Rajsharma Sex Story : प्रेम सेक्सी कहानी डॉली और राज की (Romance Special)
पर्चा राज के हाथ में ही था ,राज ने अपनी मोटरसाइकिल निकाली और जल्दी से डॉली की दवाइयां भी ले आया ,आकर उसने डॉली से ही दवाइयों के बारे में समझा
औरएक एक दवाई खोलकर डॉली को पिलाने लगा, राज डॉली का ध्यान रख रहा था
और डॉली के ध्यान में तो राज ही था
डॉली को पूनम की कही हुईएक एक बात याद आ रही थी, पूरी रात यही स्ट्रेस तो डॉली के दिमाग में था ,और शायद इसी की वजह से उसका बुखार इतना बढ़ गया था
डॉली ने ज्यादा सोचा ,हर पहलू से सोचा
हर तरह से सोचा ,अभी भी वह सोचती ही जा रही थी, पूनम की कही हुईएक एक बात डॉली को सच महसूस हो रही थी
आज राज के लिए वह अपने अंदर के भावों को समझने की कोशिश कर रही थी जब राज ने डॉली को सारी दवाइयां खिला दी,और देखा कि इधर पानी नहीं था
तो पानी लेने रसोई में चला गया, तब तक डॉली ने देखा कि सामने ही दीवार पर टंगे हुए मंदिर से, कान्हा जी का मुकुट उनके माथे से निकलकर जमीन पर आ गिरा है डॉली धीरे-धीरे से उठी ,और जाकर कान्हा जी का मुकुट
हाथ में लेकरउन्को पहनाने की कोशिश करने लगी,,,,
डॉली ने धीरे-धीरे से कान्हा जी के सर पर उनका मुकुट पुनः रख दिया ,औरएक बार उनकी तरफ देख कर मुस्कुराई, कान्हा ,मेरे भाई मेरे सखा ,सब कुछ तुम ही हो ,मेरे दिमाग में इतनी सारी उलझने चल रही है
तुमने मेरा हर कदम पर संग दिया है
जब भी मैं भटकी हूं तुमने मुझे राह दिखाइ है ,मेरा सहारा तुम बने हो ,मेरी उलझने तुमने ही सुलझाइ है
लेकिन अब मेरे संग जो हो रहा है
ना तो वह उलझन है ,नहीं कोई परेशानी है और ना ही कोई ऐसी बात है जिसकी शिकायत में तुमसे करूं, बसइसे बार यदि मुझे जरूरत है ,तो अपनी समझ की
सब कुछ समझते हुए भी मैं क्यों जान नहीं पा रही हूं ,कान्हा जी तुम मेरी मदद करो मुझे बताओ कि
सच क्या है
कान्हा जी पूनम ने कहा था कि राज को मेरे लिए ही बनाया है ,लेकिन मैं क्यों नहीं समझ पाई ,
अभी तक राज के संग अपने रिश्ते को लेकर मैं नासमझ क्यों हूं
कान्हा जी मैं तो 8 वर्ष की थी तभी मेरी मम्मी और कुछ दिनों पश्चात ही बापू मुझे छोड़ कर चले गए थे ,तब से मैं बिल्कुल अकेली हूं लेकिन आपने मुझेइसे घर में भेजा
तो आप मुझे भी बता दो कि मेरी किस्मत में किसका संग लिखा है ,वह कौन है जो आकर मेरे संग खड़ा होगा ,जिसका हाथ पकड़ कर मैं पूरी जिंदगी चलूंगी ,कान्हा जी आपको मुझे बताना ही होगा ,,,
जिस मंदिर में डॉली के कान्हा जी बैठे थे उनके ठीक उसी के पीछे कान्हा जी कीएक बड़ी सी कांच से जड़ी हुई तस्वीर भी रखी थी जिसे डॉली के जन्मदिन पर राज मेले से लेकर आया था
डॉली लगातार अपने कान्हा जी से ये प्रश्न करती ही जा रही थी, कि कान्हा जी मुझेइसे बात का एहसास करवाइए कि मेरा संग किसके लिए है
और सामने रखी बड़ी सी कांच की तस्वीर में डॉली को राज का चेहरा नजर आया
जो डॉली के बगल में आकर खड़ा हो गया था ,कान्हा जी की परछाई के पीछे डॉली और राज दोनों का चेहरा स्वच्छ नजर आ रहा था ,राज को देख कर डॉली का मुंह खुला का खुला रह गया
जब वह मुड़ी तो देखा कि पानी का गिलास लेकर राज
ठीक उसके पीछे ही खड़ा था डॉली ने राज को देखा और राज डॉली को पानी पिलाने लगा, लेकिन पानी पीते हुए डॉली ज्यादा ध्यान से राज को देखती जा रही थी ,आज कान्हा जी से पूछे हुए सवालों का जवाब उसे मिल चुका था
अब उसे जानने के लिए कुछ भी बाकी नहीं था ,वह सभी कुछ समझ गई थी
उसे तो हमेशा ही स्वयं से ज्यादा भरोसा अपने कान्हा जी पर रहा है
सब कुछ उन्ही पर तो छोड़ रखा है उसने शुरुआत से आज तक जब वह इतनी बड़ी उलझन में थी ,तो ये कैसे हो सकता था कि कान्हा जी उनका संग ना दे
