The Rajsharma Sex Story of सैलाब दर्द का (Romance Special)
सुनयना की बात सुनकर शिल्पा न मयंक से बात करने का मन बना लिया था उसने मयंक को और संध्या को घर पर खाने के लिए बुलाया।
पापा मैंने मयंक को आज घर बुलाया है आज ही हम उससे बात करते हैं। दोबारा वह हाँ कहता है.तो दोबारा आप माँजी से बात करिएगा।
मैं चाहती हूँ वंश को भी बता दूँ कि मयंक उसके पापा हैं।वंश भी अपने पापा के बारे में पूछता रहता है।कहीं मयंक को कुछ हो गया और दोबारा वंश को पता चला कि मयंक उसके पापा थे।
वंश मुझसे नफ़रत करने लगेगा। मैंने उसे क्यों नहीं बताया मयंक उसके पापा थे। वंश मुझसे नफ़रत करे ये मैं सह नहीं पाऊँगी।
शायद तुम ठीक कहती हो शिल्पा.!! हमेंइसे बारे में ज्यादा ही सोच विचार ही कदम उठाना पड़ेगा। ऐसा कुछ भी ना हो कि कल कोई बात प्रश्न बनकर पूरी जिंदगी हम लोगों को परेशान करती रहे।
हाँ पापा मेरा भी यही विचार है,अब तक जो था ठीक था। , यदि मयंक बिल्कुल ठीक होता तो शायद मैं कभी भी वंश को सच पता नहीं चलने देती।
पर अब नहीं मैं आज ही वंश को बता दूँगी. मयंक उसके पापा है। मैं तो इधर लौटकर ही नहीं आने वाली थी।
कुछ दिन पश्चात आप लोगों को भी वहाँ बुला लेती। पिछली बातें भूल पाना ज्यादा मुश्किल है। पर अब जिंदगी केइसे मोड़ पर आकर मुझे नहीं लगता, मयंक को इतनी बड़ी सजा देनी चाहिए।
उसकी जिंदगी का सबसे खुशनुमा समय होगा।जब वंश उसे पापा कहते बुलाएगा। मयंक को इतनी खुशी तो मैं दे ही सकती हूँ।
ऑपरेशन के पश्चात में जो होगा देखा जाएगा। जैसी तुम्हारी मर्जी बेटा. वैसे भी वंश पर जितना हक तुम्हारा है, उतना मयंक का भी है।
इस सच्चाई को झूठलाया भी नहीं जा सकता। मयंक की स्थान यदि और कोई पिता होता तो सच्चाई जानकर अब तक वंश की कस्टडी का केस फाइल कर चुका होता।
संध्या जी और मयंक कभी भी ये नहीं चाहेंगे कि वंश तुमसे दूर हूँ। तो हमें भी उनके बारे में सोचना चाहिए।हाँ पापा मेरा भी यही विचार है।
रेवती भी बीच में बोल पड़ती है। शिल्पा सही है, मेरा भी यही विचार है, वंश को सत्य मालूम होना चाहिए। संध्या जी उसकी दादी और मयंक उसके पापा है।
, ठीक है, आज हम मयंक से ऑपरेशन के बारे में बात करते हैं। यदि मयंक ऑपरेशन के लिए तैयार होता है,तो हमें भी जल्दी डॉक्टर से सलाह-मशवरा करना होगा।
शाम को मयंक और संध्या अकेले आते हैं । अरे मौसी जी नहीं आई माँजी। मैंने तो खूब कहा, छोटी बोली कि मैं क्या करूँगी.मेरा वहाँ जाकर बढ़िया नहीं लगता है।
रेवती संध्या को लेकर उपरि वाले रुम में चली जाती है। चलिए हम लोग उपरि चल कर बात करते वंश भी उपरि ही खेल रहा है।
शिल्पा का पहले से ही ये प्लान था।माँ जब माँजी को लेकर उपरि चली जाएंगी। तब मयंक से बात करेंगे जतिन और शिल्पा मयंक के पास आकर बैठ गए।
मयंक दोबारा क्या सोचा तुमने.? किस बारे में पापा। सॉरी अंकल जी.? कोई बात नहीं तुम मुझे पापा कह सकते हो, मुझे बुरा नहीं लगेगा।
मयंक आश्चर्य से जतिन को देखता है।हाँ मैं सही कह रहा हूँ, तुम मुझे पापा कह सकते हो।इतना भी बुरा नहीं हूँ,जो तुम्हारे तकलीफ़ के बारे में जानकर भी तुमसे नफरत कर सकूँ।
मैं पूछ रहा हूँ तुमने ऑपरेशन के बारे में क्या सोचा।
मैं चाहता हूँ तुम जल्द से जल्द अपना ऑपरेशन करा लो। नहीं पापा. मैं ऑपरेशन नहीं कराना चाहता। क्यों कारण जान सकता हूँ.?
