Rajsharma Sex Story : कसक (Romance Special)
सात
अहोना के पिता के गुजरे आज पांच दिन हो गए थे। घर के सभी लोग सदमे से उबरकर जिदंगी की पटरी पर लौट रहे थे। तरह-तरह के कर्मकांड चल रहे थे। घर में रिश्तेदारों की भीड़ थे और सभी अनमित्र को जान गए थे। मानो घर का अहम सदस्य बन गया था अनमित्र।
कोई भी काम हो, हर ओर सेएक ही आवाज आती थी—अनमित्र, अनमित्र, अनमित्र।
हैरानी तोइसे बात की थी कि बात-बात पर ताना मारने वाली बौदी ने भी अब अनमित्र को अपना लिया था। वो अनमित्र से ज्यादा प्रभावित थी।
और अहोना। उसे तो मानो सबकुछ मिल गया था। कम से कम उसके बर्ताब से अनमित्र ने यही समझा था। अनमित्र को ऐसा लगा था मानो यदि वो नहीं होता इतनी जल्दी नहीं संभल पाती अहोना।
खुद बौदी ने ही कहा था, ‘अन्नू, तुमने संभाल लिया अहोना को। यदि तुम नहीं होते तो पता नहीं अहोना का क्या होता? बाबा की लाडली थी।’
अहोना सिर झुकाए बैठी रही। दोपहर के खाने के पश्चात रोज ऐसी ही बैठकें होती थी। सबएक संग बैठकर गप्पें मारतें। दुख कम होता। पिताजी के जाने का गम भूल जाते।एक कोने में मम्मी भी गुमसुम बैठी रहती। कभी कभी वो भी कुछ बोल देतीं।
मानसी दीदी ने भी बौदी का समर्थन किया।
‘सिर्फ अहोना ही क्यों, अनमित्र ने तो पूरे घर को संभाल लिया। यदि वो नहीं होता तो.’
‘सच कहा’ मम्मी ने कहा, बेटा, तुम्हारी लंबी उम्र हो।
अहोना से भी अक्सर अकेले में बातें हो जाया करती। अहोना खास तौर पर उसका ख्याल रखती। खाना खाया कि नहीं, नाश्ता किया कि नहीं, चाय पी की नहीं। रात होते ही अहोना को ही उसकी सबसे ज्यादा चिंता होती। जल्दी निकल जाओ। देर हो रही है। देर हो रही है तो यहीं रुक जाओ। अनमित्र को ज्यादा बढ़िया लगता था। अहोना उसके बारे में इतना सोचती है।
श्राद्ध सेएक दिन पहले वाली रात वो अहोना के यहां ही रूक गया था। दादा ने खास तौर पर कहा था। सारी जिम्मेदारी अनमित्र पर ही थी। टेंट वाले से लेकर हलवाई तक उसी ने ठीक किया था। आज सब्जी बाजार करते करते भी देर हो गई थी। दादा ने कहा था, अनमित्र यहीं रूक जाओगे तो बढ़िया रहेगा। कल सुबह ही हलवाई-टेंट वाले सभी पहुंच जाएंगे।
‘ठीक है दादा’ अनमित्र ही जवाब दिया था।
उस रात अहोना के संग देर तक बातें हुई थीं।
अहोना ने पिताजी, दादा, बौदी, मानसी दी, जामाई बाबू सबके बारे में बातें की थीं। पापा की बातें करते करते कई बार अहोना की आंखें भर आई थीं। अनमित्र ने अपनी अंगुलियों से उसकी आंखें पोंछ दी थी। प्रतिरोध नहीं किया था अहोना ने। अहोना को अपने दिल के इतने करीब पहली बार पाया था उसने। आसमान में उगे हजारों टिमटिमाते तारे इसके गवाह थे।
You are currently reading Rajsharma Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
आठ
