The Romance Sex Story of फ़िर से
अपडेट 50
“वो तो है ही!” किरण जी ने रूचि के गालों को सहलाते हुए पूछा, “तू भी पियेगी बेटू?”
रूचि को उम्मीद ही नहीं थी कि मम्मी उसके सामने ऐसी कोई पेशकश भी कर सकती हैं। मन में चाहे जो भी रहा हो उसके, लेकिन किरण जी के सामने उसने ‘न’ में सर हिलाया।
“नहीं?” किरण जी को अचरज नहीं हुआ - रूचिएक सभ्य और शिष्ट लड़की थी। ऐसे कैसे वो पहली ही बार में किसी वस्तु के लिए हाँ कह दे? वो वस्तु भले ही कितनी भी लुभावनी क्यों न हो।
“मीठा मीठा है खूब,” उन्होंने रूचि को लुभाया।
“हाँ. सच में! ज्यादा मीठा है,” अजय ने भी मम्मी की बात का अनुमोदन किया।
रूचि ने देखा - किरण जी के जिस चूचक को अजय पी रहा था, उसके सिरे पर दूध की बूँद साफ़ दिखाई दे रही थी। लुभावना दृश्य! अजय पुनः उस चूची से जा लगा।
लोभ तो था ही रूचि के मन में - उसी दिन से जब उसने पहली बार अजय को मम्मी का स्तनपान करते हुए चुपके से देखा था - ये जानने का कि मम्मी का दूध पीना कैसा लगता है। अपनी मम्मी से कहने की हिम्मत न हुई, लेकिन दूसरी मम्मी हैं न! और वो उसको स्तनपान कराने को तत्पर भी हैं! उसकी नज़र मम्मी के दुग्धपूरित दूसरे चूचक पर पड़ी। उसके सिरे पर भी अब दूध की छोटी छोटी बूँदें उभर रही थीं। अनायास ही उसकी जीभ उसके निचले होंठ पर दोबारा गई। मम्मी को समझ में आ गया रूचि को भी दूध पीना है।
“आ जा.” उन्होंने वात्सल्य भरी कोमलता से कहा।
रूचि के लिए इतना प्रोत्साहन बहुत था। अगले ही समय अजय के संग रूचि भी आ लगी किरण जी के चूची से! रूचि नेएक दो बार चूसा तो सही, लेकिन उसको मन मुताबिक़ पारितोषिक नहीं मिला। ये समझ कर किरण जी ने स्वयं ही चूचक के निकट अपने चूची को थोड़ा दबा दिया - अगले ही समय मम्मी के दूध की कई स्वस्थ धाराएँ रूचि के मुँह में फ़ौव्वारों जैसी फूट गईं।एक समय को वो चौंक गई, लेकिन अगले ही समय संयत हो गई।
“मिला दूध?” किरण जी ने पूछा।
रूचि ने चूचक को मुँह में लिए लिए ही ‘हाँ’ में सर हिलाया और उसका स्वाद लेते हुए और उसको गटकते हुएएक संतोष भरी आवाज़ निकाली।
“गुड,” किरण जी बोलीं, “पी लो,”
रूचि ने महसूस किया कि मम्मी का दूध वाक़ई मीठा था! शक्कर घुला जैसा मीठा नहीं, लेकिन उसमेंएक प्राकृतिक मिठास थी। संग ही संग उसको जीभ परएक क्रीमी एहसास भी हो रहा था -एक सौम्य, मुलायम सा चिकनापन! और उसका प्रभाव और भी आसाधारण था! रूचि को ऐसा लगा जैसे कि उसके मन मस्तिष्क पर किसी ने मलहम लगा दिया हो। अद्भुत सी शांति, गज़ब का संतुष्टि!
कोई पाँच मिनट तक स्तनपान करने के पश्चात दोनों संतुष्ट हो गए और मम्मी के चूची खाली भी हो गए।
“हो गया बच्चों?” किरण जी ने पूछा।
“हाँ माँ,” अजय बोला और उनके चूची से अलग हो गया।
“अच्छी बात है,” मम्मी बोलीं, “चल. जल्दी से तैयार हो कर नीचे आ जा!”
रूचि कुछ कह नहीं रही थी।
स्तनपान कर के उसको असीम संतोष मिला था, लेकिन संग ही संग उसको शर्म भी आ रही थी कि इतनी बड़ी हो कर बच्चों जैसी हरकतें कर रही थी! लेकिन अभी जो कुछ हुआ था उसके बारे में सोच रही थी - कैसी असंभव सी बात मूर्त हो गई आज! आज के टाइममें क्या ऐसी माताएँ होती हैं. माताएँ छोड़ो - क्या ऐसी सास भी होतीं हैं? असंभव! सास बहू के कैसे कैसे भयानक किस्से सुने थे उसने! भयानक किस्से कि कैसे दोनोंएक दूसरे का जिंदगी तबाह कर देती हैं। लेकिन इधर तो वैसा कुछ भी नहीं हो रहा था। और, वो तो अभी उनकी बहू बनी भी नहीं थी, लेकिन दोबारा भी इतना स्नेह था उनके मन में उसके लिए! और स्नेह भी ऐसा कि उन्होंने उसको अपना अमृत भी पिला दिया था! उस समय में रूचि को महसूस हुआ कि उसकीएक नहीं, बल्कि दो दो माएँ हैं! उसने अपने मन में निश्चय किया कि वो भीइसे घर की अच्छी बेटी बनेगी. औरइसे घर को वो पूरी तरह से अपना घर मानेगी!
