Rajsharma Sex Story : प्रेम सेक्सी कहानी डॉली और राज की (Romance Special)
राज अपने काम में लगा हुआ था ,शायद स्टोर रूम से कुछ निकालने आया था
पर पूनम ने राज का रास्ता रोकते हुए उससे अपने दिल की बात कह दी
वह राज की आंखों में देखते हुए कहने लगी ,राज मैं आपकोपस्न्द करने लगी हूं आप मुझे अच्छे लगने लगे हैं ,और मैं आपसे शादी करना चाहती हूं, राज ने जैसे ही कुछ कहने के लिए अपना मुंह खोला ,कि उसे डॉली की चीख सुनाई दी ,राज का पूरा ध्यान डॉली की तरफ चला गया, उसके हाथ मेंएक बड़ा सा कार्टून था ,उसने उस कार्टून को वही फेंका ,और भागता हुआ डॉली के पास पहुंच गया ,जब वहां जाकर देखा तो डॉली की उंगली मैं कैची से हल्का सा कट लग गया था, जो शायद बैलून लगाते हुए टेप काटने से लगा था, उसकी उंगली से खून निकल रहा था ,राज ने डॉली के हाथ से कैंची लेकर दूर फेंक दी ,और उसे डांटते हुए कि वह ठीक से काम क्यों नहीं करती
और ये सभी काम करने की जरूरत ही क्या है ,ढाबे पर ज्यादा सारे लड़के हैं
वह सभी देख लेंगे ,झट से डॉली की उंगली को पकड़ते हुए अपने मुंह में रख लिया डॉली के मुंह से हल्की-हल्की कराहने की आवाज निकल रही थी, शायद उसे दर्द हो रहा था ,राज नेएक हाथ से पकड़ते हुए डॉली कुर्सी पर बैठाया ,और छोटू से बर्फ लाने के लिए कहा, जब वह बर्फ लेकर आया तो अपने हाथों से उसकी उंगली पर बर्फ फिराने लगा,,,,
तभी पूनम भी राज के पीछे पीछे वहां आ चुकी थी, पूनम बुझे हुए मन से चुपचाप खड़े होकर सारा नजारा देखती जा रही थी
वह देख रही थी कैसे राज उसकी बातों को इग्नोर करके, डॉली केएक चीख पर भागता हुआ डॉली के पास आ गया ,उसे डॉली की कितनी चिंता है, मेरी बात का तो उसने जवाब देना ही ठीक नहीं समझा ,पूनमएक स्थान जड़ होकर खड़ी रह गई थी
उसकी आंखें डबडबा गई थी ,और उसके चेहरे पर उदासी छा गई थी
राज का पूरा ध्यान सिर्फ डॉली पर था
वह किसी बच्चे की तरह डॉली की देखरेख करने में लगा हुआ था, कभी डॉली को पानी पिलाता ,तो कभी उसकी उंगली पर बर्फ घिसता और बीच-बीच में उसे झिड़कियां भी देता जा रहा था ,लेकिन राज की उन झिड़कियों में डॉली के लिए प्रेम ,अपनापन और केयर साफ-साफ दिख रही थी
कि डॉली की जरा सी चोट से भी उसका दिल कितना दुखा है, पिछले आधे घंटे मेंएक समय के लिए भी
उसका दिमाग डॉली से हटा नहीं था ,डॉली कितनी बार कह चुकी कि अब वो ठीक है, उसे बस जरा सी चोट आई है ,उसकी उंगली में बैंडेजइसे लगा दो
कोई दिक्कत नहीं है ,पर राज डॉली की बात सुने बिना ही, अपने तरीके से उसकी देखभाल कर रहा था ,उसने जल्दी से काकी को भी फोन कर दिया , वह हल्दी का दूध लेकर ढाबे पर आ जाए,, तब तक काकी भी दूध लेकर आ चुकी थी ,,,
काकी और राज दोनों का प्रेम डॉली के लिए अद्भुत था ,और पूनम बस चुपचाप खड़ी हुई सभी कुछ देख रही थी, धीरे-धीरे उसकी समझ में आने लगा, कि राज उसे क्यों इग्नोर कर रहा था ,राज के दिल में कहीं ना कहीं डॉली ही है ,पर उसे स्वयं भीइसे बात का एहसास नहीं है
राज से ज्यादा दुनिया का कोई भी आदमी डॉली को कभी नहीं समझ सकता ,और डॉली की राज के लिए जो भावनाएं हैं
जो प्रेम है ,जो इज्जत है, उन सभी में भी तो कहीं ना कहीं प्रेम ही है, इससे गहरा प्रेम और क्या होगा, कि दोनों बिना बताएएक दूसरे के दिल की बातें समझ जाते हैं
कुछ कहने से पहले हीएक दूसरे कीपस्न्द ना पसंद,और जरूरतों को पूरा कर देते हैं यदि मैं इनको देख कर ही समझ गई हूं कि इनका प्रेम अद्भुत है ,,
तो क्यों सिवा को समझ नहीं आता ,कि वह दोनोंएक दूसरे के लिए बने हैं, वह तो बस इनके बीच में आने की
कोशिश कर रही थी लेकिन डॉली ने ऐसा मुझसे कभी कुछ नहीं कहा ,और ना ही मुझे इनकी बातों से ऐसा महसूस हुआ ,किएक दूसरे के लिए उनके मन में कोई प्रेम बाली फीलिंग है
