The Rajsharma Sex Story of चाहत (Romance Special)
स्कूल ग्राउंड
दो दिन पश्चात सभी स्कूल ग्राउंड पहुंचे सभी पिकनिक के लिए एक्साइटेड थे। देख कर ही लग रहा था। सभी अपने साथएक छोटा सा बेग पकड़ कर लाए थे। जिनमे उनके जरुरत का सामान था।
चाहत भी सही टाइम पर ग्राउंड आ गई। उसे काजल मिल गई। वो उसके साफ़ अंश और अध्यन का वेट करने लगती है । पर वो लोग नहीं आते थक के दोनो बस में चढ़ जाती है तभी दोनो बाइक में आते हुए दिखते है।
चाहत को ज्यादा गुस्सा आता है वो काजल का हाथ पकड़एक सीट में बैठ जाती है ।
अध्यन बस में चढ़ कर चाहत को ढूंढता है पर वो नहीं दिखाई देती तो वो वहीं बैठ जाता है।
इधर चाहत और काजल अपने सीट पर सिर झुकाए बैठ जाती है। काजल चाहत को कुछ बोलने को होती है तो वो आंख दिखा कर उसे रोक देती है इसीलिए वो चुप हो जाती है।
थोड़े देर पश्चात सभी अंताक्षरी खेलने का प्लान बनते है । बस को दो हिस्सों डिवाइड कर दिया जाता है।
तभी अंताक्षरी शुरुआत होती है सभी मिल कर गाना गाने लग जाते हैं ।
तभी अध्यन की नजर चाहत पर पढ़ती है जो रेड कुर्ती और ब्लू जींस पहने हुई थी । उसने ब्लैक लेदर की जैकेट डाली थी क्युकी ठंड का मौसम था। काजल ने भी ब्लैक जींस में रेड टॉप पहना था। और उसने भी ब्लु कलर का जैकेट पहना था।
अध्यन ने देखा चाहत उसे इग्नोर कर रही है तो वह जल्दी से
उठा और उसके पास गया। पर चाहत वो अध्यन को अपनी तरफ आता देख जान बुझ कर अपनी आंखे बंद कर सोने का नाटक करने लगी। अध्यन उसके पास आकर उसे आवाज़ देने लगा पर वो ना सुनने का नाटक कर रही थी। जैसे सच में नींद में हो।
उसने काजल से इशारे में पूछा तो उसने मुंह हिलाते हुए बताया - गुस्सा है तुमसे.लेट आ रहे हो ना .
अध्यन को अब समझ आया प्रोबलम क्या है। उसके दिमाग मेंएक तरकीब सूझी । वो आया और अपने साथियों के संग गाने लगा।।।
मै चाहता हूं तुझको दिलो जान की तरह.
तू छा गई है मुझपे आसमान की तरह.
मै चाहता हु तुझकोदिल ओ जान की तरह
तु छा गयी है मुझ पे आसमान तरह.
ओ हो हो मेरे यार.
सौ रब दी ओ हो हो मेरे यार सौ रब दी.
चाहत तो जैसे नींद से जागी उसने सिर उठा कर देखा तो अध्यन उसे देख कर ही गाना गा रहा था.
आ हा आ हा आ आ आ आ
आ.
अध्यन अपनी हरकतों के बारे में सोच कर
"देखता ही रहता हु सपने तेरे .
देखता ही रहता हु सपने तेरे .
डरता हूँ कही मेरी आँख ना खुले
डरता हूँ कही मेरीआँख ना खुले
आँख जो खुलेंगी हो जायेगी तो परे
आँख जो खुलेंगी हो जायेगी तो परे
दूर नहीं जाना कभी दिल से मेरे.
दिल से मेरे.
इसे बार अध्यन चाहत की सीट पर गया और उसकी सीट से अपनी पीठ लगा गाने लगा।
"पाक मेरा दिल है कुरान की तरह
पाक मेरा दिल है कुरान की तरह .
तु छ गयी है मुझपे आसमान की तरह
छा गयी है मुझपे आसमान की तरह
ओ हो हो मेरे यार सौ रब दीओ हो हो मेरे यार सौ रब दी.
इतना गाकर अध्यन ने अपना गाना ख़तम किया। चाहत बसएक टक उसे देख रही थी। अध्यन ने दोनो कान पकड़ कर सॉरी का कहा।
चाहत ने दोबारा अपना मुंह फेर लिया। अध्यन का मुंह ही उतर गया । वो पुनः अपनी सीट पर आ गया।
इतने में टीचर आए और उन्होंने कहा। अब बस हम पहुंचने वाले है तो सभी अपने बेग के संग रेडी रहो ।
सबने संग में यस सर कहा।
जब अध्यन का ध्यान हटा तो चाहत उसे देखने लगी। व्हाइट टी शर्ट पर उसने रेड ब्लैक कॉम्बिनेशन किएक शर्ट डाल रखी थीं और नीचे ब्लू जींस पहने वो बहुत क्यूट लग रहा था।
चाहत जो अध्यन को देखे जा रही थी उसे कोहनी मर के काजल ने कहा - बस कर कितना देखेगी।
चाहत अध्यन को देखते हुए - उसने ये गाना . मेरा मतलब है कैसे . क्यू.
काजल उसे पकड़ कर रोकते हुए, - अरे रिलैक्स मैंने बताया था।
चाहत हैरत से उसे देखती है तो गहरी सांस लेकर काजल
कहती है.,एक बार उसने मुझसे मेरे और तेरे फेवरेट सॉन्ग के बारे में पूछा था तो मैंने बता दिया था। और तू आज उससे गुस्सा थी तो शायद उसने सोचा हो तुझे ये सॉन्ग गाकर मना लू बस इसीलिए उसने ये सॉन्ग गाया होगा.
चाहतएक लम्बी सांस लेकर - ओ ओ ओ.
काजल और चाहत अपनी अपनी जैकेट उतार कर वहीं रख देती है।
दोबारा वो भी बस से उतरने लगती है।
अध्यन उसका पीछे से चाहत का हाथ पकड़ उसे रोकते हुए.
