Hello friends ye ak nya story h . mene kuch kahaniyon start kia thaa pr wah poora nahii kia . Kyoki wah kisi or kaa story thaa mene use coppy kia thaa . or iss forom pr wah story available thaa iss liye muihe koy instread nahee laga . pr yah story meri h or iska kuchh update tayyar krr chuka ho me . bas ap loug mere sath bane rahna . Kal say yah shuru hu jayega .
( ♡‿♡)
You are currently reading Incest Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
INTRODUCTION
ये कहानीएक छोटे से गांव का है । जिसमे ज्यादा घर नही है । करीब 200 के आस पास आबादी है। और गांव में आप लोग जानते है की खेती करनाएक आम बात है। तो कहानी का झुकाव सिर्फ गांव में ज्यादा रहेगा ।
गांव के लोगो का काम है सुबह - सुबह पशुओं को नादे पर बांधना और चारा खिलाना । अभी खाना बनने की तैयारी हो रहा होता है उससे पहले कुदाल लेकर खेत में निकल जाते है। खेत हीएक ऐसा व्यापार है जिससे इन लोगो का घर चलता है । तो अब कहानी के पात्र पर आते है ।
भोला :- इनके पिता जी ने इनके नाम कुछ ज्यादा ही खेत कर गए थे । पूरे गांव में इनके कितना खेत किसी के पास नही है । ये गांव के मुखिया भी है। एक किसान का धरती ही सभी कुछ होती है ।एक पूरे भरे बदन के मालिक है । पर इनका व्यहार सबके प्रति प्यारभरा होता है । इसको गांव में सभी लोग मुखिया जी या बाबा कहकर बुलाते है ।
शान्ति :- ये भोला जी की धर्मपत्नी है । इनको बैठे रहनापस्न्द नही है । ये घर का ज्यादातर काम स्वयं करती है । जिससे इनका बदन भी तंदरुस्त है । ये सुबह सबसे पहले उठ कर पशुओं को नादे पर बांध कर चार डाल देती है ।
( भोला के 2 पुत्र और 1 पुत्री है ।)
★बड़ा बेटा ★
रूपेश :- ये भी अपने पिता के संग खेती करने में ही लगे रहते है । लेकिन ये थोड़े भोंदू है। पर यही खेत का हिसाब किताब रखते है । भोंदूइसलिये है क्योंकि यहएक सीधे आदमी है । जो लोगो को अलग तरह का लगता है । कुछ भी हो लेकिन ये अपनेइसे कहानी के हीरो के पिता श्री है 
माया :- रूपेश जी की पत्नी है। औरइसे कहानी के हीरो की मम्मी है इनका भी दिन भर का कार्यक्रम घर में सभी काम करने का है । माया जितनी सुंदर स्त्री पूरे गांव में नही थी । वह कामदेव जी की बाण थी । हर कोईइसे बाण को अपने दिल में उतारने को तैयार था । घर में काम करने से इनको चर्बी कुछ ज्यादा ही हो गया था। क्योंकि इनके पेट पर इसका असर कोई भी देख सकता था । कूल्हे तो कयामत है इनकी जो भी देख ले वह बिना पानी निकले नही रह सकता है ।एक बात थी इनके दोनो चूची आज भी टाइट और गोल थे । जो ब्लाउज में स्वच्छ पता चलता था । इसका राज भी खुलेगा कहानी में 
( रूपेश और माया के सिर्फ 1 बेटा था )
अभी :- यही भाई साहबइसे कहानी के नायक है । जो की अपने में मस्त रहते है । बदन कोई बॉडीबिल्डर जैसा नही है । पर गांव का असर हैइसलिये सिंपल बदन है । गांव में 8 वी तक पढ़ाई करके 6KM गांव से दूर कॉलेज में अपना एडमिशन करवाए है । इनका बस सुबह स्कूल जाना और शाम को पुनः पहुँचना का कार्यक्रम था । शामइसलिये हो जाती थी की वही पर कोचिंग भी लगवा दिया था इनके दादा जी ने । भाई साहब इतने शर्मीले है की आज तकएक भी प्रेमिका नही बनी । वही हमारी जैसी हाल है ,“अपना हाथ जगरनाथ” 
★छोटा बेटा ★
महेश :- ये भोला जी के छोटा बेटा है । इसकी आचार और विचार घर वालो से भिन्न है । ये मजदूरों के काम काज देखते है । ये थोड़े कामुक किस्म के आदमी है । कहानी में इसका रासलीला बता दूंगा ।
मालती :- ये महेश जी की पत्नी है । उनका भी माया जी से कोई कंपेयर नही कर सकता है । क्योंकि दोनो हीएक दूसरे से सुंदर है ।इसलिये इन दोनो को कोई संग देख ले तो वह ये नही चुन सकता किसका पहले चुनाव करू। इनकी सबसे कामुक अंग गांड कुछ ज्यादा ही बड़ा है जिसे देख बूढ़े भी लार टपकाने लगते है ।
( महेश और मालती के सिर्फ 2 बेटियां ही है ?