आपको तो पता ही चल गया होगा.? चाची ने सभी बता ही , दिया होगा।मौत तो आनी है।ऑपरेशन के पहले भी आ सकती है ऑपरेशन के पश्चात भी दोबारा क्या फायदा।
मयंक चाची ने ये भी कहा है कि ऑपरेशन के पश्चात तुम ठीक भी हो सकते हो। और दोबारा इसके अलावा कोई चारा भी तो नहीं है।
ऑपरेशन तो कराना ही होगा, शिल्पा बोली। तुम्हारी बात ठीक है शिल्पा. पर मैंने तो अभी तक वंश को जी भर के देखा भी नहीं है।
तुम क्या चाहती हो कि मैं वंश को प्रेम करने की अधूरी आस लिएइसे दुनिया से चला जाऊँ.? मयंक ये कैसी बातें कर रहे हो। प्लीज दोबारा से ये सभी मत बोलना शिल्पा तड़प के बोली।
सही तो बोल रहा हूँ। शिल्पा अब तुम जान चुकी हो ना कि मेरे संग कभी भी कुछ हो सकता है। तो जब तक जिंदा हूँ। मुझे मेरे बेटे के संग रहने दो, उसको प्रेम कर लेने दो।
कल किसने देखा है। क्या पता ऑपरेशन के पश्चात में पुनः ही नहीं आया.? ऐसी बात मत करो मयंक तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे।
तुम्हें कुछ नहीं होगा मयंक,यह मेरा विश्वास कहता है।रही बात वंश की,तो तुम्हें उससे मिलने से कोई नहीं रोकेगा।वो यहीं रहेगा और मैं भी अब यहीं रहूँगी।
मयंक प्लीज!! ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाओ. माँजी से भी बात करते है।प्लीज!! अपने बेटे के लिए ऑपरेशन के , लिए तैयार हो जाओ।
मयंक तुम क्या चाहते हो.? इतनी छोटी उम्र में वंश अपने पिता को खो दे.? खतरा तो हर तरह से है,चांस तो लेना ही होगा ना, हो सकता है तुम हमेशा के लिए ठीक हो जाओ।
मैं मेरा विश्वास कहता है कि तुम पूरी तरह से ठीक हो जाओगे। तुम दोबारा पुनः आओगे और अपने बेटे के साथएक खुशहाल जिंदगी जिओगे।
सिर्फ बेटे के साथ.? तुम्हारे संग नहीं शिल्पा.? क्या तुम मुझे माफ नहीं करोगी.? शिल्पा ऐसी जिंदगी जीकर मैं क्या करूँगा.? जिसमें तुम मेरे संग नहीं हो।
नहीं मैं ऑपरेशन नहीं कराऊँगा। तुम जितने दिन तुम इधर हो, मुझे मेरे बेटे के संग जी लेने दो। वैसे भी मेरी जीने की इच्छा ख़त्म हो चुकी है।
मयंक यदि मैं कहूँ कि तुम्हें मेरे लिए ठीक होना पड़ेगा,तो क्या तुम ऑपरेशन करवाने के लिए तैयार हो.? मयंक शिल्पा की और देखने लगता है।
मैं कुछ पूछ रही हूँ.?क्या तुम सच कह रही हो शिल्पा.? हाँ मयंक मैं सच कह रही हूँ।
हाँ शिल्पा मैं ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाऊँगा, मैंने अभी अपने बेटे को ठीक से देखा भी नहीं है,मरना नहीं चाहता।
मैं जीना चाहता हूँ तुम्हारे साथ, अपने बेटे के संग जिंदगी के खूबसूरत लम्हें बिताना चाहता हूँ।
तुम्हारे बिना ये ज़िंदगी सिर्फएक बोझ है।जिसे मैं अब ढोना , नहीं चाहता। तुम नहीं तो जिंदगी जीने का कोई मतलब ही नहीं है।
मयंक जब तुम ठीक होकर पुनः आओगे तो मैं तुम्हारा इंतजार करती मिलूँगी।इतना तो विश्वास कर सकते हो मुझ पर.?
