हिटलर को प्रेम हो गया
लेखिका -सेक्सी रीत
प्रीति अपने कॉलेज से घर वापिस आ रही थी. वो अपने शहर के ही एमजी कॉलेज में पढ़ती थी. प्रीति ज्यादा ही सुन्दर और सेक्सी थी. उसका चहरा एकदम गोरा था और बाकी बदन भी पूरा साँचे में ढला हुआ था. उसका फिगर 32-28-34 था वो एकदम स्लिम ट्रिम थी. उसके चूतड़ कमर के नीचे थोड़ेबाहर् को निकले हुए थे जो कि उसके जिस्म का सभी से आकर्षक हिस्सा थे. उसके चूतड़ जब टाइट जीन्स में क़ैद होकर उसके चलते वक़्त आपस में थिरकते थे तो देखने वालो के पसीने छूट जाते थे. वो अक्सर जीन्स-टॉप और टी-शर्ट पहनती थी. जो कि उसके गोरे जिस्म के संग चिपकी रहती थी.
वो पैदल घर की तरफ आ रही थी और चलते चलते वहाँ पहुँच चुकी थी जहाँ पे कुछ बदमाश टाइप के लड़के अक्सर बैठते थे. वो अक्सर आती जाती लड़कियों पे कॉमेंट करते थे और कभी कभी तो इधर वहाँ हाथ भी फिरा देते थे. प्रीति जब वहाँ से गुज़रने लगी तोएक लड़का जिस का नाम बहादुर था वो उठ कर प्रीति के संग चलने लगा और उसने अपना हाथ प्रीति की कमर में डाल दिया और प्रीति ने एकदम से उसका हाथ झटक दिया और बोली.
प्रीति-ये क्या बदतमीज़ी है.
बहादुर-क्या हुआ जानू मज़ा नही आया क्या.
प्रीति-शट अप युवर माउत ईडियट.
बहादुर ने अपना लेफ्ट हाथ उठाया और प्रीति के लेफ्ट चूतड़ पे रख कर उसे मसल दिया. प्रीति कराह उठी और उसने अपना हाथ बहादुर को मारने के लिए उठाया मगर बहादुर ने उसे अपने दूसरे हाथ में पकड़ लिया और बोला
बहादुर-साली मुझ पे हाथ उठाएगी.
प्रीति-प्लीज़ छोड़ो मेरा हाथ. आअहह.
इतने में विकी वहाँ आ पहुँचा जो कि अपने मित्र की दुकान पर से आ रहा था. उसने जब देखा कि उसकी बेहन का हाथ किसी ने पकड़ रखा है तो वो आग में जल उठा.
बहादुर-साली याद रख यदि ज़्यादा नखरा दिखाने की कोशिश करेगी तो ऐसी स्थान से तुम्हे उठवाउन्गा कि किसी को पता तक नही चलेगा और उसके पश्चात तुम्हारीइसे गुलाबी चूत का ऐसा हाल करूँगा की याद रखेगी.
और उसने प्रीति का हाथ छोड़ दिया और प्रीति पलट कर अपने घर की तरफ भाग गई उसने विकी को नही देखा था.
विकी आग में जलता हुआ बहादुर की तरफ बढ़ा और उसे गले से पकड़ लिया और बोला.
विकी-अबे साले मेरी बेहन का हाथ पकड़ता है तेरी तो मैं सारी फॅमिली चोद दूँगा. और विकी ने दूसरे हाथ का मुक्का बनाकरएक घुसा उसकी नाक पे मारा. और उसकी नाक में से खून आने लगा. दोबारा विकी ने अपनीएक टाँग मोड़ कर बहादुर की दोनो टाँगों के बीच मारी और बहादुर अपने लंड वाली स्थान पकड़ कर नीचे गिर गया. विकी ने अपनी बेल्ट निकाली और धड़ा धड़ उसके उपर बरसा दी.
उधरएक लड़का भागता हुआ विकी के घर पहुँचा और बोला.
लड़का-दीदी दीदी वहाँ पे हिट्लर भैया किसी लड़के को बुरी तरह से पीट रहे हैं.
प्रीति भागती हुईबाहर् आई और बोली.
प्रीति-कहाँ पे जल्दी चल.
वहाँ पहुँच कर प्रीति ने देखा कि विकी उसी लड़के को पीट रहा था जिसने उसे छेड़ा था. वो भागती हुई विकी के पास पहुँची और बोली.
