
सारेएक संग - यस
अध्यन - और यदि किसी ने भीएक भी वोट यहां से वहां किया तो ये कह कर उसने सबको देख जो खौफ से उसे देख रहे थे और उसने कहा ज्यादा कुछ नहीं होगा बस इतना होगा की दोबारा स्पोर्ट्स में मै उसकी कोई मदद नहीं और ना ही किसी लड़की से उसके लिए बात करूंगा । दोबारा वो भाड़ में जाए ।
सबएक संग - क्या?
अध्यन - हा सही सुना
बॉयज़ - ठीक है सर ।
दोबारा सभी हसने लगे और क्लास रूम में आ गए ।
वहा सर आए और उन्होंने चाहत और काजल के परसेंट पूछे बस यही पर हमारे अध्यन जी ने सिर पर हाथ रख लिया। क्युकी हमारी दोनो लड़कियों के परसेंट को आधा भी करे तो उनके परसेंट तब भी कम थे अंश तो खुश था क्युकी वो पढ़ने में बढ़िया था उसे तो शुरुआत से पढ़ने लिखने वाली लड़की चाहिए थी और वो काजल थी उसे और क्या चाहिए था।
पर अध्यन उसके तो सारे सपने टूट गए। वो ये सोच रहा था यदि मैंने इसे बता दिया कि मै इसे (चाहत)पस्न्द करता हूं तो येएक बार में ना बोल देगी दोबारा बेटा लग गए तेरे तो।
वोटिंग के टाइम सारे बॉयज़ ने अध्यन की बात का संग दिया पर सबने जब चाहत को देखा तो पाया वो ज्यादा सीधी सी है तो सभी ने सोचा इसे ही वोट दे देते है इसे हैंडल करना आसान होगा।
इसे तरह वो कैप्टन बन गई।
आज जब लंच हुए तो चाहत और काजल ने सभी को चॉकलेट दे दी तब अध्यन क्लास में आया शायद वो किसी काम सेबाहर् गया था ।
चाहत ने देखा तो भाग कर उसके पास गई और उसे चॉक्लेट दिया ।
अध्यन ने जैसे ही उसे अपने पास देखा वो उसके चेहरे को इतना पास से देखने की खुशी नहीं संभाल पा रहा था उसने धीरे-धीरे से चॉक्लेट ली । चाहत वहा से मुस्कुराती हुई अपने डेस्क पर बैठ गई। ये पहली बार था जब उसने किसी लड़की से कुछ लिया था सारे बॉयज़ ये देख हैरान रह गए संग में सभी ये भी नोटिस कर रहे थे कि कैसे अध्यन उसे देख रहा था।
अध्यन अभी भी उसे देख रहा था तभी अंश आया उसने पहले उसे पुकारा और कोई जवाब ना मिलने पर वो चाकलेट ले कर भागने लगा । अध्यन उसके पीछे पीछे भागने लगा वो दोनो भागते हुए ग्राउंड आए और दोबारा हसने लगे ।
अध्यन - यार मेरी चॉकलेट दे।
अंश - नहीं
अध्यन - क्यू?
अंश - पहले मेरे क्वेश्चन का आंसर दे।
अध्यन - मज़ाक मत कर. दे ना।
अंश - तू चॉक्लेट खाता नहीं तो आज क्यू खा रहा है?
अध्यन ने नज़रे चुराते हुए कहा।
अध्यन - यार अब मिल गई है तो खा ही लेता हूं देखा नहीं इतने प्रेम से उसने दिया है।
अंश - ओहो उसने. दोबारा चॉकलेट को घूमते हुए - सच बता
अध्यन - क्या?