वह हर बात समझ चुकी थी ,सब कुछ जान चुकी थी, अब कुछ भी कहने या सुनने के लिए बाकी नहीं था ,उसे राज में अपने भोलेनाथ दिखाई दे रहे थे
राज का प्रेम भी तो बिल्कुल भोलेनाथ की तरह ही अजर अमर और निश्चल था
जिसमें कोई झूठ ,कोई फरेब ,और कोई धोखा नहीं था ,एकएक बात अच्छी तरह से डॉली कि समझ में आ गई थी
पानी पीते पीते उसके होठों परएक मुस्कुराहट आ गई ,और आंखें राज के चेहरे से हट ही नहीं रही थी, वह राज को देखे ही जा रही थी,,,,,,,,
डॉली लगातार राज की आंखों में देखे ही जा रही थी, वह भी राज की आंखों में अपनी परछाईदेख्ना चाहती थी, कि वह कितनी गहराई से राज की आंखों में समाई हुई है बह राज में स्वयं को ढूंढ रही थी
आज सारी बातें स्वच्छ हो चुकी थी
उसे सभी कुछ महसूस होने लगा था , कि राज का अपनापन ,उसकी देखभाल और उसकी डांट ये सभी प्रेम ही तो है
राजइसे प्रेम को चाहे कुछ भी नाम दे लेकिन डॉली को आज अपने मन में राज के लिए प्रेम की अनुभूति हो चुकी थी
डॉली का कतरा कतरा राज के प्रेम की गवाही दे रहा था ,डॉली भी तो राज की जो देखरेख करती थी, उसकी इज्जत करती थी उसकी सारी चीजों की परवाह करती थी उसके घर के लिए ,उसके ढाबे के लिए काकी के लिए, मन में जो रिस्पेक्ट ,जो प्रेम और जो चिंता थी ,वह प्रेम ही तो है
इन्हीं सभी चीजों से तो प्रेम को आंका जाता है अब कुछ और समझने के लिए बाकी नहीं रहा था, राज के हाथ
में अब भी पानी का गिलास था ,और डॉली बड़ी-बड़ी आंखों से एकटक राज को से देखे जा रही थी
राज को कुछ अजीब लगा तो उसने डॉली को आवाज लगाई ,,महारानी अपुन को तू
घूरने क्यों लगती है ,अपन तेरे लिए पानी लेने को गया था ,और तू इधर मंदिर के पास आकर अपने कान्हा जी से क्या खुसर पुसर कर रही थी, अपन को पक्का यकीन है अपनी कंप्लेन कर रही होगी
तो देखएक बात मैं तेरे कान्हा जी को पहले ही बता देता हूं ,अगर तूने दवाइयां खाने में या अपना ध्यान रखने में जरा भी लापरवाही की और डाँट के संग साथ तुझेएक चपत भी लगाना पड़ा ना ,तो लगा दूंगा
औरइसलिये अपन तेरे कान्हा जी को पहले ही बता देता हूं ,कि वह तेरे को समझा दे डॉली मुस्कुराई और राज के हाथ से पानी पीने लगी ,,,वह पानी का पूरा ग्लास ख़त्म कर चुकी थी ,पानी ख़त्म हुआ तो राज ने उसे पुनः बेड पर बैठा दिया
और सख्त हिदायत देकर कि जब तक पूरी तरह से ठीक नही हो जाती, तब तक ना तो डॉली घर के कोई काम करेगी और आंगनबाड़ी तो बिल्कुल भी नहीं जाएगी इतना कहते हुए ढाबे के लिए निकल गया जाते-जाते काकी से भी डॉली का ध्यान रखने के लिए कह गया था,,,,,
डॉली मेंटली तो पूरी तरह से फिट हो चुकी थी ,बस बुखार की वजह से थोड़ी सी कमजोरी महसूस हो रही थी,,,,,
राज के जाने के पश्चात पिछले 5 सालों की सारी बातें एक-एक करके डॉली के दिमाग में घूमने लगी थी, जिस दिन सेइसे घर में आई उस दिन से आज तक उसे कभी भी राज की किसी भी बात से दुख नहीं पहुंचा था
हां ये जरूर था ,कि पहले बह राज से डरती थी, उससे ज्यादा बात नहीं करती थी और उसके पास भी नहीं जाती थी
लेकिन तब भी अपने लिए उसने राज की आंखों में फिकर ही देखी थी
चाहे वह भले ही उससे दूरी बनाकर रखती थी, क्योंकि तब वह बच्ची थी
और उसे लगता था ,राज ज्यादा ही सख्त है पर तब भी यदि राज उसके आस पास होता तो वह निश्चिंत हो जाती थी
हमेशा ही आंख बंद करके भरोसा किया है उसने राज और काकी पर ,और सच में यही तो प्रेम है ,डॉली अब तक क्यों नहीं समझ पाई थी ,कि राज के अलावा उसकी जिंदगी में कोई और हो ही नहीं सकता
डॉली दिल ही दिल में पूनम को थैंक यू बोल रही थी ,क्योंकि यदि पूनम ये सभी नहीं बताती ,तो वह अपने रिश्ते को नाम ही नहीं दे पाती, उसे समझ ही नहीं आता
कि उसके और राज के बीच जो रिश्ता है वह सिर्फ और सिर्फ प्रेम का रिश्ता है जिसकी अनजान डोर से दोनों कब के बंध चुके हैं ,लेकिन अभी तक जिस तरह