श्राद्ध के दिन अनमित्र सुबह से काम में ऐसा फंसा कि उसे खाने तक की फुरसत नहीं मिली। दोपहर को पांडाल में ही घर के सभी लोगों ने खाना खाया। अनमित्र भी परिवेशन (खाना परोसने) में जुटा हुआ था। उसके पश्चात अहोना ने जबरन उसे खाना खिलाने बिठा दिया था, जामाई बाबू के साथ। जामाई बाबू भी सुबह से काम में लगे हुए थे। अहोना और मानसी दी ने स्वयं खाना परोसा था। अहोना ने पूरी कोशिश की थी कि अनमित्र को ठूस ठूस कर खाना खिला दिया जाय। पता नहीं रात को कब खाने का वक्त मिले।
अहोना का पूरा परिवार मान गया था कि मित्र हो तो अनमित्र जैसा।
बौदी ने कहा था, ‘अनमित्र, तुमने जो किया, कोई अपना भी नहीं करता। बीच-बीच में आते रहना।’
उस दिन देर रात जब वो अहोना के घर से निकला था तो सिर्फ थका ही नहीं था, बुझा हुआ भी था। अहोना की पारिवारिक त्रासदी से उसके स्वार्थ की भी सिद्धि हुई थी। ज्यादा से ज्यादा वक्त अहोना के करीब रहने के स्वार्थ की। नहीं, नहीं ये स्वार्थ नहीं, उसका प्रेम है। उसने जो भी किया निस्वार्थ जज्बातों से किया। अहोना के लिए किया, दादा के लिए किया, आंटी के लिए किया।
अहोना दरवाजे तक छोड़ने आई थी, ‘परसों सुबह ही आ जाना। मत्स्यमुखी का आयोजन है।’
उसने सिर हिलाकर सहमति दी। मत्स्यमुखी श्राद्ध के पश्चात होने वाली रस्म। उस दिन मछली बनती है और दोबारा उस दिन से लोग मछली खाना शुरुआत कर देते हैं। वो आएगा, जरूर आएगा।
मत्स्यमुखी के दिन सुबह नहीं पहुंच पाया था अनमित्र। स्कूल से इमरजेंसी बुलावा आ गया था। उसने छुट्टी ले रखी थी, दोबारा भी उसे बुलाया गया था। परीक्षा के बारे में मैनेजिंग कमेटी ने आपात बैठक बुलाई थी।
वो दोपहर तीन बजे अहोना के घर पहुंचा था। खाना-पीना चल रहा था।
‘अरे, कहां रह गए थे तुम? मैंने तो सोचा तुम आओगे ही नहीं।’ मानसी दी ने दरवाजे पर ही उसे पकड़ लिया। अंदर ले जाकर बिठाया। अहोना पानी लेकर आई।
‘चाय पिओगे?’ अहोना ने पूछा था।
‘सॉरी अहोना। अचानक स्कूल जाना पड़ गया’
‘कोई बात नहीं। परेशान ना हो’ अहोना ने कहा था।
शाम को पूरा परिवार ड्राइंग रूम में बैठा था। मां, दादा, बौदी, जामाई बाबू, मानसी दी, अहोना सभी मौजूद थे।बाहर् का सिर्फ वही था लेकिन अब वोबाहर् का था कहां। घर का ही हिस्सा बन गया था। दादा स्कूल की मीटिंग के बारे में पूछ रहे थे। वो भी टीचर थे,इसलिये उनकी दिलचस्पी थी। मत्स्यमुखी रस्म के संग ही अहोना के पिताजी पूरी तरह से विदा हो गए। बस फोटो और यादों में बचे रह गए। कुछ देर पश्चात दादा कहीं निकल गए और फालतू की बातें होने लगी। तरह-तरह की बातें।
और इसी बातचीत में जामाई बाबू के मुंह से निकला था—अपनी अहोना के लिए तो अनमित्र जैसा ही लड़का चाहिए।
सबने समर्थन किया था। अहोना ने सिर झुका लिया था। अनमित्र शॉक्ड रह गया था। ऐसी बात होगी, इसकी विचार भी नहीं की थी उसने। जामाई बाबू ने कहा था—अनमित्र जैसा और अनमित्र के कानों में गूंज रहा था—अनमित्र, अनमित्र, अनमित्र, अनमित्र-अहोना, अनमित्र-अहोना, अनमित्र-अहोना.