★बड़ी बेटी★
अनु :- ये अपने हीरो से ज्यादा प्रेम करती है । अपना हीरो भी सबसे ज्यादा इन्ही पर विश्वास करता है । क्योंकि कुछ घटना इन दोनो के सामने ऐसा हुआ है । ये भीएक प्यारी परी की तरह है जिसे सभी लोग प्रेम करना चाहते है । अब इनको भी अपने चूची पर अकड़न महसूस होने लगा है। और जांघ के बीच बालो का गुच्छा कुछ ज्यादा ही आ गया है
अमीषा :- ये महेश और मालती के छोटी बेटी है। जो अभी अपनी जवानी के दहलीज पर धीरे- धीरे-धीरे कदम रख रही है । अपने हीरो के लाडली है । ये पूरे घर की लाडली है । ये कुछ ज्यादा ही नटखट और चुलबुली है ।
★बेटी★
बिंदु :- ये भोला और शांति के एकमात्र पुत्री है । जो घर पर दोनो भाईयो की दुलारी गुड़िया थी । ये भी पूरी गोरी बदन और गठीला बदन की मल्लिका है । यहएक लंबे रेस की घोड़ी है । जिसके लिए इनके समान गधे की आवश्यकता है । बिंदु की शादी भीएक घनी घराने में हुआ है ।
( बिंदु का पति)
निलेश :- ये पेशे सेएक डॉक्टर है क्योंकि इनको खेती में मन नही लगता है । इनका जयदातर टाइमशहर में ही बीतता है। जिससे ये अपनी पत्नी बिंदु का खयाल नही रख पाते है । इनकाएक कहानी में ज्यादा रोल नही है
इसलिए भाई साहब को छोड़ो 

निशा:- ये बिंदु और निलेश की एकमात्र संतान है । ये भी हमारे हीरो के संग पड़ती है । क्योंकि इनकी गांव के बगल में ही कॉलेज पड़ता है। निशा जी का कुछ ज्यादा अपने हीरो से बनती नही है । पर कुछ भी निशा जीएक दम मस्त मॉल है । जिसको रगड़ने के लिए कई लोग तैयार खड़े है । पर रगड़ेगा सिर्फ अपना हीरो 
तो दोस्तो ये कहानी के कुछ पात्र है । आगे और लोग भी जुड़ेंगे जो गांव के ही होंगे और रिश्तेदार तो जरूर होंगे ।
कहानी का आरंभ शाम से होगा । कामदेव का नाम लेकर 


गलती बताना मत भूलना
You are currently reading Incest Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
Updated . 1
सुबह हो गया था । पर अंधकार अपनी पूरी चरण समेटा नही था तभी माला के दरवाजा पर किसी के ठोकने की आवाज पूरे घर में गूंजने लगी ।
दीदी ,, दीदी , अभी तक सो रही हो क्या
माया :- रुक जा मालती दरवाजा खोलती हु ।
तो ये मालती थी । जो माया को जगाने गई थी । माया के रूम का हाल बिल्कुल सामान्य था । रूपेश बेड के कोने पर लेटा पड़ा था । पर मायाइसे टाइमबिल्कुलएक कामुक स्त्री की अवतार लग रही थी । उसके ब्लाउज बेड के कोने पर पड़े थे । और साड़ी तो बेड से लेकर जमीन तक फैली थी। गर्मी का महीना थाइसे टाइम गर्मी अपने पूर्ण चरण पर था। गांव में में लाइट की समस्या ज्यादा ही रहता है ।इसलिये माया अपने कपड़ा निकाल कर सो रही थी ।
उसके दोनो बड़े बड़े चूची उसके ब्रा से निकलने के लिए तड़प रहे थे । उन्हे देख कर ऐसा लगता था की वह ब्राउन्को कभी भी आजाद कर सकता है । उसके गोरे मुखड़े पर बिखरे हुए बाल इसी टाइमकुछ ज्यादा ही गर्मी महसूस करवा रहे थे । माया ने जल्दी से अपना कपड़ा सही किया ए दरवाजा खोला ।बाहर् मालती अभी भी खड़ी थी ।
माया :- मालती तूने बोतल में पानी ले लिया ना ।
मालती :- हां दीदी ।
माया :- जल्दी चल नही तो उजाला हो जायेगा ।