पर क्यों आखिर अपनी भावनाओं को छुपा क्यों रही है ,,,क्यों सभी कुछ पानी की तरह स्वच्छ नहीं हो जाता, ऐसी कौन सी मजबूरी है जो दोनोंएक दूसरे से अपने दिल की बात नहीं कह पा रहे हैं, पूनम का चेहरा खड़े-खड़े आंसुओं से भीग चुका था
सच जो भी हो लेकिन कहीं ना कहीं वह भी राज को चाहने लगी थी ,जब किसी की चाहत अधूरी रह जाती है ,तोएक दर्द तो दिल में होता ही है ,प्यार चाहेएक तरफा हो या दो तरफा, दिलएक का दुखे या दोनों का पर कहीं ना कहीं चोट तो लगती ही है
ऐसा ही पूनम के संग भी हुआ था, उसकीएक आंख से आंसू उसका प्रेम अधूरा रहने के लिए बह रहे थे, तो दूसरी आंख से डॉली और राज के प्रेम को देखकर, इन दोनों का दिल कितना सच्ची था ,और इनका प्रेम कितना पाक और स्वच्छ , जो इतनी गहरी अनुभूति होते हुए भी इनने कभी उसे व्यक्त करने की कोशिश ही नहीं की,,,
थोड़ी ही देर में पूनम ने अपने आंसू पोछे और स्वयं से कहा ,कि मैं स्वार्थी नहीं बनूंगी यदि डॉली मेरी ज्यादा अच्छी फ्रेंड है
तो दूसरी तरफ राज से मैंने कहीं ना कहीं प्रेम ही किया है, और प्रेम हमेशा अपने चाहने वाले का बढ़िया ही
सोचता है, और मैं भी राज के लिए बढ़िया ही सोचूंगी, अब कहीं ना कहीं ये मेरी जिम्मेदारी भी बनती है ,कि मैं इन्हें इनके प्रेम का एहसास दिलवाऊ, कि ये सिर्फ और सिर्फएक दूसरे के लिए ही बने हैं ,और मुझे दोनों को समझाना ही होगा ,,
तब तक पूनम ने जाकर डॉली का हाथ पकड़ा, और राज की तरफ देखते हुए कहा राज डॉली बिल्कुल ठीक है, और उसका ध्यान में रखूंगी ,आप जाकर अपना काम देख लीजिए ,राज भी पूनम की तरफ देखते हुए धीरे-धीरे से मुस्कुराया, और वहां से चला गया
उसके पश्चात पार्टी कंटिन्यू हुई केक काटा सबने पूनम के भाई को बर्थडे विश किया उसके पश्चात खाना पीना खाकर जब पूनम जाने लगी ,तब तक डॉली काकी के संग अंदर जा चुकी थी, पूनम के सभी घरवाले घर सेबाहर् निकल चुके थे, पूनम ने देखा की राज ढाबे के अंदर तन्हा है ,तोएक बार जाते जाते , वह राज से मिलने अंदर आ गई उसने राज से कहा थैंक्स!
कि आपने ज्यादा बढ़िया इंतजाम किया था पार्टी सबको बहुतपस्न्द आई ,और खाना भी ज्यादा बढ़िया था, दोबारा पूनम ने धीरे-धीरे से हंसते हुए कहा और
थैंक्स फॉर स्पेशल डिस्काउंट ,,,,
इस बात पर राज भी हंसने लगा ,जब पूनम जाने लगी तो। राज ने रोकते हुए कहा पूनम अपन को तेरे से कुछ कहने का है
पूनम मोदी और राज की तरफ देखने लगी उसने कहा, कहो क्या कहना है आपको पूनम वह जो तू अपन से
स्टोर रूम में कह रही थी ना ,,अपन ने ठीक से तो नहीं सुना पर हां समझ में आ गया, कि तू अपन से क्या कहना चाहती थी, तू अपन से प्रेम के लफड़े की बात कर रही थी ना ,यह सभी चक्कर जो लड़के और लड़कियों के बीच चलता है
उसी के बारे में कह रही थी ना, तो अपन तेरे को बताना चाहता है ,की अपुन इन सभी चक्कर में नहीं पड़ने वाला ,साला शादी के पश्चात ज्यादा सारे लफड़े होते हैं, और वो कंडीशन खतरनाक वाली होती है ,अपन तोएक आजाद पंछी है, और पूरी लाइफ ऐसे ही रहने का है ,यह सभी लफड़े बाजी से दूर रहना ही बढ़िया है,,,,,
सुन ! अरे तूएक ज्यादा अच्छी लड़की है
तू पढ़ी लिखी है ,नौकरी भी करती है
तेरे को ज्यादा मस्त लड़का मिल जाएंगा जिनका बढ़िया घर, खानदान ,मां बाप और जिनके पासएक अच्छी सी नौकरी होगी अपन के संग रहकर तो तेरी जिंदगी का भी कचरा हो जाएगा ,अपन तो कभी स्कूल भी नहीं गया ,साला ढाबे में ही अपनी लाइफ कट जाएगी,इसलिये तू अपने वास्तेएक मस्त नौकरी वाला छोरा ढूंढ ,,और हां अपन तेरी शादी में आएगा ,एक ज्यादा अच्छे गिफ्ट के संग ,तू अपन को कार्ड जरूर देना
इतना कह कर राज ने पूनम को बाय कर लिया ,,,पूनम ज्यादा ध्यान से राज की बात सुन रही थी, उसकी आंखों में झांकने की कोशिश कर रही थी ,कि डॉली कितनी गहराई से उसके अंदर समाई हुई है