अध्यन - चाहत सुनो ना यार.
चाहत - बोलो।।।
अध्यन नज़रे झुका कर - सॉरी .
चाहत कुछ देर तक अध्यन को देखती रही। दोबारा अचानक से हसने लगी। अध्यन हैरानी से उसे देख रहा था। तब चाहत ने कहा.
चाहत - अरे बुद्धू. मै तो मज़ाक कर रही थी. ये बोल कर उसने अध्यन की नाक खींची और पुनः जाने लगी।
अध्यन जो उसका हाथ पकड़े खड़ा था। उसने अपने हाथ को
झटका दिया । चाहत सीधे उसके करीब आ गई। उनकी सिचुएशन कुछ ऐसी थी। जहा वो कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। उसकाएक हाथ थामे अध्यन सीधे उसकी आंखो में देख रहा था। कुछ देर दोनो यूहीं खड़े रहे । दोबारा अध्यन ने कहा - आज के पश्चात ऐसा मज़ाक मत करना। तुम सोच भी नहीं सकती मुझे कैसा फील हो रहा था।
चाहत जो बस उसे देखे जा रही थी। अध्यन की ये हरकत उसे डराने लगी थीं। अध्यन को उसे देख स्वयं डर लगने लगा और उसने झट से कहा - सॉरी. अब से ऐसा कुछ नहीं करूंगा।
चाहत ने कहा - हम्मम. कहा तो उसकी आंखो में डर साफ़ नजर आ रहा था।
जिसे देख अध्यन ने कहा - वो. अम्म. हमे चलना चाहिए। ये बोल अध्यन जल्दी से बस से उतर गया।
चाहत अभी जो हुआ उसे ही सोच रही थी। वह बस से नीचे उतर गई।
काजल ने चाहत को देखा तो उसके पास आ गई । उसे देख काजल ने पूछा - क्या हुआ।
चाहत जैसे अपनी सोच से जागी उसने कहा - वो. मै. मेरा मतलब है.
काजल ने उसके सिर पर हाथ रखा दोबारा पूछा - क्या हुआ . तु ठीक तो है ना।
चाहत उसका हाथ हटाते हुए - कुछ नहीं . और मै ठीक हूं।
ये कह कर उसने आस पास देखा। उसने देखाएक खूसूरत सा शहर है ये शहर में चारो तरफ बस पहाड़ से है। यहां पर आस पास ज्यादा सारे मंदिर है । आस पास ज्यादा हरियाली है। वो यहां पहले भी आ चुकी थी ।इसे शहर से वो अंजान नहीं थी ।
यहां की देवी मम्मी बम्लेश्वरी को सभी ज्यादा पूजते हैं। ऊंचे पहाड़ पर मा का मंदिर ज्यादा ही खूबसूरत लगता है ।
मम्मी बम्लेश्वरी देवी के मंदिर के लिये विख्यात डोंगरगढएक ऎतिहासिक नगरी है। यहां मम्मी बम्लेश्वरी के दो मंदिर है। पहलाएक हजार फीट पर स्थित है जो कि बडी बम्लेश्वरी के नाम से विख्यात है। मम्मी बम्लेश्वरी के मंदिर मे प्रतिवर्ष नवरात्र के टाइमदो बार विराट मेला आयोजित किया जाता है जिसमे लाखो की संख्या मे दर्शनार्थी भाग लेते है। चारो ओर हरी-भरी पहाडियों, छोटे-बडे तालाबो एवं पश्चिम मे पनियाजोब जलाशय, उत्तर मे ढारा जलाशय तथा दक्षिण मे मडियान जलाशय से घिरा प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण स्थान है डोंगरगढ।
यहांएक पहाड़ है जिस पर बौद्ध जी विराजमान है ।
वैसे तो ये शहर पहाड़ों से घीरा है पर यहां पहाड़एक जी चोटी पर बौद्ध जी की ज्यादा ही बड़ी मूर्ति है।इसे मूर्ति की खूबसूरती देखने लोग दूर दूर से आते है। ये ज्यादा ही प्रचलित स्थान है। यहां पर बौद्ध विहार नाम सेएक मंदिर भी जो ज्यादा प्रचलित है।
सारे टीचर्स ने डिसाइड किया कि ये दो स्थान वो बच्चो को लेकर जाएंगे। पहले सभी प्रज्ञा गिरी गए और वहा से दर्शन कर सबने हल्का लंच किया ।
लंच के पश्चात सभी बम्लेश्वरी मंदिर के लिए निकल गए। टीचर ने सभी बच्चों को बताया वहा 1000 सीढ़ियां है। यदि किसी को कोई भी प्रॉब्लम हो तो बता दो अभी।
सभी ने ना में सिर हिलाया और अपने बोतलों में पानी भर कर पहुंच गए । मंदिर के दरवाजा पर और मा का नाम ले कर उन्होंने चढाई स्टार्ट की। सभी चढ़ते जा रहे थे। सभी ने ठान लिया था कि अबउन्को उपरि पहुंचना ही है।
चाहत काजल अंश और अध्यन संग चल रहे थे। जहा लोग थकते सभी संग में बढ़ते टीचर भी सबको इंकरेज कर रहे थे।
ऐसे ही आगे बढ़ते हुए । अध्यन ने चाहत को देखा जो आस
पास के दुकानों को देख रही थी। अध्यन ने चाहत से कहा ,- तुम पहली बार अाई हो।
चाहत ने ना में सिर हिलाया और कहा - नहीं मै कई बार यहां आ चुकी हूं। दोबारा भी सभी चीजे दुबारादेख्ना बढ़िया लगता है।
मंदिर में पहुंचने से पहले यहां पर कई छोटे मंदिर और है । जिस कारण उन लोगो को तीन घंटे लगे। सभी आखिर मा के दरबार पहुंच ही गए। वहा दर्शन कर सबबाहर् आए सबने फोटोस क्लिक करवाई।
अध्यन सबकी फोटोस क्लिक कर रहा था। उसने देखा चाहत कहीं जा रही है उसका पीछा कर वो मंदिर के पीछे पहुंचा जहा परएक पेड़ पर ज्यादा सारे लाल कपडे की पट्टियां थी जिस पर जय मा बम्लेश्वरी लिखा था। अध्यन ने देखा चाहत वहीं पर है।
अध्यन वहा गया और वहा से नीचे की खूसूरती देखने लगा। उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसने स्वर्ग जैसा कुछ देख लिया हो वो ज्यादा ही सुन्दर था। नीचे सारे घर ज्यादा सुंदर लग रहा था वहा से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे वो बदलो में है। और नीचे की छोटे छोटे आयरलैंड हो।
वो ये सभी पहले भी देख चुका था। पर आज चाहत के संग ये सबदेख्ना उसे और भी बढ़िया लग रहा था। उसने चाहत को देखा जिसके बाल हवा के कारण बंधे होने के पश्चात भी वो चेहरे पर आ रहे थे जिसे उसने अपने हाथो से पीछे किया। सुरज की हल्की रौशनी में उसका चेहरा अलग ही तरह से दमक रहा था ।
अध्यन के चेहरे से स्माइल जाने का नाम ही नहीं ले रही थी। वो बड़े ही आराम से उसे देख रहा था।
अध्यन ने एकदम से कहा - ब्यूटीफुल ।
चाहत ने उसकी साइड देखा और उसने कहा - सच में कितना सुन्दर है ना ये सभी ।
अध्ययन उसके पास आकर बोला - बेशक ये चीजे ज्यादा सुंदर है पर यहां मै तुम्हारी बात कर रहा हूं।
चाहत ने कहा - तुम भी ना कुछ भी बोलते हो .