किरण जी के अगाध प्रेम और स्नेह के बोध से रूचि की आँखें भर आईं।
“क्या हुआ बच्चे?” किरण जी ने उसकी आँखों में आँसू देख कर थोड़ा चिंतित होते हुए पूछा।
अजय भी चिंतित हो गया - कुछ टाइमपहले ही रूचि के सर में दर्द हो रहा था।
रूचि का गला भर आया था,इसलिये उसके लिए कुछ कह पाना कठिन हो रहा था। दोबारा भी उसने अपने भरे हुए गले से कहा,
“कुछ नहीं माँ. कुछ भी नहीं!”
“माँ,” अजय ने समझदारी दिखाते हुए कहा, “शायद रूचि थोड़ा इमोशनल हो गई,”
“चल. बड़ा आया समझदारी दिखाने वाला,” मम्मी ने उसको प्रेम से झिड़की दी, दोबारा रूचि को अपने आलिंगन में भरते हुए बोलीं, “कुछ नहीं बच्चे. कुछ मत सोच!”
उन्होंने रूचि को कई बार चूमा, “तू हमारी बिटिया है. आराम से रह! जैसे तेरे मम्मी पापा का घर है, वैसे ही ये तेरे मम्मी पापा का घर है!”
रूचि मारे लाड़ के किरण जी के आलिंगन में भीतर तक घुस गई।
किरण जी ने महसूस किया कि रूचि की करीब खुली हुई पीठ ठंडी हो गई थी।
“बेटू, कुछ पहन ले अब! नहीं तो ठण्ड लग जाएगी,”
अजय ने ये सुन कर कम्बल रूचि की पीठ पर डाल दिया।
“माँ,” रूचि ने झिझकते हुए कहा, “आप मेरी हेल्प देंगी?”
“हाँ. बोलो? क्या हेल्प चाहिए?”
“साड़ी पहनने में.”
“साड़ी क्यों पहननी है? कुछ और नहीं है?”
“शलवार कुर्ता है,”
“वही पहन लो. नहीं तो माया की टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन लो!”
रूचि की आँखें आश्चर्य से फ़ैल गईं, “सच में माँ? कैन आई रियली वियर शॉर्ट्स?”
“हाँ न! अरे! बुद्धूराम. इतना समझाया तो तुझे! तू हमारी बेटी है अब! अपने मन मुताबिक रह यहाँ.”
“थैंक यू माँ,” रूचि खुश होते हुए बोली।
“मन करे तो नंगू नंगू रह ले,” किरण जी हँसती हुई बोलीं, “हमको कोई प्रॉब्लम नहीं,”
“हाँ,” अजयइसे सुझाव पर आनंदित हो गया।
“धत्त,” रूचि दोबारा से शर्मा गई, “माँ, अभी कुछ हल्का फुल्का पहन लेती हूँ. लेकिन शाम को आपकी या भाभी की हेल्प चाहिए होगी। आई वांट टू वियर साड़ी,”
“हाँ. अच्छी बात है! शाम को हम तीनों ही बढ़िया तमक-झमक के संग तैयार होंगी!” किरण जी ने चटपटे अंदाज़ में कहा, “उसकी चिंता न कर।”
फिर किरण जी ने अजय से कहा, “बेटे, जा कर दीदी से कह कि रूचि बेटे को कुछ आरामदायक पहनने को दे. और स्वेटर या शॉल भी!”
“थैंक यू माँ!”
“चल, आई बड़ी थैंक यू कहने वाली!”
कह कर किरण जी चली गईं।
उनके जाने के पश्चात अजय ने रूचि से पूछा, “अब सर दर्द कैसा है?”
“बहुत आराम है।” रूचि की आवाज़ से ही लग रहा था कि वो वाक़ई ज्यादा चैन से है, “एकदम से रिलैक्स्ड!”
“गुड!”
“लगता है,” रूचि ने शैतानी वाली जज्बातों लाते हुए कहा, “कि मम्मी का दूधू पीने के और भी रिलैक्स्ड हो गई हूँ!”
“आई नो!” अजय बोला, “तुमको क्यों लगता है कि दीदी और मैं अभी तक पी रहे हैं?”