प्रीति-भैया छोड़ो अब इसे जल्दी घर चलो.
विकी उसे मारता रहा.
प्रीति-भैया प्लीज़ चलो आपको मेरी कसम.
और वो विकी को खीच कर घर की तरफ लेज़ा ने लगी.
बहादुर उठा और भाग निकला.
प्रीति-भैया क्या कोई किसी को ऐसे मारता है.
विकी-उसने तुम्हे छेड़ा था और जो तुम्हे कुछ कहेगा उसका मैं यही हाल करूँगा. वैसे भी पूरे कलाज में हिट्लर के नाम से मशहूर है तेरा भाई.
प्रीति हँसती हुई बोली.
प्रीति-मैं अच्छी तरह से जानती हूँ मेरे हिट्लर भैया.
विकी भी प्रीति के संग एमजी कॉलेज में पढ़ता था. वो पूरे कॉलेज में हिट्लर के नान से जाना जाता था. और पिछले 2 वर्ष से 2न्ड एअर में फैल हो रहा था.
प्रीति ने इसी वर्ष 1स्ट्रीट एअर में अड्मिशन ली थी. और उसकी क्लासस शुरुआत हो चुकी थी मगर विकी की क्लासस कल से शुरुआत होनी थी.
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2
सुबह हुई तो प्रीति ने चाय बनाई और अपने भैया को उठाने उसके रूम में गई.
प्रीति-भैया उठो चाय पी लो और आज कॉलेज भी जाना है आपको.
विकी-उम्म्म्मम सोने दो ना. चाय रख दो इधर टेबल पे.
प्रीति ने उसका कंबल खीच दिया और बोली.
प्रीति-जल्दी उठो 8 बज रहे हैं.
हारकर विकी को उठना पड़ा.
विकी-तुम भी सुबह सुबह उठ जाती हो दिमाग़ खाने के लिए. मुझे तो लगता है कि बांग देने वाला मुर्गा भी तुमसे पश्चात में उठता होगा.
प्रीति सिरहाना उठाती है और विकी को मारती है.
प्रीति-चुप करो तुम्हारी तरह नही है कि सूरज देवता से शर्त लगाकर सोते है कि देखते है पश्चात में कॉन उठेगा.
फिर प्रीतिबाहर् निकल जाती है.
ऐसी नोक झोक इन दोनो में अक्सर चलती रहती है.
विकी कॉलेज के लिए रेडी हो जाता है और प्रीति को आवाज़ लगाता है.
विकी-अरे पीतू(विकी प्रीति को प्रेम से पीतू ही कहता है) रेडी होने में इतना टाइम क्यूँ लगाती हो जल्दी आओ.
प्रीति भागती हुई शोल्डर पे बॅग डाले विकी के पास आती है. उसने आज ब्लॅक टी-शर्ट और ब्लू जीन्स पहनी हुई है. वो विकी की बाइक पे उसके पीछे बैठ जाती है.
प्रीति-चलो भैया.
विकी कॉलेज की तरफ बाइक उड़ा देता है.
विकी की फॅमिली मे उसकी बेहन के इलावा उसकी मम्मी और पिता जी हैं. उसके पिता जीएक गूव्ट. नौकरी करते है. पर दोबारा भी बच्चों की पढ़ाई और महनगाई के चलते उन्हे परिवार चलाने में मुश्क़िल पेश आती है. उनका परिवारएक मीडियम तबके का परिवार है.
विकी को अपने परिवार की कोई चिंता नही है. उसके माता पिता ज्यादा बार बैठ कर उसे समझा चुके हैं. मगर विकीएक कान से सुनता है तो दूसरे से निकाल देता है. उसके माता पिता उस से ज्यादा परेशान हैं. रोज़ ही उसके कारनामे उन्हे सुन ने को मिल जाते है.एक दो बार तो वो लड़ाई के मामले में थाने तक भी जा चुका है. वो तो उसके मामा की अच्छी जान पहचान है कि हर वार वो छूट जाता है.
विकी और प्रीति कलाज पहुँच जाते है.
प्रीति-ओके भैया मैं अपनी क्लास में चलती हूँ. और हां आज अपना दोबारा से हिट्लर पना ना दिखा देना.
विकी-अच्छा बढ़िया अब जा और ध्यान से पढ़ना.