अध्यन उसके पास आकर - मैंने ऐसा क्या कहा।
चाहत - खूबसूरत तो मै हूं नहीं दोबारा तुम मुझे खूबसूरत क्यू कह रहे हो।
अध्यन - तुम्हे ऐसा क्यों लगता है कि तुम खूबसूरत नहीं हो ???
चाहत - खूबसूरत साफ़ चीजे होती है पर मै तो उतनी साफ़ हूं
ही नहीं । साफ़ चीजो का रंग सफेद होता है। और बेदाग भी. पर मेरा तो काला है।
अध्यन उसे देखते हुए - गलत हो तुम . खूबसूरती रंग की मोहताज नहीं होती। उसे बस तुम्हे महसूस करना होता है।
अध्यन अपना हाथ आगे बढ़ा कर सामने इशारा करते हुए कहा - देखो उन हरे पेड़ों को क्या वो तुम्हे अच्छे लगते यदि वो सफ़ेद होते।
चाहत ने ना में गर्दन हिलाई।
अध्यन बात जारी रखते हुए - क्या ये पहाड़ , वो नदी , ये मंदिर सभी सफेद होते तो क्या ये इतने ही खूबसूरत लगते जितने ये है, नहीं ना।
रंग कभी भी खूबसूरती दिसाइड नहीं करता । बल्कि खूबसूरती देखने वालो की आंखो में होती है।
तो पागल लड़की स्वयं को कभी कम खूबसूरत मत समझो। तुम्हारी आंखो में को मासूमियत है. तुम्हारे माथे में ये जो तिल है. तुम्हारा मुस्कुराते वक़्त आंखो का बंद हो जाना। ये सभी तुम्हे खूबसूरत बनाती हैं। हर किसी को ये खूबसूरती ना दिखे पर मै ये देख सकता हूं।
क्युकी तुम्हे वहीं आंखे खूबसूरत कहेगी जो तुम्हे समझेगी तुम्हे करीब से जानेगी। तुम बेशक दूसरों की तरह ना हो पर खास हो, अलग हो। हर चीज अपने आप में खूबसूरत है बस नजरिया चाहिए उसे देखने का।
और अब आते है तुम्हारी बात पर तो तुम हो खूबसूरत कभी मेरी आंखो से स्वयं को देखना। तुम्हे पता चल जाएगा।
चाहत अध्यन को देखने लगी जो उसे ये सभी बड़ी ही आसानी से कह रहा था। वो उसकी बाते समझ रही थी।
तभी काजल और अंश वहा आए ।
अंश - ओह लव बर्डस चलो। या दिन भर यही रहना है।
अंश की जबसे दोस्ती उन दोनों से गहरी हुई थी तो वह हमेशा दोनो को संग देख लव बर्डस बुलाया करता था। पहले तो चाहत को अजीब लगता था । पर अब उसे आदत सी हो गई थी।
अध्यन उसे देखते हुए - हा चलते है।
तभी काजल ने अध्यन को इशारा किया - यार मेरी अंश के
संग फोटो लो ना और दोबारा मेरी और चाहत की भीएक फोटो लेना।
अध्यन ने हा कहा और उनकी फोटोस ली। एकदम से काजल ने अध्यन को कहा - तुम भी आओ ना । वो उनके पास आ गया । काजल ने अध्यन का कैमरा अंश को दिया फिरएक फोटो ली।
काजल ने कहा - अध्यन और चाहत तुम दोनो भी संग में फोटो ले लो।
दोनों संग में खड़े हुए और उन्होंने फोटो ली ।
कुछ देर पश्चात सरउन्को नीचे चलने के लिए बुलाने लगे।
वो उस तरफ चले गए। दोनों धीरे-धीरे धीरे सीढ़ियां उतर रहे थे . आस पास कुछ भिखारी भी बैठे थे। सभी नेउन्को कुछ ना कुछ दिया।
तभी अध्यन ने वहा कुछ बंदरो को भी देखा। ये सारे बंदरएक स्थान थे । अध्यन बिना कुछ सोचे उनके पास गया और उनको बिस्कुटस खिलाने लगा उसे देख बाकी बच्चे भीउन्को कुछ ना कुछ खिलाने लगे।
अध्यन ने देखा सभी कुछ ना कुछ खिला रहे है पर चाहत दूर है
। वो उसके पास गया।
अध्यन - यहां अकेले क्या कर रही हो.
