सैलाब दर्द का
दोनों का तलाक मंजूर किया जाता है।आज से आप दोनों का कोई रिश्ता नहीं।
जनवरी का महीना था, ठंड बढ़ गई थी, शॉल में स्वयं को लपेटे शिल्पा ने गहरी साँस ली।
जज साहब के फैसला देते ही नमी तैरने लगी थी, शिल्पा की आँखों में। कोर्ट का टाइमसमाप्त हो गया था।
मयंक ने मुड़कर भी न देखा, इतनी नफ़रत,अब तो तलाक भी मंजूर हो गया है मयंक,कम से कम प्रेम भरे लम्हों को याद करएक बार तो मुड़कर देख लेते।
मयंक ने तो मुड़कर नहीं देखा,पर मयंक की मित्र पारूल ने जाते-जाते शिल्पा से कहा।शिल्पा ज्यादा बुरा लगा तुम्हारे लिए,पर मयंक के लिए खुश हूँ।फायनली उसको दिखावे की ज़िंदगी से मुक्ति मिल गई।
पारुल के कटाक्ष पर शिल्पा के आँसू गिरने ही वाले थे.घर चल बेटा!! पापा की आवाज़ सुन आँसुओं को पी गई शिल्पा।
चलो पापा. पापा का हाथ पकड़कर घर की ओर चल रही शिल्पा आज़ दोबारा पापा के सहारे की मोहताज हो गई थी।आज शिल्पा को,दो वर्ष पहले का पापा का खुशी से मुस्कुराता चेहरा याद आ रहा था।
अरे जतिन आपने गाड़ी क्यों रोक दी.? शिल्पा की मम्मी रेवती गाड़ी रुकते ही बोल पड़ी। सामने देखो रेवती मिठाई की दुकान,आज इतना खुशी का मौका है।मीठा खाना तो बनता है।
पापा मुझे हाँ लाता हूँ, मेरी गुड़िया को क्या खाना है। अनमने मन से शिल्पा बोली मुझे तो घर जाना है।
बस चलते हैं गुड़िया. जतिन ने मिठाई लाकर रेवती को दी।थोड़ी देर में सभी घर पर थे।
राघव!! राघव सो गए क्या बेटा.?राघव जतिन के घर केएक कमरे में बतौर पेइंग गेस्ट रहता था।
जी अंकल जी!! कुछ काम था क्या.? नहीं-नहीं बेटाएक ज्यादा बड़ी खुशखबरी देनी थी।आज शादी के फंक्शन में दूर के रिश्तेदार मिल गए थे।
उन्हें अपने बेटे के लिए हमारी शिल्पापस्न्द आ गई, स्वयं सामने से आकर उन्होंने शिल्पा का हाथ माँगा।
हमारी बिटिया रानी है ही इतनी खूबसूरत, रेवती बीच में बोल पड़ी।
बहुत अच्छे लोग हैं, दिल्ली में रहते हैं। रुपए-पैसे की कोई कमी नहीं, लड़के का स्वयं का बिजनेस है।
खानदानी रईस हैं वो लोग। शिल्पा को लिखते हीपस्न्द कर लिया।
लो मिठाई खाओ.जी.जी बहुत-बहुत बधाई। राघव ने तिरछी नज़र से शिल्पा को देखा। शिल्पा उठकर अंदर चली गई।
शिल्पा और राघवएक ही कॉलेज में पढ़ते थे। बैचलर होने के कारण घर ढूँढने में तकलीफ़ हो रही थी। जतिन नेएक कमरा किराए पर दे दिया था।
पर अंकल शिल्पा की पढ़ाई.? अरे बेटा अब क्या करेगी पढ़कर.?इतने बड़े घर के एकलौते बेटे की बहू बनकर जाएगी,राज करेगी.राज!!
अच्छा राघव सुनो. लड़के वाले कल आ रहें हैं। थोड़ी मदद करवा देना, सब-कुछ सही रहा तो जल्द ही शादी भी कर देंगे।
अंकल जी मेरे ख्याल से शिल्पा का ग्रेजुएशन पूरा हो जाने दीजिए .कल किसने देखा है, ऐसा मेरा सोचना है। दोबारा जैसा आपको उचित लगे, कहकर राघव अपने कमरे में चला गया।सुबह कॉलेज में राघव, शिल्पा तुम रिश्ते से खुश हो.? मेरी खुशी का क्या.? पापा खुश हैं, पापा की खुशी में ही मेरी खुशी है।
तुम्हारी खुशी का क्या.? तुम इंग्लिश में पीएचडी करना चाहती थी ना.? तुम्हें प्रोफेसर बनना था, तुम्हारे सपनों का क्या.?