राज की सारी दुनिया ही डॉली के इर्द-गिर्द घूम रही
थी ,फिर भी उसेइसे बात का अहसास नहीं है, कि वह सिर्फ डॉली के लिए बना है, पूनमएक फीकी हंसी हंसते हुए वहां से चली गई, पूनम पूरे रास्ते सोच रही थी कि राज क्यों नहीं समझ पा रहा है, की डॉली ही उसकी दुनिया है
राज की लैंग्वेज में कहें तो उसका लफड़ा चक्कर सभी कुछ डॉली ही है ,,,,,
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घर पहुंचते-पहुंचते पूनम के मन का सारा सैलाब आंसुओं में बह चुका था ,अब उसका मन हल्का हो चुका था ,और उसने सोच लिया, किइसे बारे में ज्यादा जल्द वह डॉली से बात करके रहेगी,, करीब छह-सात दिन निकलने के पश्चात ,आज डॉली को पूनम के गांव उसकी आंगनबाड़ी पर रिपोर्ट बनाने के लिए जाना था
उसने राज से सुबह ही कह दिया था कि 1011 बजे वह उसे पूनम के यहां छोड़ आए राज भी टाइम पर तैयार हो गया था
डॉली को छोड़ने के लिए दोनों जीप में बैठ और पूनम के घर पहुंच गए, डॉली टाइम से पहले ही पहुंच गई थी,इसलिये वह सीधी पूनम के घर ही चली गई ,पूनम को पता था कि डॉली आने वाली है,इसलिये पूनम तैयार होकर दरवाजे पर ही दोनों का इंतजार कर रही थी ,जैसे ही दोनों पहुंचे डॉली घर के अंदर आ गई ,और पूनम ने राज से भी चाय पीने के लिए कहा ,लेकिन राज वैसे भी ज्यादा व्यस्त रहता है ,,,,
उसने कहा दोबारा किसी दिन ,और गाड़ी बैक करके पुनः ढाबे पर चला गया,,,,
कुछ देर दोनों घर में बैठी, और दोबारा आंगनबाड़ी सेंटर पर पहुंच गई ,पूनम ने कुछ फाइल निकालकर डॉली को दीं, और दोनों जमीन पर बिछे हुए फर्स पर बैठकर अपना रिकॉर्ड बनाने का काम करने लगी
पूनम सोच रही थी कि वह डॉली सेइसे बारे में बात करे,,,लेकिन अभी काम कुछ बारीकी का था ,तो उसने सोचा ये ख़त्म हो जाए उसके पश्चात ही आराम से बात करना ठीक रहेगा ,तकरीबन डेढ़ 2 घंटे पश्चात सारा काम ख़त्म हो चुका था ,अब सिर्फ चार्ट सीट तैयार करना बाकी था, जो आराम से बातें करते हुए बन सकती थी
जब सारी जरूरी फाइलें समेट कर डॉली ने रख दी ,और चार्ट पेपर का सामान निकालकर दोनों एक्टिविटी चार्ट सीट बनाने लगी, तब बातों ही बातों में पूनम ने डॉली से कहा ,,,
डॉली तूने शादी के बारे में कुछ सोचा है क्या डॉली काम में व्यस्त थी,एक फूल बनाते हुए वह फूल में रंग भर रही थी, और उसका सारा ध्यान उसी पर था,उसने रंग भरते हुए ही पूनम से कहा,,
नहीं पूनम अभी मेरा सारा ध्यान मेरी पढ़ाई और नौकरी पर है, ग्रेजुएशन का मेरा सेकंड ईयर है ,कम से कम डेढ़ 2 वर्ष तोइसे बारे में ,मैं कुछ नहीं सोचने वाली ,,,
और दोबारा अपने काम में लग गई ,थोड़ी देर में पूनम ने दोबारा डॉली से प्रश्न किया
अच्छा ठीक है शादी ना सही, ये बता कि तू किसी से प्रेम करती है क्या
मेरा मतलब तुझे कोई बढ़िया लगता है
या कभी तुझे ऐसा लगा है की किसी को प्रेम करती हो,,,,
डॉली ने व्रश रखा और पूनम की तरफ देखते हुए कहा ! पूनम आज तेरे सर पर ये प्रेम और शादी का भूत कहां से सवार हो गया कहीं ऐसा तो नहीं कि तुझे ही किसी से प्रेम हो गया हो ,,,आज तो पूनम ने सोच ही लिया था ,कि चाहे कुछ भी हो सारी बात डॉली से कर के ही रहेगी,,,,,
पूनम ने डॉली की आंखों में देखते हुए कहा हां डॉली मुझे किसी से प्रेम हुआ है
और इसी बारे में ,मैं तुझे सभी कुछ बताना चाहती हूं ,और ज्यादा सारी ऐसी बातें है
जो मैं तुझसे भीजान्ना चाहती हूं ,क्या आज तू अपने दिल की सारी बातें मुझे सच और साफ-साफ बताएगी
पूनम की ये बात सुनकर डॉली को कुछ अजीब लगा ,कि पूनमइसे तरह से बात क्यों कर रही है ,उसने पूनम से कहा तुझे हो क्या गया है,पर पूनम ने डॉली के दोनों हाथ अपने हाथों में लिए ,और डॉली से कहा !
हां डॉली मैं सच में सीरियस हूं ,और तुझ सेइसे बारे में बात करना चाहती हूं!