रूचि मुस्कुराई, “तुम दोनों ज्यादा लकी हो!”
“हाँ. वो तो है!” अजय हँसते हुए बोला, “और सबसे लकी हूँ मैं. आई हैव द बेस्ट फादर, द बेस्ट मदर, द बेस्ट सिस्टर, एंड द बेस्टेस्ट वाइफ.”
“अभी तुम्हारी शादी नहीं हुई है बच्चू.” रूचि ने इठलाते हुए कहा, “अधिक न उड़ो!”
“सारा मज़ा तो शादी से पहले केइसे चुपके चुपके वाले रोमांस का है,”
“हा हा हा.”
“वैसे,” अजय ने सोचते हुए कहा, “तुम वो चश्मा लगाओ ही मत. बेटर रहेगा,”
“हाँ. ठीक कह रहे हो। मुझे भी यही लगता है।”
दोनों बातें कर ही रहे थे कि माया रूचि के लिए आरामदायक कपड़े लिए कमरे में आई।
“ये लो भाभी,” माया ने कहा, “ऐसे चड्ढी बनियान पहने हुए इतनी ठंडक में मत बैठी रहो. सर्दी लग जाएगी!”
माया रूचि को छेड़ने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही थी।
“चड्ढी बनियान.” कह कर अजय हँसने लगा।
“भाभी.” उधर रूचि झेंप गई।
“अरे. अपनीएक ही तो भाभी है. और वो हो तुम!” माया बोली, “अब तुमसे भी हँसी मज़ाक न करूँ, तो कैसे चलेगा!”
“लो कर लो बात,” अजय बोला, “पैट्रिशिया भाभी भी तो हैं!”
“हाँ हैं. लेकिन अमरीका में! और उनकी ज़्यादातर बातें मुझे समझ ही नहीं आतीं। तुम्हारे जैसी अंग्रेज़ी न मैं समझ पाती हूँ, और न ही बोल पाती हूँ! . अबएक दूसरे को टुकुर टुकुर ताकने से हँसी मज़ाक थोड़े ही हो सकता है!”
माया की बात पर सभी को हँसी आ गई।
“हाँ ठीक है दीदी! कर लो हँसी मज़ाक!” अजय बोला, “लेकिन ये मज़ेदार बात है. तुम दोनों हीएक दूसरे की भाभी हो! लाइफ-लॉन्ग छेड़खानी चलेगी ऐसे तो,”
“हाँ तो?” माया बोली, “लेकिनएक बात तो है बाबू. मम्मी ने एकदम सही बात बोली है! तुम दोनों संग में ज्यादा सुन्दर. ज्यादा प्यारे लगते हो!”
“थैंक यू दीदी!” अजय मुस्कुराया और रूचि भी।
“चलो अब जल्दी से नीचे आ जाओ। तुम दोनों का मनपसंद नाश्ता बना रही हूँ.”
“मैं भी आती हूँ भाभी. हेल्प करने!”
“अरे कर लेना. अब तो तुम इसी घर की हो! लेकिन आज हमको मेहमान नवाज़ी कर लेने दो!” माया ने हँसते हुए कहा, “आओ जल्दी!”
*
You are currently reading Romance Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
अपडेट 51
दुनिया के लिए आज छोटी दिवाली रही होगी, लेकिन आज इधर बड़ी दिवाली ही मनाई जा रही थी। मन में जब ख़ुशियाँ होती हैं, तो हर दिन त्यौहार हो सकता है। वो गाना है न, ‘ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ हों, दामन में जिसके, क्यों न ख़ुशी से वो दीवाना हो जाए.’! पिछले कुछ दिनों से सभी ख़ुश थे. ख़ुशियों के मारे दीवाने हो रहे थे। अजय समझता था किएक बड़े हद तक अपने घर में आई इन नई खुशियों के वो स्वयं ही जिम्मेदार था। उसके मन के किसी कोने में ये डर ज़रूर बना हुआ था कि कहीं ऐसा न हो जाए कि पिछली ज़िन्दगी के दुःख,इसे नई ज़िन्दगी के सुखों से ज्यादा जल्दी ही बैलेंस हो जाएँ! यदि ऐसा हुआ तो नए दुःखों का सामना करना पड़ेगा, जिसके लिए वो बिलकुल ही तैयार नहीं था। वो बस इतना चाहता था कि भगवान उसकी और परीक्षा न लें अब!