छोड़ो ना राघव. कुछ और बात करते हैं।मुझे मालूम है,एक बार पापा ने जो ठान लिया,वह करके ही रहते हैं। मेरे विरोध करने पर शादी तो नहीं होगी,पर संग में पापा का दिल भी टूटेगा,जो मैं नहीं तोड़ सकती।
तुम किस ज़माने की लड़की हो यार, तुम अपनों की खुशी के लिए स्वयं को बर्बाद करने जा रही हो।मत करो ऐसा, कहीं पश्चात में पछताना न पड़े।
अब जो भी हो,पापा की हाँ में मेरी हाँ है। मैं मेरे माँ-बाप की खुशियों को नहीं मार सकती।
तो तुम चुपचाप बलि का बकरा बन जाओगी। औरएक बार शादी हो गई तो क्या तुम अपने सपने पूरे कर पाओगी।इसे तरह अपने सपनों को मारना मुझे तो उचित नहीं लग रहा।
ठीक है ना राघव,मेरी जिंदगी में यही लिखा है तो यही सही।किसी की जिंदगी में कुछ लिखकर नहीं आता शिल्पा।हम लोग स्वयं को मजबूर करके अपनी जिंदगी में तकलीफें पैदा कर लेते हैं।
अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है.? बीस वर्ष । मयंक तुमसे पाँच वर्ष बड़ा है, मेरे ख्याल सेएक बार पापा से बात करना चाहिए तुम्हें।
शिल्पा कोई जवाब नहीं देती है, चुपचाप उठकर चली जाती है। राघव अपनी क्लास में चला जाता है, वह समझ गया है कि शिल्पा खुलकर विरोध करने वालों में से नहीं है।
शाम ढलने लगी थी,आज परी लग रही है मेरी बिटिया रानी. किसी की नजर ना लग जाए।
शिल्पा को तैयार करते हुए रेवती, शिल्पा को काजल लगाते हुए बोली।
लड़के वाले शिल्पा को देखने आ गए थे।औपचारिक बातचीत के पश्चात शिल्पा को मयंक के संग छत पर भेज दिया गया।
मयंक से बात करने के पश्चात शिल्पा भी प्रभावित हो गई थी।उसे भी पापा की पसंद,पस्न्द आ गई थी।
सब-कुछ तय हो गया था। बधाई हो यशवंत जी. जतिन ने मयंक के पापा को गले लगा लिया।एक महीने पश्चात सगाई और तीन महीने पश्चात शादी।
जतिन खुशी से झूम उठे, मेरी बिटिया अब बस कुछ दिन की मेहमान है। भावुक होकर उन्होंने शिल्पा को गले लगा लिया।
अब बेटा कल से घर पर रह, वैसे भी तेरी पढ़ाई तो छूटने वाली है।माँ के संग घर के काम-काज सीख,काम आएंगे।एक पुराने विचारों वाले पिता की तरह हिदायत दे रहे थे जतिन।
घर में शादी की तैयारियां होने लगी।राघव बेटा कुछ दिनों के लिए अपने रहने की कहीं व्यवस्था कर लो।
मेहमानों के लिए कमरों की जरूरत पड़ेगीइसलिये तुम्हें कमरा खाली करना पड़ेगा। राघव चुपचाप सिर हिला देता है।
जाते-जाते राघव शिल्पा से.शिल्पा मेरी बात परएक बार और गौर कर लो।यह सभी इतनी जल्दी सही नहीं है, ऐसे पढ़ाई छोड़कर कोई शादी करता है क्या.?
