Rajsharma Sex Story : प्रेम सेक्सी कहानी डॉली और राज की (Romance Special)
डॉली ने राज का हाथ थाम रखा था
और उसकी आंखों में देखते हुए अपने दिल की बातें कहती जा रही थी
डॉली ने भगवान नीलकंठ के बारे में भी राज को अच्छी तरह से समझाते हुए अपने रिश्ते को समझाने की कोशिश की थी
राज ने निली की पूरी बात सुनी, और कहा महारानी, तेरी ट्यूब लाइट ज्यादा अच्छी चमकती है,तूने तो भगवान शिव का भी स्वयं से रिश्ता जोड़ लिया है, सही कहा तूने यदि शिव जी आज के टाइम में होते ,तो गौरी मैया को डॉली कहकर पुकारते, तू ज्यादा सोचती है अपन के भेजें मैं तो ये बात कभी आई ही नहीं ,कि रिश्तो का कनेक्शन हो कैसे जाता है ,तू कैसे किसी के दिल की बात समझ लेती है, और उसे जोड़ भी देती है,,,,
परिक्रमा गिनते हुये राज ने कहा गणपति बाबा के पूरे 11 परिक्रमा हो गये है
वह पंडित कह रहा था ,कि हम दोनों जो भी मन्नत मांगेंगे, ये बप्पा पूरी करेगा, तूने कौन सी मन्नत मांगी
है,,,
एक बार दोबारा राज डॉली कि बात को कहां से कहां ले आया था ,और डॉली जो कहना चाहती थी ,वो बातएक बार दोबारा पीछे छुट गई थी ,डॉली ने कहा जब मेरी मन्नत पूरी हो जाएगी ,तभी बताऊंगी
कहते हैं ,मन्नत पूरी होने से पहले यदि बता दी जाए ,तो दोबारा वह पूरी नहीं होती !
अच्छा ऐसा क्या दोबारा अपुन भी तेरे को नहीं बताएगा .
ठीक है राज आप मुझे मत बताइए पर इतना तो बता सकते हैं, कि आपने किस बारे में मन्नत मांगी है अपने बप्पा से
नई-नई अपन तेरे को नहीं बताएगा
अपुन चाहता है कि मन्नत स्पीड से पूरी होनी चाहिए, यदि बता दिया तो साला कुछ न कुछ जरुर छूट जाएगा ,,,
महारानी तू भी अपनी मन्नत मुझे मत बता क्योंकि मैं चाहता हूं , कि तूने भी जो मन्नत मांगी है ,वह जल्द से जल्द 3 पूरी हो
और यदि तू अपनी मन्नत की अपुन को हिंट देगी ना, तो अपन उसे पूरी करने की कोशिश भी करेगा
राज की बात सुनकर डॉली पूरे जोर के संग हंस पड़ी थी ,,,
मैं आपको हिंट दूंगी!
डॉली ने राज से पूछा राज हिंट देने का मतलब समझते हैं ,किसी को इशारा करना अरे आप के सामने
तो पूरी रामायण भी पढ़ दो तो भी आप नहीं समझते
और आप कह रहे हैं, कि मैं आपको हिंट दूं मुझे समझ नहीं आता, कि आपके लिए हिंट देने का मतलब क्या है
राज चलते चलते अचानक रुक गया और डॉली को देख कर बोला !!
सहजादी तू अपन को बुदधु समझती है क्या अरे अपन तो सामने वाले की आंखों में देख कर समझ जाता है, कि वह क्या कहना चाहता है ,उसके दिल में क्या है
और तू कह रही थी अपन हिंट नहीं समझेगा जब तेरी तबीयत ठीक नहीं थी
तुझे बुखार आ रहा था
तब कैसे समझ गया था, कि तू बीमार है
और जब तूइसे घर में नई-नई आई थी
तब भी अपन समझ गया था
कि तेरे को आगे पढ़ने का मन है
जब तुझे भूख लगती है, अपने समझ जाता है, कि तू बड़ी बड़ी आंखों से इधर-उधर देखने लगती है
अरे मेरे ढाबे पर जब छोटू या मखलू का काम करने का मन नहीं होता
अपन साला 2 मिनट में उसकी आंखों में पढ़ लेता है ,और उसको छुट्टी भी दे देता है
अरे और तो औरएक दिन छोटू का पेट खराब था ,,,और उसे ज्यादा जोर से.