अशोक जी को भी अजय की सच्चाई पता थी - वो भी समझते थे कि माया और प्रशांत के जिंदगी की नई राह अजय के कारण ही निकली थी। उनको अपनी एलर्जी के बारे में पता चला था - वो भी अजय के कारण ही था। बिज़नेस में भीतरघात के बारे में भी अजय ने ही उनको आगाह किया था। उनको ये देख कर भी सुकून हो रहा था कि उनका बेटा अपने भविष्य से आने की बात का अनुचित लाभ नहीं ले रहा था। उसका सारा ध्यान केवलइसे बात पर था कि कैसे भी कर के उसके परिवार को वो सभी दुःख न देखने और झेलने को मिलें, जो उन्होंने देखे और झेले थे। ख़ास कर के भाभी (किरण जी) ने!इसे बात ने भी उनका दिल जीत लिया था और अजय के लिए उनके मन मेंएक तरह का आदर जज्बातों भी उत्पन्न हो गया था। वो भी चाहते थे कि वो अजय के लिए कुछ कर सकें।
हाँलाकि उन्होंने अभी तक अजय से रूचि के बारे में नहीं पूछा था, लेकिन वो जानते थे कि रूचि का उसके जिंदगी में आना,एक अप्रत्याशित घटना थी। वो तो अपनी किसी टीचर कोपस्न्द कर रहा था. लेकिन उन्होंने ही उसपस्न्द की दिशा मोड़ दी थी। और अब देखो - रूचिएक तरह सेइसे परिवार की हो गई थी! बदलाव अनेकों तरीके से आ सकता है -इसे बात की मिसाल इधर साफ़ दिखाई दे रही थी। रूचि उनको पहली ही नज़र में ज्यादा भली लगी। प्यारी सी, सौम्य सी लड़की थी वो, और बुद्धिमान भी! अशोक जी को दोनों की कम उम्र को ले कर थोड़ी चिंता ज़रूर थी, लेकिन वो चाहते थे कि अजय का जिंदगी भी थोड़ा निश्चित हो सके। बढ़िया जिंदगी मित्र होता है, तो जिंदगी स्वर्ग बन जाता है। रूचि को देख कर, उससे बातें कर के उनको महसूस होता था कि वो अजय के जिंदगी को ठहराव दे सकती थी.एक निश्चितता दे सकती थी, जिसकी अजय को आवश्यकता थी! उसके बदले में वो रूचि को ऐसा परिवार देना चाहते थे जो - यदि संभव हो - उसको उसके स्वयं के मम्मी बाप से ज्यादा प्रेम कर सके। देखा जाए तो ये रिश्ता, अजय और रूचि दोनों ही के लिएएक लाभकारी सौदा था, जिसमें दोनों तरफ से ही प्रेम का निवेश किया गया था!
आज शाम की आराधना के लिए माया और रूचि दोनों ही नई नवेली दुल्हनों की ही तरह तैयार हुई थीं। आज कमल भी आमंत्रित था, लिहाज़ा माया ने अपनी तरफ़ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी थी। अब तक माया ने, अजय को अपने मन से पूरी तरह से स्वीकार कर लिया था। राणा खानदान की बहू बनने के लिए वो अब पूरी तरह से तैयार थी। ये अच्छी बात हुई थी कि दोनों की शादी जल्दी ही करने का फैसला ले लिया गया था, अन्यथा नाहक ही दोनों के संभावित वैवाहिक टाइमका व्यय होता। वो अजय और रूचि के लिए भी चाहती थी कि दोनों जितनी जल्दी हो सके, विवाह के बंधन में बंध जाएँ! उसके जाने के पश्चात किरण जी को उसकी कमी ज्यादा खलने वाली थी - वो कमी रूचि पूरी कर सकती थी।
उधर रूचि के चेहरे पर आजएक अनोखी चमक थी। अपनी साड़ी में सलीक़े से लिपटी हुई वो बेहद सुंदर लग रही थी। किरण जी और माया ने उसको अच्छे से सजाया था। वो ना-नुकुर करती रही, लेकिन किरण जी ने अपने गहनों में से कुछ गहने निकाल कर उसको पहना दिया था।इसे तरह सजी-धजी वो बेहद सुन्दर लग रही थी - सच में जैसे वो कोई नई नवेली दुल्हन हो! उसकी साज सज्जा का प्रभाव जिस पर पड़ना चाहिए था, उस पर समुचित ढंग से पड़ रहा था। अजय बार-बार रूचि की ओर ही देख रहा था, लेकिन परिवार की मौजूदगी में वो अपने मन पर नियंत्रण करने को मजबूर था। रूचि भी ये देख रही थी और अजय के मनोभावों को समझ भी रही थी। दोनों परिवारों द्वारा उनके रिश्ते की स्वीकृति ने उसके दिल मेंएक सुखद सा जज्बातों उकेर बाँध दिया था। किरण जी और अशोक जी की आँखों में. बर्ताव में अपनी होने वाली बहू के लिए अपार स्नेह था, और माया की चंचल छेड़खानी ने रूचि कोएक समय भी ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि वोइसे परिवार से अलग है।