डॉली कोइसे बात की भनक नहीं थी
और समझ नहीं थी, इसी तरह राज को भी समझ नहीं है ,कि वो डॉली से प्रेम करता है पर डॉली ने सोच लिया था ,कि वह राज के दिल में अपने लिए प्रेम जगा कर ही रहेगी सभी सोचते हुए डॉली को मीठी मीठी नींद आने लगी थी ,वह सो गई जब दोपहर में बहुत ने उसे खाने के लिए उठाया ,तो उसे बहुत बढ़िया लग रहा था
शरीर की सारी थकावट दूर हो चुकी थी
और मन भी ज्यादा हल्का था ,डॉली ने खाना खाया और दवाई खाकर काकी ने उसे दोबारा आराम करने के लिए कहा ,डॉली ने कहा कि मैं बिल्कुल ठीक हूं ,अब मुझे आराम की जरूरत नहीं है ,काकी ने काम करते हुए कहा डॉली तू जाने और राज यदि राज आ गया और उसने तुझे घर में घूमता हुआ देख लिया ,तो डांट सुनने के लिए तैयार रहना पर मेरे पास मत आ जाना ,कि वह तुझे डांटता है ,इसलिए तेरी भलाई इसी में है कि जाकर चुपचाप अपने कमरे में आराम कर ले डॉली मुंह बनाते हुए पुनः कमरे में चली गई क्योंकि वह जानती थी
सच में पहले उसे डाँटेगा , उसके पश्चात उसकी दूसरी बात शुरुआत होगी ,इन 5 सालों में राज ने डॉली के संग हर तरह का बर्ताव किया था ,जैसे कि हमारे घर वाले हमारे संग करते हैं ,परएक चीज का एहसास डॉली को हुआ ही नही था,वह था,राज का प्रेम से बोलना राज या तो डॉली का मजाक उड़ाता था
या उसे डांटता था ,या दोबारा उसकी चिंता करता
था ,लेकिन प्रेम के दो शब्द उसने डॉली से कभी नहीं बोले, शायद उसे प्रेम से बोलना आता ही नहीं था, उसकी डांट में ही उसका अपनापन और प्रेम छुपा था
लेकिन अब डॉली राज के मुंह से अपने लिए प्रेम के वो ढाई अक्षर सुनना चाहती थी जिसकी अनुभूति उसे आज हो गई थी
पर ये बात तो डॉली की समझ सेबाहर् थी कि ,आखिर वह बात की शुरुआत करे कहां से ,अब सांझ होने को आई थी
और डॉली को काकी ने शुरुआत से ही समझाया कि दीया बत्ती के टाइम उठ कर बैठ जाना चाहिए, पलंग में पड़ा रहना शुभ नहीं माना जाता ,डॉली उठी अच्छे से हाथ मुंह धो कर कपड़े बदले ,और बाल काढ़ते हुए स्वयं को शीशे में देखा ,तो चेहरा कुछ उतरा हुआ लग रहा था, जब उसे राज का ख्याल आया तो उसने बाल बनाते हुए चेहरे पर क्रीम लगाई दोबारा भी चेहरा कुछ उदास और रंगहीन लग रहा था ,तो पास ही रखे काजल पर उसकी नज़र गई आंखों में अच्छे से काजल लगा लिया लेकिन डॉली को अब भी कुछ कमी लग रही थी, इधर उधर देखते हुए कि कहीं राज तो नहीं आ रहे है
उसने अपने होठों पर हल्की सी लिपस्टिक भी लगा ली, वैसे तो डॉली कभी कुछ भी नहीं लगाती थी , बस कभी शादी में जाना हो तो काकी के कहने पर थोड़ा ज्यादा मेकअप कर लेती थी, इतने में ही डॉली ज्यादा सुंदर लगने लगी थी,,,
कहते हैं न मन की खुशी चेहरे पर आती है और आज
डॉली मन से ज्यादा खुश थी
राज के प्रेम से उसका रूप खिल गया था
डॉली स्वयं को बार बार आईने में देख रही थीअब उसे राज के आने का इंतजार था कि राज घर आए तो वह अपने हाथों से चाय बनाकर राज को दे, लेकिन संग ही उसे डर भी लग रहा था, किइसे तरह से देखने पर पता नहीं राज क्या कहेगे
जैसे ही डॉली को राज के आने की आहट हुई ,जल्दी से पिंक कलर का दुपट्टा ओड़ते
हुये रसोई में पहुंच गई ,शायद काकी दरवाजे पर थी ,काकी की आदत थी की शाम को खाने पीने से निपट कर कुछ देर के लिएबाहर् जा कर बैठ जाती थी
वैसे ही खाना तो राज के आने के पश्चात ही होता था , डॉली ने जल्दी से चाय चढ़ाई
एक ट्रे में चाय और पानी रखकरबाहर् ले आई
राज की नजर डॉली पर गई ,तो टॉवेल से हाथ पोछते हुए बोला
महारानी तू कहींबाहर् से आ रही है क्या मैंने तुझे मना किया था ना,कि तू घर में ही आराम करेगी, डॉली ने मुँह बनाते हुए कहा मैं कहीं भी नहीं गई थी,,, आप डॉटने से पहलेएक बार मुझसे पूछ तो लिया करो !