लेकिन आज वो समझ पाया था अनमित्र जैसा का मतलब अनमित्र नहीं होता। वो भास्कर होता है। वो भास्कर, जिसके संग अहोना ने संपन्न दांपत्य जिंदगी बिताया था। वो भास्कर, जिसने अहोना को दी थी जिंदगी भर की खुशियां। वो भास्कर, जिसने अहोना को दिया था भरा-पूरा परिवार। वो भास्कर, जिसे आज भी ज्यादा मिस करती है अहोना।
You are currently reading Rajsharma Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
नौ
‘अपने बारे में कुछ नहीं बताया’ अहोना ने उसकी तंद्रा तोड़ी थी।
हंसा था अनमित्र, ‘मैं अनमित्र बनर्जी, रिटायर्ड टीचर’
अहोना ने गुस्से से उसकी तरफ देखा, ‘हर बात पर मजाक कैसे कर लेते हो?’
‘गुस्से में तुम्हारी आंखें आज भी उतनी ही सुंदर लगती है, जैसे पहले लगती थी। कॉलेज के एनुअल फंक्शन के दौरान लिपस्टिक वाली बात पर भी तुमने मुझे ऐसे ही देखा था।’ अनमित्र ने हंसने की असफल कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो पाया। अहोना का मन घबड़ाने लगा। आखिर क्या छिपा रहा है अनमित्र?
तभी एनाउंसमेंट हुआ था—डानकुनि जाने वाली ट्रेन फोर ए नंबर प्लेटफॉर्म से छूटेगी।
अनमित्र ने कहा, ‘तुम्हारी ट्रेन आ रही है। चलो मैं तुम्हें बिठा देता हूं।’
‘डानकुनि के लिए ज्यादा ट्रेनें आएंगी। आखिर तुम क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हो?’ अहोना परेशान हो गई, ‘क्या तुम किसी तकलीफ में हो?’
अनमित्र ने कातर निगाहों से अहोना की ओर देखा था। उसकी आंखें भर आईं।
अहोना दर्द की आग में झुलस गई। ये क्या देख रही है वो? अनमित्र की आंखों में आंसू। कितना मजबूत, कितना प्रभावी व्यक्तित्व हुआ करता था उसका, वो रो रहा है। उसने ध्यान से अनमित्र की ओर देखा। दाढ़ी बेतरतीब बढ़ी हुई थी। पैंट-शर्ट भी साधारण सा। पांव में मामूली सी चप्पल। ये क्या उसका वही अनमित्र है, जिसे देख कर मन को सकून मिलता था। उसकी बातों से आत्मविश्वास बढ़ जाता है। उसने अनमित्र काएक हाथ पकड़ लिया।
‘क्या हुआ अनमित्र?’