चाहत - कुछ नहीं।
तभी काजल उनके पास आते हुए - ये बंदरो से डरती है। इसीलिए नहीं जा रहीं।
काजल ने कहा तो चाहत उसे खा जाने वाली नजरो से घूरने लगी ।
अध्यन ने कहा - सच में।
चाहत ने ना में सिर हिलाया ।
अध्यन ने उसे देखा दोबारा कहा - चलो.
चाहत - कहा।
अध्यन - बंदरो से दोस्ती करने.
चाहत - क्या. कुछ भी. मै नहीं जाऊंगी।
अध्यन उसका हाथ पकड़ कर चलते हुए - अरे चलो भी . अब.।
चाहत और अध्यन उनके पास पहुंचे। चाहत के तो डर के मारे पसीने छूट रहे थे। अध्यन ने उसे बिस्कुट दी और कहा - चलो खिलाओ।
चाहत ने ना कहा तो अध्यन ने उसका हाथ पकड़ कर उसमे बिस्किट्स रखी और हाथ पकड़ कर बंदरो की तरह बढ़ा दिया
ऐसे उसने चाहत के हाथो से खिलाया। वो भी बिना कुछ किए बिस्किट्स खाने लगे । ये देख चाहत ज्यादा खुश हुई और दोबारा स्वयं हीउन्को खिलाने लगी।
जैसे जैसे वो बिस्किट्स खाते चाहत खुश होती । और संग में अध्यन भी खुश होता।
वो खुश हो गई थी। जब वह बंदरो को बिस्किट्स खिला रही थी। वो हस्ते हुए ज्यादा प्यारी लग रही थी । अध्ययन उसके पास आया ।
अध्यन - अब बताओ.अभी भी डर लग रहा है.,?
चाहत ने ना में सिर हिलाया।
इधर काजल दोनो को देख रही थी। तो अंश ने कहा। क्या देख रही है।
काजल दोनो को देखते हुए - ये दोनो संग में कितने प्यारे लगते है ना।।।
अंश - हा लगते तो है.
काजल उसकी तरफ मुड़ते हुए - है ना. मुझे लगता है अध्यन चाहत कोपस्न्द करता है. और शायद चाहत भी.
बोलते बोलते वो रुक गई।।।।
अंश उसे देखते हुए - हा वो उसेपस्न्द करता है. जबसे उसे देखा है तब से. पर
काजल उसके पास आकर - पर क्या.????
इतने में अध्यन और चाहत वहा आते है। सभी धीरे-धीरे धीरे सीढ़ियां उतरते है। सारे टीचर्स सारे बच्चो कोएक होटल में ले जाती है। सभी उनको अपनीपस्न्द का खाने बोलते है।
अध्यन,चाहत ,अंश और काजल चारो संग में बैठ कर खाने का सोचते है। चाहत चावल , रोटी और मिक्स वेज ऑर्डर करती है। वहीं काजल भी सेम ही ऑर्डर करती है। तो अंश भी बोलता है वो भी इतना ही खाएगा।
पर अध्यनएक चिकेने तंदूरी के संग लच्छा पराठा ऑर्डर करता है। सबका खाना आता है । सभी खाने लगते है चाहत अध्यन को देख रही होती है जो दुनिया से बेखबर अपने चिकन को खा रहा था।
अध्यन चाहत को देख - ऐसे घुरो मत खाना है तो खा लो.
चाहत उसे देख कर नाक सिकोड़ते हुए - नहीं तुम ही खाओ।
काजल अध्यन को ऐसे खाते देख - तुम शर्मा हो ना मतलब ब्राम्हण तो तुम चिकन कैसे खा रहे हो???
अध्यन चिकन के लेग को चूसते हुए - क्युकी मुझेपस्न्द है.
काजल उसका जवाब सुन चुप हो गई।
ये देख अंश बोला - अरे ये तो है है राक्षस . जिंदा इंसान खा ले तो चिकन क्या चीज़ है।
काजल और चाहत ये सुन हसने लगी।
तब अध्यन ने कहा - कुछ भी . अरे मैंने कभी किसी को नहीं रोका ना ही टोका तो . तुझे इतनी प्रोबलम क्यू है . तू खा अपना घास फूस. मै तो चिकन खाऊंगा . ये बोल उसनेएक पीस उठाया। और मुंह में रख लिया। वो चाहत को देखने लगा जो बस मुस्कुरा रही थी।
उसनेएक बाइट तोड़ी और उसने चिकन लगा कर चाहत की तरफ बढ़ा दिया । चाहत रुक गई। चाहत कभी चिकन को तो कभी अध्यन को देखती ।
तब अध्यन ने उसे खाने का इशारा किया । तो उसने कहा - नहीं . मेरा हो गया। ये बोल वो उठी और हाथ धोने चले गई।
अध्यन उसे देखने लगा उसे कुछ समझ नहीं आया ।
तब काजल ने उसके उठे हुए हाथ को नीचे किया और कहा - वो वेजी है . वो चिकन नहीं खती।
अध्यन सोचते हुए - पर वो तो सिंह है . दोबारा भी।
तभी चाहत पुनः आते हुए - हा क्युकी मेरी मम्मी नहीं खाती. तो मेरा भी मन नहीं हुआ खाने का।
अध्यन उसे देखते हुए - सॉरी . मैंने ऐसे तुम्हे खाने के लिए इंसिसिट किया।.
चाहत उसे रोकते हुए - अरे . इट्स ओके । मेरे घर में सभी खाते है बस मै और मम्मी नहीं । तो मुझे तुम्हारा मुझसे पूछना बुरा नहीं लगा।
अध्यन ने सिर झुका लिया और चुपचाप खाने लगा।
ये देख अंश जोर ज़ोर से हसने लगा। काजल उसे हस्ता देख - तुम्हे क्या हुआ . क्यू हस रहे हो।
अंश अध्यन को देखते हुए - कुछ नहीं . बसइसे सिचुएशन परएक गाना आ गया।
वो गाने लगा.
दिल के अरमां आसूंओं में बह गए.