तू कहीं नहीं गई थी ,फिर ये सभी क्यों लगा कर रखा है ,घर में इतनी तैयार होकर क्यों घूम रही है
You are currently reading Rajsharma Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
डॉली ने दोबारा गुस्सा होते हुए कहा यदि मैं तैयार हो जाऊ तो आप प्रश्न करने लगते हैं ,और यदि मैं ऐसे ही घूमती रहूं ,तो काकी मुझे डांटती रहती हैं
मैं करूं तो करूं क्या
एक बार मुझे देख कर बताइए क्या मैं अच्छी नहीं लग रही
आप तो हमेशा मुझे डांटते रहते हैं ,चाहे मैं कुछ भी करूं, क्या कभी प्रेम से नहीं बोल सकते,एक बार देखकर मेरी तारीफ नहीं कर सकते ,कि मैं सुंदर लग रही हूं
और मुंह बनाकर राज की तरफ देखे जा रही थी, राज समझ गया कि डॉली गुस्सा हो गई है ,सिवा ने टॉवेलएक तरफ रखी और डॉली के हाथ से ट्रे लेते हुए कहा
सॉरी तुझे अपुन की बात का बुरा लग गया अरे मेरे कहने का मतलब वह नहीं थ
तू ये सभी कभी करती नहीं है ना
तो ऐसे ही अच्छी लगती है, तुझे बढ़िया लगने के लिए ये सभी करने की जरूरत नहीं है ,तू जैसी है वैसे ही ज्यादा अच्छी है
और आज ये क्या तू बहकी बहकी बातें कर रही है ,कि तू सुंदर नहीं है ,अपन तेरी तारीफ नहीं करता ,यह क्या सभी फालतू की बकवास किए जा रही है, देख तूएक ज्यादा अच्छी लड़की है, और ज्यादा अच्छी तरह से रहती है ,तू जो भी करती है सभी कुछ सही करती है, तेरा कोई भी काम गलत नहीं होता डॉली ने बीच में ही बात काटते हुए कहा राज मैं आपसे जो कुछ कहना चाहती हूं मतलब वह आप समझ नहीं रहे हैं
राज चाय पीते पीते मोबाइल भी देखता जा रहा था, उसने कहा देख ये गोल-गोल बातें करेगी तो अपन कुछ भी नहीं समझेगा
तू अपन को डायरेक्ट बता कि तू समझाना क्या चाहती है, डॉली अपनी चुन्नी को उंगली में लपेटते हुए राज के आसपास चक्कर लगा रही थी, वह चाहती थी कि राज उसे देखे ,उसकी तारीफ करे,और उसकी आंखों में आंखें डाल कर उससे बात करे
लेकिन राज चाय पीने में ,और मोबाइल में व्यस्त था
डॉली लगातार बोलती जा रही थी ,डॉली ने कहा राज में कुछ आपको समझाना चाह रही हूं ,,,
हां तो बोल ना ! क्या तेरे बोलने का मुहूर्त निकलवाना
पड़ेगा
पहले बताइए आप मुझे डांटेंगे तो नहीं
अरे नहीं ,तू बोल ना और तू कब से अपन को इतना डरने लगी है ,तुझे जो बोलना होता है वह तो तू बोलती ही रहती है
मैं जो आपसे कहने वाली हूं ,आप मेरी वह बात मानेंगे
देख में पहले ही बता देता हूं यदि मानने वाली बात होगी तो ही अपन मानेगा
और मानूंगा तो तब जब तुम मुझे बताएगी
कल मुझे आपके संग शहर चलना है
शहर पर काय के वास्ते
मुझे कुछ काम है
जो काम तुझे होगा उसका नाम भी तो होगा अभी तो शहर गए थे ,अभी शहर में कौन सा काम है ,,,,
मुझे आपके संग मूवीदेख्ना है
क्या राज चाय पीते पीछे अचानक रुक गया था ,उसने कप को टेबल पर रखा और डॉली के सामने खड़ा हो गया
महारानीएक बार दोबारा से बोलना तू क्या बोली,, डॉली ने आंखें झुकाते हुए कहा मुझे आपके संग मूवी देखने शहर चलना है
मुझे सिनेमा हॉल में मूवीदेख्ना है
महारानी तुझे कबसे सिनेमा देखने का शौक हो गया
पहले तो अपुन सिनेमा देखने ज्यादा ज्यादा
जाता था, हर संडे को जाता था
जब से तू आई है ,तब से नही गया
आज से पहले तो तू हमेशा मना करती थी और अब तुझे भी सिनेमा का शौक चढ़ गया ठीक है यदि तू कह रही है
तोएक ज्यादा ही मस्त मूवी लगी है
डॉन नंबर वन
मस्त साउथ मूवी है ,मारधाड़ से भरपूर
क्या एक्शन है हीरो का , इसका जो हीरो है ना साला ,एक लात से ट्रक को भी पीछे धकेल देता है, ठीक है मैं तुझे कल यही वाली मूवी दिखा कर लाता हूं ,और हां काकी से कह देना ,उसको भी ले चलेंगे
उसने भी सालों सिनेमा नही देखा है
खैर ये मैं तुझे क्यों बता रहा हूं ,तो वैसे भी काकी के बगैर हिलती कहां है
तो तैयार हो जाना कल ,मस्त तीन टिकट आज ही बुक करवा देता हूं
नहीं !!!! राज जो आप कह रहे हैं, मुझे वह वाली मूवी नहीं देखनी ,मुझे तो बाहुबली मूवी देखनी है
