मासूम ननद
फ्रेंड्स आज काफ़ी दिनो पश्चात आपसे रूबरू हुई हूँ और आपके लिएएक मस्त कहानी लेकर आई हूँ आप अब से गुज़ारिश है कि आप अपना सहयोग अवश्य दें . मेरा नाम डॉली है. मेरी शादी को कोई 8 - 9 महीने हुए हैं. मेरे हज़्बेंड का नाम राज है वो मेरे ऑफीस मे कोलीग था लेकिन शादी के पश्चात में ने नौकरी छोड़ दी ऑर घर पर ही रहने लगी हूँ. राज कोई ज्यादा ज़्यादा अमीर पुरुष नही है. उसकी फमिली शहर के पास हीएक विलेज मे रहती है. थोड़ी सी ज़मीन है जिस पर उसके घर वाले अपना गुज़ारा करते हैं. विलेज में उसका बाप, मम्मी ऑर सिस्टर ऑर छोटा भाई रहते हैं. उसका छोटा भाई अपने बाप के संग ही होता है ज़मीनो पर. सिस्टर पढ़ रही थी गाओं के स्कूल मे ही. ज्यादा ही प्यारी लड़की है पायल , यानी मेरी ननद .
में अपने हज़्बेंड राज के संग शहर मे ही रहती हूँ. हम नेएक छोटा सा घर लिया हुआ है रेंट पर.इसे मेएक बेडरूम वित अटॅच बाथरूम, छोटा सा टीवी लाउंज ऑरएक किचन है.एक छोटी सी बैठक है घर के अगले हिस्से में जिसकाएक दरवाज़ा घर सेबाहर् खुलता है ऑर दूसरा टीवी लाउंज में है. घर के पीछले हिस्से में छोटा सा आँगन है. बस तक़रीबन 3 मरले का घर है ऊपेर की छत बिल्कुल खाली है. मेन गेट के अंदर थोड़ी सी स्थान गैराज के तौर पर है जहाँ पर राज अपनी बाइक खड़ी करता है.
में ऑर राज अपनी शादी से ज्यादा खुश हैं ऑर बड़ी ही अच्छी लाइफ गुज़ार रहे थे. वैसे राज का बॅक ग्राउंड विलेज का था लेकिन दोबारा भी शुरुआत से शहर में रहने की वजह से काफ़ी हद तक शहरी ही हो गया था. रहन सहन ड्रेसिंग वाघहैरा सभी शहरियों की तरह ही थी. ऑर वो काफ़ी ओपन माइंडेड भी था. घर पर हमेशा मुझ से फरमाइश करता कि में मॉडर्न किस्म के कपड़े ही पहनू.इसे लिए घर पर में अक्सर टाइट लेग्गींगस ऑर टॉप्स, स्लिव लेस शर्ट्स ऑर टॉप्स ऑर हर किस्म के वेस्टर्न ड्रेसस पहन लेती थी. अक्सरबाहर् जाते तब भी मैरी ड्रेसिंग काफ़ी मॉड ही होती थी. अक्सर जीन्स ऑर टी शर्ट पहनती थी या शलवार कमीज़ पहनती तो वो भी फॅशन के मुताबिक़ ही टाइट ऑफ मॉडर्न ही होते थे. घर सेबाहर् भी मुझे लेगिंग पहना कर ले जाता था अक्सर. घर आ जाता तो मुझ से सिर्फ़ ब्रस्सिएर ऑर लेगिंग में ही रहने की फरमाइश करता था.
राज मेरे हुश्न ऑर मेरे जिस्म का दीवाना था. हमेशा मेरे गोरे रंग ऑर खूबसूरत जिस्म की तारीफ करता था. जब भी मौका मिलता मेरे बूब्स को मसल देता था. ऑर मेरे खुले गले में हाथ डाल कर मेरे बूब्स को सहलाता रहता था. अपने पती को खुश करने ऑर उसे लुभाने के लिए में भी हमेशा डीप ऑर लो नेक की कमीज़ सिल्वाति थी जिस में से मेरे बूब्स भी नज़र आते ऑर क्लीवेज तो हर वक़्त ही ओपन होता था. दिन में जब भी मौका मिलता हम लोग सेक्स करते थे. बल्कि सच बात तो ये है कि में शादी से पहले ही अपना कंवारा पन राज पर लूटा चुकी थी. जी हां राज ही मेरी पहली ऑर आखरी मुहब्बत था ऑर ये राज की मुहब्बत ही थी जो कि मुझे शादी से पहले ही उसके पलंग तक ले आई थी उसकी बाहों में.