माँउन्को जबइसे बीमारी का पता चलेगा तो उन पर क्या बीतेगी। संध्या को नीचे आते देख मयंक बोला।
वही जो अब बीत रही है. संध्या रोते हुए बोली। रेवती ने संध्या को सारी सच्चाई बयां दी थी।
मेरे बेटे इतनी बड़ी बात छुपाकर ,तू क्या साबित करना चाहता था।क्यों नहीं बताया तूने,क्यों अकेले ही इतना दर्द सह रहा था.? स्वयं को और कितनी सजा देगा।
भगवान भी कितनी परीक्षा लेगा मेरी, रोते हुए संध्या बोली। पहले मयंक के पापा संग छोड़ गए, दोबारा मेरी फूल सी बच्ची को इतने दुख,अब मयंक को. नहीं-नहीं मैं तुझे कुछ नहीं होने दूँगी।
जतिन जी आप बड़े से बड़ा डॉक्टर बुलाइए। मयंक तू चिंता मत कर बेटा,सब बढ़िया होगा।
हाँ मयंक सभी बढ़िया होगा।तभी वंश आ जाता है।आप सभी लोग क्यों रो रहे हो.? मम्मा आप भी रो रही हो। कहो न क्या हुआ।
वो मैं आपके पापा से गुस्सा हूँ,,इसलिये रो रही हूँ। मेरे पापा कहाँ है वो आप मुझे बताओ, मैं पूछता हूँ उन्होंने आपको , क्यों रुलाया।
शिल्पा मयंक की तरफ इशारा करती है।यह हैं तेरे पापा।यह.? और ये आपकी दादी।वंश को कुछ समझ नहीं आया।
मम्मा उस दिन हम इनके घर गए थे तो आपने ये क्यों कहा किसी का सामान नहीं छूते.?वो तो मेरे पापा का घर था.? आपने झूठ बोला.?
नहीं बच्चा आपके पापा ने गंदी बात की थी।आपजान्ना चाहोगे,वंश हाँ में सिर हिलाया है। आपके पापा ज्यादा गन्दे हैं।वो सिर्फ अपनी जिद्द पूरी करते हैं।
और पता है उनकी जिद्द क्या है.वो अपना इलाज नहीं करा रहे हैं। आपके पापा ज्यादा बीमार हैं दोबारा भी डॉक्टर के पास नहीं जाते।
इसलिए मैं उनसे गुस्सा होकर दूर चली गई थी।वंश कुछ देर तक मयंक को चुपचाप खड़ा देखता रहा। दोबारा दौड़कर मयंक की गोद में बैठ गया।
पापा डॉक्टर कुछ नहीं करते,एक इंजेक्शन लगाते है।बस चींटी जैसा काटता है, मीठी वाली दवाई देते हैं, दोबारा बुखार यूँ भाग जाता है, है ना मम्मा.?
चलो मैं ले चलता हूँ आपको डॉक्टर के पास। अंकल से कहूँगा आपको धीरे-धीरे से इंजेक्शन लगाए,वंश मासूमियत से बोला।
वंश की बातें सुनकर मयंक उसे कसकर सीने से लगाकर रोने , लगता है।यह देखकर सबकी आँखों से आँसू बहने लगे।
वंश के खाने का टाइमहो गया शिल्पा.!! चलो ये रोना बंद करो सब,अब हमारा वंश मयंक को डॉक्टर के पास ले जाएगा।पर पहले सभी खाना तो खालें.?
हाँ संध्या जी, मयंक आओ बेटा चलो पहले खाना खाते हैं।अब आगे की कार्यवाही कल से शुरुआत करते हैं।
खाना खाकर मयंक और संध्या जाने लगते हैं,तो वंशउन्को रोक लेता है। रुक जाओ ना पापा, नहीं तो मुझे भी संग ले चलो.? मुझे आपके संग रहना है।
बेटा अभी मेरी तबियत ठीक नहीं है,छोटे बच्चों को जल्दी इंफेक्शन हो जाता है।इसलिये आपकी मम्मा आपको दूर ले आईं हैं।
कल मैं डॉक्टर के पास जाऊँगा, उनसे दवा लेकर जल्दी से बढ़िया होकर आपको अपने संग ले जाऊँगा।आप मेरा इंतजार करोगे ना.?हाँ पापा.लव यू पापा।लव यू टू माई डियर।
मयंक वहाँ से चला गया। शिल्पा बेटा वंश को सुला दो और तुम भी आराम करो। शिल्पा भी सोने चली गई। मैंने मयंक से वादा तो कर दिया, मैं इंतजार करूँगी।
पर क्या मैं दोबारा से उसी तरह जी पाऊँगी.? कहीं अतीत की यादें हमारा कल तो खराब नहीं करेंगी।