तू समझ रही है ना,,,, कि पूरा बिंदास बताऊँ मतलब. उसकी हालत अपन ज्यादा अच्छे से समझ
गया था, और अपन ने उसे फटाक से घर जाने को बोल दिया था
और तू कह रही है, कि मैं समझता नहीं हूं तेरा नौकरी करने का मन है
अपुन समझा !
तेरा मूवी देखने का मन था
अपन समझा
लेकिन राज उस मूवी के बीच में जो आपको मैं समझाना चाह रही थी, आप वह तो नहीं समझे,,,,
निधि ज्यादा जोर सेएक ही सांस में ये पूरी लाइन बोल गई थी
अरे तू अपन को साला कुछ समझाएगी तब तो समझूंगा ,,,
राज दोबारा वही बात ,मुझे आपसे कोई बात ही नहीं करनी,,,
और वैसे भी अब 11 परिक्रमा पूरे हो चुके है ,मैं काकी के पास जा रही हूं, और राज का हाथ छोड़कर डॉली दौड़ते हुए काकी के पास आ गई
थोड़ी ही देर में से राज भी निली के पीछे पीछे दौड़ता हुआ वहाँ आ गया और दोनों के साथ-साथ चलने लगा,,,
निली ने काकी को बताया कि मैंने 11 परिक्रमा पूरे कर लिए ,और गणपति बप्पा के सामने अपनी मन्नत भी रख दी
आप कहती हो ना, कि मन्नत बताई नहीं जाती ,तो जब मेरी मन्नत पूरी हो जाएगी मैं तभी आपको
बताऊंगी ,काकी ने कहा ठीक है ,मेरी बच्ची मैं यही चाहती हूं, कि जल्द से जल्द तेरी मन्नत पूरी हो ,,,
तब राज ने काकी से कहा, कभी मुझ से भी पूछ ले ,,,मैंने भी मन्नत मांगी
काकी ने कहा राज में अच्छी तरह से जानती हूं ,कि तूने क्या मन्नत मांगी होगी
में जानती हूं कि तू अपने लिए तो कभी कोई मन्नत मांग ही नहीं सकता
जरूर वह किसी और के लिए होगी
राज ने कहां काकी तू ही कहती हैं न कि दूसरों को खुशियां देने से स्वयं को खुशी अपने आप ही मिल जाती है
तो ऐसा ही समझ ले, मैंने जिसके लिए मन्नत मांगी है ,अगर वो खुश रहेगी तो मैं भी खुश हो जाऊंगा,,,
काकी ने कहा ठीक है ,,,
गणपति बप्पा तुम दोनों की ही मन्नत पूरी करेंगे,,, तीनोएक संग गाड़ी तक जाने के लिए धीरे-धीरे मंदिर की सीढ़ियां उतरने लगे संग चलते हुए भी राज काकी और डॉली से बहुत आगे निकल गया था
डॉली के मन में तो राज का ही मंथन चल रहा था ,,निली ने काकी से पूछा
कि जब हमें दूसरों की खुशी में अपनी खुशी दिखने लगे ,तो इसे क्या जानना चाहिए डॉली जब उसकी खुशी में अपनी खुशी दिखने लगे तो
इसका मतलब कि वो हमारे ज्यादा करीब है, और हमसे प्रेम करते हैं
हम उसी की खुशी में अपनी खुशी देखकर खुश होते हैं, जो हमारे ज्यादा करीब होते है ,जैसे ,हमारी मम्मी ,पिता ,भाई, बहन ,दोस्त रिश्तेदार इतना सुनने के बाद
डॉली ने सिर्फएक प्रश्न किया
काकी इन सभी के अलावा भी तो कोई ऐसा हो सकता है ,जिस की खुशी में हम अपनी खुशी देख सकते हैं
काकी ने कहा डॉली तू साफ-साफ बता तू कहना क्या चाहती है
काकी मैं ये कहना चाहती हूं, कि आपने जिन रिस्तों के नाम लिए हैं ,उनके अलावा यदि हमें कोई बढ़िया लगता है
जिससे हमारा कोई भी रिश्ता न हो
फिर भी हम उसकी खुशी मैं अपनी खुशी देखते हैं ,उसके आसपास रहने से हमें बढ़िया लगता है ,हमेशा अपनी आंखें उसेदेख्ना चाहती हैं ,तो ऐसे रिश्ते को क्या नाम देना चाहिए
काफी ने मुस्कुराते हुए कहा डॉली तू ये सभी क्यों पूछ रही है ! कहीं तुझे तो किसी से प्रेम नहीं हो गया