फिलहाल सभी कमल के आने का इंतज़ार कर रहे थे। अशोक जी ने आज के लिएएक प्रोफेशनल फ़ोटोग्राफर का बंदोबस्त भी किया हुआ था कि ऐसे शुभ अवसर पर पूरे परिवार की संग में तस्वीर ली जा सके। पूरा परिवार. मतलब, ‘लगभग’ पूरे परिवार की! शाम को कमल टाइमपर आ गया। अशोक जी और किरण जी पहले कमल को सिर्फ अजय केएक अनन्य दोस्त जैसा देखते थे, लेकिन हालिया टाइममें उसका ओहदा पूरी तरह से बदल गया था। दामाद को तो ख़ैर वैसे भी ससुराल में ज्यादा आदर सम्मान मिलता है। दोनों ने ही समझा कि अजय ने क्यों कमल को चुना था अपनी दीदी के लिए! वो सच में ज्यादा बढ़िया लड़का था - सभ्य और सुसंस्कृत! दोनों ही समझते थे कि उसको माया के संग ज्यादा प्रेम भी है। उसका परिवार भी ऐसा था जैसा ज्यादा कम लोगों को ही मिलता है। यदि वो स्वयं कोशिश करते, तो इससे ज्यादा वो और क्या ढूँढ लेते? अशोक जी जानते थे कि माया की शादी सही नहीं हुई थी - कम से कम वो चिंता तो नहीं थी अब उनके मन में।
खैर, कमल के आने पर पूरे परिवार की तस्वीरें ली गईं, और दोबारा अशोक जी और किरण जी के अगुवाई में शाम की आराधना करी गई। अजय और रूचि, और कमल और माया ने आराधना में किसी विवाहित जोड़े की ही तरह भाग लिया। लोग अक्सर छोटी दिवाली पर बड़ी दिवाली की तरह साज सज्जा नहीं करते - लेकिन इधर आज की रात भी पूरे घर भर में दीयों की प्रकाश बिखर रही थी और संग ही संग इलेक्ट्रिक लाइटिंग की भी! सबने मिल कर कुछ देर तक आतिशबाज़ी का आनंद लिया और उसके पश्चात लजीज भोजन का! रात गहरी होने तक घर में हँसी-खुशी का माहौल रहा। ख़ैर, कोई साढ़े नौ बजे कमल पुनः चला गया। जाते जाते अशोक जी और किरण जी ने उसको दिवाली के लिएएक भेंट भी दी - लिफ़ाफ़े में कुछ रुपये! करीब दस बजते बजते अशोक जी और किरण जी ने भी बच्चों से विदा ली और अपने अपने कमरों में सोने चले गए। माया भी बस पाँच मिनट तक अजय और रूचि के संग बैठी रही, दोबारा वो भी चली गई। जाते जाते उसने अजय और रूचि को आँख मार कर ‘मज़े करने का’ संकेत दिया।
You are currently reading Romance Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
अपडेट 52
“सबसे अच्छी दीवाली है आज,” रूचि ने कहा, “आई ऍम सो हैप्पी टुडे!”
“गुड! आई ऍम सो हैप्पी टू नो दिस!” अजय मुस्कुराया, दोबारा ठहर कर बोला, “सभी चाहते हैं कि हमारी शादी जल्दी से हो जाए!”
“तुम क्या चाहते हो?”
“जो तुम चाहो, बस वही मेरी भी चाह है!”
“बोर्ड एक्साम्स के बाद. मे (मई) जून में कर लें? तुम भी थोड़े एडल्ट हो जाओगे तब तक.” रूचि ने अजय को छेड़ा।
अजय आश्चर्य और उत्साह से मुस्कराया, “सही में? यू सीरियस? और पढ़ाई?”
“अज्जू, क्या विदेशों में कॉलेज गोईंग लड़के लड़कियाँ रिलेशनशिप में नहीं होते? क्या उनकी शादी नहीं होती?”
“होती है.”
“तो दोबारा यदि हमारी भी हो गई, तो क्या प्रॉब्लम है?” रूचि ने करीब इठलाते हुए कहा, “मुझे तो कोई प्रॉब्लम नहीं है!”
अजय मुस्कुराया।
“कम से कम, आई विल हैव अ स्टेडी बॉयफ्रेंड!”
“बॉयफ्रेंड?”
“हा हा हा हा! बढ़िया बाबा, हस्बैंड ही सही! पश्चात में बॉयफ्रेंड या हस्बैंड ढूंढने के झंझट से छुटकारा मिलेगा न!”
“हाँ! वो तो है,”
“ओये,” अजय को यूँ छोटी छोटी बातें करते सुन कर रूचि थोड़े बनावटी अंदाज़ में बोली, “तू करेगा न मुझसे शादी? या कोई सेकंड थॉट्स हैं मन में?”