क्या आज तू मेरे सारे सवालों के जवाब देगी
पूनम लगातार डॉली की तरफ देखे जा रही थी ,क्योंकि आज उसने डॉली से प्रॉमिस लिया था ,कि डॉली उसे उन सारे सवालों के जवाब देगी ,जो वह उससेजान्ना चाहती है पूनम सच में ज्यादा सीरियस थी
डॉली भी पूनम की ऐसी बातें सुनकर थोड़ा सोच में पड़ गई थी, कि आखिर अचानक ऐसी कौन सी बात हो गई ,जो पूनमइसे तरह से बातें कर रही है, डॉली ने भी उसे भरोसा दिलाया ,कि हां पूनम तो पूछ मुझसे क्या पूछना चाहती है ,इतने महीनों में तू मेरी ज्यादा अच्छी सहेली बन गई है ,और यकीन कर तू मुझसे जो भी पूछेगी , मैं तुझे सच सच ही बताऊंगी
पूनम ने डॉली की तरफ देखते हुए कहा
डॉली इन तीन चार महीनों में मैं किसी से प्रेम करने लगी थी, धीरे-धीरे उसके करीब आने लगी थी ,और कहीं ना कहीं मुझे लगता था, कि शायद वह भीइसे बात के लिए राजी हो जाएगा ,लेकिन जब हिम्मत करके मैंने उसे ये बात बताई, मैंने उससे कहा कि
मैं उसको ज्यादा प्रेम करती हूं और उसके संग शादी करना चाहती हूं ,तो उसने मेरीइसे बात पर कुछ भी
रियेक्ट नहीं किया डॉली ज्यादा ध्यान से पूनम की बात सुन रही थी, डॉली ने पूछा पूनम वो कौन है
तू तो इतनी अच्छी लड़की है ,और जब तू उससे प्रेम करती तो उसने तुझे मना क्यों किया
डॉली क्योंकि वह किसी और से प्रेम करता है ,डॉली ने कहा पूनम क्याइसे बात का तुझे पहले से पता नहीं था
नहीं डॉली यदि मुझे पता होता तो क्या मैं ऐसा सोचती ,या उससे ऐसा कुछ कहती डॉली ने कहा पूनम जो हुआ उसे भूल जा बढ़िया है कि तुझे टाइम पर ही सभी कुछ पता चल गया ,और तूने ये बात एक्सेप्ट भी कर ली, कि वह तेरा नहीं हो सकता
अबइसे बात को जाने दे, और मैं चाहूंगी कि तू अपनी जिंदगी में आगे बढ़े
पूनम का चेहरा अब भी उतरा हुआ था उसने डॉली से कहा डॉली क्या तूएक बार उसका नामजान्ना नहीं चाहेगी
कि वह कौन है, डॉली ने कहा वैसे तो अब नाम जानने से कोई मतलब नहीं है
क्योंकि अब तेरे और उसके बीच ऐसा कुछ है भी नहीं ,फिर भी यदि तू चाहती है तो बता दे ,कि वह कौन है
राज !!!!!
क्या
डॉली हैरान होकर पूनम की तरफ देखने लगी
हां डॉली वो राज ही है ,जिसे मैं अपना दिल दे बैठी
थी ,मुझे राज ज्यादा बढ़िया लगने लगा था ,और मैं धीरे-धीरे उसके करीब आ रही थी, मैंने सोच लिया था किइसे बारे में राज से बात कर के ही रहूंगी, और इसीलिए अपने भाई के बर्थडे वाले दिन ,मैं अपने मम्मी पिता को भी संग लेकर आई थी
कि वह राज को प्रपोज करूंगी और यदि वह हां कहता है ,तो अपने मम्मी बाप से भी मिलवा दूंगी ,मुझे पूरा यकीन था
कि मेरे मम्मी पिता भी राज को जरूरपस्न्द करते ,राज में ऐसी कोई कमी है ही नहीं
कि कोई उसे नापसंद कर सके, राज में ज्यादा सारी खूबियां हैं ,जिनकी वजह से वह ज्यादा अच्छे इंसान हैं
पर जब मैंने राज सेइसे बारे में बात की
उस वक्त राजएक स्टोर रूम में था
राज के सामने मैंने अपनी सारी बात रख दी थी ,लेकिन उसी वक्त तुझे कैंची से चोट लग गई ,और तेरीएक हल्की सी चीख सुनकर वह सामान स्टोर रूम में फेंकते हुए तेरी तरफ दौड़ पड़ा ,और मैं खड़ी रह कर उसका इंतजार करती ही रह गई
जब मैं वहां पहुंची तो देखा कि राज तेरी चोट से कितना परेशान हो रहा था
चोट तुझे लगी थी ,लेकिन दर्द उसे हो रहा था आह तेरी निकल रहीं थी
पर महसूस राज को हो रही थी
वह सभी कुछ भूल कर तेरी छोटी सी चोट को ठीक करने में लगा था, डॉली तब मुझे समझ आया ,कि राज
के लिए तुझसे ज्यादा अहमियत किसी और की नहीं है
जहांएक तरफ मेरी बात अधूरी छोड़ कर वह तेरे पास आ गया था
वहीं दूसरी तरफ जब राज आया तो तू भी निश्चिंत हो गई थी, तूने स्वयं को राज के हवाले छोड़ दिया था, क्योंकि तू जानती है कि तेरे दर्द को उससे ज्यादा कोई नहीं समझ सकता ,,,,
,और उस दिन जब मैं जाने लगी थी तो राज ने मुझे रोकते हुए कहा ,कि मैंएक अच्छी लड़की हूं ,और अपने लिएएक पढ़ा-लिखा और बढ़िया लड़का देख सकती हूं
और उसकी लाइफ में ऐसा कुछ भी नहीं है ना ही वहइसे बारे में ऐसा कुछ सोच रहा है और राज किइसे बात पर मैं हैरान थी
कि वह तेरी इतनी केअर करता है
तेरे लिए हमेशा हाजिर रहता है
तेरी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात का ख्याल रखता है
तेरे दर्द पर सभी कुछ छोड़कर पागलों की तरह दौड़ा चला जाता है
तुझे लेना, तुझे छोड़ना ,तेरी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना ,तेरे आसपास के माहौल पर नजर रखना ,तुझे बच्चों की तरह ट्रीट करना
तेरे नखरे उठाना
डॉली ये सभी प्रेम नहीं तो क्या है