कुछ ही दिन पहले बाहुबली पार्ट 2 आया है और मेरी सहेली बता रही थी ये ज्यादा अच्छी मूवी है ,इस के गाने, इसका हीरो इसकी हीरोइन ज्यादा अच्छे हैं
और मैं चाहती हूं कि मैं आपके संग यही मूवी देखने जाऊं और हां ये मूवी काकी को तो बिल्कुल भीपस्न्द नहीं आएगी
और दोबारा कल तो एकादशी है ,उनका व्रत रहता है ,तो वैसे भी वह शहर में कहां भूखी प्यासी परेशान होंगी,इसलिये मैं आपके संग ही मूवी देखने चलूंगी
सिर्फ आप और मैं ,और कोई नहीं
महारानी तू पता नहीं अपन को कौन सी मूवी के लफड़े में डाल रही है, तब डॉली ने आश्चर्य से राज की तरफ देखते हुए कहा राज मूवी ज्यादा अच्छी है ,और जो आपकोपस्न्द है ना एक्शन ,और मारधाड़ ,इसमें वह भी है ,और जो मुझसेपस्न्द है गाने ,और लव स्टोरी ,तो वह भी है ,दोनों का ज्यादा बढ़िया कॉम्बिनेशन है
प्लीज मैं आपके संग ही मूवी देखने चलूंगी और इसके सिर्फ दो टिकट ,आप आज ही मंगवा लीजिए ,मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए और हां यदि आप मुझे मूवी दिखाने नहीं ले गए ,तो मैं पुनः कल से ही आंगनबाड़ी जाना शुरु कर दूंगी, और अपनी दवाइयां भी नहीं खाऊंगी ,शहज़ादी तू पागल हो गई है क्या ,यह क्या बच्चों जैसी जिद कर रही है चल ठीक है, तू जो कह रही है वह सभी हो जाएगा, मैं आज ही तेरी जो तूने मुझे बताइ है ना उसको बुक करवा देता हूं
इतना कहते संग ही राज फोन निकालकर किसी को टिकट बुक करवाने के लिए फोन लगाने लगा, राज ने फोन को होल्ड किया और डॉली से पूछा शहज़ादी दोपहर में 1200 से 300 का शो बुक कर दूं
डॉली ने कहा नहीं मुझे रात को 600 से 900 का शो
देखना है, दोपहर में भी भला कोई मूवी देखने जाता है क्या
और इतनी गर्मी में मैं नहीं जाऊंगी
फोन होल्ड पर था तो ,राज ने डॉली से कुछ ना कहते हुए चुपचाप रात को 600 से 900 के दो टिकट बुक कर दिए
और मोबाइल जेब में रखते हुए बोला अब तो तू खुश है ना ,और सुन दवाइयां और आराम तो बराबर करेगी, इसी शर्त पर मैं तुझे मूवी दिखाने ले जा रहा हूं डॉली ने खुश होते हुए राज की आंखों में देख कर कहा थैंक यू
और अपने कमरे में चली गई.
You are currently reading Rajsharma Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
राज मूवी जाने के लिए तैयार हो गया था
और उसने फटाफट टिकट भी बुक कर दिए तब कहीं डॉली के कलेजे में ठंडक पड़ी राज ढावे जा चुका था ,और काकी अभी भीबाहर् बैठी थी, डॉली अपने कमरे में गई और झट से अपनी अलमारी खोलकर देखने लगी कि कल वह कौन सा सूट पहनकर राज के संग मूवी देखने जाएगी, वह सारे कपड़ों को उलट पलट करती हुई कोई बढ़िया सा सूट देख रही थी
आज तक तो डॉली को कभी भी ज्यादा शौक था ही नहीं ,कहीं जाती तो कभी कभार साड़ी ,या कोई बढ़िया सा सूट पहन लेती
वह भी काकी के कहने पर, वैसे डॉली को किसी चीज की कमी नहीं रहती थी
पर उसका मन ही नहीं करता था कि वह नए-नए सुंदर-सुंदर कपड़े खरीदे, और पहने सिंपल लैगी और कुर्ता पहन कर ही आंगनवाड़ी चली जाती थी
लेकिन कुछ दिन पहले ही डॉली की सहेली की शादी थी ,तो उसके लिए डॉली नेएक ज्यादा सुंदर पटियाला सूट सिलवाया था
जिसकी शॉर्ट टाइट फिटिंग की वाइट कुर्ती ,और पिंक पटियाला सलवार के संग पिंक दुपट्टा
यह सूट डॉली के उपरि ज्यादा बढ़िया लगता था ,और जब वह इसे शादी में पहन कर गई थी ,तो सबने उसकी ज्यादा तारीफ की थी डॉली ने सूट के संग लंबे खुले हुए बाल किए और मैचिंग के झुमके भी कानों में डाले थे उस दिन राज ने भीएक झलक देखकर डॉली की तारीफ की थी
शहज़ादी तेरा सलवार कुर्ता बढ़िया लग रहा तूने कहां से सिलवाया इसे
डॉली को ये बात याद आते ही उसने झट से उसी सूट को कल पहनने के लिएबाहर् निकाल लिया , क्योंकि ये पहली बार था जब राज ने किसी ड्रेस की तारीफ की थी सूट निकालकर उस पर अच्छे से प्रेस किया और हैंगर में लटका दिया ,उसकी मैचिंग के झुमके, और चुन्नी भी निकाल करबाहर् रख दी थी, जिससे कि जाते टाइमकिसी चीज को ढूंढने में दिक्कत ना हो