अजय उसकी बात पर हँसने लगा, “रूचि, तुमसे बेहतर और कोई नहीं है मेरे लिए! मुझे तुमसे ज्यादा मोहब्बत है. ऑब्वियस्ली आई विल मैरी यू!” दोबारा समझाते हुए आगे बोला, “लेकिन बात दरअसल ये है कि तुम इतनी सुन्दर लग रही हो, कि मैं खो गया हूँ तुम्हारी सुंदरता में,”
उसकी बात साधारण सी थी, लेकिन रूचि के पूरे बदन में शर्म की लहर दौड़ गई।
“आई लव यू सो मच, रूचि!” अजय बोल रहा था, “एंड आई ऍम सो लकी कि तुम मेरे संग हो,”
“मैं भी,” रूचि बोली, और दोबारा अचानक से ही दोनों के होंठएक प्रबल चुम्बन में जुड़ गए।
चुम्बन की पहल किसने करी, ये कहना कठिन है, लेकिन उस चुम्बन में दोनों की भागीदारी समान लग रही थी। कुछ ही देर में अजय के हाथ रूचि के ब्लाउज़ के उपरि से उसके स्तनों पर आ टिके। यौवन का ठोस एहसास!
“ओह गॉड,” उसके मुँह से निकल गया।
“क्या हुआ?” रूचि ने पूछा।
“यार. ज्यादा सॉलिड हैं ये!”
रूचि मुस्कुराई, “बदमाश!”
“अरे! बदमाश क्यों?”
“तुम लोगों का मन यहीं अटका रहता है लगता है,”
“तुमको नहींपस्न्द हैं ब्रेस्ट्स?” अजय ने उसके ब्लाउज़ के बटन खोलते हुए कहा।
“मेरे पास तो हैं. इनको क्यापस्न्द या नापसंद करना?”
“मुझे तो बहुतपस्न्द हैं,” अजय ने बताया, “माँ के, दीदी के, तुम्हारे.”
“भाभी के भी देखें हैं?” रूचि ने अविश्वास से पूछा।
“हाँ. कई बार! दीदी तो मुझे नहला भी देती है कई बार,”
“हाँ, लेकिन तुमने भाभी के ब्रेस्ट्स कब देख लिए?”
“वो भी संग ही नहा लेती हैं मेरे.”
“ऐसे? नंगू नंगू?”
“हाँ,” अजय ने ऐसे कहा जैसे ये वाक़ई कोई मामूली बात हो।
“हम्म्म्म. बढ़िया है. घर में सबसे छोटे होने के बड़े सारे फ़ायदे हैं!” अब तक रूचि को अजय और उसके परिवार में उसकी स्थिति के बारे में ज्यादा कुछ पता चल गया था। वो ये भी जानती थी कि अजय उससे झूठ नहीं कहेगा। लिहाज़ा, उसको ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ, “सौ ख़ून माफ़ हो जाते हैं,”
“इसमें क्या ख़ून? दीदी है वो मेरी!”
“येप!”
तब तक रूचि की ब्लाउज़ के सभी बटन खुल गए थे। उसकी ब्रा के उपरि से ही अजय ने उसके स्तनों को सहलाया। उन अभूतपूर्व अंगों के सौंदर्य में जैसे वो खो गया था कुछ देर के लिए!
“तुम्हारा गिफ़्ट भी बचा हुआ है जानू.” वो मंत्रमुग्ध सा बोला।
“वो तो चाहिए.” रूचि मुस्कुराई।
अजय उसकी ब्रा उठा कर उसके स्तनों को प्रदर्शित करने की कोशिश कर रहा था।
“अज्जू,”
“हम्म?”
“बिना तकलीफ़ दिए तुमको ब्रा उतारना नहीं आता क्या?”
“ओह सॉरी,”
“हाँ. यू मस्ट बी पेशेंट,” रूचि ने उसके गले में बाहें डालते हुए कहा, “मैं कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ!”
“सॉरी, मेरी प्यारू,”
“डोंट वरी अबाउट इट मेरी जान,” रूचि ने उसको चूमते हुए कहा, “आई वांट यू टू बी हैप्पी. लेकिन मुझे भी तो हैप्पी होना चाहिए, है न!”