यह राज का वो प्रेम है जिसे वह स्वयं ही नहीं समझ
पा रहा,,,
उसने मुझसे कहा था, कि वह तन्हा ही रहना चाहता है, उसकी भाषा में कहें तो उसे शादी की लफड़े बाजीपस्न्द नहीं है
डॉली तू जानती है ,उसे मेराइसे तरह से प्रेम का इजहार करनापस्न्द क्यों नहीं आया क्योंकि उसके दिल में पहले से तूने स्थान बना रखी है, तो उसके दिल केएक ऐसे कोने में बैठी है ,जहां से कोई और तुझे नहीं देख पा रहा, सिवाय राज के
डॉली किसी स्टैचू की तरह बिना पलकें झपकाए पूनम की बात सुनती जा रही थी उसे पूनम की कोई भी बात समझ नहीं आ रही थी ,कि वह कहना क्या चाहती है
इन सभी के बारे में तो डॉली ने कभी सोचा ही नहीं ,,,,,
वह तो राज के पास आकर रहने लगी थी राज और काकी से उसकाएक ऐसा रिश्ता है ,जिसका कोई नाम नहीं है,,,,
पर जो पूनम कहती जा रही है, वह सभी क्या है ,वह सारी बातें तो मेरे उपरि से निकल रही हैं ,,,,
पूनम कुछ और कहती, तभी डॉली ने कहा पूनम तू ये सभी क्या बोल रही है
राज मुझसे प्रेम करते है
पर ये कैसे हो सकता है ,ना तो मैंने और ना ही राज ने कभीइसे बारे में सोचा
हां तेरी ये बात सही है कि राज से ज्यादा मुझे कोई भी नहीं समझता, राज मेरी हर बात का ध्यान रखते हैं ,मेरे कुछ कहने से पहले ही वह मेरी आंखों में पढ़
लेते हैं
कि मैं चाहती क्या हूं,,,
पूनम ने डॉली को समझाते हुए कहा डॉली तू और कितना जानना चाहती है
अगर ये प्रेम नहीं ,तो क्या है
राज तेरे अलावा किसी के नजदीक नहीं जाना चाहता, तू हमेशा राज के संग रहना चाहती है
जब वह तेरे पास होते हैं ,तो तू निश्चफिकर हो जाती है
राज की हर चीज का कितने अच्छे से ध्यान रखती है तू,,,,,,,
डॉलीएक बार ज़रा आंखें बंद करके सोचएक लंबी चौड़ी सुनसान रोड है
जिसके मीलो दूर तक तुम्हारे आगे और पीछे कोई नहीं है, तुम्हें उस सड़क पर ज्यादा दूर तक चलते जाना है ,और यदि कोई आकर तुझ से कहें किइसे लंबी चौड़ी सुनसान सड़क पर तुझे किस का संग चाहिए, ऐसा कौन है जो इसी वक्त तेरे पास आ जाए ,तो तू किसका नाम लेगी
डॉली ने ज्यादा ही सहज तरीके से कहा
राज का !!!!!!!!
डॉली यदि तुझे किसी चीज की जरूरत हो तो किससे मांगेगी
राज से !!!!!!
और ऐसा कौन है जिससे तू कभी दूर होना नहीं चाहती, और यदि दूर होती भी है तो तुझे हर वक्त उसी की चिंता लगी रहती है पूनम ! मुझे राज की ही चिंता
रहेगी!!!!
पर इन सभी से प्रेम का क्या मतलब
डॉली में यही तो तुझे समझाना चाहती हूं कि प्रेम इसी को कहते हैं, तू राज से प्रेम करती है
तुम दोनोंएक दूसरे के लिए बने हो ,और तुम्हारे कान्हा जी नेही तुम्हें राज से मिलाया है ,तुम दोनों का संग तो उपरि वाला पहले ही लिख चुका है ,मुझे आश्चर्य हो रहा है
कि तू अब तक क्यों नहीं समझी
डॉली अब वक्त आ गया है, कि तुझे राज का हाथ थाम लेना चाहिए ,आखिर वह कब तक अपनी जिंदगी में यूं ही तन्हा रहेगा
क्या तुझे काकी की आंखों में राज की गृहस्ती के लिए तड़प दिखाई नहीं देती
वह भी चाहती हैं कि उनके राज का घर बसे ,उसके छोटे-छोटे बच्चे हो
वो अपनी गृहस्ती में सुखी रहे
डॉलीएक बार सोच कर देख, क्या तुझे ये सभी सोचते हुए बढ़िया नहीं लग रहा
कि तू राज के दो छोटे छोटे से बच्चों की मम्मी है, राज अपने दो छोटे बच्चों और तेरे संग अपनी गृहस्थी में खुश है
डॉली ज्यादा गहरी चिंता में पड़ गई थी
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वह इन सारी बातों को गहराई से सोच रही थी,,,,,
उसने पूनम से कहा, पूनम पर ये कैसे हो सकता है ,,राज ने कभी भी उस नजर से मुझे देखा ही नहीं और ना ही मैंने ,,,,
उनके लिए तो मैं अभी तकएक बच्ची हूं
वह मुझे हमेशा बच्चों की तरह ही ट्रीट करते हैं ,,,,डॉली माना कि तू राज से बहुत छोटी है, पर प्रेम उम्र नहीं देखता
वहएक दूसरे के लिए इज्जत और प्रेम देखता है, और तुम दोनों में वह सभी कूट-कूट कर भरा हुआ है, जराएक बार सोच कर देख यदि कल को तेरी शादी हो गई,
और तू कहीं और चली गई ,तो क्या तू किसी और के संग खुश रह पाएगी,,,,
यह बात सुनकर सच में डॉली परेशान हो उठी थी ,राज से दूर जाने का की सोच कर भी वह डर गई थी ,,,,
उसके पश्चात भी पूनम कितनी देर तकएक एक बात उसे समझाती रही, उसे बताती रही अब आंगनबाड़ी बंद करने का टाइम हो गया था ,और राज का भी फोन आ गया था कि वह 1520 मिनट में ही डॉली को लेने आ रहा है, डॉली धीरे-धीरे आंगनबाड़ी में बिखरा हुआ अपना सामान समेटने लगी
तब तक राज की जीप का हॉर्नबाहर् सुनाई दिया, जैसे ही डॉलीबाहर् जाने लगी पूनम ने उसका हाथ पकड़कर रोकते हुए कहा !