डॉली कल के बारे में सोच कर अभी से ज्यादा खुश हो रही थी ,लेकिन उसने अभी तक ये नहीं सोचा था ,कि मूवी देखने तो जा रही है पर वहां जाकर भी राज से कुछ कहेगी कैसे डॉली कोएक आईडिया आया
उसने झट से अपना मोबाइल उठाया और उसमें बाहुबली 2 डाउनलोड करके उसे देखने लगी, क्योंकि वह सारी मूवी देख कर समझ लेना चाहती थी ,कि मूवी के बीच में राज से किस गाने पर और किस सीन के बारे में कौन सी बात कर सकती है
और उस बात का जवाब राज के पास है कि नहीं ,इसलिए डॉलीएक बार पहले हीइसे मूवी को अच्छी तरह सेदेख्ना चाहती थी
थोड़ी ही देर पश्चात राज और काकी अंदर आ चुके थे, जब सभी खाना खाने लगे तो राज ने कल सिनेमा जाने का जिक्र काकी के सामने किया ,,,
काकी तुझे पता है
अपनी महारानी का सिनेमा देखने का मूड बन रहा है, और उसी के कहने पर मैंने तो टिकट भी बुक करा दीये है
और अपुन इसको ले जा रहा है सिनेमा दिखाने ,लेकिन अपन ने इसके सामनेएक शर्त भी रखी है ,कि सिनेमा देखने के पश्चात ये अपना ध्यान रखे ,और घर पर रहकर आराम करे, काकी !!! इसे बात की गवाह तू ही है
वर्ना ये सिनेमा भी देख लेगी ,और अपनी बात से मुकर भी जाएगी
काकी मेने तो तुझे भी संग ले जाने की बात कही थी ,परइसे डॉली ने ये कहते हुए मना कर दिया, कि तेरा कल उपवास है तो तू कहां परेशान होती फिरेगी ,,,,
काकी ने कहा! हां बेटा बढ़िया ही किया मेरा कल उपवास भी है ,और मुझे नादेख्ना कोई फिल्म ,वहाँ 3 घंटे अंधेरे में बैठकर मेरा तो दम घुटने लगता है,और वहां इतनी ठंडक होती है , कि मुझे ठंड भी लगने लगती है राज ने हंसते हुए कहा , काकी वहां ऐ सी लगा रहता है ,इसलिए ठंडक होती है
हां जो भी हो, तुम दोनों ही देख आओ
डॉली का भी मन बहल जाएगा, काम में फंसी रहती ,वैसे भी वह कहींबाहर् कब जाती है
डॉली कभी राज को देखती और कभी काकी को,वह चुपचाप खाना खाती जा रही थी,,
वह सोच रही थी, सच में राज के मन में तो मेरे लिए कुछ भी पर्सनल नहीं है
अगर में उनसे कुछ कहूंगी भी ,तो वह बात जल्दी काकी तक पहुंच जाएगी
राज किसी बात को समझते ही नहीं
वह अपने कान्हा जी को याद करके कहने लगी,,, कान्हा जी!
राज को आप ही समझा सकते हैं
वरना कहीं ऐसा ना हो ,कि मैं उनसे कुछ कहूं औरइसे बात को काकी के साथ-साथ ढाबे पर भी सबके संग शेयर करने लगे
डॉली के होठों पर हंसी आ गई थी
पर जो भी हो ,कैसे ना कैसे बात की शुरुआत तो उसे करनी ही होगी ,औरइसे तरीके से करनी होगी कि बिना कहे ही राज ज्यादा कुछ समझ जाए,,,,,
बह जब डॉली सो कर उठी तो आज का ये दिन उसके लिए ज्यादा इंपोर्टेंट था
आज 3 दिन पश्चात उसकी कमजोरी और बुखार सभी कुछ ठीक हो गया था
और दोबारा यदि कमजोरी होती भी तो राज के साथ
रहते हुए भला उसे किस बात की चिंता थी ,वह उठी काकी के संग थोड़ा ज्यादा काम करवाया, नहा धोकर कान्हा जी को प्रसाद खिलाया ,उनसे अपने नए जिंदगी की शुरुआत के लिए आशीर्वाद मांगा,और छोटे-मोटे काम करते हुए शाम का इंतजार करने लगी,,,
शाम को 600 से 900 का शो था
कम से कम 400 बजेउन्को यहां से निकलना था 400 बजे तक डॉली अच्छी तरह से सज कर तैयार हो गई थी
वाइट कुर्ती के संग पिंक पटियाला सलवार पिंक दुपट्टा ,होठों पर हल्की सी लिपस्टिक कानों में झुमके, हाथों में उसी की मैचिंग की नेल पॉलिश ,और पैरों में जूतियां
अपने बालों को डॉली ने खुला ही छोड़ा था
जब तैयार होकर कमरे सेबाहर् निकली
तो काकी डॉली को देखती ही रह गई
बिना कुछ कहे कमरे में गई, और उंगली में थोड़ा सा काजल ले कर आई
डॉली के बालों को हटाते हुए काजल उसके कान के पीछे, और बालों के उपरि छुपाते हुए लगा दिया ,और खुश होकर कहने लगी
देख कितनी सुंदर लग रही है मेरी बच्ची
अरे हमेशा ऐसी ही तैयार होकर जाया कर कहीं भी जाए,,, कितनी प्यारी लग रही है तुझसे कितना भी कहो कभी अच्छे से तैयार होती ही नहीं ,आजकल की लड़कियां तो देखो बिना लाली लगाए घर सेबाहर् ही नहीं निकलती, आज पहली बार है जब तू बिना कहे ही
मेरीपस्न्द का तैयार हुई है