अंश ने उसे घुरा
अध्यन हार मानते हुए - बताता हूं ।
वो लड़की यार. चाहत वो मुझे अच्छी लग गई है वो कितनी प्यारी है जब मुस्कुराती है तो उसके चमकीले दांत ऐसे लगते है जैसे मोटी ।
उसकी भावो के बीच के बीच का वो तिल हाय कसम से कितना प्यारा लगता है देख मै ये नहीं कहूंगा की प्रेम हो गया है पर वो ऐसे ही सामने रही ना तो पक्का हो जाएगा।
अंश जो उसकी बाते मुंह खोल कर सुन रहा था अचानक ही हसने लगा पहले तो अध्यन कों कुछ समझ नहीं आया तो उसने उसके हाथ से चॉक्लेट ली और पूछा क्या हुआ इतना क्यू हस रहा है।
अंश - अब मज़ाक करेगा तो हसुंगा ही ना । और दोबारा हसने
लगा
अध्यन - अंश आईएम सीरियस।
अंश सीरियस होते हुए - तू आते टाइम कहीं गिर गया था क्या जो ऐसी बहकी बहकी बाते कर रहा है।
अध्यन - मतलब।
अंश उसका हाथ पकड़ खिड़की के पास लेकर जाता है जहा लगे कांच में उसका चेहरा दिखा कर कहता है।
अंश - देख तुझमें कोई कमी है।
अध्यन दोबारा समझ नहीं पाता और सवालिया नजरो से दोबारा अंश को देखता है।
अंश कहता है तू इतना चतुर है, गोरा है और तेरी हाइट देख तू उसे कैसेपस्न्द कर सकता है? मतलब यार लूक एट यू. यूं आर बेटर दैन हर।
अध्यन - कुछ भी मत बोल ।
ये बोल वो रैपर खोल कर चॉक्लेट खाने लगता है। थोड़ी देर तक अंश उसे देखते रहता है दोबारा कहता है,
अंश - देख वो और तुम दोनों कहीं सेएक जैसे नहीं हो। वो कितनी काली है और तू गोरा ।वो और उपरि से बहन जी टाइप कैसे तेल लगा कर कंघी करती है। तेरे तो बॉल बिना
हवा के भी लहराते है। और . वो बोल ही रहा था तभी अध्यन को ज्यादा तेज गुस्सा आ गया।
अध्यन - चुप हो जा. मुझे नहीं पता था तू भी भेदभाव वाली सोच रखता है। तुम जैसे पढ़े लिखे लोग ही ऐसी सोच को जन्म देते है ऐसे में क्या फायदा तेरा इतने बड़े स्कूल में पढ़ने का जब तू किसी भी इंसान को उसके कलर के बसेस पर जज कर रहा है तू मुझे बोल रहा तूने कभी देखा है उसे . उसकी आंखो कि मासूमियत को उसका मुस्कुराहट को . नहीं ना . तुझे तो बस गोरा रंगपस्न्द है. वो भीएक इंसान है क्यू तू उसे ऐसे बोल रहा है जैसे वो कोई. इतना बोलते हुए वो थोड़े देर चुप हुआ और दोबारा बात जाती रखते हुए कहा मै उसेपस्न्द करने लगा हूं प्रेम का पता नहीं पर मै तेरी तरह नहीं सोचता। तूने सच कहा कि हम बिल्कुलएक जैसे नहीं है बात तो सही है. वो टॉपर है और मै भी टॉप करता हूं बट नीचे से सही है तू भी.। पर क्या तूएक बात जनता है कि वो किस दर्द में है जब सर ने उसे कैप्टन बनाया तो उसने सभी की बात सुनी उसे कहीं ना कहीं ये बात बुरी लगी और चली गई सर के पास ये कहने की वो वोटिंग चाहती है. इसीलिए ताकि उसे फेयर्ली ये पोजिशन मिले उसे सेल्फ रेस्पेक्ट प्यारी है. वो सभी कुछ अपने दम पर पाना चाहती है किसी की दया नहीं चाहती. पर नहीं तुझे तो उसका रंग दिखा जिस बहन जी की तू बात कर रहा है ना आज मैंने उसे
चॉक्लेट लेते हुए देखा जिसके पूरे पैसे उसने ही दिए और दोबारा काजल से कहा सभी से कहना ये हम दोनों की तरफ से यदि उसका अपने मित्र के लिए ये प्रेम उसे बहन जी बनाता है ना तो यही सही। यदि वो बहन जी भी है ना तो भी मुझेपस्न्द है । ये सभी बोल वो चुप हो गया।
अंश - आते हां मै तो भूल गया उसके बाल लंबे है और तेरे छोटे.ये भी प्रॉब्लम है सो सैड। ये बोल उसने सिर पर हाथ रख लिया।
अध्यन ये सुन मुस्कुराने लगा तो अंश उसके गले लगा और कहने लगा भाई मैंने आज तक तुझे किसी भी लड़की के संग नहीं देखा. ये पहली है जिसे तू ऐसे देख रहा था जैसे शायद ही किसी को देखा हो और मै कल से ये नोटिस कर रहा था। सोचा ऐसे पूछूंगा तो नहीं बोलेगा इसीलिए तुझसे दूसरे तरह से पूछना पड़ा । मुझे क्षमा कर दे।
अध्यन - इट्स ओके यार।
अंश - मुझे भी अब समझ आ गया तू क्या कहना चाह रहा है।
आई होप की तुझे तेरीपस्न्द मिल जाए।
अध्यन - थैंक्यू।
अंश - वैसे मेरे भोले भंडारी तुझे पता है उसने ये ( चॉकलेट ) क्यू दिया ?