तुम्हारे सामने तुम्हारी पूरी जिंदगी पड़ी है,कल किसी ने नहीं देखा।तो क्या करूँ पापा का सपना तोड़ दूँ,शिल्पा आँखो में आँसू भरकर जवाब देती है, तो राघव वहाँ से चला जाता है।
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राघव ने शिल्पा को समझाने का भरसक प्रयास किया।पर शिल्पा भी पापा की बातों से सहमत हो चुकी थी।
जतिन का शिल्पा की शादी का सपना पूरा हो गया। बेटी खुशी-खुशी विदा हो गई।
राघव हतप्रभ रह गया, कैसे पिता की इच्छा का मान रखने के लिए शिल्पा ने पढ़ाई का सपना तोड़ दिया।
शिल्पा ने जितना मयंक को समझा था और मयंक उससे कहीं बढ़िया पति साबित हुआ।
खुशी-खुशी दिन बीतने लगे शिल्पा को अब पापा का फैसला सही लगने लगा था।एक दिन कुछ ऐसा कुछ हुआ, उसके पश्चात से शिल्पा की ज़िंदगी बदलने लगी।
एक दिन सुबह नाश्ते के वक्त शिल्पा और मयंक और मम्मी नाश्ता कर रहे थे उसी टाइममयंक की पुरानी मित्र पारुल उससे मिलने आती है।
हाय मयंक!!ओह माई गॉड पारुल!!यार कहाँ चली गई थीं.? इतने दिनों से कोई खबर नहीं। मयंक ने दौड़कर पारुल को गले लगा लिया।
सच बता नहीं सकता, आज़ दुनिया भर की खुशी मिल गई। पारुल और मयंक बातों में इतने मगन हो गए किउन्को शिल्पा का ध्यान नहीं रहा।
शिल्पा को मयंक का पारुल को गले लगाना बढ़िया नहीं लगा था। मयंक की मम्मी शिल्पा के हाव-भाव देखकर मयंक को टोकती हैं।
मयंक बातों में ही लगे रहोगे, पारुल को शिल्पा से नहीं मिलवाओगे। शिल्पा.? पारुल ने पूछा। अरे मैं बातों में भूल गया। पारुल ये शिल्पा. मेरी वाइफ और मेरी लाइफ।
यह सुनकर शिल्पा खुश हो गई, पर पारुल थोड़ी बुझ-सी गई।वाइफ.? तूने शादी कर ली मयंक.?मेरा इंतज़ार भी नहीं किया।
पारुल ने शिल्पा को दुखी करने के उद्देश्य से ये बात कही। जिसे शिल्पा समझ गई पर मयंक नहीं समझा।क्यों नहीं करता, तेरे इंतज़ार में सन्यासी बनना था क्या मुझे।तेरा पता-ठिकाना तो रहता नहीं है।
अच्छा चलती हूँ। ज्यादा बड़ा सरप्राइज मिल गया मयंक मुझे. मुझे लगा था, तुम मुझे याद करते होगे।पर इधर तो उल्टा हो गया। पारुल वहाँ से चली जाती है।
माँ ये लड़की भी अजीब है,कब क्या कहती है, और क्योंसमझना मुश्किल है। शिल्पा बेटा चाय पिला दो. जी माँजी अभी लाई।
शिल्पा के जाते ही, संध्या जी मयंक से बोली। तुझे नहीं समझ आया,पर मैं अच्छे से समझ गई।अब तुम शादीशुदा हो। पारुल से दूर रहने में तुम्हारी भलाई है।
माँ मैं आपका आशय नहीं समझा.? तब-तक शिल्पा चाय बना लाई।माँजी चाय. मयंक आप भी लेलो।
नहीं अब मुझे निकलना है, वैसे भी ज्यादा देर हो चुकी है।बाय माँ,बाय शिल्पा। मयंक चला गया।
अब तो पारुल का रोज किसी न किसी बहाने घर पर आना-जाना शुरुआत हो गया उसका बात-बात पर मयंक से लिपटना शिल्पा को बिल्कुलपस्न्द नहीं आता था।