अब तो वंश भी मयंक से दूर नहीं रह पाएगा। खैर छोड़ो. पहले मयंक पूरी तरह ठीक हो जाए।
, रेवती तुम्हें क्या लगता है.? शिल्पा मयंक को अपना पाएगी.?अपना तो लेगी जतिन.! कड़वी यादें कितना भी चोट करें,प्यार के आगे हार जाती हैं।
अब तोउन्को जोड़ने वाली कड़ी उनका बेटा वंश बीच में है। शिल्पा भी अकेले कब तक जिएगी.?वो किसी और को मयंक की स्थान नहीं देगी।
हम लोग चार वर्ष से प्रयास कर रहे हैं।पर उसने हमारे हर प्रपोजल को ठुकरा दिया।ऐसे में यदि वह दोबारा मयंक से शादी का फैसला करती है तो हमें भी उसकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
यही वंश के भविष्य के लिए बढ़िया होगा।हम्म शायद तुम सही हो.? चलो अभी रात ज्यादा हो गई, सुबह डॉक्टर सिन्हा से मिलने जाना है।
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शिल्पा जतिन और राघव भागदौड़ करके की डॉक्टरों से सलाह लेकरएक ही नतीजे पहुँचते कि जितनी जल्दी हो सके उनका ऑपरेशन हो जाना चाहिए।
मयंक भी ऑपरेशन के लिए तैयार हो गया था, डॉक्टर ने मयंक के कुछ नयी रिपोर्ट निकाली थीं।वही रिपोर्ट लेकर राघव आया था।
मयंक दो दिन तुम्हारा ऑपरेशन है। फाइनल डेट आ गई है।मैं ठीक तो हो जाऊँगा ना शिल्पा.? हाँ मयंक तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे।
चिंता मत करो हम सभी की दुआएं तुम्हारे संग है।सब बढ़िया होगा भगवान पर भरोसा रखो। पापा आपको अभी डर लगता है.?
मैं हूँ ना.! देखो मुझे डर नहीं लगता मैं जल्दी डॉक्टर से सुई लगवा लेता हूँ वंश मासूमियत से बोला।नहीं बेटा पहले डर लगता था।
पर अब बिल्कुल डर नहीं लगता क्योंकि मेरा बहादुर बेटा जो मेरे पास है। शिल्पाएक बात बोलूँ.? क्या ये दो दिन मैं वंश के संग रह सकता हूँ।
मैं उसे जी भरके प्रेम करना चाहता हूँ, दिन-रात उसके संग रहना चाहता हूँ । क्या हम सभी लोग दो दिन संग रह सकते हैं।
क्या पता दो दिन पश्चात क्या हो.?इसे बात पर शिल्पा चुप हो जाती है। और जतिन देखने लगती है। हाँ बेटा क्यों नहीं, हम सभी लोग कल सुबह ही तुम्हारे घर आते।
दो दिन कोई काम नहीं होगा।हम सभी तुम्हारे संग ही रहेंगे। ज्यादा दिन हो गए सभी ने मिलकर कोई मस्ती भी नहीं की।
यह दो दिन फुल एंजॉय.! सच्ची पापा शिल्पा खुश होकर बोली। हाँ बेटा इन चार सालों में हम लोग खुशियाँ मनाना ही भूल गए।
हम कल आ रहे हैं। मयंक खुश हो जाता है। ठीक है दोबारा मैं कल के लिए तैयारी शुरुआत करता हूँ,हम फुल मस्ती करेंगे जतिन फोन रख देता है।
मयंक राघव को फोन करता है। हैलो राघव मैं चाहता हूँ,दो दिन हम सभी लोग संग रहे। वैसे भी तुम्हारी शादी में मैं आ नहीं पाऊँगा।
क्यों न हम गीत संगीत से भरी मस्ती करें। शिल्पा भी आ रही है, मम्मी पापा को भी बुलाया है । तुम और अंशु भी दो दिन के लिए आ जाओ, हम सभी संग रहेंगे।
ठीक है मयंक.जैसा तुम चाहो। हम लोग आते हैं, शिल्पा अपनी फैमिली के संग मयंक के घर पहुँच जाते हैं।
राघव की और से शिल्पा, चिंटू संध्या और मौसी जी लड़के , वाले बन जाते हैं। अंशु की और से मयंक,वंश, जतिन और रेवती।सब मिलकर ज्यादा मस्ती करते हैं।