डॉली अब और देर मत करना,,,,
तुझेइसे बात को जानना ही होगा, कि तू और राजएक दूसरे के लिए ही बने हैं
यह कहते हुए पूनम ने डॉली का हाथ छोड़ दिया,,,, डॉली चुपचाप आकर जीप में आगे की सीट पर बैठ गई ,,,
हमेशा की तरह राज ने जीप स्टार्ट की और उसका बोलना शुरुआत हो गया,,,,,
महारानी ! कैसा रहा आज का दिन तेरा जो भी काम था, सभी हो गया ना, कि तेरे को अभी और यहां पर छोड़ने को पहुँचना पड़ेगा डॉली प्रश्नवाचक निगाहों से राज की तरफ देखे जा रही थी ,,
वह ज्यादा कुछ पूछना चाहती थी राज से ज्यादा बातें करना चाहती थी, पर उसे पता था कि राज को ये सभी समझाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, पता नहीं वहइसे बात पर कैसे रिएक्ट करेंगे ,,,
राज लगातार बोल रहा था, और डॉली चुपचाप उसकी बातें सुनती जा रही थी
कुछ ही देर में घर आ गया, डॉली ने अपना बैग उठाया और अंदर चली गई
राज भी उसके पीछे-पीछे अंदर आ गया था ,काकी दोनों का इंतजार ही कर रही थी जैसे ही दोनों अंदर आए, राज ने काकी की तरफ देखते हुए कहा,,,,
काकी देखनाइसे महारानी को क्या हो गया है, मैं कबसे से कुछ पूछ रहा हूं ,ये है कि कुछ बोलती ही नहीं ,,
डॉली आई और काकी के गले में बाहें डाल कर उनके कंधे पर अपना सिर टिका दिया राज देख रहा था, कि डॉली चुपचाप है लेकिन वह दोबारा भी उसे चिढ़ाने की कोशिश कर रहा था, पर काकी ने डॉली के गाल पर हाथ रखते हुए, उसकी आंखों में देखकर पूछा!
क्या होगा मेरी डॉली बिटिया को आज ऐसे चुपचाप और बुझी बुझी क्यों है, तेरा सभी काम तो ठीक रहा ना, डॉली ने धीरे-धीरे से कहा जी काकी सभी ठीक था
और बैग उठाकर अपने कमरे में चली गई राज और काकीएक दूसरे की तरफ देखने लगे, कि आज से पहले तो डॉली ने ऐसा कभी नहीं किया, वह जब भी आती चहकते हुए सारी बातें बताती, और आते संग ही
काकी की मदद भी करवाने लगती
जैसे ही राज उसके पीछे उसके कमरे में जाने लगा, तो काकी ने राज का हाथ पकड़कर रोकते हुए कहा!
बेटा लगता है वह किसी बात पर परेशान है अभी उसे और परेशान मत कर कुछ देर पश्चात उसका मूड ठीक हो जाएगा, तो वह स्वयं ही हमसे बात कर लेंगी,,,
और ये कह कर काकी रसोई में चली गई पर राज के दिमाग में अभी भी चल रहा था कि आखिर हुआ क्या है, जो डॉलीइसे तरह का बर्ताव कर रही है,,तभी दुकान से कोई लड़का बुलाने आया,,,
राज भैया ढाबे पर चलिए, कुछ ग्राहकों को आपसे बात करनी है ,और राज भी ढाबे पर चला गया.
डॉली ज्यादा देर तक अपने कमरे में चुपचाप लेटी रही, आज वह रसोई में भी काकी की मदद करवाने नहीं आई थी ,काकी ने भी सोचा की आंगनवाड़ी का काम ज्यादा हो गया होगा ,इसलिए थक गई होगी ,काकी रात का खाना भी बना चुकी थी ,जब डॉली खाना खाने के लिए नहीं उठी,तो काकी ने बुलाया तब भी डॉली ने कोई उत्तर नहीं दिया काकी थालियां लगा रही थी, और बीच-बीच में डॉली को आवाज भी देती जा रही थी
तब तक राज भी ढाबे से आ गया ,जब उसने देखा कि काकी रसोई में अकेले ही है तो राज ने डॉली के बारे में पूछा
तो काकी ने राज से ही डॉली को बुलाने के लिए कहा !