अध्यन - क्यू?
अंश सर पर हाथ रख कर - तूने उसे रखी बंधी है ना इसीलिए।
अध्यन - क्या? मैंने कब . मैंने ऐसा कुछ नहीं किया । सच में रुक मै उसको बता कर आया ।
अंश उसे रोकते हुए - अरे मै मज़ाक कर रहा हूं ये उन दोनों की आदत है वो जब भी कैप्टन बनाती है तो चॉकलेट बटती है ।
अध्यन मुस्कुराते हुए - ओह
अंश - हा
अध्यन - चल क्लास स्टार्ट हो जाएगी। और उसका हाथ पकड़ कर खिचने लगा।
अंश और अध्यन क्लास केबाहर् पहुंचे।
अंश - सुन
अध्यन - हा
अंश - जो मैंने तुझे कहा आगे चल कर तुझसे यही प्रश्न कोई और भी पूछ सकता है तू तैयार रहना हर चीज के लिए।
अध्यन - हा यार
दोबारा दोनो क्लास में आ गए।
अध्यन दोबारा से चाहत के पास बैठ गया और उसे देखने लगा ।
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इधर अंश की नजर काजल पर गई जो अपनी बुक में खोई हुई थी और उसकी नाक पर लगा चश्मा जिसे वो बार बार अपनी उगलियो से उपरि करती और वो दोबारा नीचे आ जाता ऐसे ही वो बार बार करती। ये देख अंश मुस्कुरा उठा जब काजल की नजर उस पर पड़ी तो उसने इशारे से उसे पूछा क्या है. तो उसने ना में सर हिला दिया और अपना नोट्स में कुछ करने लगा।
सर थोड़े देर में क्लास आए और बच्चो को पढ़ने लगे । क्लासेस ख़त्म हुई सभी घर जाने को निकले। काजल और चाहत दोनो चौक तक पहुंचे वहा सेएक दूसरे को बाय बोल कर अपने रास्ते निकाल गए ।
चाहत घर पहुंच अपनी साइकिल रख मेन गेट बंद कर अंदर आ गई वो जैसे अंदर गई कोई गली से निकला और उसने कहा वो तो तुम यहां रहती हो । और मुस्कुरा दिया।।।
अगले दिन
अध्यन का घर
आज अध्यन सुबह से रेडी होकर बैठा था। वह बार बार घड़ी को देखता उसकी मम्मी कब से उसे ये सभी करते देख रही थी।
वह किचन में काम कर ही रही थी तभी अध्यन आया और पीछे से उनको पकड़ कर अपना सर उनके कंधो पर रख कर बोला मम्मा आपको नहीं लगता हमारी घड़ी खराब हो गई है।
गौरी जी - वो सही है ।
अध्यन - नहीं मॉम ऐसा नहीं है। देखो ना इतनी देर से देख रहा हूं पर टाइम तो वैसे ही है।
गौरी जी - अब हर मिनट में देखोखो तो यही होगा ना।
अध्यन - मॉम आप मुझे नोटिस कर रही है। ये कह वो उनसे दूर हुआ औरउन्को देखने लगा ।
गौरी जी मुड़ी और दोनो हाथ बांध कर अध्यन को घूरने लगी। उनकी आंखो को देख कर वो थोड़ा डर गया और बोला मॉम आई थिंक मुझे जाना चाहिए।
ये कह कर वो जाने के लिए मुड़ा ही था तभी.