इस टाइममालती और माया संडास करने जा रही थी। गांव की महिलाओं का ये रोज का काम है। सूर्य निकलने से पहले वो लोग संडास करने चली जाती है ।
और ज्यादातर लोगबाहर् ही लोटा लेकर जाते है ।
भोला ( मुखिया जी ) ने शौचायल घर में बनवा दिया है । पर इन लोगो को खेत में खुली हवा में अपना रात का खाया माल निकलने में सकून मिलता है । अनु और अमीषा तो ज्यादा शौचालय ही प्रयोग करती है ।
सुबह सुबह जब माया और मालती ने अपना साड़ी के संग पेटीकोट और चड्डी निकाल कर बैठी तो ठंडे हवा के झोको ने उन दोनो के चूत को छू करएक अनोखा आनंद दे गई ।
अंधेरा था पर कुछ ज्यादा नही था । लेकिन लेखक सभी कुछ देख सकता है 




एक सररर,,,, की आवाज करने के संग ही माया ने मूत्र की धारा लगा दिया । उसको कोमल चूत के गोरे और आपस में कुछ चिपके ये बया कर रहे थे की इनका प्रयोग ज्यादा नही हुआ है।
चूत पर ज्यादा बाल नही थे लगता है 3या 4 दिन पहले खेत की सफाई हुआ है ।
वही मालती का चूत तो दिख ही नही रहा था क्योंकि झांट कुछ ज्यादा ही उग गया था। पर उसकी भी चूत माया से कुछ कम नही थी । दोनो ने अपना कार्यक्रिया किया और घर की ओर लौट गई ।
घर पर पशु नादे पर बंधे चारा खा रहे थे । शांति जी घर का दरवाजा पर झाड़ू लगा रही थी । इनको कामों से फुर्सत नही मिलता है । ये स्वयं नही चाहती है की ये बैठी रहे ।इसलिये इतना उम्र होने के पश्चात भीएक नवजवान युवक को मोहित कर सकती है ।
माया और मालती भी घर के कामों पर लग गई थी । क्योंकि सुबह जल्दी खाना तैयार करना पड़ता था । खेत में भोला जी और रमेश को जाने की जल्दी रहती है ।
महेश तो खेत के झोपड़ी में ही रात बीतता है । उसको घर पहुँचना जाना ज्यादा कम रहता है । वह सिर्फ शाम और सुबह को खाना खाने ही घर पर आता है ।
अनु और अमीषा भी जाग गई थी। वह दोनो शौचायल में हल्का होकर अपने मम्मी और बड़ी मम्मी की मदद करने लगी थी । भोला जी और रमेश में लोटा लेकर निकल गए थे । लेकिन अपना हीरो अभी भी सपनो की दुनिया में खोया हुआ था । घर का इकलौता बेटा था ।इसलिये कुछ ज्यादा ही उसका दुलार प्रेम था ।
माया :- अमीषा जा अपने भाई को जगा दे । सूरज सर पर चढ़ने वाला है । लेकिन ये नालायक अभी भी से रहा है ।
अमीषा :- बड़ी मम्मी आप भैया को डाटा मत करो । वो हमारे प्यारे भैया है ।
माया :- हां मुझे पता है । भैया की चमची जा जाकर जल्दी उसे उठा ।
अमीषा के रूम के तरफ चल दी तभी ।
अनु :- ओय भईया की चमची ।
अमीषा ने अनु को गुस्से में देख पर कुछ बोली नहीं और ऐश बड़ गई ।
माया और मालती ये देखकर अपनी हसी नही रोक पाई । क्योंकि अमीषा के प्यारे चेहरे पर गुस्सा देखकर वो और भी प्यारी लग रही थी ।
घर कुछ ज्यादा बड़ा नहीं परएक अमीर वाला फिलिंग आता है इसे देखकर क्योंकि गांव में मुखिया जी के जैसा कोई घर नही था । 1 एकड़ में बना घर किसी छोटे राजमहल जितना लगता है । ये सभी उनके पूर्वजों की देन है ।
कुल 7 कमरे है पहले भोला, शांति का कमरा दोबारा माया, रमेश का कमरा उसके पश्चात अभी का दोबारा मालती, महेश का कमरा दोबारा आगे गैलरी है । जो सुरु से लेकर अंत वाले कमरे में जाता है । गैलरी के उस तरफ ठीक अभी के सामने अनु और अमीषा का कमरा था ।