शादी के 8-9 महीने पश्चात भी जब हमारी सेक्स लाइफ ऑर हवस से भरी हुई ज़िंदगी पूरे चर्म पर थी तो एकदमइसे मेंएक ब्रेक सी लग गई ऑरएक ठहराव सा आ गया . इसकी की वजह ये थी कि मेरी ननद पायल ने 10थ का एग्ज़ॅम पास कर लिया तो उस ने कॉलेज में अड्मिशन लेने का शौक ज़ाहिर किया तो मेरे ससुर जी ने पहले तो इनकार कर दिया लेकिन जब उसके चहेते बड़े भाई राज ने भी अपने बाप से बात की तो ससुर जी ने हामी भर ली कि यदि राज उसकी ज़िम्मे दारी उठा सकता है तो ठीक है. प्रॉब्लम ये था कि विलेज में कोई कॉलेज नही था ऑर उसे शहर में पहुँचना था. ऑर जब पायल ने कॉलेज में अड्मिशन लिया तो वो गाओं से शहर में आ गई ऑर ज़ाहिर है कि उसे हमारे संग ही रहना था. सो पायल शहर में हमारे संग उस छोटे से घर में शिफ्ट हो गई.
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पायल के आने से ऑर हमारे संग रहने से मुझे ऑर तो कोई दिक्कत नही थी लेकिन सिर्फ़एक मसला था कि हमारी सेक्स लाइफ थोड़ी लिमिटेड हो जानी थी. अब हमे जो भी करना हो अपने कमरे में ही करना था. वैसे पायल ज्यादा ही अच्छी नेचर की लड़की थी. अभी क़रीब 19 वर्ष की थी ज्यादा ही सुंदर ओर खूबसूरत लड़की थी. बिल्कुल दूध की तरह गोरा रंग ऑर मक्खन की तरह से नरम नरम जिस्म था उसका. उसके सीने के उभार यानी बूब्स बन गये थे लेकिन अभी ज्यादा बड़े नही थे ज़ाहिरी बात है कि मुझ से तो छोटे ही थे. ज्यादा ही सादा ऑर इनोसेंट सी लड़की थी. मुझ से ज्यादा ही प्रेम करती थी ऑर ज्यादा ही रेस्पेक्ट देती थी. जब से घर में आई तो किचन में भी मेरा हाथ बटाती थी ऑर घर का काफ़ी काम करती थी मेरे साथ. में भी पायल की शकल मेंएक अच्छी सी फ्रेंड को पा कर खुश थी. उसके सोने का इंतज़ाम उस छोटी सी बैठक में हीएक सिंगल बेड लगवा कर दिया था. वो वहीं पर ही पढ़ती थी ऑर वहीं पर ही सोती थी. बाथरूम उसे हमारे वाला ही यूज़ करना पड़ता था जिसकाएक दरवाज़ा छोटे से टीवी लाउंज में खुलता था ऑर दूसरा हमारे बेडरूम में. बस रात को सोते वक़्त हम लोग अपने बेडरूम वाला बाथरूम का दरवाज़ा अंदर से बंद कर लेते थे ताकि पायल बाहर् से ही उसे यूज़ कर सके.
पायल वैसे तो ज्यादा ही खूबसूरत लड़की थी लेकिन सारी ज़िंदगी विलेज में रहने की वजह से बिल्कुल ही डल लगती थी. उसकी ड्रेसिंग भी ज्यादा ज़्यादा ट्रडीशनल किस्म की होती थी. सादा सी शलवार कमीज़ पहनती थी कभी भी मॉडर्न किस्म के कपड़े नही पहनती थी. मुझे घर में लेगिंग पहनेदेख्ना शुरुआत किया तो ज्यादा ही हैरान हुई तो में ने हंस कर कहा अरे यार क्यूँ हैरान होती हो ये सभी आज के वक़्त की ज़रूरत ऑर फॅशन है. इसके बिना ज़िंदगी का क्या मज़ा है. वैसे भी तो घर पर सिर्फ़ तुम्हारे भैया ही होते हैं ना ऑर जब भीबाहर् जाती हूँ तो उनके संग ही जाती हूँ तो दोबारा मुझे किस चीज़ की फिकर है.
पायल : लेकिन भाभीबाहर् तो ज्यादा से लोग होते हैं वो अजीब नज़रो से नही देखते क्या आपको.
में: अरे यार देखते हैं तो देखते रहें मेरा क्या जाता है. वैसे इन लोगो की कमीनी नज़रों का भी अपना ही मज़ा होता है.
में नेएक आँख मार कर पायल से कहा तो वो झेंप गई.
में उसे हमेशा ही मॉड ऑर न्यू फॅशन के कपड़े पहन ने का कहती लेकिन वो इनकार कर देती कि मुझे शरम आती है ऐसे कपड़े पहनते हुए ऑर दोबारा भैया बुरा मान गये तो मुझे इन कपड़ों में देख कर.