अरे मयंक!! सुनो मयंक आज़ शाम मैंने तुम्हारी शादी की खुशी में अपने घर पर पार्टी रखी है। तुम शिल्पा को लेकर आओगे तो मुझे ज्यादा बढ़िया लगेगा।
पार्टी.? अरे यार पार्टी किसलिए.? अब तो शादी कोएक वर्ष हो गई है। थैंक यू माई डियर तूने मेरे बारे में इतना सोचा।पर ये पार्टी तो तू रहने दे।
अरे यार मुझे अभी तक मौका ही कहाँ मिला है कि मैं शिल्पा को करीब से जान सकूँ। पार्टी के बहाने हमएक दूसरे को अच्छे से जान तो लेंगे।
मयंक देख मना मत करना यार। मैंने अपने पुराने दोस्तों को भी बुलाया है।एक बार दोबारा कॉलेज के दिनों को याद कर धमाल मचाएंगे
ठीक है बाबा. जैसा तू कहे। मयंक से मंजूरी मिलते ही खुशी से झूम उठी पारुल।ओह थैंक्स मयंक, गले से लग गई पारुल।
शाम को पार्टी में जाना है शिल्पा,वहाँ मेरे कॉलेज के सभी मित्र आएंगे।जय,नेहा,राहुल,रिया,तान्या वगैरह.देखो शिल्पा मेरे किसी मित्र को नहीं पता, तुम ग्रेजुएट नहीं हो। मैंने सबको बता रखा है तुम पोस्ट ग्रेजुएट हो।
शिल्पा मयंक के मुँह से ये सुनकर दंग रह गई। मयंक लोगों के कारण ही छूटी है।
अरे यार थोड़ा ज्यादा तो झूठ बोलना पड़ता है, तो तुम भी बोल देना।क्यों बाल की खाल निकाल रही हो। वैसे भी मुझे कौनसी तुमसे कोई नौकरी करवानी थी,जो तुम्हारी पढ़ाई पूरी होने तक शादी के लिए रुकता।
तो दोबारा ये शरम कैसी,बता देते सबको मैं ग्रेजुएट नहीं हूँ, अब शिल्पा भी चिढ़ गई। मयंक खीजकर बोला,कर दी न अनपढ़-गंवार वाली बात।
कहा था पापा से. पढ़ी-लिखी लड़की से शादी करूँगा,पर माँ-पापा तो पागल हो गए थे तुम्हें देखकर।
और तुम.? मयंक तुम्हारी बातों से तो कभी नहीं लगा कि तुमइसे रिश्ते से सहमत नहीं थे।हाँ पर अब जब से पारुल आई है,तब से असहमत लगते हो।
शिल्पा!! मयंक गुस्से में चिल्लाया। शिल्पा की आँखों से आँसू गिरने लगे, शादी कोएक वर्ष होने आया था। इतने दिनों में शिल्पा को याद नहीं कभी मयंक उससे जोर से भी बोला हो।
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शिल्पा रोते हुए बेडरूम में चली गई।संध्या मयंक और शिल्पा का झगड़ा देखकर दुखी हो गई। मयंक!!आया माँ. जी माँ.? बेटा अब समझ आया,क्यों पारुल से दूर रहने के लिए कहा था।
माँ आप भी पारुल को ग़लत समझ रही हो।वो बेचारी तो सिर्फ मेरे और शिल्पा की खुशी के लिए ये पार्टी रख रही है।
ऐसा तुझे लग रहा है बेटा,पर मुझे तो तेरी गृहस्थी उजड़ते दिख रही है।यह क्यों भूलते हो शिल्पा तुम्हेंएक नज़र में मम्मी गई थी,और तुमने ही उसे नहीं पढ़ने दिया था।
तुम्हारे पापा तो शिल्पा के ग्रेजुएट होने तक, दो वर्ष रुकने वाले थे।पर तुमने ही कहा न कौन-सी नौकरी कराना है।फिर अब अचानक क्या हुआ.?