गौरी जी - बाबू.
अध्यन आंखे बंद कर - यस मॉम
गौरी जी - तुम तो स्कूल हमेशा टाइम पर जाते थे वो भी मेरे तुम्हें टाइम बताने के पश्चात पर आज इतनी जल्दी क्यों । ये कह कर उन्होंने अपनी भावो को उपर की ओर किया।
प्रश्न से भरी निगाहें देख कर अध्यन थोड़ा सा डरा दोबारा हिम्मत कर के बोला - मॉम कुछ भी।
अध्यन - आज वो स्कूल में कुछ काम है इसीलिए जल्दी जाना है जैसा आप सोच रही है वैसा कुछ नहीं है।
गौरी जी - ठीक है ।
ये सुन अध्यन ने राहत की सांस ली और जाने को मुड़ा ही था।
गौरी जी - सोना सुनो.जब भी मै तुम्हे बाबू सोना बुलाती हूं तो तुम चीढ़ जाते हो पर अाज ऐसा कुछ भी नहीं हुआ तुम चुप चाप जा रहे हो।
अब अध्यन फस गया और उसने कहा चाहत यार तुम ही
कुछ करो।
उसे अचानक याद आया .उसने कहा मॉम आप अभी जैसे मुझे घुर रही थी तो मेरी हिम्मत ही नहीं हुई आपसे कुछ कहने की।
गौरी जी - बढ़िया ठीक है।
अध्यन अपने शू लेस बांध रहा था। संग में बड़बड़ाए जा रहा था हे भगवान आज तो बच गया.। कहीं मॉम को शक हो जाता तो तू बे मौत मारा जाता. माना तू उसे देखने के ख्याल से ही आज खुश है. पर ऐसे भी उतावला ना हो . अब से ध्यान रखना , समझा।
अध्यन स्वयं को समझाबाहर् निकाला तभी उसे याद आया वो अपने साइकिल की चाबी तो भूल गया जैसे ही वो जाने के लिए मुड़ा गौरी जी चाबी लिए चली आ रही थी। अध्यन ने चाबी लेनी चाही तो उन्होंने अपने हाथ उपरि कर दिए ।
ये देख अध्यन बोला - अरे मॉम आप. वो बोल ही रहा था।
गौरी जी हस्ते हुए - ये लों।
अध्यन ने अपनी साइकिल निकली और चलने को हुआ गौरी
जी का चेहरा उदास हो गया तो अध्यन पुनः उनके पास आया । उनके गाल खींच कर उन्हेंएक किस दी और बाय करता हुआ चला गया ।
गौरी जी के चेहरे पर स्माइल आ गई । वो अंदर घर के अंदर आ गई जो घर अभी अध्यन के चहल पहल से गूंज रहा था वहीं अब गहन शांति थी । गौरी जी पुनः अपने काम में लग गई ।
बस तीन लोग रहते थेइसे घर मेंएक अध्यन और उसके मॉम डेड . तीन लोगों का परिवार था अध्यन के पापा देवएक ज्यादा बड़े इंजिनियर थे पूरे शहर के लोगउन्को जानते थे वो ज्यादा अच्छे स्वभाव के थे। अध्यन को किसी भी चीज में फर्क ना करना उन्होंने ही सिखाया था इतने बड़े परिवार से होने के पश्चात भी उसे जरा सा भी घमंड नहीं था। उसके पापा ने उसे हमेशा डाउन टू अर्थ रहना सिखाया था ।
घर में उसके पास बाइक थी दोबारा भी वो साइकिल से स्कूल जाता था। उसे सभी के संग नॉर्मली रहना बढ़िया लगता था। स्कूल में किसी को उसके बारे में पता नहीं था सिवाय अंश के।
गौरी जो पेशे से टीचर थी अब उनकी प्रोमोशन के पश्चात प्रिंसिपल बन गई थी। वो घर में सिर्फ खाना बनाती थी और बाकी काम के लिए नौकर थे।
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