अभी का रूम का दरवाजा खुला और अमीषा ने कमरे के अंदर प्रवेश किया ।
अभी सिर्फ कच्छे और बनियान में सो रहा था । उसके कमर तकएक पतला चादर था । जो उसकी खड़े खंभे
की इज्जत बचा रहा था ।
अमीषा :- भैया , भईया उठो टाइमज्यादा हो गया ।
अभी नीद में ही अमीषा को अपने उपरि सुला लेटा था ।
ये भाई बहन का रोज नही पर कभी कभी का कार्यक्रम था ।
अमीषा :- भैया आज नही मै सोने वाली हु । आप जल्दी उठो नही तो बड़ी मम्मी को बुलाती हु ।
बड़ी मम्मी की बात सुनते ही अभी उठ बैठा । क्योंकि वह अपनी मम्मी से ज्यादा डरता था ।
यह देख कर अमीषा भी हसने लगी । अमीषा को हस्ते देख कर अभी ने उसके माथे पर किस कर लिया ।
अमीषा :- भैया ये गलत बात है। आपने वादा किया था आप रोज दो किस दोगे ।
अभी :- अरे गुड़िया बस इतनी बात लेएक और किस ।
अभी ने दोबारा अमीषा के माथे पर किस कर लिया । अभी ज्यादातर अमीषा को गुड़िया ही बुलाता था । क्योंकि वह बिल्कुल गुड़िया की तरह लगती थी ।
अमीषा :- भैया अब चलो भी मम्मी इंतजार कर रही है ।
अभी :- तू चल गुड़िया मै कपड़ा पहन कर आता हु ।
अमीषा अभी के रूम से चली गई । अभी भी अपने खड़े खंभे को व्यवस्थित करके कपड़ा पहन करबाहर् आ गया ।
बाहर् उसकी मम्मी चाची और बहने खाना बनने में लगी थी ।बाहर् उसके दादा और पापा भी आ गए थे और नल से पानी निकल कर नहा रहे थे । उसकी दादी भी नहाने की तैयारी कर रही थी ।
मालती :- आ गया लल्ला । आज ज्यादा देर तक सोता रहा ।
अभी :- चाची आज मेरा नीद ही नही खुला । रात ज्यादा देर से सोया था । नीद नही लग रही थी ।
मालती :- ठीक है । जा जाकर नहा धो ले ।
अनु :- भैया आप कुछ भूल रहे है ।
अभी :- क्या?
अनु :- क्या आपको सच में याद नही है ।
अभी अनु के पास जाकर उसके माथे पर किस कर लिया ।
अभी :- सभी भूल सकता हु पर अपना वादा नही अनु ।
माया :- ज्यादा हो गया भाई बहन का प्रेम अब जा जल्दी से फ्रेश हो जा ।
अभी भी घर केबाहर् द्वारा पर आ गया । वहा पर उसके दादा बदन पर तेल का मालिश कर रहे थे । सुनहरी किरण उनके गेहूए बदन को चमका रही थी । उसके पिता अभी नहा रहे थे । उसकी दादी भी महिलाए के नहाने के लिए बने स्नानघर में घुसी थी ।
भोला :- और बरखुरदार अभी आपका सुबह नही हुआ ।
अभी :- दादा जी कल रात थोड़ी देर से सोया था ।इसलिये आज नीद जल्दी नही खुली ।
अभी का ये रोज का बहाना था । ये सुन कर भोला भी मुस्कुराने लगे । और अब उन्होंने अपने हाथो की मालिश करना शुरुआत कर किए । कुदाल चलाते चलाते हाथ भी लोहा बन गया था भोला जी का ।
भोला :- ठीक है जाओ और जल्दी से फ्रेश होकर आ जाओ ।
अभी :- ठीक है दादा जी ।
अभी ने बोतल में पानी लिया और गांव के छोर के अरहर के खेत में घुस गया ।
आज अभी को नया सिख मिलने वाला था
You are currently reading Incest Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
Kuch longo kaa work hi dusre k rsate m taang adana hotha hain khud say tow kuch hotha nahee tow kiya kare ap un sabki baato ko ignore maaro aur story ko continue rakkho bhay ham sab aapke saath hain