मतलब ,,,,
मतलब कि ऐसे रिश्ते तो तभी बनते हैं जब हमें किसी से प्रेम हो जाता है, कि जिससे हमारा कोई रिश्ता ना हो ,और हमारी आँखे उसेदेख्ना चाहें, हमारा दिल उसकी खुशी चाहे ,तो ऐसे रिश्ते को प्रेम कहते हैं
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निली ने पूछा कि जब किसी से प्रेम हो जाए तो क्या करना चाहिए
काकी ने कहा ये भी कोई पूछने वाली बात है , अपने प्रेम का इजहार करना चाहिए मतलब कि हमें जिस से प्रेम हो हुआ है उसको बता देना चाहिए,,,,
काकी यदि वह बताने से भी ना समझे तो
अरे ऐसे कैसे ना समझेगा,,,
काकी मान लीजिये कि नहीं समझा तो
कैसे बताऊं ,,,,
डॉली तू कैसी बात कर रही है, मैं क्यों मान लूं ,कि नहीं समझा,, इसका मतलब है कि जो उसे समझा रहा है, उसे ठीक से समझाना नहीं आता ,,,
काकी बताइए ना कि प्रेम को कैसे समझाया जाता है ,,,,
निली पहले तू मुझे ये बता तुझे किसी से प्रेम हुआ है क्या
नहीं काकी, मुझे किसी से प्रेम नहीं हुआ
वो मेरी सहेली है ना ,अरे वह पूनम उसको हुआ है ,,वह उसे समझा समझाकर थक चुकी है, पर वो है कि जानना ही नहीं चाहता ,इसलिए पूनम मुझसे पूछ रही थी
पर मुझे भी नहीं पता तो मैंने आप से पूछा
निली प्रेम को समझाना कोई बड़ी बात नहीं है ,अरे प्रेम तो आंखों में देखकर समझ जाते हैं ,,,
पूनम से कहो कि जाकर सीधे-सीधे उसे अंग्रेजी में लव यू ,लव यू ,बोल दे
और इसके संग ही काकी अपनी ही बात पर हंसने लगी ,,,
पर काकी पूनमएक लड़की है एकदम से ऐसे कैसे बोल सकती है
उसको भी तो चाहिए, कि वह इशारे से उसकू बात समझे,,,,
हां डॉली बात तो सही है, पर होगा कोई भोले भंडारी जैसा,, जो इशारे नहीं समझता दोबारा पूनम को स्वच्छ साफ शब्दो में ही अपने मन की बात उसे बताना चाहिए ,,,
डॉली सोचने लगी की काकी ने बात तो सही कही है ,,
जब काकी ने कहा डॉली तू कहां खो गई कुछ नहीं काकी, मैं यही सोच रही थी
कि आपने जो कहा वो बिल्कुल सही है
मैं पूनम से कहूंगी की वो उसे स्वच्छ साफ शब्दों में जाकर अपने दिल की बात बता दे.
डॉली पूरा मन बना चुकी थी ,अब तो वह राज से अपने दिल की बात कह कर ही रहेगी ,चाहे उसके लिए उसे काकी की बात ही क्यों ना मानना पड़े,अगर काकी के शब्दों में वह राज को समझा पाएगी दोबारा तो कुछ कहने के लिए बाकी ही नहीं रहेगा
क्योंकि अब निली भी राज के लिए तड़प रही थी , राज जितना उसकी बातों से दूर जा रहा था , डॉली उतना ही उसके करीब आती जा रही थी, वह जब भी राज को देखती ,अनायास ही उस पर प्रेम आने लगता,, डॉली की फ़ीलिंग राज के लिए बढ़ती ही जा रही थी
उसका ,चलना ,बोलना ,उठना और डांटना डॉली को सभी कुछ बढ़िया लग रहा था
जहां पहले डॉली को राज मेंएक ऐसा शख्श नज़र आता था , जो उसकी ज्यादा केअर करता था ,वहीं अब डॉली को राज
में अपना प्रेम नजर आने लगा था
डॉली खुदको आईने में देखती, तो स्वयं से ही शर्मा जाती, आजकल उसे सजना सवरना बहुतपस्न्द आने
लगा था
अपनीपस्न्द के नए-नए सूट घर में पहनती
बालों को अच्छे से बनाती, और और हल्का सा मेकअप भी उसके चेहरे पर रहता