अध्यन ने उसे घुरा तो वह और जोर से हसने लगा।
सभी होटल सेबाहर् आ गए । चाहत मुस्कुरा रही थी। सभी खाना खाने के बादबाहर् आए ।
सामनेएक गार्डन था। वहा पर बोटिंग हो रही थी । चाहत ने सभी से कहा - चलो ना बोटिग करते है।
सभी वहा गए वहा उन्होंने टिकट्स ली और उनको लाइव जैकेट दिए गए । रेड कलर की लाइव जैकेट पहने सारे बच्चे क्यूट लग रहे थे।एक बोट पर चार लोगो को बैठना था तो उन लोग भीएक बोट पर बैठने का सोचा।
पहले अंश आया और वोएक सीट पर बैठ गया। दोबारा अध्यन आया । उसने देखा चाहत को बोट में चड़ने में थोड़ी परेशानी हो रही है तो उसने उसकी ओर अपना हाथ बढ़ाया । चाहत ने भी बिना सोचे उसका हाथ पकड़ लिया । और धीरे-धीरे से बोट पर बैठ गई। यही काम उसने काजल के संग भी किया। इन सभी में हमारे अंश बाबू चुपचाप बैठे पानी से खेल रहे थे। तभी काजल ने उसकी तरफ पानी उछाल दिया। अंश का चेहरा भीग गया। वो तो शुक्र है कि उसने लाइव जैकेट पहनी थी वरना उसकी शर्ट भी भीग जाती।
उसके संग ये सभी कर के काजल हसने लगी संग साथ अध्यन और चाहत भी हसने लगे । अंश ने बुरा सा मुंह बना लिया ।
सभी हस्ते हुए बोटिंग कर रहे थे। तभी चाहत ने देखा पानी में
कुछ मछलियां है । उसने अपना हाथ पानी में डाला तो सारी मछलियां उसके हाथ पर आ गई। ठीक उसी टाइम अध्यन ने उसकीएक फोटो क्लिक कर ली । जिस में वो मछलियों को देख रही थी।
सभी ने वहा और ढेर सारी फोटोस खींची। दोबारा सभी नीचे उतरने लगे। अध्यन ने पहले चाहत को और दोबारा काजल को हाथ देकर बोट सेबाहर् उतारा। सभी अपनी लाइव जैकेट खोंलने लगे ।
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जब चाहत ने अपनी जैकेट की क्लिप को खोलने की कोशिश की तो वह खोल ही नहीं पा रही थीं। बड़ी मुश्किल से उससे वो क्लिप खुली। ऐसे ही दूसरे क्लिप्स के संग भी हो रहा था। अध्यन ने उसे देखा तो वो उसके पास आया और क्लिप्स को खोलने लगा । चाहत उसे एकटक देखने लगी वो बड़ी ही शिद्दत से उन क्लिप्स को खोल रहा था।
थोड़ी देर पश्चात सारी क्लिप्स खुल गईं । तो उसने वो जैकेट ली और काउंटर पर जमा करवा दी।
काउंटर से वह पुनः उनके पास आ गया। अब शाम होने लगी थी। सबको पुनः घर जाना था। सभी घर चलने के लिए बस के पास आए।
चाहत बस के पास आकर सबका वेट कर रही थी। तभी उसकी नजर सामने वाली शॉप पर गई जहा कुछ लॉकेट , ब्रेसलेट्स जैसी चीजे थी। चाहत काजल का हाथ पकड़े उस ओर बढ़ गईं । अध्यन उसे जाते हुए देखता रहा। वहा जाकर उसने सारी चीज़े देखी जिसमे उसेएक रुद्राक्ष वाला ब्रेसलेट्स बढ़िया लगा। उसने वो ले लिया।
वहा उसने झुमके देखे तो वो भी ले ली। वहाएक मोबाइल था जिसमें बटन दबाने पर सॉन्ग बजता था। वो उसने आर्यन के लिए खरीद ली। थोड़ी दूर उसे पेडे दिखाई दिए। उसे देख उसको अंश और दादी की याद आ गई तो उसने दो पैकेट पेडे लिए । वो ये सभी खरीद पुनः अाई।
उसने सबसे पहले झुमके काजल को दिए।
काजल ने उन झुमकों को लेकर सीधा कान में डाला और पहन कर दिखाने लगी। वो उस पर ज्यादा प्यारे लग रहे थे। उसके गोरे रंग पर वो झुमके और भी अच्छे लग रहे थे।
चाहत नेएक पैकेट पेडे अंश को दिए। जिसे देख अंश ज्यादा खुश हुआ।
अंश खुशी से - तुम ही मेरी सबसे अच्छी मित्र हो . बाकी सभी तो दिखावे वाले है.
ये सुन अध्यन , काजल उसे घूरने लगे तो उसने कहा - तुम
लोग भी अच्छे हो पर चाहत . तुम बेस्ट हो यार.
चाहत उसे चुप करवाते हुए - बस बस. अब ज्यादा बटर ना लगाओ.
चारो हसने लगे इसी बीच सर आ गए और उनसे बस में बैठने को कहा। सभी अपनी सीट पर बैठने लगे तभी अंश ने अध्यन से कैमरा लेने के लिए हाथ बढ़ाया औरएक तरफ काजल ने भी हाथ बढ़ाया।
काजल - मुझे कैमरा चाहिए।।।
अंश उसे घूरते हुए - क्यों.???
काजल उसे और जोर से घूरने हुए - मुझे फोटोस देखनी है।
अंश आंखे छोटी करते हुए - मुझे भी देखनी है।
ऐसे दोनो लड़ने लगे कभी कैमरा काजल के हाथ में जाता तो कभी अंश कर हाथ में। दोनों को लड़ते देख चाहत ने कहा - रुको.
दोनों में से किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।
चाहत ने फिरएक बार जोर से चिल्ला कर कहा - रुको!!!!!