बेटा जाकर उसको उठा ले ,लगता है आज थक गई होगी ,इसलिए सो गई ,राज ने डॉली के कमरे में जाकर डॉली को जोर से आवाज लगाते हुये कमरे की लाइट भी जला दी,, और देखा तो सच में डॉली सो रही थी ,राज ने कमरे से ही आवाज लगाई काकी ,यह क्या महारानी अभी से सो गई मैं आवाज लगा रहा हूं, सुन
भी नहीं रही
काकी ने कहा बेटा, यदि सो गई है तो उसे उठा ले ,आंगनबाड़ी से आकर तो उसने कुछ भी नहीं खाया, राज हिलाकर डॉली को उठाने लगा, दोबारा भी डॉली गहरी नींद में थी राज ने उसके माथे पर अपना हाथ रखा तो देखा कि उसका माथा गर्म था
राज ने चादर हटाते हुए डॉली का हाथ पकड़ा, तो हाथ भी गर्म था
राज वहीं से चिल्लाता हुआ काकी के पास आया, काकी महारानी को तो बुखार है
क्या काकी थाली छोड़ते हुए डॉली के कमरे की तरफ गई ,काकी रास्ते में ही बढ़बढ़ाती जा रही थी ,यह लड़की भी ना सुबह से शाम तक मशीन की तरह काम करती है
अपने खाने-पीने का तो ख्याल ही नहीं रखती कितनी बार कहती हूं, टाइम पर खाना खा लिया कर ,दूध फल लिया कर ,पर उसे तो घर के काम और आंगनबाड़ी के काम इन दोनों के अलावा कुछ और दिखता ही नहीं सबका ध्यान रख लेती है,एक अपना ही नहीं रख पाती, काकी ने भी आकर डॉली के माथे पर हाथ रखा ,देखा तो माथा गर्म था
काकी जल्दी से रसोई में से पानी का गिलास भरकर लाई ,और राज से कहां तू डॉली को थोड़ा पानी पिला, जब इसकी नींद खुल जाए ,तो कुछ खिलाकर दवाई देना पड़ेगी राज ने डॉली को उठा कर बेड पर बिठा लिया था ,और अपने कंधे से उसका सर टिकाते हुए
उसको सहारा दिया
काकी डॉली को पानी पिलाने लगी
डॉली करीब आधा गिलास पानी पी गई थी राज ने काकी की तरफ देखते हुए कहा कि मैं अभी डॉक्टर को लेकर आता हूं
डॉली ने राज को रोका और धीरे-धीरे से कहा मैं ठीक हूं, इतनी रात को वैसे भी कौन सा डॉक्टर मिलेगा, अभी पेरासिटामोल ले लेती हूं ,हम सुबह चलकर डॉक्टर को दिखा देगे
डॉली की टेंशन में राज के चेहरे पर चिंता स्वच्छ दिख रही थी
उसने कहा तू ऐसे कैसे कोई भी दवाई ले लेगी, और पहले तो तू कुछ खा ले सुबह से काम काम और बस काम लगा रहता है पहले कुछ खा, उसके पश्चात तुझे कोई दवाई देंगे ,और काकी से खाने की थाली लाने के लिए कहा, डॉली बच्चों की तरह जिद करने लगी कि मुझे कुछ नहीं खाना ,मुझे बिल्कुल भी भूख नहीं है
पर राज छोटे-छोटे कौर तोड़करएक एक निवाला उसके मुंह में रखता जा रहा था
डॉली जबरदस्ती मुंह बना बना कर वह कौन निगल रही थी ,,,
जैसे हीएक रोटी ख़त्म हुई डॉली ने दोनों हाथों से अपना मुंह बंद कर लिया ,मैं अब और नहीं खा सकती ,प्लीज !
काकी ने कहा ठीक है ,राज अब जबरदस्ती मत कर ,इतने खाने के पश्चात हम इसको दवाई दे सकते हैं,
लेकिन राज ऐसे कहां मानने वाला था , इसी गांव के पासएक डिस्पेंसरी थी ,जहां पर राज और काकी अक्सर जाया करते थे, और उनसे राज की अच्छी जान पहचान भी थी ,उनको फोन लगा दिया
डॉक्टर से बात करने के बाद, जब डॉली के बारे में सभी कुछ बता दिया ,और उन्होंने टेबलेट का नाम बता कर अच्छे से सभी कुछ समझा दिया ,तब राज को तसल्ली हुई जिस टेबलेट का नाम उन्होंने बताया ,वह घर पर ही रखी थी ,राज ने वह टेबलेट डॉली को खिला दी ,और उसे लिटा कर उसके पास ही बैठ गया, तभी काकी ने कहा राज डॉली को तो दवाई खिला दी,, अब तू भी तो कुछ खा ले ,लगी हुई थाली भी ठंडी हो गई होगी राज ने कहा की तू जा कर खाले
मैं शहज़ादी के पास बैठता हूं
जब डॉली ने सुना ककि अभी तक राज और काकी ने खाना नहीं खाया ,तो डॉली ने धीरे-धीरे से उठते हुए कहा ,काकी आप दोनों खाना खा लीजिए, मैं अब ठीक हूं
मुझे पहले से बढ़िया लग रहा है
डॉली के कहने पर राज खाना खाने काकी के संग आ गया ,लेकिन खाना खाने के पश्चात उसनेएक बार दोबारा डॉली को जाकर देखा उसका बुखार कम हुआ कि नहीं,इसे बार पहले से बुखार कम था, राज ने कहा काकी आप लोगों के साथ, में भी यहीएक फोल्डिंग डाल कर सो जाता हूं ,रात को भी इसका फीवरदेख्ना पड़ेगा , ये तो सो जाएगी तो इसको होश ही नहीं रहेगा ,काकी
भी दवाई खा कर सोती थी ,तो उसकी आंख सुबह ही खुलती थी ,इसलिए काकी को भी यही सही लगा ,राज ने भीएक फोल्डिंग डाला और सो गया ,राज हर दो-तीन घंटे में उठकर पूरी रात डॉली का फीवर चेक करता रहा
कि कहीं बढ़ तो नहीं रहा है
लेकिन फीवर नॉर्मल ही था, ऐसे ही पूरी रात निकल गई ,जब सुबह हुई तो डॉली रोज की तरह ही उठ गई ,हां पर उसे कमजोरी लग रही थी ,इसइसलिये वह रोज की तरह काम भी नहीं कर पा रही थी ,राज की नींद तो सुबह ज्यादा ही पक्की होती थी
उसको आसानी से उठाना तो हो ही नहीं पाता था, लेकिन आज राज की भी नींद खुल गई ,उसने जब देखा कि डॉली अपनी स्थान पर नहीं है ,तो जल्दी सेबाहर् आया जहाँ हाथ में झाड़ू लीये डॉली दिखी