परएक राज है ,या तो डॉली को देखता नहीं और यदि कभी देखता तो उसका मजाक उड़ा देता,, डॉली सोचती रह जाती कि आखिर वह राज को मोहित क्यों नहीं कर पा रही है
आज सुबह जब डॉली सोकर उठी तो देखा की राज एक्सरसाइज कर रहा था
राज और काकी चाय पी चुके थे
डॉली ने अपनी चाय बनाई और राज के सामने ही बैठकर चाय पीने लगी
बहूत सारी एक्सरसाइज करने के पश्चात राज ने पुशअप्स लगाना भी स्टार्ट किया
जिसमें उसके डोले सोने और फिट शरीर को देखकर डॉली मुस्कुराई और राज के पास जाते हुए बोली
राज आपने डोले तो ज्यादा अच्छे बना रखे हैं ,पर ये सिर्फ देखने के ही है
या दोबारा जैसे दिखते हैं इतनी पावर भी है
इनमें, राज नेएक हांथ को जमीन पर रखकर दूसरे हाथ को पीछे कर रखा था
और तेजी के संग पुशअप्स लगाता जा रहा था ,राज ने पुशअप्स लगाते हुए ही डॉली ले से कहा ,तेरे कहने का मतलब क्या है
राज मेरे कहने का मतलब है कि मैं कैसे मान लूं कि
आप जितनी एक्सरसाइज करते हैं , आपकी शरीर में उतनी पावर भी है
यह क्या तू फालतू की बात कर रही है पावर दिखती है क्या
और सुन ये डोले शोले मैंने दवाइयां खाकर नहीं अपनी मेहनत से ही बनाए हैं
डॉली मुस्कुराई, और राज के और पास आ गई, बढ़िया दोबारा मैं आपका टेस्ट लूं
हां हां बोल क्या टेस्ट लेगी तू
एक काम करती हूं मैं आपकी पीठ पर बैठ जाती हूं ,और यदि मुझे बिठाकर आपने 10
पुस्प्स लगा लिए ,तो मैं मान जाऊंगी
कि आपमें कुछ बात है
अच्छा तू अपन को चैलेंज कर रही है
चल ठीक है, बैठ जा
डॉली हंसती हुई आराम से आल्थी पालथी मार कर राज की पीठ पर बैठ जाती है
और राज 10 क्या , 20 पुशअप्स लगा चुका था ,और जैसे ही 21 वी बार वह झुका तो डॉली लुढ़क कर नीचे आ गई से
राज जोर से हँसने लगा ,,,महारानी तूने अपुन की दम तो देख ली ,और तेरी दम का क्या, अरे तू तो ठीक से बैठ भी नहीं पाती बात करती है ,,,
डॉली अब भी जमीन पर लुढ़की हुई पड़ी थी और मुँह बनाकर राज को देखती जा रही थी ,राज पुनः अपने एक्सरसाइज में मस्त हो गया ,और डॉली चुपचाप
उठकर अंदर चली गई
राज के कहे अनुसार डॉली ने अभी भी आंगनबाड़ी जाना स्टार्ट नहीं किया था
वह घर पर ही आराम कर रही थी
हां घर पर काकी के संग छोटे-मोटे कामों में मदद करवा देती थी
काकी और डॉली किचन में खाना बना रही थी ,तभी पड़ोस की कमला बुआ काकी को आवाज देती हुई आई ,,,
ओ,,,, राज की काकी तैयार हो गई तू
जब उनकी आवाज काकी के कानों में पड़ी तो काकी ने जल्दी-जल्दी हाथ धोए और बोलते हुयेबाहर् चली आई
हे भगवान!!! मैं तो भूल ही गई
मुझे तो कमला बुआ के संग उनके भाई के बेटे की शादी में जाना है
काकीबाहर् निकली तो देखा कमला बुआ तखत पर बैठकर उनका इंतजार कर रही थी थोड़ी देर पश्चात डॉली भीबाहर् आ गई
डॉली को देखते संग ही कमला बुआ ने कहा डॉली देख तेरी काकी कितनी भुलक्कड़ है मैंने इसे 2 दिन पहले ही बता दिया था
कि तुझे मेरे संग मेरे भाई के बेटे की शादी में चलना है ,अरे इसका दिमाग तो तेरे और राज के अलावा कहीं और लगता ही नहीं एक घंटे पश्चात ही बस का वक्त
हो रहा है जल्दी से जाओ और अपनी काकी के सामान लगवाने में उनकी मदद कर