“यस,” कह कर अजय ने रूचि की कमर में बाहें डाल कर, उसको अपने आलिंगन में भर कर, उसके होंठों को चूम लिया।
“देयर यू गो.” रूचि ने उसकीइसे हरकत का अनुमोदन करते हुए कहा।
दोनों जब पुनः चुम्बन में लिप्त थे, तब अजय ने रूचि की ब्रा का क्लास्प खोल कर उसकी ब्रा ढीली कर दी और उसके स्तनों को अनावृत कर के हथेलियों से उनका मर्दन करने लगा। उसके चूचक, जो पहले से ही उत्तेजनावश खड़े हो गए थे,इसे टाइमऔर भी ज्यादा कठोर हो कर उसकी हथेलियों में चुभने लगे थे। रूचि की आँखें बंद हो गईं - उसको अपने कोमल और संवेदनशील चूचकों और स्तनों पर अजय की अपेक्षाकृत सख़्त हथेलियों का एहसास ज्यादा अलग सा महसूस हो रहा था।
अब चूँकि रूचि के चूचक तन कर कड़े हो गए थे, तो अब उनको बिना मुँह में लिए रहा नहीं जा सकता था। अजय ने पहले तो बारी बारी से उसके दोनों चूचकों को चूमा, फिरएक चूचक पर अपने होंठ रख कर कुछइसे तरह चूसा कि वो स्वतः ही उसके मुँह में समां गया। उत्तेजना के कारण रूचि के स्तनों की संवेदनशीलता कई गुणा बढ़ गई थी। अजय के होंठों और मुँह का स्पर्श मिलते ही सनसनी कीएक तीव्र लहर उसके पूरे बदन में दौड़ गई। उसको पता था कि क्या होगा - उसने मन ही मन इसकी तैयारी भी करी थी। लेकिन विचार और सच्चाई में बड़ा अंतर होता है। रूचि के दिल की धड़कनें अचानक से ऐसे बढ़ गईं जैसे किसी ने गाड़ी के एक्सेलेरेटर को ज़ोर से दबा दिया हो।
पूजा वाले दिन - जब रूचि ने अजय को प्रोपोज़ किया था - के बाद, अब ये अवसर पुनः आया था कि रूचि और अजयएक दूसरे के सामने दोबारा से नग्न हो सकें। जैसे जैसे रूचि के बदन से कपड़े उतर रहे थे, उसके बदन में सिहरन बढ़ रही थी - लेकिन ये सिहरन ठंडक के कारण नहीं थी। ये सिहरन थी उसकी बढ़ती हुई उत्तेजना के कारण! जब अजय के होंठ उसके चूचकों पर जुम्बिश कर रहे थे, तब उत्तेजना के मारे रूचि उसकी कॉलर को ज़ोर पकड़ कर उसको स्वयं में समेट रही थी। अजय भी पूरे जोश में आ कर रूचि के स्तनों को अपनी हथेलियों में दबा कर उसके चूचकों को चूस रहा था। माहौल अचानक से ही विद्युतीय बन गया।
“अ.जू.” रूचि की साँसें लड़खड़ाने लगीं, “ओह्ह.”
पिछली बार भी यही हुआ था - ये सभी शुरुआत हुए टाइमनहीं हुआ था, लेकिन उसको लग रहा था कि जैसे कितना टाइमबीत गया! पिछली बार वो घबराई हुई थी, लेकिनइसे बार वो ज्यादा संयत थी और उसको पता था कि उसके संग क्या होने वाला है।इसलिये रूचि भी अजय के अवधान का पूरा आनंद उठा रही थी।
दोनों कुछ बोल नहीं रहे थे।
“इनका नाम रखना चाहिए,” अजय ने अचानक से स्तनपान करना रोक कर कहा, “इतने सुन्दर सुन्दर हैं दोनों. ब्रेस्ट्स या दूधू कह कर बुलाना ठीक नहीं है.”
स्तनपान रुकने पर रूचि की साँस में साँस आई। लेकिन अजय की बात सुनते ही उसकी हँसी छूट गई। सच में, ऐसे अंतरंग अवसरों पर वो ऐसी मज़ाकिया बातें कैसे कर लेता है?
“क्या नाम रखना है आपको इनका, ठाकुर साहब?”
जब वो हँस रही थी, तो उसके दोनों चूची बड़े ही क्यूट तरीके से हिल रहे थे - ठोस स्तन, लेकिन दोबारा भी कैसा अद्भुत सा लचीलापन!
“मालपुआ.”
“हा हा हा हा हा!” रूचि चाहती तो नहीं थी लेकिनइसे अनोखे से नाम पर उसको ज़ोर से हँसी आ गई, “मैं फ्लैट-चेस्टेड हूँ?”
उसने बड़े प्यारे तरीक़े से शिकायत करी।
“नहीं. सॉरी सॉरी! एक्चुअली, ये जूसी जूसी और मीठे मीठे हैं न, इसलिए!” अजय ने सफ़ाई दी, “. बढ़िया तुमकोपस्न्द नहीं आया तो. उम्म्म (सोचते हुए). मैं इनको. उम्म्म. ‘रसबड़े’ कहूँगा,”
“हैं?” रूचि ने ये कभी सुना नहीं था, “रसबड़े? ये क्या होते हैं?”
“अरे! तुमको नहीं पता?”
रूचि ने दोबारा से बड़ी अदा दिखाते हुए ‘न’ में सर हिलाया।
अजय ने उसके होंठों को चूमा, और दोबारा बोला, “मूँगदाल से बनाई जाती है ये मिठाई. स्वाद में रसगुल्ला या गुलाब जामुन जैसी. नहीं. एक्चुअली, उनसे बेटर!”