शिल्पा और अंशु ने किचन संभाल लिया था।दो दिन कब बीत गए पता ही नहीं चला। मम्मा इंडिया में कितना मज़ा आता है।अब हम पुनः नहीं जाएंगे।
हाँ बेटा अब हम पुनः नहीं जाएंगे। यहीं रहेंगे अपनों के बीच अपनों के साथ।अब आप दादी के संग खेलो, मैं और नानू पापा को हॉस्पिटल ले जाते हैं।
शिल्पा जाने से पहले मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। क्या तुम मेरे संग आ सकती हो.? ऐसी क्या बात है मयंक. शिल्पा ने पूछा? बढ़िया चलो। शिल्पा मयंक के संग कमरे में चली जाती है।
मयंक के संग कमरे में पहुँच के शिल्पा बोली, मयंक हम लेट हो रहे हैं।कहो क्या कहना है। मैं तुम्हेंएक बार गले लगाना चाहता हूँ।
मयंक की आँखों से आँसू बरस पड़े। मुझे ज्यादा डर लग रहा है शिल्पा,सब छूट रहा है। तुम मम्मी वंश पता नहीं दोबारा मिल पाऊँगा।
बसएक बार गले लग जाओ मेरे. मयंक बाहें फैलाकर बोला।कल मैं लौट पाऊँगा या नहीं, नहीं जानता।पर शायद तुम्हारा अहसान मुझे मौत से लड़ने की ताकत देता रहेगा।
मयंक.!! शिल्पा रोते हुए मयंक से लिपट गई। तुम्हें कुछ नहीं होगा मयंक,दोनों एक-दूजे से अलग नहीं होना चाहते थे। , मयंक चलो बेटा देर हो रही है जतिन आवाज लगाते हैं।
मयंक चलें.? शिल्पा स्वयं को सयंत करती है। मयंक हामी भर देता है।बाहर् आकर संध्या को गले लगाकर, चलता हूँ माँ।बेटा सभी बढ़िया होगा,मेरा विश्वास कहता है।
बाय पापा.!!लव यू . वंश मयंक के पास आकर बोला।लव यू टू माई डियर, मैं जल्दी पुनः आऊँगा। ओके पापा।
शिल्पा, राघव जतिन और मयंक अस्पताल के लिए निकल गए। संध्या की आँखों से आँसू बह निकले। संभालिए आँटी अंशु संध्या को संभालते हुए बोली।
सर बिल्कुल ठीक हो जाएंगे। बेटा मेरा दिल अभी से बैठा जा रहा है।तूएक काम कर मुझे भी वहाँ ले चल।पर आँटी सर ने आपको आने से स्वच्छ मना किया है।
वो तो जिद्दी है.कभी बात नहीं मानता।पर अब मैं नहीं रुक सकती. मुझे भी मेरे बेटे के पास जाना है। दीदी मैं भी चलूँ.? नहीं छोटी तू रेवती जी के संग रुक।
अंशु संध्या जी सही कह रही हैं,वो मम्मी हैं,भला कैसे घर बैठ सकती हैं। दोबारा इधर रहकर तो और बेचैन हो जाएंगी। तुमउन्को ले जाओ।
जी आप ठीक रही हैं। चलिए आँटी मैं आपको अस्पताल ले चलती हूँ। अंशु संध्या को लेकर चली जाती है। रेवती वंश को लेकर वहीं रुक जाती है।
संध्या जी अस्पताल पहुँची तो मयंक ऑपरेशन के लिए जा रहा था।माँ आप.? मैंने मना किया था ना.? दोबारा भी आप , आ गई।
बहुत जिद्दी हैं आप. तेरी मम्मी हूँ कैसे रुक सकती थी तुझे इधर छोड़कर. संध्या डॉक्टर से हाथ जोड़कर,प्लीज मेरे बेटे को ठीक कर देना डॉक्टर।
आप लोग उपरि वाले से प्रार्थना कीजिए,हम लोग अपना काम करते हैं। कोशिश करेंगे सभी बढ़िया हो।
तीन घंटे ऑपरेशन चला, डॉक्टर आकर बताते हैं। बधाई हो ऑपरेशन तो सफलता पूर्वक हो गया ।पर सही मायने में सफलता मिली है या नहीं.?यह मयंक के होश आने पर पता चलेगा।
मतलब.? शिल्पा ने परेशान होते हुए पूछा। मतलब ये ट्यूमर ज्यादा डीप था। मयंक के दिमाग पर उसका कितना गंभीर असर पड़ा है.वह चिंताजनक है.? कहीं वो अपनी याददाश्त न खो बैठे.?