अच्छा बुआ जाती हूँ ,मुझे तो पता ही नहीं था , डॉली ने भोलेपन से कहा
आप चिंता मत करो मैं अभी काकी का बैग लगवा देती हूं
और डॉली जाकर काकी की अच्छी-अच्छी साड़ियां बैग में रखने लगी ,डॉली बैग लगाने लगी,, और जब तक काकी हाथ मुँह धोकर तैयार हो चुकी थी
काकी के जाने का राज को भी पता नहीं था डॉली ने राज को फोन लगाकर घर बुलाया तो राज ने भी आकर पूछा
अभी तू कहां कहां जा रही है, कमला बुआ ने राज की तरफ देखते हुए कहा, राज तेरी काकी कहीं भाग ना जाएगी घर से
अरे मेरे संग मेरे भाई के बेटे की शादी में जा रही है, इसने तो बचपन से उसे अपनी गोद में खिलाया था, तो भला ऐसे कैसे होगा कि उसी के ब्याह में ना जाए ,तो बस मैं उसको वहीं ले जा रही हूं ,और हां आज रात रुक के कल शाम की बस से हम पुनः आ जाएंगे हां ठीक है ,कह के राज ने जेब से कुछ पैसे निकालते हुए काकी के बटुए में रख दीये और कहा ,चलिए मैं आप दोनों को बस तक छोड़ देता हूं ,काकी कमला बुआ के संग जा चुकी थी
खाना खाने के पश्चात राज पुनः अपने ढाबे पर चला गया ,शाम के 500 बज चुके थे काकी तो कल आने
वाली थी
डॉली शाम से ही किचन में चली गई कि
वह आराम से थोड़ा थोड़ा काम कर लेगी क्योंकि यदि भागा दौड़ी करते हुए राज ने उसे देखा तो दोबारा डांट पड़ जाएगी
डॉली फ्रिज में से सब्जियां उठा ही रही थी कि तेज हवा से घर की खिड़की और पर्दे फड़फड़ाने लगे थे ,उसने चाकू थाली और सब्जियां टेबल पर रखते हुए, जाकर सारे खिड़की और दरवाजे बंद किए
थोड़ी देर में ही बारिश भी शुरुआत होने लगी तूफान अब भी जारी था शाम से मौसम का बिगड़ना शुरुआत हुआ रात के 910 बजे तक बहुत तेज बारिश और तेज तूफान आने लगा था ,तूफान की वजह से राज ने भी ढाबा टाइमसे पहले ही बंद कर दिया था क्योंकि ऐसे मौसम में कस्टमर के आने का तो प्रश्न ही नहीं था
टीवी पर भी लगातार अलर्ट दी जा रही थी कि घर पर ही रहे तूफान की तीव्रता बढ़ सकती है
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डॉली को तो तूफान ,और हवाओं से वैसे भी ज्यादा डर लगता था ,जब राज आया तो खाना लगाकर डॉली कमरे में राज के पास ही बैठ गई ,ढाबे से घर आने में राज की शर्ट कुछ-कुछ गीली हो गई थी उसने शर्ट उतारकर खूंटी पर टांग दी और हाथ मुंह धोकर खाना खाने लगा
बारिश और हवाओं के संग साथ बीच-बीच में बिजली भी कड़क जाती थी
डॉली और राज खाना खा चुके थे डॉली ने तो बड़ी
मुश्किल से खाना ख़त्म किया
रात के 1100 बज चुके थे, अब तक डॉली खाना खाकर दवाइयां भी खा चुकी थी
और अब भी राज के पास कमरे में बैठी थी राज ने घड़ी में टाइम देखा तो डॉली से कहा जाकर अपने कमरे में सोजा
आज मैं अपने कमरे में नहीं ,यहीबाहर् वाले कमरे में सो जाता हूं
डॉली अभी भी डर रही थी, उसने कहा, नहीं मैं नहीं जाऊंगी ,कमरे में मुझे डर लगता है
तू पागल है क्या ,यही बैठी रहेगी रात भर
हां बैठी रहूंगी ,मैं सोफे पर सो जाऊंगी
आप तखत पर सो जाइए, राज ने कुछ नहीं कहा ,वह तो बस अपने मोबाइल में बिजी था राज डॉली को जितना इग्नोर करता
डॉली को उस पर उतना ही प्रेम आ रहा था निली को बैठे ही बैठे नींद के झोंके आने लगे थे.….