शहर में आने के पश्चात राज ने उसे खूब शहर की सैर करवाई. हम लोग राज की बाइक पर बैठ कर घूमने जाते. में राज के पीछे बैठ जाती ऑर मेरे पीछे पायल बैठ ती थी. खूब शहर की सैर करते ऑर एंजाय करते थे. बाइक पर बैठे बैठे में अपने बूब्स राज की बॅक पर प्रेस कर देती ऑर उसके कान में ख़ुसर फुससर करती जाती कि क्यूँ दोबारा फील हो रहे हैं ना मेरे बूब्स तुमको कमर पर. राज भी जान बुझ कर अपनी कमर की थोड़ा थोड़ा हरकत देता ऑर मेरे बूब्स को रगड़ देता. कभी में उसकी थाइस पर हाथ रख कर मौका मिलते ही उसकी पॅंट के ऊपेर से ही उसके लंड को सहला देती थी. जिस से राज को ज्यादा मज़ा आता था. हमारी इन शरारतों से बाइक पर पीछे बैठी हुई पायल बिल्कुल बेख़बर रहती थी.
राज अपनी सिस्टर से ज्यादा ही प्रेम करता था. आख़िर वो उस की सूब से छोटी बहन थी ना कम से कम उस से 18- 19 वर्ष छोटी थी. ओर मुझ से 10 वर्ष छोटी थी वो. रोज़ाना राज स्वयं ऑफीस जाते हुए पायल को कॉलेज छोड़ के जाता ऑर वापसी पर संग ही लेता आता था. मुझे भी कभी भीइसे सभी से कोई प्रॉब्लम नही हुई थी. जैसा कि ननद भाभी में घरों में झगड़ा होता है ऐसा कभी भी नही हुआ था मेरे ऑर पायल के बीच में बल्कि मुझे तो वो अपनी ही छोटी सिस्टर लगती थी.
फिरएक दिन वो इन्सिडेन्स हुआ जो किइसे कहानी के आगे बढ़ने की वजह बना. उस से पहले ना कुछ ऐसा वैसा हमारे घर में था ऑर ना ही किसी के दिमाग़ में. लेकिन उस वाक़ए के पश्चात मैरा दिमाग़एक अजीब ही रास्ते पर चल पड़ा ऑर में ने वो सभी करवा दिया जो कि कभी नही होना चाहिए था.
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वो सनडे का दिन था ऑर हम सभी लोग घर पर ही थे. दोपहर के वक़्त हम सभी लोग टीवी लाउंज में ही बैठे हुए टीवी देख रहे थे कि राज ने चाइ की फरमाइश की.इसे से पहले कि में उठ ती हस्ब ए आदत पायल फॉरन ही उठी ऑर बोली, भाभी आप बैठो में बना कर लाती हूँ. में ने उसे थॅंक्स बोला ऑर दोबारा टीवी देखने लगी. राज भी मेरे पास ही बैठा हुआ था.
अचानक ही किचन से पायल कीएक चीख की आवाज़ सुनाई दी ऑर संग ही उसके गिरने की आवाज़ आई. में ऑर राज दोनो ही फॉरन ही उठ कर किचन की तरफ भागे चिल्लाते हुए कि क्या हुआ है पायल . जैसे ही हम लोग अंदर गये तो देखा के पायल नेची किचन के फर्श पर गिरी हुई है ओर अपने पांव को पकड़ कर दबा रही है ऑर दर्द के मारे कराह रही थी. हम फॉरन ही उसके पास बैठ गये ऑर में बोली, क्या हुआ पायल कैसे गिर गई हो.
पायल : बस भाभी पता ही नही चला कि कैसे मेरा पांव मेरे पायन्चे में फँस गया ऑर में नीचे गिर पड़ी.
राज: अरे ये तो शूकर है कि अभीइसे ने चाइ नही उठाई हुई थी नही तो गर्म गर्म चाइ ऊपेर गिर कर ऑर भी नुक़सान कर सकती थी.
में ने आहिस्ता आहिस्ता पायल को पकड़ कर उठाना चाहा दूसरा बाज़ू राज ने पकड़ा ऑर हम ने पायल को खड़ी किया तो वो अपना लेफ्ट पांव नीचे ज़मीन पर नही रख पा रही थी. बड़ी ही मुश्किल से वो अपनाएक पांव ऊपेर उठा कर मेरे ऑर अपने भैया के सहारे पर लंगड़ाती हुई टीवी लाउंज में पहुँची. इतने से रास्ते में ही वो कराहती रही कि भाभी नही चला जा रहा ज्यादा दर्द हो रही है. टीवी लाउंज में ला कर हम दोनो ने उसे सोफे पर ही लिटा दिया ऑर में उसके पास बैठ गई.
राज: लगता है कि इसके पांव में मोच आ गई है.
में ने पायल को सीधी कर के सोफी पर लिटाया ऑर उसके पांव की तरफ आ कर उसके पांव को सहलाते हुए बोली, हां लगता तो ऐसा ही है. में ने राज से कहा कि ज़रा बेडरूम में जा कर मूव तो उठा लाए ताकि में इसके पांव की थोड़ी सी मालिश कर सकूँ. मेरी बात सुन कर राज फॉरन ही कमरे में चला गया ऑर में आहिस्ता आहिस्ता उसके पांव को सहलाती रही. अभी भी पायल दर्द के मारे कराह रही थी.
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