अब दोनो ने उसकी तरफ ध्यान दिया ।
तब चाहत ने कहा - बच्चो की तरह मत लडो.एक काम करो दोनो संग में देख लो।
दोनों ने अब चाहत को देखा ।
चाहत - तुम दोनोंएक संग बैठ जाओ और संग में फोटोस
देखो। मै और अध्यन संग में बैठ जाते है।
काजल ने कहा - हा ये ठीक रहेगा। और दोनो संग में बैठ गए।
इधर अध्यन भी चाहत की बगल में बैठ खुश था। थोड़े देर में बस चालू हुई सभी लोगो कोएक बार दोबारा देखा गया कहीं कोई छूट ना गया हो।
बस चलने लगी चाहत और अध्यन दोनो शांत होकर बस सीट में बैठे थे। चाहत ने अध्यन को देखा जो खिड़की सेबाहर् देख रहा था। उसने अध्यन से कहा - अध्यन
अध्यन उसकी तरफ देखते हुए - हा।
चाहत - अपना सीधा हाथ दो .
अध्यन को समझ नहीं आया - क्या कहा तुमने।।।
चाहत - अरे अपना सीधा हाथ दो ना।।।
अध्यन - ओके ये लो. कह कर उसने अपना सीधा हाथ बढ़ा दिया।
चाहत ने उसका सीधा हाथ पकड़ कर रुद्राक्ष वाला ब्रेसलेट पहना दिया ।
चाहत उसका हाथ पकड़ते हुए, - ये मैंने तुम्हारे लिए लिया। कैसा है???
जब चाहत ने उसे ब्रेसलेट पहनाया तो वह थोड़े देर के लिए खो सा गया था। उसने कुछ देर तक कुछ नहीं कहा। जब
चाहत ने उससे दूसरी बार पूछा तब उसने हा में सिर हिला दिया ।
चाहत ये देख खुश हुई। चाहत और अध्यन यूहीं बैठे रहे तभी चाहत को थकान के कारण झपकी आने लगी वो बार बार गिर रही थी। अध्यन ने ये देखा तो उसका सिर अपने कंधो पर रख लिया। चाहत ने उसे पहले देखा। उसका चेहरा चाहत के चेहरे के ज्यादा करीब था। चाहत उसे देखे जा रही थीं ये देख अध्यन मुस्कुराया और उसने उसकी आंखो पर हाथ रख उसे बंद कर दिया ।
चाहत को अब सच में नींद आ गई उसने अध्यन के बाजुओं में अपनी पकड़ मजबूत की और बेफिक्री से सोने लगी. अध्यन भी चाहत के हाथो को अपने हाथो पर महसूस कर सोने लगा। उसका सिर भी चाहत के सिर पर आ गिरा.
दोनों बहुत वक़्त तक ऐसे ही सोए रहे। तभी अचानक बस रूकी और दोनो झटके से जागे। अध्यन ने जब चाहत को देखा वो भी आंखे मसलते हुए उठीं । बस अपने स्कूल पहुंच गई थीं। सारे बच्चे धीरे-धीरे धीरे उतरने लगे। चाहत भी उतरी उनको आते हुए शाम हो गई थी। चारो बस से उतरे और अंगडाई लेने लगे। अंगड़ाई लेते हुए चारो नेएक दूसरे को देखा।एक दूसरे को देख चारो जोर से हसने लगे आस पास
खड़े बाकी बच्चे हैरत भरी नज़रों से उनको देख रहे थे। और वो बेखबर हस रहे थे।
सर ने सभी को आवाज़ लगाई। सबएक स्थान आ गए । सर ने सभी की काउंटिंग की दोबारा सभी को घर जाने को कहा । सभी मेन गेट के पास आए। तो देखा अनिल काजल का वेट कर रहा था। काजल ने उसे देखा और मुस्कुराते हुए उसके पास चले गई और बाइक में बैठ कर सबको बाय किया। सबने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए उसे बाय कहा।
इधर चाहत अपनी साइकिल निकाल कर अाई । अध्यन ने उसे देखा तो वो उसके पास गया।
अध्यन उसके पास जाकर - चाहतएक काम करो मेरे संग बाइक पर चलो।
चाहत उसे घूरते गए - क्यों.??
अध्यन - क्युकी शाम हो रही है।. अकेले मत जाओ।।
चाहत - अरे डोंट वरी. मै चले जाऊंगी।
अध्यन - नहीं . चलो मेरे संग ।।
चाहत गुस्से से - नहीं।
अध्यन - देखो बात को समझो .
चाहत - नहीं।।।।
अध्यन - ठीक है जाओ।
ये बोल कर वो पलट गया। अंश दोनो को देख चाहत के पास
आया।
अंश - वो सही बोल रहा है।
चाहत - पर मेरी साइकिल.
अंश - वो मै ले आता हूं.
चाहत सोचते हुए - ठीक है।।।
चाहत अध्यन के पास आकर दांत दिखाते हुए।
अध्यन ने कुछ नहीं कहा और चुप चाप बाइक निकली । बाइक में बैठ अध्यन ने बाइक स्टार्ट की ओर एक्सीलेटर पर हाथ घुमा कर बाइक की चलने की आवाज़ को तेज किया। येएक तरह का सिग्नल था। चाहत के लिए।
वो भी कुछ नहीं बोली। उसके बाइक के पीछे बैठ गई।
अध्यन अंश से - तू पीछे से साइकिल ले आ।
अंश - हा ठीक है।
अध्यन बिना कुछ कहे बाइक चला। रहा थी। चाहत बाइक के लेफ्ट मिरर में उसे देख रही थीं वहीं अध्यन उसे राइट मिरर में देख रहा था। दोनों ऐसे ही घर पहुंचे।
चुकी दोनो बाइक में थे । इसीलिए जल्दी पहुंच गए। वहीं अंश को आने में अभी वक़्त था। चाहत को अध्यन का उससे बात ना करना बुरा लग रहा था। वो चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रही थीं।
चाहत अध्यन की तरफ देखते हुए - सॉरी.
अध्यन ने कुछ नहीं कहा। ये देख काजल को गुस्सा आया।फिर भी उसने अध्यन को देखते हुए पूछा।
चाहत - पानी लोगे .