प्रीति-कभी स्वयं पे भी ये बात आज़मा लो भैया ध्यान से पढ़ने वाली शायद तुम पास हो जाओ.
विकी-तू जाती है कि नही.
प्रीति हँसती हुई क्लास की तरफ चल देती है.
विकी भी क्लास की तरफ जाता है. आज फर्स्ट डे है उनका तो वो सोचता है नये नये पटाके आए होंगे आज तो क्लास में.
तभी उसे अपने मित्र बॉब्बी और दिपु दिखाई देते है.
फिर वो तीनो क्लास में पहुँच जाते है और 1स्ट लेक्चर शुरुआत होता है.
उनकेएक टीचर मिस्टर. नरेन्दर लेक्चर अटेंड कर रहे हैं.
नरेन्दर-आप सभी का वेलकम है हमारे कलाज में जो स्टूडेंट्स 1स एअर से आए हैं उनका भी और जो इसी एअर न्यू अड्मिशन हैं उनका भी और विकी की तरफ देखकर टीचर दोबारा से बोलता है. और उनका भी जिन्होनेइसे वर्ष भी यहीं पे रहना है.
और पूरी क्लास हँसने लगती है.
नरेन्दर-तो डियर स्टूडेंट्स आप सभी मुझे अपनी अपनी इंट्रो दो. आज हम सिर्फ़ इंट्रो ही लेंगे. सो लेट'स स्टार्ट.
और सभी स्टूडेंट्स अपनी इंट्रो देने लगते है.
विकी की वारी आती है तो वो उठकर खड़ा हो जाता है और जैसे ही कुछ बोलने लगता है तभी नरेन्दर सिर उसे रोक देते हैं.
नरेन्दर-अरे बैठो हिट्लर साहब आपके बारे में तो मैं बतता हूँ. तो स्टूडेंट्स ये है महान शक्षियात के मालिक विकी. इन्हे 2 वर्ष हो गये है इधर पे 2न्ड एअर में सडते हुए और पता नही और कितने दिन सडना है इन्होने इधर पे. आप इनसे दूर रहिएगा क्योंकि आप ने सुना होगा किएक गला हुआ सेब पूरी सेबो की पेटी को गला देता है.
और दोबारा से सभी हँसने लगते हैं.
विकी वैसे तोइसे सभी का आदि है उसे कोई फ़र्क नही पड़ता इन सभी बातो का लेकिन आज वो थोड़ा गुस्सा हो उठता है.
उसके पश्चात उसके 2नो फ़्रेंड इंट्रो देते है जो उसके संग ही बैठे होते हैं.
फिर उनके आगे की लाइन का नंबर. आता है. और नरेन्दर सर बोलते हैं.
नरेन्दर-जी मिस आप बताइए.
औरएक लड़की खड़ी होती है. जिसका नाम रीत है.
रीत-जी माइ नेमइसे रीत.मैने लास्ट एअर डीएवी कलाज से पास किया न्ड दिस एअर मैनेइसे कलाज में अड्मिशन लिया है.
नरेन्दर-तो आप क्या बन ना चाहती हैं.
रीत-जी मैं आइएएस ऑफीसर बन ना चाहती हूँ.
तभी पीछे से विकी की आवाज़ आती है.
विकी-लो आ गयीएक और किरण बेदी.
रीत पीछे देखती है और विकी से पूछती है.
रीत-जी आपने कुछ कहा.
विकी-यस किरण बेदी जी.
नरेन्दर-विकी गेट आउट फ्रॉम दा क्लास.
रीत बैठ जाती है और विकीबाहर् चला जाता है.
रीत को उदास देख कर उसके संग वाली सीट पे बैठी लड़की हद उसे कहती है.
सीमा-अरे रीत तू इसकी बात को लेकर परेशान मत हो वो तो है ही बदतमीज़.
और वो दोनो निकल कर कॅंटीन की तरफ चल देती हैं.
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Jemsbond wrote:Congratulation Rohit bhay

Jaunpur wrote:.
Rohit bro,
naye thred k liye baddai
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jay wrote:रोहित भाई वेलकम बॅक
नई कहानी के लिए बधाई
sunita123 wrote:Wow nayee kahani wo bi collage wlai too mst mazaa aayeg padhne mai.
xyz wrote:welcome back bhay ji
- Thanks a lot my dear dosto

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