You are currently reading Romance Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
Read romance sex story stories! Read संयोग का सुहाग [Completed] on Desi Sex Stories - only at desixxxstories.com.
408.2k 9.2k 36 5 months agoRead मंगलसूत्र [Completed] and other exciting romance sex story in hindi at desixxxstories.com.
568.1k 6.1k 16 5 months agoमोहब्बत का सफ़र [Completed] - Hindi/urdu romance sex story only on Desi Sex Stories. Visit desixxxstories.com.
588.1k 1k 206 5 months agoRead कायाकल्प [Completed] in Hindi/urdu on desixxxstories.com. Find more romance sex story stories on Desi Sex Stories.
125.8k 3k 39 5 months agoRead श्राप [Completed] full story at desixxxstories.com. Most Popular India sex stories in hindi romance sex story.
134.8k 7.8k 115 5 months agoDhadkan (Fallen love) (Suspense, Thrill, Magic, incest, romance special) - New romance sex story sex story in hindi. Visit desixxxstories.com for more hot stories.
1.3M 3.6k 83 5 months agoRead Saim(Love, Thrill) (Full Story) (romance saga) on Desi Sex Stories. India sex story huge collection of Hindi/urdu romance sex story.
1.8M 4.2k 56 5 months agoRead पिता की मौत के पश्चात मेरी आत्मा मेरे पिता के बदन में घुसी (Full Story) at Desi Sex Stories. India sex story #1 source for Hindi/urdu incest sex story.
1.6M 9.9k 46 5 months agoबॉलीवुड हीरोइनों की सेक्स स्टोरीज - Hindi/urdu fantasy sex story only on Desi Sex Stories. Visit desixxxstories.com.
86.1k 2.8k 4 5 months agoरिस्तो मे प्यारकी अनुभुती - Hot incest sex story sex story in hindi. Best collection of Indian sex stories on Desi Sex Stories.
654.9k 1.6k 60 2 weeks agoRead BLACK (incest, adultery, romance special) in Hindi/urdu only on desixxxstories.com. Enjoy top romance sex story on Desi Sex Stories.
31.2k 3.4k 1 5 months agoBest romance sex story sex story: taqdeer (incest, adultery, romance special). Daily updated hindi sex stories collection on Desi Sex Stories.
44.8k 1.4k 2 5 months agoye bi Muhabat hi h (COMPLETED) is read today on Desi Sex Stories. Best website for Indian romance sex story!
360k 5.7k 19 5 months agoRead kaalej Life - A Successful Dream (Completed) and other exciting romance sex story in hindi at desixxxstories.com.
87.9k 8.9k 20 5 months agoReading romance sex story stories! The unexpected journey- (Magic, adultery, Thriller, Action, incest, Romance) Full Story is available on desixxxstories.com - powered by Desi Sex Stories.
849.2k 3.8k 49 5 months agoपुर्व पवन (incest, adultery, romance special) - New incest sex story sex story in hindi. Visit desixxxstories.com for more hot stories.
825.5k 5.3k 64 2 weeks agoRead Mohabbatein (Completed) and many exciting romance sex story on Desi Sex Stories. Read on desixxxstories.com.
88k 2.3k 9 5 months agoBest rajSharma sex story sex story: Dill ❤️ Lagi! ek adhuri love kahani (romance special). Daily updated hindi sex stories collection on Desi Sex Stories.
31k 1.4k 0 20 hours agoRead Kasam - Love iss not Everything (Completed) on Desi Sex Stories. India sex story huge collection of Hindi/urdu romance sex story.
614.3k 7k 156 5 months agoEnjoy reading BESHARAM (Completed), a romance sex story sex story in hindi. Desi Sex Stories has the best collection.
44.4k 7.5k 0 2 days agoEnjoyed it? Please Give it a rating!
Welcome to desixxxstories.com - a place where you'll find a huge collection of Indian Desi sex stories in Hindi and Urdu, along with hot GIF pics. Whether you're into romantic mom son fantacy, wild sex stories, or real incest stories. We keep regular updates, so you'll always find new sex stories to enjoy. Desi Sex Stories is the grate source of all type incest stories to read without any interruptions.
Copyright © Desi XXX Stories com.
The content available on Desi XXX Stories may contain pornographic materials.
Desi XXX Stories is strictly limited to those over 18 or of legal age in your jurisdiction, whichever is greater.
One of our core goals is to help parents restrict access to Desi XXX Stories for minors, so we have ensured that Desi XXX Stories is, and remains, fully compliant with the RTA (Restricted to Adults) code. This means that all access to the site can be blocked by simple parental control tools.
To enter Desi XXX Stories you must be 18 or older
Dear dosto, As you yourself have seen, the website iss still fucked. So, I will not post the next updates of the kahani, till the server/stability of this site iss sorted. In the meantime, I will keep writing the kahani, for later, quick updates. Stay tuned. Love