अध्यन ने ना में सिर हिला दिया।
अब चाहत को और गुस्सा आने लगा। चाहत अध्यन के पास आकर - क्या प्रोबलम है तुम्हे हा. सॉरी तो बोल रही हूं . दोबारा भी शादी में आए जीजा की तरह नाराज़ हो रहे हो. दोबारा उसे उंगली दिखते हुए यदि तुमने मुझसे बात नहीं की ना ।
अध्यन - तो क्या . क्या करोगी।
चाहत उसके हाथ से बाइक की चाबी लेकर - ये नहीं मिलेगी तुम्हे।।
अध्यन ने कहा - ठीक है रख लो.
चाहत हैरान होकर उसे देखने लगीं । इतने में अंश आ गया। चाहत ने अंश को चाबी पकड़ाई थैंक्यू कहा।
अंश अब अध्यन को देखने लगा। जो चाहत को देख रहा था। चाहत ने उसे जाने का इशारा किया। अध्यन मुस्कुराते हुए चाहत के पास आया। और कहा - जा बालिका. तुझे क्षमा किया।
चाहत उसकीइसे हरकत को देख कर मुस्कुरा दी।
अध्यन ने अंश को कहा वो बाइक चलाए। अंश ने पहले किक मारी । तब तक पीछे बैठ अध्यन चाहत को देखने लगा। चाहत को देख अध्यन और अंश ने उसे बाय कहा । वो दोनो
चले गए।
चाहत भी साइकिल अंदर रख घर आ गई।
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चाहत का घर
चाहत अपने घर के अंदर अाई। चाहत ने अपने शूज उतरे। और मम्मी को देखते हुए किचन में आ गई। चाहत ने देखा उसकी मम्मी कुछ बना रही थीं । चाहत पीछे सेउन्को गले लगाते हुए। उसने अपना चेहरा उनके कंधो पर रख दिया।
चाहत - मम्मी.
चाहत की मम्मी उसके गाल में हाथ रख कर बोली - आ गया मेरा बच्चा.
चाहत - हा. वैसे क्या बन रहा है।।
रीमा जी - बैगन का भरता ।।।
चाहत चिल्लाते हुए - अरे वाह।। आज तो मै ज्यादा सारा खाना खाऊंगी।। ये बोल उसने अपनी मम्मी को गाल पर किस कर दिया।
रीमा जी - चाहत . हटो बेटा काम करने दो.
चाहत उनसे दूर हुई और पेडे का डिब्बा निकाल कर अपनी मम्मी को से दिया। वो धीरे-धीरे से उनके कान में बोली - दादी को मत बताना। सरप्राइज है।।
रीमा जी भी उसी की तरह धीरे-धीरे से बोली - ओके।।।
दोबारा दोनो जोर से हसने लगीं । तभी चाहत ने मुंह में ऊंगली रख कर कहा - शू. ह.
चाहत किचन से निकल करबाहर् अाई । वो अपने रूम की तरफ चले गई। वहा से कपडे चेंज कर वोबाहर् अाई।बाहर् देखा आर्यन टीवी देख रहा था। चाहत ने उसे देखा तभी उसे याद आया कि आर्यन के लिए वो मोबाइल ले कर अाई थी.,वो भागते हुए अपने रूम गई वहा से मोबाइल लेकर । चाहत सामने सोफे पर बैठ गई। आर्यन ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया । वो चुपचाप टीवी देखने लगा। चाहत उसके पास अाई और मोबाइल लेकर उसमे बात करने की एक्टिंग करने लगी। अब आर्यन का ध्यान गया। वो भागते हुए चाहत के पास आया । चाहत मोबाइल में जबरदस्ती बात करते हुए।
चाहत - हा काजल. अरे नहीं . ओह ऐसा ये तो होना ही था. बढ़िया वैसे सही ही हुआ जो भी हुआ . हा वहीं तो .
आर्यन उसे देखते हुए - दी .
ये आवाज़ सुन दादी वहा आ गई। चाहत उनके पास गई ।
दादी - आ गया मेरा बच्चा. कैसा रहा डोंगरगढ़ दर्शन.
चाहत उनको गले लगाते हुए - मस्त था दादी. अगली बार पापा आएंगे तो आपको भी ले जाऊंगी।
दादी उस पर अपनी बाहों को कसते हुए - ठीक है।।।
चाहत दादी से अलग होते हुए - आपके लिए भी कुछ है।
ये बोल वो किचन गई । जब वह पुनः अाई तो उसके हाथ में पेडा था। उसनेएक पेडा दादी को दिया । तो दादी जिद करने लगीएक और पेडा खाने की चाहत ने दादी कोएक और पेडा दे दिया।
अब चाहत आर्यन के पास अाई और बोली। मेरी पपड़ी चाट चल मुंह खोल.
आर्यन उसे देखते हुए - हा ये लो. ये कह कर मुंह खोल देता है. और चाहत उसे पेडा खिला देती है।
दोनोंएक दूसरे को देख कर हसने लगते है।
दादी दोनो के पास आकर उनकी बलाए लेती हुई - हाए मेरे बच्चो को किसी की नजर ना लगे. ये बोल चाहत और आर्यन के माथे को चूमती है।
थोड़ी देर पश्चात रीमा जी दोनो को आवाज़ लगा कर डायनिंग टेबल पर बुलाती थीं । जहा चाहत आज हुए किस्सों के बारे में सबको बताते हुए खाना खाती है।
चाहत उसे अनदेखा करते हुए - अरे नहीं तो. ओह ठीक है
अब आर्यन से सब्र नहीं हो रहा था। वो भागते हुए आया और चाहत की गोद में चढ़ उससे मोबाइल छीन ली।
चाहत इन सभी के लिए तैयार नहीं थी। वो आर्यन देखने लगी ।
आर्यन ने चाहत को देखा दोबारा कहा - ये कितना बढ़िया है। आप मेरे लिए लाए हो ना.
चाहत बनते हुए - नहीं ये तो काजल का है . उसने लिया था अपनी बहन के लिए.
ये सुन आर्यन का चेहरा उतर गया । वो चाहत की गोद से उतरा और मोबाइल चाहत की तरफ करते हुए - ठीक है आपउन्को दे देना.