माँ आप न बेवजह ही मुझ पर गुस्सा कर रही हो।क्या ग़लत कहा मैंने.? यही न वहाँ कोई एजूकेशन के बारे में पूछे. तो स्वयं को मम्मी आप ही बताओ.? कैसा लगेगा जब सबको पता चलेगा शिल्पा बारहवीं पास है। मुझे शिल्पा की पढ़ाई से कोई परेशानी नहीं है।पर कोई उस पर या मुझ पर हँसे वो मुझेपस्न्द नहीं।
जय की वाइफ डॉक्टर है, राहुल की वाइफ तो सीईओ है,तान्या, रिया इंजीनियर है। पारुल तो सबसे सुपर, उसने तो तीन-तीन जिम खोल रखे हैं।अब आप बताओ,क्या ग़लत कहा मैंने।
ठीक है न बेटा. इससे बढ़िया तू तन्हा चला जा। कोई पूछे तो कह देना मेरी तबियत खराब हो गई थी। शिल्पा को मेरे पास रुकना पड़ा। मुझे उस पारुल पर बिल्कुल भरोसा नहीं है।
मेरी बहू मेरे लिए दुनिया की सबसे अच्छी बहू है।बस उसे परेशान मत कर.!जैसी आपकी मर्जी। मयंक अकेले ही पार्टी में शामिल होने के लिए निकल गया।
यह देख शिल्पा और दुखी हो गई। मयंक तुम बदल गए हो अभी तक तुम मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाते थे। जहाँ जाते मुझे ले जाते तब तो तुम्हें शर्म नहीं लगी।
पारुल के आते ही अचानक ऐसा क्या हुआ.? जो तुम्हें मुझसे और मेरी पढ़ाई से प्रॉब्लम होने लगी। रोते-रोते आँखें सूज गई शिल्पा की।
पार्टी में मयंक को अकेले आते देख, पारुल थोड़ी उदास हो गई । मयंक तुम अकेले शिल्पा कहाँ है.? मैंने तो ये पार्टी तुम्हारे और शिल्पा के लिए रखी थी।
माँ की थोड़ी तबीयत खराब हो गई थी,इसके लिए शिल्पा को रुकना पड़ा।क्यों मेरे आने से खुशी नहीं हुई क्या.? अरे नहीं-नहीं मयंक, तुम भी कैसी बात करते हो.?
हाँ शिल्पा आती, तो और ज्यादा खुशी होती। पारुल तुम कितनी अच्छी हो,कितना सोचती हो मेरे बारे में, मेरी खुशी के बारे में थैंक यू सो मच डियर।
पारुल मयंक से गले मिलते हुए, "लव यू डियर" तुम तो मेरे ज्यादा अच्छे मित्र हो, तुम्हारी खुशी के लिए तो मैं कुछ भी कर सकती हूँ।
, ।पार्टी शुरुआत हो जाती है, सभी ज्यादा एंजॉय कर रहे थे।डीजे की धुन पर सभी थिरक रहे थे।सबको भूख लग आई थी, डिनर का टाइमभी हो गया था।
पारुल मयंक के लिए और अपने लिए जूस लेकर आती है। जिसे पीने के पश्चात मयंक का सिर भारी हो गया था।क्या हुआ मयंक तुम ठीक हो.?
हाँ बस थोड़ा सिरदर्द करने लगा, शायद ज्यादा दिनों पश्चात ये
नाच-गाना,मस्ती की तो थोड़ी थकान हो गई है बस।
पारुल ने राहुल को इशारा किया।यार मयंक!! राहुल बोला हम तो बड़े मन से पार्टी में आए थे।यह सोचकर कि शिल्पा भाभी से मिलेंगे।तूनेउन्को संग न लाकर सभी आनंद खराब कर दिया।
और बता भाभी क्या करती हैं। कुछ नहीं हाउस वाइफ है।माँ-पापा की देखरेख के लिए उसने नौकरी छोड़ दी।
हाँ यार!जय बोला।क्या कहते हो सब,हम भाभी से मिलने अभी चले घर,क्यों मयंक मिलाओगे हमें.?
सॉरी यार रात ज्यादा हो गई है, और ये क्या भाभी जी-भाभी जी लगा रखा है।यार छोटी है तुम लोगों से शिल्पा कहो बस।
छोटी.?तू तो ऐसे कह रहा है जैसे कोई बच्ची हो। वैसे कितने वर्ष की होगी शिल्पा जय ने पूछा।
अरे जय सीधी सी बात है मयंक छब्बीस का तो वो भी सेम ऐज की ही होगी है न मयंक.? पारुल बोली।
मयंक को नशा-सा चढ़ गया था। नहीं यार ज्यादा छोटी है वो मुझसे। अभी इक्कीस वर्ष की है।
क्या.?इक्कीस.? तो पढ़ाई कैसे पूरी हो चुकी है शिल्पा की.? और नौकरी कहाँ और कौनसा जॉब.?यार सीधे-सीधे बोल न शिल्पा पढ़ी नहीं है।
जय बस भी करो.इतनी जल्दी शादी हो गई तो भला कैसे पढ़ पाई होगी शिल्पा.? तुम लोग मयंक की शादी की पार्टी में आए हो तो एंजॉय करो पारुल बोली।
मयंक की क्या गलती, घरवालों को शिल्पापस्न्द आई शादी। मयंक तुम इन सभी की बातों पर ध्यान मत देना।
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