अरे मैं भी ऐसे ही चाहूं ,कि जैसे सभी की लड़कियां सज सवरकर रहती हैं
तू भी ऐसी ही रहे, तुझे नजर ना लगे बड़ी प्यारी लग रही है,,,,,
राज भी अपना बेल्ट लगाते हुए काकी की बातें ध्यान से सुन रहा था
कभी काकी को देखता, और कभी डॉली को
जीन्स,वाइट फुल शर्ट, और हमेशा की तरह अपनी फेवरेट जैकेट ,राज के कपड़े हमेशा ही ब्रांडेड और अच्छे होते थे
उसे बचपन से सिर्फ दो ही चीजों का तो शौक था,एक कपड़ों का और दूसरा गाड़ियों का ,चाहे वह उसकी अपनी रॉयल इनफील्ड बुलेट हो ,या दोबारा उसकी पसंदीदा जीप
जब दोनों घर सेबाहर् निकलने लगे
तो काकी नेएक टिफिन और पानी की बोतल पकड़ाते हुए कहा!
डॉली तू अभी बुखार से ठीक हुई है
बाहर का कुछ भी मत खाना ,,,,
राज ने टिफन को पुनः टेबल पर रखते हुए कहा ,काकी वहां पर सारा खाना पैक मिलता है ,और ज्यादा स्वच्छ सफाई वाला होता है ,तू ये सभी रहने दे
पर डॉली ने टिफिन को पुनः उठाया और पानी की बॉटल लेते हुए काकी से कहा कि मैं आपके हाथ का खाना ही खा लूंगी
अब तो खुश ,,,,और राज के संग वाहर आ गई,,,मार्च का महीना था ,शाम को 400 बजे के पश्चात अभी भी हल्की ठंडक रहती थी राज ने जीप स्टार्ट की और शहर की तरफ लेते हुए आगे बढ़ाई
डॉली बार बार राज का ध्यान मोहित करने की कोशिश कर रही थी
कभी कुछ कहती तो कभी कुछ, पर राज अपनी ही धुन में मस्त ,गोविंदा का कोई गाना गुनगुनाते हुए गाड़ी आगे बढ़ाता जा रहा था डॉली ने मुँह बनाते हुए राज से कहा
राज आप मेरे संग शहर जा रहे हैं
आपको याद भी है कि आप के बगल में कोई और भी बैठा है ,आप स्वयं में ही मस्त हो जाते हैं , किसी और पर आपका ध्यान ही नहीं जाता ,काकी ने मेरी इतनी तारीफ की और आपने मुझे ठीक से देखा भी नहीं
मैं क्या देखूं मैंने कहा तो है तू हमेशा ही अच्छी लगती है ,,,और हां ये वही वाला ड्रेस है, ना जो तूने अपनी सहेली की शादी में पहना था ,,,यह रापचिक लगता है तेरे उपरि अपन और क्या कहे
तू बता ना ,मैं सेम टू सेम बोलेगा,,,,
राज को समझाना सच मे ज्यादा मुश्किल था
ठंडी हवा के झोंके डॉली के बाल कभी उसके चेहरे को छूते ,तो कभी उसके कंधों को
सुहाना मौसम औऱ राज के परफ्यूम की महक मौसम
को और भी खुशनुमा बना रही थी, रास्ते केइसे सुहाने सफर के पश्चात दोनों शहर पहुंच गए थे ,और कुछ ही देर में शहर की भीड़भाड़ भरी सड़कों को चीरते हुए वहां के मल्टीप्लेक्स के सामने थे
बाहुबली मूवी में अब भी बहुत भीड़ थी
सारे शो हाउसफुल चल रहे थे ,और जहां तक डॉली को याद था ,वह राज के संग पहली बार ही सिनेमा हॉल में आई थी
भीड़ इतनी ज्यादा थी कि चलने में भी परेशानी हो रही थी ,लिफ्ट केबाहर् भी बहुत लोग लिफ्ट का इंतजार कर रहे थे पहले ही मंजिल पर थिएटर था ,तो राज ने पैदल जाना ही ठीक समझा ,और कस के डॉली का हाथ थामते हुए डॉली को सबसे बचते बचाते सीढ़ियों से उपरि ले जाने लगा पीछे से दूसरे नंबर की लाइन में डॉली और राज की 2 सीटें बुक थी
लास्ट सीट पर डॉली को बिठाते हुए स्वयं उसके बगल वाली सीट पर बैठ गया एडवर्टाइजमेंट चल रहे थे ,बस पांच 7 मिनट पश्चात ही मूवी शुरुआत होने वाली थी
पिक्चर शुरुआत हो चुकी थी ,हालांकि डॉली ने कल ही पूरी मूवी मोबाइल में देख ली और अब मूवी से ज्यादा ध्यान उसका राज पर था
मूवी निकले हुई 1 घंटे से ज्यादा बीत चुका था ,काफी रोमांटिक सीन चल रहे थे
फिल्म का हीरो जब हीरोइन को संग ले जाने लगता है , तो उसे जहाज पर बैठना होता है ,लेकिन जहाज जमीन से बहुत दूर था, और हीरोइन उस पर आराम से
नहीं चढ़ पा रही थी, जल्दी हीरो पानी में उतर कर अपनाएक हाथ हीरोइन के पांव के नीचे और दूसरा हाथ जहाज के उपरि रख देता है
और दोबारा वह बड़े आराम से उसके कंधों पर पांव रखते हुए जहाज पर चढ़ जाती है
You are currently reading Rajsharma Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
Latest rajSharma sex story sex story: भाभियों के संग मस्ती. Read full hindi sex stories with images on desixxxstories.com.