शिल्पा की खुशी काफूर हो गई। कहीं मयंक मुझे और वंश को भूल गया तो ये सोचकर उसकी आँखों में आँसू आ गए।अब तो वंश भी उससे दूर नहीं रह सकता।
सब ठीक होगा बेटा तू चिंता मत कर. संध्या बोली।हाँ सभी बढ़िया होगा बेटा जतिन शिल्पा से बोले।
राघव, अंशु तुम लोगों को शादी के कई काम हैं, तुम दोनों जाओ अपने काम देखो।
नहीं ठीक है हम रुकते हैं ना राघव ने कहा। नहीं राघव अब ज्यादा टाइमहो गया तुम लोग जाओ, आराम करो। अंशु के , घर पर सभी चिंता कर रहे होंगे।
हम्म ठीक है,हम चलते हैं,अपना ध्यान रखना, कोई काम हो फोन करना ।राघव और अंशु भी चले गए। पापा आप माँजी को लेकर घर चले जाओ,थोड़ा आराम कर लो।
नहीं बेटा जब-तक मयंक को होश नहीं आता, संध्या जी का रुकना जरूरी है। क्या पता सही में वो हमें भूल गया तो.?अपनी मम्मी को तो पहचान लेगा।
हम्म सही कहा पापा.! शिल्पा का मन हो रहा था,वो जोर-जोर से रोने लगे।हे भगवान ये कैसी परीक्षा ले रहो हो मेरी। मयंक को पाने की खुशी देते-देते, उसके दूर होने का डर देने लगे।
अब जब मैं दोबारा से मयंक को खोना नहीं चाहती तो उसके भूलने का डर सताने लगा।तभी नर्स डॉक्टर को बुलाने भागी। ये देख सभी घबरा गए।
क्या हुआ सिस्टर.?आप इतनी जल्दी में? सभी ठीक तो है.? मयंक ठीक है ना, उसको कुछ हुआ तो नहीं.? शिल्पा ने घबराकर पूछा।
नर्स बोली, चिंता मत कीजिए सभी बढ़िया है। मयंक सर को होश आ रहा है।इसलिये डॉक्टर को बुलाने जा रही हूँ। नर्स डॉक्टर को लेकर पुनः रूम में चली गई।
शिल्पा की घबराहट बढ़ती जा रही थी।बैठ जा बेटा,क्यों चिंता कर रही है.?सब बढ़िया होगा।
डॉक्टर सिन्हा आकर कहते हैं,सब बढ़िया है, मयंक अपनी , मम्मी से मिलना चाहता है।आप सभी एक-एक करके उससे मिल सकते हैं।
संध्या तेजी से मयंक के पास चली जाती हैं।मेरा बेटा तू ठीक है न.?हाँ मम्मी मैं ठीक हूँ। तेरे आशीर्वाद ने मुझे नयी ज़िंदगी दी है माँ।
चल अभी बातें नहीं आराम कर. संध्या ने प्रेम से डपटते हुए कहा।बाहर शिल्पा मन ही मन,पक्का मुझे भूल गया है मयंक.तभी मुझसे मिलने को नहीं कहा।
तभी संध्याबाहर् आकर कहतीं हैं।जा बेटा तू भी मिल ले मयंक से।माँजी मयंक ने कहा.? नहीं उसने नहीं कहा, मैं कह रही हूँ।
शिल्पा का दिल बैठ गया। जिसका डर था वहीं हुआ उसनेएक बार भी मेरा नाम नहीं लिया।शिल्पा डरते-डरते मयंक के पास पहुँच गई।
कैसे हो मयंक.हम्म ठीक हूँ। मयंक का रूखा-रूखा-सा जवाब सुनकर शिल्पा का दिल टूट गया।ठीक है आप रेस्ट करो मैं चलती हूँ।
शिल्पा उठकर जाने के लिए मुड़ी तो आँसू छलके गए। मुझे भूल गए मयंक शिल्पा दरवाजे की ओर आँसू पोछते हुए जाने लगी।
बस इतना ही प्रेम करती हो मुझसे.? मयंक पीछे से बोला। शिल्पा चौंककर मुड़ी तो मयंक उसे देखकर मुस्कुरा उठा।
मयंक.!!! तो आपको ऐसी हालत में भी मजाक सूझ रहा , था। आपको क्या पता मैं आपसे कितना प्रेम करती हूँ। आपने तो मेरी जान ही निकाल दी, कहते हुए शिल्पा रोने लगी।
तुम्हारे मुँह से यही सुनना चाहता था शिल्पा।इसलिये छोटा-सा झूठ बोल दिया। सॉरी क्षमा कर दे यार. आपको इतनी आसानी से माफी नहीं मिलने वाली।
शिल्पा रोते हुए बोली।बस भी करो शिल्पा ज्यादा दर्द दिया है तुम्हें,रोक दो बहने सेइसे दर्द के सैलाब को। अबएक भी आँसू बर्दाश्त नहीं है मुझे।