अनमित्र झेंप गया। उसे इतना कमजोर नहीं पड़ना चाहिए था। वो इतना कमजोर नहीं है।
‘कुछ नहीं, तुम गलत समझ रही हो। आंख में ऐसे ही पानी आ गया। आज ही डॉक्टर दिखाउंगा’ जेब से रूमाल निकाल कर आंखें पोंछते हुए उसने कहा।
‘मुझसे तुम कभी झूठ नहीं बोल पाए अनमित्र। आज भी तुम्हारा झूठ मेरे सामने नहीं टिकने वाला। क्या बात है बताओ ना? क्या तुमने मुझे इतना पराया कर दिया कि अपना दर्द भी मुझसे नहीं बांट सकते।’ अहोना की आवाज़ भर्रा गई।
अनमित्र के चेहरे पर दर्द उभर आया। उसने अहोना को भरपूर नजरों से देखा और वो प्रश्न पूछ ही बैठा, जिसे वो इतनी देर से अपने मन में दबा कर रखा था, ‘अहोना, क्या तुम्हें कभी मेरी याद नहीं आई, कभी मुझे मिस नहीं किया? कभी मेरा हालचाल जानने की कोशिश नहीं की।’
‘तुमने भी तो कभी मेरी ख़बर नहीं ली।’ उसने उल्टे इल्जाम मढ़ दिया था।
जवाब नहीं था उसके पास। जब पुरुष अपनी दुनिया, अपने संसार में मगन हो जाता है तो दोबारा कहां मिलता है वक्त? पति, बच्चे, ससुराल। ऐसा नहीं कि याद नहीं आई कभी लेकिन हालचाल पता करने की ताकीद अंदर से महसूस नहीं की थी उसने।
‘ये मेरे प्रश्न का जवाब नहीं है अहोना। वैसे मैं जामाई बाबू से दो-तीन बार मिला था। तुम्हारे बारे में पता किया था। तुम अपने संसार में सुखी थी।’
अहोना चुप रह गई। कुछ देर की चुप्पी के पश्चात उसने कहा, ‘’तुम पता नहीं कहां गायब हो गए? मिलने को कितना जी करता लेकिन तुम काम में इतने बिजी हो गए कि अहोना को भूल ही गए।’
‘भूल गया?’ अनमित्र ने हैरानी से अहोना की ओर देखा था। आज भी उसकी यादों के सहारे वो जिंदा है और अहोना कह रही है कि वो उसे भूल गया।
‘और नहीं तो क्या?’ अहोना की आवाज़ में उलाहना थी, ‘पिताजी के श्राद्ध के पश्चात तो तुम मानो गायब ही हो गए। कितनी बार मिलने आए तुम मुझसे?’
‘गायब नहीं हुआ। कांचरापाड़ा में ही रहता था। तुमने मेरा घर भी देखा था। तुमने कभी मुझे मिस ही नहीं किया, यदि किया होता तो मेरे घर आ सकती थी। मैं रोज सोचता तुम्हारे यहां आऊं लेकिन चाह कर भी नहीं जा पाता। तुम्हारे घर के आसपास भी टहल आता लेकिन दरवाजे पर दस्तक नहीं दे पाया।’
अहोना ने बड़ी हैरानी से अनमित्र की ओर देखा, ‘मगर क्यों?’
‘पता नहीं क्यों। अंदर से हिम्मत ही नहीं होती थी। शायद मेरे मन में कोई चोर था।एक बार हिम्मत जुटा कर गया भी था तो तुम मानसी दी के घर गई थी और पता चला कि कई दिनों के लिए गई हुई थी। बौदी मिली थी।’
‘एक बार नहीं मिली तो इसका मतबल ये थोड़े ही था कि तुम घर पहुँचना ही बंद कर दो। मैं तुम्हें अक्सर ही याद करती थी।’
‘और मैं हमेशा’ अनमित्र ने गहरी सांस ली, ‘औरएक दिन जब देर रात घर लौटा तो मम्मी ने तुम्हारी शादी का कार्ड थमाया था। अहोना वेड्स भास्कर’
‘हां, शादी का कार्ड देने मैं और जामाई बाबू गए थे लेकिन तुम नहीं मिले थे।
शादी में भी तो तुम नहीं आए। सबने तुम्हें ज्यादा मिस किया?’
‘और तुमने?’ अनमित्र ने सवालिया निगाहों से उसकी ओर देखा था।
बहुत देर चुप्पी छाई रही। दोबारा अहोना ने धीरे-धीरे से पूछा, ‘तुम आये क्यों नहीं?’
चुप रहा अनमित्र। क्या जवाब देता?
You are currently reading Rajsharma Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
Read पापा से शादी और हनीमून and explore thousands of rajSharma sex story stories on Desi Sex Stories. Visit desixxxstories.com today.
468.3k 5.2k 0 1 week agoमेरा बेटा मेरा यार (माँ बेटे की वासना - ममता की जंजीर) - New rajSharma sex story sex story in hindi. Visit desixxxstories.com for more hot stories.
982.9k 8.6k 0 1 hour agoPhela pyaar-koy jeeta koy hara in hindi on desixxxstories.com. Enjoy the best sex stories in hindi with gif rajSharma sex story stories on Desi Sex Stories.