63.1k 7.6k 0 1 week agoवासना का भंवर (erotica special) is read today on Desi Sex Stories. Best website for Indian rajSharma sex story!
157.1k 1.6k 0 3 days agoबीबी की चाहत (adultery special) is read today on Desi Sex Stories. Best website for Indian rajSharma sex story!
230.5k 2.1k 0 8 hours agoRead ब्रा वाली दुकान at Desi Sex Stories. India sex story #1 source for Hindi/urdu rajSharma sex story.
607.2k 8.4k 0 11 hours agoReading rajSharma sex story stories! मुझे लगी लगन लंड की (erotica special) is available on desixxxstories.com - powered by Desi Sex Stories.
282.4k 8.9k 0 11 hours agoHindi/urdu sex stories of फूफी और उसकी बेटी से शादी (incest special) available on desixxxstories.com. Desi Sex Stories is most viewed by Indian sex story of rajSharma sex story.
305.8k 3.2k 0 10 hours agoRead स्पर्श (प्रीत की रीत) in Hindi/urdu only on desixxxstories.com. Enjoy top rajSharma sex story on Desi Sex Stories.
50.3k 2.4k 0 10 hours agoEnjoy जीजा के कहने पर बहन को मम्मी बनाया and many more rajSharma sex story on Desi Sex Stories.
493.4k 3.8k 0 10 hours agoRead Meri jawaan didi or unke sex adventure at Desi Sex Stories. India sex story #1 source for Hindi/urdu fantasy sex story.
752.4k 8.8k 77 4 months agoRead गाँव की डॉक्टर साहिबा and other exciting rajSharma sex story in hindi at desixxxstories.com.
190.5k 9.8k 0 12 hours agoHindi/urdu sex stories of दिव्या का सफ़र (adultery special) available on desixxxstories.com. Desi Sex Stories is most viewed by Indian sex story of rajSharma sex story.
1.4M 3.2k 0 13 hours agoनिशा की चुदाई - Hot rajSharma sex story sex story in hindi. Best collection of Indian sex stories on Desi Sex Stories.
11.5k 3.9k 0 1 week agoRead rajSharma sex story stories! Read प्यासी आँखों की लोलुपता on Desi Sex Stories - only at desixxxstories.com.
125k 2.4k 0 1 day agoEnjoy Horror चामुंडी and many more rajSharma sex story on Desi Sex Stories.
44.3k 2.8k 0 10 hours agoHot rajSharma sex story story: नेहा बह के कारनामे (adultery special). Read full hindi sex stories with images on desixxxstories.com.
474.9k 2.5k 0 12 hours agoत्यागमयी मम्मी और उसका बेटा is read today on Desi Sex Stories. Best website for Indian rajSharma sex story!
1.1M 5.6k 0 11 hours agoRead rajSharma sex story stories! Read बीवी ने मेरा काम बनवा ही दिया on Desi Sex Stories - only at desixxxstories.com.
107.2k 2.7k 0 1 day agoRead Thriller कांटा full story at desixxxstories.com. Most Popular India sex stories in hindi rajSharma sex story.
88.9k 9.6k 0 9 hours agoI Am Back (Magic?) (adultery,romance special) in hindi on desixxxstories.com. Enjoy the best sex stories in hindi with gif incest sex story stories on Desi Sex Stories.
206.7k 7.7k 14 5 months agoEnjoy reading ठाकुर की हवेली, a rajSharma sex story sex story in hindi. Desi Sex Stories has the best collection.
125.4k 9k 0 2 days agoEnjoyed it? Please Give it a rating!
Welcome to desixxxstories.com - a place where you'll find a huge collection of Indian Desi sex stories in Hindi and Urdu, along with hot GIF pics. Whether you're into romantic mom son fantacy, wild sex stories, or real incest stories. We keep regular updates, so you'll always find new sex stories to enjoy. Desi Sex Stories is the grate source of all type incest stories to read without any interruptions.
Copyright © Desi XXX Stories com.
The content available on Desi XXX Stories may contain pornographic materials.
Desi XXX Stories is strictly limited to those over 18 or of legal age in your jurisdiction, whichever is greater.
One of our core goals is to help parents restrict access to Desi XXX Stories for minors, so we have ensured that Desi XXX Stories is, and remains, fully compliant with the RTA (Restricted to Adults) code. This means that all access to the site can be blocked by simple parental control tools.
To enter Desi XXX Stories you must be 18 or older