बस अब बातें नहीं आराम करो। मैं मांँ और पापा को घर भेज देती हूँ। मैं यहींबाहर् बैठी हूँ।
शिल्पाबाहर् आकर पापा के गले लग गई।पापा मयंक ठीक है,वो कुछ नहीं भूला। ये देख जतिन समझ गए शिल्पा के दिल में क्या है।
यह तो ज्यादा खुशी की बात है। जतिन मयंक के पास जाकर जेब से पैसे निकालकर मयंक के सिर पर घुमाकर वार्ड बॉय को देते हैं।पूरे स्टॉप को मिठाई बांट दो।
चलिए संध्या जी अब आप घर चलिए। शिल्पा मयंक की देखभाल में दिन-रातएक कर देती है।आज मयंक को छुट्टी मिलने वाली थी।
राघव और चिंटू दोनों अस्पताल में मौजूद थे।वंश घर पर अपने पापा का इंतजार कर रहा था। डॉक्टर से सलाह-मशवरा करने के पश्चात तीनों घर निकल गए।
, रेवती जी जरूर आपसे पिछले जन्म का कोई रिश्ता है मेरा। इतनी बड़ी विपदा में आप लोगों के संग और प्रेम हमें सहारा देता रहा।
नहीं संध्या जी!!यह उपरि वाले की मर्जी थी। मयंक इतनी बड़ी तकलीफ़ से जूझ रहा था।यह उसकी मर्जी थी तभी तो शिल्पा इधर आई और टाइमपर मयंक को इलाज मिला,आज वो ठीक है।
सही कहा रेवती जी.!! नहीं तो मयंकइसे बीमारी को कभी किसी पर जाहिर नहीं करता।लो आ गया मेरा बेटा.!छोटी आरती की थाली लेकर आ।
पापा की आरती मैं उतारूँगा दादी.! अबे तू इतना छोटू-सा है,तू रहने दें चिंटू ने वंश को छेड़ते हुए कहा। जतिन ने वंश को गोद में उठा लिया।
अब वंश सबसे बड़ा हो गया।लाओ भाई वंश को देदो आरती की थाली।वंश खुश होकर मयंक की आरती उतारने लगता है।
संध्या ने रीता से मयंक की देखभाल के लिए बात करली थी।उन्को मालूम था, शिल्पा मयंक के घर आने के पश्चात इधर नहीं रुकेगी।
शिल्पा इससे मिलो ये रीता है। मेरी बेटी ही समझो इसे, इसके कारण आज मैं चल-फिर रही हूँ। ज्यादा सेवा की है इसने मेरी,मयंक को भी भाई की तरह संभाला है।
तुम तो अब अपने घर चली जाओगी। रीता को सभी समझा , देना, कैसे और कब कौनसी दवा लेनी है । जी माँजी.!!
मयंक अब मुझे चलना चाहिए शिल्पा मयंक से बोली।यहीं रुक जाओ ना शिल्पा.? मयंक हम अलग हो चुके हैं,ऐसे में इधर रुकना शोभा नहीं देता।
तुम अभी भी नाराज हो.?मत जाओ शिल्पा। मुझे दोबारा से छोड़कर नहीं जाओ मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता।
तुम चाहते हो मैं इधर रुकूँ.? उसके लिए तुम्हें माँ-पापा से अनुमति लेनी होगी। उसके लिए तुम्हें ठीक होना पड़ेगा मयंक।हम बिना शादी किए संग नहीं रह सकते।
चलती हूँ. शिल्पा चली जाती है।माँजी कोई भी जरूरत हो तो फोन करना। दो-तीन मैं ज्यादा व्यस्त हूँ, राघव की शादी है दोबारा हम लोग मिलने आते हैं।
शिल्पा और शिल्पा की फैमिली राघव की शादी में व्यस्त हो गए।राघव तन्हा थाइसलिये जतिन ने उसकी शादी की सभी जिम्मेदारी अपने उपरि ले ली थी।
वंश को शादी के फंक्शन देखकर ज्यादा आनंद आया। उसने चिंटू के संग मिलकर खूब मस्ती की। शादी की मस्ती में वंश मयंक को भूला था।
राघव और अंशु विवाह बंधन में बंध गए थे।एक दिन वंश सुबह-सुबह जिद्द करने लगा। मम्मा मुझे पापा के पास जाना है।
हम्म किसी दिन चलेंगे बेटा.!पर मुझे अभी जाना है।अब तो पापा ठीक हो गए होंगे।
, हम ऐसे नहीं जा सकते बेटा.! आपके पापा जब हमें लेने आएंगे तभी हम उनके इधर जाएंगे अभी आप खेलो।शिल्पा वंश को बहला फुसलाकर कर भेज देती है।