19.6k 4.7k 0 1 day agoEnjoy reading निदा के कारनामे, a rajSharma sex story sex story in hindi. Desi Sex Stories has the best collection.
181.1k 6.6k 0 7 hours agoरोचक कहानी ट्रेन में ज़बरदस्त चुदाई की is read today on Desi Sex Stories. Best website for Indian rajSharma sex story!
22.9k 8.5k 0 1 week agoRead खेल खेल में गंदी बात on Desi Sex Stories. India sex story huge collection of Hindi/urdu rajSharma sex story.
293.1k 5.4k 0 11 hours agoRead फागुन के दिन चार in Hindi/urdu only on desixxxstories.com. Enjoy top rajSharma sex story on Desi Sex Stories.
76.5k 4.8k 0 10 hours agoRead पुष्पा का पुष्प and many exciting rajSharma sex story on Desi Sex Stories. Read on desixxxstories.com.
21.2k 9k 0 1 day agoEnjoy Life of an Engineer(action) (Full Story) (adultery,romance special) and many more adultery sex story on Desi Sex Stories.
1.8M 7.6k 331 5 months agoRead rajSharma sex story stories! Read जिस्म की प्यास on Desi Sex Stories - only at desixxxstories.com.
392.8k 4.6k 0 10 hours agoRead अमेरिका रिटर्न बंदा in Hindi/urdu on desixxxstories.com. Find more rajSharma sex story stories on Desi Sex Stories.
74.2k 4.2k 0 1 week agoEnjoy reading Love - Family (Thriller, Action, incest, Romance), a romance sex story sex story in hindi. Desi Sex Stories has the best collection.
106k 1.7k 15 5 months agoEnjoy बहुरानी की प्रेम सेक्सी कहानी and many more rajSharma sex story on Desi Sex Stories.
657.4k 6.8k 0 9 hours agoHot rajSharma sex story story: स्वीट सिस्टर्स और सिस-इन-लॉ. Read full hindi sex stories with images on desixxxstories.com.
100.1k 1.6k 0 5 hours agoमेरे पति और मेरी ननद - Hot rajSharma sex story sex story in hindi. Best collection of Indian sex stories on Desi Sex Stories.
623.6k 2.9k 0 7 hours agoEnjoy reading Nazdikiyaan - Tale of pure love and full lust, a romance sex story sex story in hindi. Desi Sex Stories has the best collection.
107.2k 4k 47 5 months agoRead Kaamuk ammie jaan and many exciting rajSharma sex story on Desi Sex Stories. Read on desixxxstories.com.
138k 9.8k 0 6 hours agoRead अंदाज़ and explore thousands of rajSharma sex story stories on Desi Sex Stories. Visit desixxxstories.com today.
57k 3.9k 0 10 hours agoRead rajSharma sex story stories! Read लेडीबॉय फन (adultery special) on Desi Sex Stories - only at desixxxstories.com.
31.7k 8.5k 0 2 days agoRead incest - rakt kaa ASAR and explore thousands of rajSharma sex story stories on Desi Sex Stories. Visit desixxxstories.com today.
95.2k 1.8k 0 10 hours agoEnjoyed it? Please Give it a rating!
Welcome to desixxxstories.com - a place where you'll find a huge collection of Indian Desi sex stories in Hindi and Urdu, along with hot GIF pics. Whether you're into romantic mom son fantacy, wild sex stories, or real incest stories. We keep regular updates, so you'll always find new sex stories to enjoy. Desi Sex Stories is the grate source of all type incest stories to read without any interruptions.
Copyright © Desi XXX Stories com.
The content available on Desi XXX Stories may contain pornographic materials.
Desi XXX Stories is strictly limited to those over 18 or of legal age in your jurisdiction, whichever is greater.
One of our core goals is to help parents restrict access to Desi XXX Stories for minors, so we have ensured that Desi XXX Stories is, and remains, fully compliant with the RTA (Restricted to Adults) code. This means that all access to the site can be blocked by simple parental control tools.
To enter Desi XXX Stories you must be 18 or older