राज उठा ,और डॉली के करीब आकर बैठ गया ,,जब डॉली ने राज की तरफ देखा तो राज उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर गहराई से उसकी आंखों में झांकने लगा राज का स्पर्श पाकर डॉली उसके और करीब आ गई थी, राज ने उसे अपनी डोले सोले वाली बाहों में कस के थाम लिया था डॉली ने भी राज के सीने से अपना सिर टिका लिया और पूरी शिद्दत से उसके गले लग गई ,दोनों इतने करीब थे ,किएक दूसरे की धड़कने भी गिन सकते थे
जबएक दूसरे के करीब रहने का एहसास पूरा हुआ तो राज ने अपने होंठ डॉली के कान के पास लाकर कहा
शहज़ादी आई लव यू .
जब डॉली की नींद खुली और देखा तो राज उसके कान पर जोर जोर से आबाज़ लगाकर उसे उठा रहा था
महारानी उठ तू यहां पर क्यों सो गई है
थोड़ी देर और सोती रही तो लुढ़क के नीचे आ जाएगी ,जब डॉली ने ध्यान से राज को देखा तो उसे समझ आया ,कि वह सपना देख रही थी
डॉली को सच में ज्यादा तेज नींद आ रही थी राज के उठाने के पश्चात भी उठने का उसका बिल्कुल भी मन नहीं था
वह पांव उपरि करके और अच्छे से बैठ गई और सोफे पे आराम से सिर टिका लिया राज कहां मानने वाला था ,उसके बगल में बैठ कर दोबारा उसे उठाने लगा ,,
महारानी मैं कह रहा हूं ना ,अगर तुझे अपने कमरे में नहीं जाना तो तू तखत पर जाकर लेट जा ,,,
यहाँ में लेट जाऊंगा वरना पक्का से तू लुढ़क जायेगी
डॉली ने राज की बात का कोई जवाब नहीं दिया ,,रह रह के उसकी आंखों में नींद और भी चढ़ रही थी
लेकिन तभी पूरी जोरदार आवाज के संग भयंकर वाली बिजली कड़की, और लाइट भी चली गई , बिजली शायद कहीं आस-पास ही गिरी थी ,डॉली ज्यादा बुरी तरह डर गई , उसकी सारी नींद उड़ चुकी थी
और वहएक चीख के संग जोर से राज के गले लग
गई ,चारों तरफ अंधेरा हो गया था ,राज को पता था ,की डॉली बादलों की गड़गड़ाहट से डरती है
टेबल पर राज का मोबाइल रखा हुआ था वह अपना मोबाइल टटोलने लगा, मोबाइल उठाकर वह टॉर्च जलाता उससे पहलेएक बार दोबारा जोरदार बिजली कड़की
इस बार डॉली सोफे से उठकर राज की गोद में आ चुकी थी ,और उसने कस के राज को बाहों में भर कर उसके कंधे पर अपना सिर रख दिया ,अब तक राज के हाथ में मोबाइल आ गया था ,उसने मोबाइल की टॉर्च जलाई और उसको टेबल पर रखते हुए डॉली का हाथ पकड़कर उसे अलग करने की कोशिश की ,,
महारानी तू काहे को डरती है ,अपुन है ना राज अपने हाथ से डॉली का हाथ गले से निकालने की कोशिश कर रहा था
पर डॉली ने राज के गले में अपनी बाहों की पकड़ को और मजबूत कर लिया था
डॉली की आंखें बंद थी ,राज के करीब आने से उसकी धड़कने भी बढ़ गई थी
वो और राज इतने पास थे कि डॉली की गर्म सांसे राज के बदन से टकरा रही थी राज जब डॉली की पकड़ को नहीं छुड़ा पाया ,तो उसने समझाते हुए कहा
महारानी तू डर मत मैं हूं
चुपचाप अपनी स्थान पर बैठ जा ,राज के गले लगते हुए डॉली उसके कान के पास आकर कहती है , राज आप जानते हैं ना मुझे बादलों की गड़गड़ाहट से डर
लगता है प्लीज मुझे स्वयं से दूर मत करिए
तू पागल है बच्ची है छोटी सी बादलों की गड़गड़ाहट से डरती है
मैं बच्ची नहीं हूं ,बड़ी हो गई हूं ,मोबाइल की प्रकाश में राज कुछ कुछ डॉली को देख पा रहा था ,उसके चेहरे पर डर था
और आंखों मेंएक अजीब सी कसक
अभी तक डॉली ने राज के मन के प्रेम को ही जाना था ,और वह ज्यादा गहरा था
लेकिन आज जब उसे राज के तन के प्रेम का एहसास हुआ ,तो उसमें भीएक अजीब सी कशिश थी ,उसके तन की खुशबू डॉली के मन में उतरती जा रही थी
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