मयंक शिल्पा के लिए ज्यादा बेचैन हो रहा था। उसने जतिन को बुलाया था। मयंक क्या हुआ.? तुमने मुझे इधर अकेले क्यों बुलाया है।
पापा में अपने किए पर ज्यादा शर्मिंदा हूँ।भगवान ने मुझे मेरी गलतियों के लिए क्षमा कर दिया,इसलिये मुझे दूसरी ज़िंदगी देदी।
अब मुझे मेरी ज़िंदगी सौंपकर मुझे क्षमा करदो पापा। मुझे मेरी शिल्पा और वंश देदो ।पर बेटा मैं कौन होता हूँ शिल्पा की ज़िंदगी का फैसला लेने वाला।
एक बार फैसला लिया वो ग़लत साबित हो गया।।अब शिल्पा जो चाहे जैसा चाहे,हम उसके फैसले में शामिल हैं। चलता हूँ, शिल्पा से बात करता हूँ।
जतिन शिल्पा से बात करते हैं।तेरा क्या फैसला है बेटा.? पापा यदि मयंक सम्मान के संग मुझे अपनी पत्नी बनाकर ले जाए,तो मैं उसके घर जाऊँगी।
ऐसे वहाँ बार-बार जाना मुझेपस्न्द नहीं है।अभी जाती हूँ तो आसपास के लोग कैसी-कैसी नजरों से देखते हैं। मुझसे सहन नहीं होता।
आँटी अब मयंक सर बिल्कुल ठीक हैं रीता बोली।अब मेरी जरूरत नहीं है मैं कल से नहीं आऊँगी। मयंक सर को सिर्फ , ये दवा औरएक महीने तक लेनी है।
रीता चली जाती है।माँ मैं शादी करना चाहता हूँ.? मयंक ने सुबह-सुबह संध्या को झटका दिया। शादी.!! किससे और क्यों.? अभी तो शिल्पा पुनः आ गई है।
शिल्पा ने तुझे क्षमा कर दिया. इतना सुंदर बेटा है तेरा.? दोबारा अचानक ये शादी.? संध्या ने परेशान होते हुए पूछा।हाँ मम्मी शिल्पा ने मुझे क्षमा कर दिया।
पर अब वो मेरी पत्नी नहीं है,वो इधर नहीं रह सकती।यह बात मेरे दिमाग से कैसे निकल गई। मैं खुशी में इतना पागल हो गई कि इतनी बड़ी बात भूल ही गई।
मैं अभी ही रेवती जी और जतिन जी से बात करती हूँ। दोनों की मँजूरी पाकर शादी की तैयारियाँ शुरुआत हो जाती हैं।राघव और अंशु शादी की सारी जिम्मेदारी अपने उपरि ले लेते हैं।
शिल्पा और मयंकएक बार दोबारा विवाह के बंधन में बंध जाते हैं। शिल्पा दुल्हन बनकर दोबारा उसी घर में गृह प्रवेश कर रही थी।
जहाँ से कभी बेइज्जत होकर निकली थी।पूरे सम्मान के संग मयंक के संग अपने घर में कदम रखते हुए खुशी के आँसू छलक पड़े।
सबकी ज़िंदगी में खुशियाँ लौट आई थीं। संध्या जी मंदिर में दिए जला रही थी। भगवान से प्रार्थना कर रही थी। अब मेरे बच्चों की ज़िंदगी में भरपूर खुशियाँ देना प्रभू।
दोनों की आँखों से ज्यादा दर्द का सैलाब बहा है।अब खुशी भरे , सपने सजा देना।चल छोटी आज ज्यादा दिनों पश्चात चैन की नींद आएगी।
तुम दोनों भी आराम करो।वंश आज दादी के पास कहानी सुनेगा है ना वंश.?हाँ वो मंकी वाली अधूरी रह गई थी दादी। गुड नाईट मम्मा-पापा वंश संध्या के संग उनके रूम में चला गया ।
मयंक अब तो कोई पारुल हमारे रिश्ते को तबाह नहीं करेगी.? शिल्पा ने मयंक के गले लगते हुए पूछा।हम्म कह नहीं सकता. मयंक उसे छेड़ते हुए बोला।
मयंक!! शिल्पा गुस्से से तिलमिलाई।अरे बाबा मजाक कर रहा हूँ।अब तो मैंने मेरी भी पॉवर ऑफ अटॉर्नी तुम्हारे हाथ में सौंप दी है शिल्पा।
यह सभी करके मरना है क्या.? मयंक हँसते हुए बोला।हम्म ये बात तो सही कही मयंक अब मैं चुपचाप रोकर नहीं बैठने वाली,तो बचके रहना मुझसे, दोनोंइसे बात पर खिलखिलाकर हँस पड़े
समाप्त
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