झाड़ू छीनते हुए डॉली को डांटना शुरुआत कर दिया ,महारानी तुझे चैन नहीं पड़ता क्या
क्या तेरी इच्छा क्या है, तू अच्छी तरह से बीमार पड़ना चाहती है क्या
यह सभी काम छोड़ और जाकर चुपचाप अपने कमरे में लेट जा ,और दोबारा काकी को भी आवाज लगाई ,काकीदेख्ना ये शहज़ादी सुबह सुबह क्या कर रही है
यह झाड़ू लेकर आ गई ,तू भी इसे कुछ नहीं कहती ,,,काकी ने अभी तक डॉली को देखा ही नहीं था, कि वह उठकर झाड़ू लगाने लगी है
काकी तो सुबह से उठकर नाश्ता बनाने में लग
गई ,और जब राज के उठने की आहट हुई ,तो उसनेएक चूल्हे पर चाय भी चढ़ा दी डॉली के हाथ से झाड़ू छीन कर
उसका हाथ पकड़ उसके कमरे में ले गया औऱ पुनः उसे बेड पर लिटा दिया
डॉली राज को समझाने की कोशिश कर रही थी, कि कल से उसे बेहतर लग रहा है और दोबारा आज शनिवार है ,सप्ताह का आखरी दिन तो उसे आंगनवाड़ी भी जाना होगा ,कल तो छुट्टी तो है ही
वह कल ही आराम कर लेगी, राज ने डांटते हुए कहा ,तेरी समझ में नहीं आ रहा
कि मैं तुझ से कह क्या रहा हूं
खबरदार जो यहां से हिली भी ,अरे तेरी नौकरी लगे हुए 1 वर्ष हो गया
1 दिन की भी छुट्टी नहीं ली होगी
साला सभी फालतू में बर्बाद हो जाएंगी
छुट्टियां ,जब तक तू बिल्कुल ठीक नहीं हो जाती, घर सेबाहर् कदम भी नहीं रखेगी
मैं जाकर वहां पर बोल दूंगा ,और तुझे मोबाइल दे रहा हूं ,और भी तुझे जिस से बोलना हो तो तू बोल देना, ये राज का आखरी फैसला था ,औऱ राज के सामने बोलने की डॉली की हिम्मत भी नहीं थी
डॉली ने कहा ठीक है ,कम से कम मुझे डांटो तो मत ,देखो नाएक तो मेरी तबीयत ठीक नहीं ,ऊपर से आप कल से मुझे डांटे ही जा रहे हैं,,,
हां क्योंकि तुझे डांट से ही समझ में आता है यदि प्यार
से कहो , तो तू सर पर चढ़ कर नाचने लगती है ,,,जब डॉली लेट गई तो
राज रसोई में गया ,और मखाने का डिब्बा ढूंढने लगा ,एक के बादएक डिब्बे खोलता जा रहा था ,काकी ने उसके पीछे आते हुए कहा, राज तुझे क्या चाहिए ढूंढ क्या रहा है काकी मैं मखाने का डिब्बा ढूंढ रहा हूं
जब मुझे बुखार आता ,तो तू मुझे वह थोड़ी सा घी और नमक डालकर फ्राई करके देती थी ना ,तो उससे अपुन का मुँह एकदम रापचिक हो जाता था ,और टेस्ट भी बढ़िया लगता था ,तो वैसे ही मैं महारानी के लिए बना रहा हूं ,,,,,,
काकी ने हंसते हुए कहा वह मेरी रसोई है
तू रहने दे मेरी रसोई में ही संभाल लूंगी
तू अपना ढाबा ही संभाल ,तू जाकर डॉली के पास बैठ जा ,मैं मखाने तल के लाती हूं और काकी मखाने का डब्बा निकालकर उसे कढ़ाई में हल्का सा घी डाल कर भूना और नमक मिलाते हुए डॉली के पास ले आई
ऐसे मखाने खाने से सच में मुंह का स्वाद बढ़िया हो जाता था, राजएक एक मखाना डॉली को अपने हाथों से खिला रहा था राज
ने मखाने खिलाए ,और दूध पिलाया तब तक काकी ने अंदर आते हुए कहा
राज ,राज ,डॉक्टर साहब आए हैं
क्या तू नेउन्को फोन किया था
हां काकी मैंने तो रात को हीउन्को फोन किया था, और
सुबह आने के लिए भी बोल दिया था ,आपउन्को बिठाओ मैं डॉली को लेकर आता हूं ,राज ने डॉली को उठाया औरबाहर् वाले कमरे में उसे डॉक्टर को दिखाने ,लगा डॉक्टर ने अच्छे से डॉली की आंखें ,जीभ ,हाथ, नाखून और बुखार सभी कुछ चेक किया ,और कहा! राज चिंता की कोई बात नहीं है ,डॉली को वायरल फीवर है पर हां मुझे लग रहा है ,कि इन्होंने किसी बात का स्ट्रेस भी लिया है
राज डॉक्टर का मुंह देखने लगा, डॉक्टर साहब मैं कुछ समझा नहीं, राज मेरे कहने का मतलब है ,कि जब हम किसी बात को ज्यादा गहराई से ,और ज्यादा देर तक सोचते रहते हैं ,तो उसकी वजह से भी हमारी शरीर में वीकनेस महसूस होती है, और ऐसे में हमारा साधारण सा फीवर भी बहुत बढ़ जाता है ,तो बस डॉली के संग ही यही हुआ है ,कुछ काम का प्रेशर होगा ,और प्रेशर से ज्यादा लगता है उन्होंने अपने दिमाग पर जोर डाला है ,पर दोबारा भी लापरवाही करना सही नहीं है ,मैं 3 दिन का मेडिसन दे रहा हूं और डॉली को आराम के संग ही अच्छे से खाना पीना भी खाना होगा
उसके पश्चात बिल्कुल पहले की तरह स्वस्थ हो जाएंगी, डॉक्टर ने दवाइयां लिखकर राज के हाथ में दी ,और जाने के लिए खड़े हो गए ,राज डॉक्टर साहब के पीछे पीछेउन्को छोड़नेबाहर् तक आ गया
जब डॉक्टर जाने लगे, तो राज नेएक बार दोबारा उनसे पूछा डॉक्टर साहब कोई और परेशानी तो नहीं है ना ,डॉक्टर ने हंसते हुए कहा अरे नहीं राज, कोई भी
परेशानी नहीं है ,वायरल फीवर तो वैसे भी दो-तीन दिन का होता है, 3 दिन का डोज़ लेने के पश्चात उनको बढ़िया लगेगा ,और डॉक्टर चले गए
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