वो पुनः सोफे पर बैठ गया पर उसकी नजर अभी भी उस मोबाइल पर थी।
चाहत उसका उतरा चेहरा देख रही थीं। दोबारा भी उसे मज़ा आ रहा था। पर जब आर्यन एकदम से शांत हो गया तो चाहत को भी बढ़िया नहीं लगा। वो उसके पास गई । उसने मोबाइल बढ़ाते हुए कहा - तेरे लिए ही लाई हूं।
आर्यन उसकी तरफ देखते हुए - सच में ।
चाहत उसके हाथ में मोबाइल देते हुए - हा मेरी सोनपापड़ी।।
आर्यन ने मोबाइल लिया और खुशी से चाहत को गले लगा लिया। और ये. ह. कर के चिल्लाने लगा।
चाहत ने उसे माथे पर किस किया ।
अध्यन का घर
अध्यन चाहत को याद कर मुस्कुराते हुए घर में आता है। उसे दरवाजे पर ही देव जी और गौरी जी मिल जाते है। अध्यन उनको देखता है दोबारा मुस्कुराते हुए अपने रूम में चले जाता है।
थोड़ी देर के पश्चात गौरी जी अध्यन को खाने के लिए बुलाती हैं। अध्यन उनके सामने टेबल पर बैठ जाता है।
गौरी जी देखती है अध्यन आज सारी हरी सब्जी खुशी से खा रहा है। बिना ना नुकुर किए।
उन्होंने देखा अध्यन शिमला मिर्च भी खा रहा है। पर किसी को कुछ बोल भी नहीं रहा। बाकी वक़्त तो वो ऐसे नखरा करता था जैसे उसे कुछ बुरा खिला दिया गया हो.
अध्यन को देख गौरी जी उसके पास अाई और उसके माथे पर हाथ रख कर बोली - तुम ठीक हो ना.
अध्यन उनका हाथ माथे से हटाते हुए - हा मॉम मै तो ठीक हूं . मुझे क्या हुआ ।
गौरी जी - तू जो कभी शिमला मिर्च नहीं खाता था. आज क्या हुआ जो तू इसे खाने लगा.
अध्यन चाहत को याद करता है तो उसके चेहरे पर अपने आप मुस्कान आ जाती है। जिसे गौरी और देव जी दोनो ही महसूस करते है। मगर अध्यन अपनी मुस्कान छुपाते हुए - कुछ नहीं मॉम,. बस ऐसे ही आज मन किया तो खा लिया.
गौरी जी आंखे छोटी करते हुए - बढ़िया . आज तक तो तेरा मन नहीं किया . दोबारा अचानक कैसे . हा बोल भला.
अध्यन स्पून नीचे रख कर - मॉम आप ना सीरियल मत देखा करो . दोबारा आप ना उसमे रहने वाली आंटी जैसे बिहेव करने लगते तो,. ये बोल वो वहा से चले गया।
गौरी जी उसे जाते हुए देखते रही ।
देव जी जो कब से मा बेटे का ये ड्रामा देख रहे थे । वो पेट पकड़ कर हसने लगे। उनको ऐसे खुल के हसता देख गौरी जी उनके पास वाले टेबल पर बैठ उनको प्रेम से देखने लगती है।
देव जी गौरी जी को अपनी ओर देखते हुए देखते है तो वो झेप जाते है। इधर उधर देखते हुए स्पून उठा कर गलती से
मिर्ची वाला अचार खा लेते है। दोबारा जलन के कारण उनका मुंह लाल हो जाता है वो पानी . कह कर जोर से चिल्लाते है ।
गौरी जी ये देख कर डर जाती है औरउन्को पानी देती हैं । संग में उनको जल्दी से मिठाई खिलाती है।
गौरी जी उनकी पीठ सहलाते हुए - क्या हुआ . ठीक हो ना आप ।
देव जी उनको देखते हुए - पहले तो अपने ही मुझे डिस्ट्रैक्ट किया और अब आप ही .
गौरी जी उनको टोकते हुए - मैंने क्या किया.
देव जी - अब आप मुझे ऐसे प्रेम से देखेगी तो यही होगा ना.
गौरी जी ये सुन शर्मा जाती है । जिसे देख देव जी दोबारा कहते है -एक तो आप खूबसूरत उपरि से आपका यू शर्माना हाए .
गौरी जी उनको रोकते हुए - क्या आप भी अध्यन अभी भी घर पर है. सोच समझ कर बोला करो आप।
देव जी सिर पर हाथ रख कर - कुछ कहूं तो दिक्कत . ना कहूं तो दिक्कत . बांदा करे तो क्या करे.
गौरी जी उनकी प्लेट में पराठा रखते हुए . कुछ ना करो ये पराठा खाओ. चुपचाप।
देव जी चुपचाप पराठा खाते है।
अध्यन रूम में आता है। वह बेड पर लेट कर आज की फोटोस देखता है। वो सारी फोटोस को स्कीप करते हुए देखता है। तभी उसे चाहत की पहाड़ी वाली फोटो दिखती है। जिसे देख वो मुस्कुरा देता है। तभी उस पहाड़ी पर हुए बात याद करता है।
अध्यन चाहत के फोटो को देखते हुए - तुम्हे ऐसा क्यों लगता है तुम खूबसूरत नहीं हो. मेरी नजर नहीं हटती तुम से और तुम हो की . खैर रहने दो. तुम्हे तुम्हारी खूबसूरती का अहसास अब मै करवाऊंगा। . तो मिस चाहत सिंह बी रेडी . ये बोल उसने उसकी फोटो को होंठो से छुआ और सो गया।
चाहत का घर
चाहत खाना खाकर अपना काम कंप्लीट कर के बेड पर लेट गई । थोड़े देर में उसे उसके सिर पर किसी का हाथ की छुअन महसूस हुई ।इसे छुअन से वो अंजान नहीं थी। ये चाहत की दादी की छुअन थी। उनके हाथ को महसूस करते हुए सो गई। उसका सुकून भरा चेहरा देख दादी ने उसे माथे पर किस किया। दोबारा वो भी सो गई।
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