बिनाश दूत बिकास-विकास की वापसी
अपराधी विकास-मंगल सम्राट विकास -बिनाश दूत बिकास
-विकास की वापसी
कहानी का श्रीगणेश शंकर प्लेस पर, मनाई जां ऱहीएक पिकनिक से होता है । वह पिकनिक बी, आई डी कॉलेज विधार्थियों की होती है ।
यह कहानी उस टाइमकी है जब सुपर रघूनाथ का लड़का विकास अठारह वर्ष का होता है ।
वह भीइसे कालेॅज के बी एस सी में पढता है । अपने साथियों के संग वह भी पिकनिक मनाने यहां आता है ।
यब टाइमऐसा था जब विकास अत्य ज्यादा सुंदर व आकर्षक था कि कालेज की प्रत्येकं लडकी उसेपस्न्द करती थी लेकिन विजय और अंलफासे जैसे गुरुओं का ये चेला लडकियों मे कोई दिलचस्पी नही लेता था।
पिकनिक मनाने वाले अधिकाश विद्यार्थी षश्चिमी सभ्यता से प्रभावित थे । वे पूर्णतया हिप्पी बनें हुए थे ।
चरस, गांजे अफीम और एल एस डी इत्यादि के मादक पदार्थों के सेवन मे ये लोग राम और कृष्ण की खोज मे डूबे में होते है ।
इनमेएक लड़का, जिसका नाम बिशन मल्होत्रा जो काॅलेज की छात्र युनियन का अध्यक्ष होता है ।
विकास को बिशन मल्होत्रा पर संदेह होता है ।
वास्तव में वह संदेह ठीक ठीक था ।
बिशन मल्होत्रा सी आई ए केएक एजेंट कार्ली से मिलता है और कार्ली द्वारा दिए गए मादक पदार्थों से वह विधार्थियों को उनका आदी बनाकरउन्को पथभ्रष्ट कर रहा होता है ।
उसके पश्चात जब कार्ली अमेरिका को ट्रांसमीटर द्वारा अपनीं काम की रिपोर्ट देता है तो विकास को भारत में फैले सी आईं ए के जाल का पता लगता है । उसे पता लगता है कि भारतइसे टाइमजिस स्थिति मे है , उन सबकाएक ही कारण है ------ अमेरिका की संस्था सी आई ए का जाल ।।
उसे पता लगता है कि जमाखोरी का विशेष कारण सी आई ए है ।एक तरफ सी आई ए विद्यार्थियों को भड़काकर 'स्ट्राईक’ करवाना चाहती है, दूसरी तरफ़ विरोधी पार्टियों, के नेताओं को खरीद आंदोलन करवाना चाहती है । भारत में राशन,मिट्टी का तेल और घी इत्यादि अनेकं आवश्यक वस्तुओं के पीछे लगी लंबी-लंबी लाइनों का कारण सी आई ए.।।।
सी आई ए.एक तरफ देश में गृह-युद्ध छिड़वाना चाहती है और दूसरी तरफ पाकिस्तान को शस्त्र इत्यादि देकर उसे पुन: युद्ध के लिए तैयार करती है ।
खैर तात्पर्य ये है कि विकास को अमेरिका कीएक ऐसी भयानक साजिश का पता लगता है जिससे भारत का भविष्य अंधकारमय हो सकता था । देशभक्त विकास भडक उठता है
।
विकास भडक जाए तो दोबारा कयामत आ जाती हैं।
लड़का भड़क गया । विकास ने कार्ली को बड़ा भयानक सबक दिया । ट्रांसमीटर पर ही उसऩे अमेरिका को चेलेंज कर दिया कि वह विश्व के नक्शे से अमेरिका का नामो-निशान मिटा देगा । यही-उसे आराधना मिलती है । आराधना उसके संग पढ़ने वालीएक ऐसी लडकी है जो उससे बिल्कुल पवित्र प्रेम करती है परंतु दुर्भाग्य की बात ये है कि आराधना बिशन मल्होत्रा की बहन है।
कार्ली के नाक-कान काटकर विकास धनुषटंकाऱ को संग लेकर विजय के पास पहुंचता है ।
कार्ली के नाक-कान बह अपने गुरु के चरणों में अर्पित कर देता है । तब विकास सी आई ए. के जाल के विषय में विजय को बता देता है । विकास जो कुछ भी बताता है उसे सुनकर विजय बार-बार कह देता है कि वह सभी जानता है ।
जब बार-बार विजय से ये सुनता है तो वह पागल होकर भयानक स्वर में चीख पड़ता है ।
" क्या खाक जानते है आप ! यदि ये सच है गुरु तो धिक्कार है आप पर ।। आपका खून सफेद हो गया है अंक्ल ।। आपको गुरु कहते हुए मुझे शर्म आती है । आप मेरे गुरू नहीं हो सकंते । सुना था अंकल कि आप भारत के लिए हीरा हो लेकिन आज पता चला कि, आप तो कायर हो. बुजदिल हो गुरु! जिसका दिलं अपने देश को इतने भयानक जाल मे फंसा देखते हुए भी क्रांति न कर दे वह मेरा गुरु नही हो सकता। "
औरइसे प्रकार.
विकास का पागलपन शुरुआत हो जाता है ।
वह गुरु के चरणों की सौगंध खाता है कि अमेरिका मे विनाश फैला देगा ।
विजय उसे समझाता है कि अभी हमारी ताकत अमेरिका से टकराने की नहीं है ।।
विजय विकास को मौत के रास्ता से बचाने के लिए उसेइसे अभियान पर नहीं जाने देता ।
विजय जोश में आकर चीख पड़ता है-“पत्थर से टकराने वालों के सिर फूट जाते हैं विकास ।"
" जो पत्थरों से टकराते हैं, उन्हे सिर की चिंता नहीं होती गुरू !" जवाब में विकास भी गुर्रा उठता है ।
एक बार तो लडका यहां तक कह देता है------"बस गुरु अपने सिद्धात अपने पास ही रखो । आज़ आपकी बाते सुनकर आपसे घृणा-सी होती जा रही है । इतना मत बोलिए कि आप चेले ही नजरों मे इतना गिर जाएं कि चेला भबिष्य में आपको गुरु भी न कहं सके ।"
विजय चीख पड़ता है । -
" लेकिन तुम करोगे क्या ?"
" अमेरिका को तवाह !"
-"कैसे?"
" गुनहगार बनकर ।"
औरइसे तरह विजयं और विकास आपस में ही भिड जाते है । विजय विकास को रोकने की बहुत चेष्ठा करता है लेकिन लड़का विजय को धोखा देकर धनुषटंकार के संग भाग जाता है ।
उधर-ट्रांसमीटर के द्वारा अमेरिका को दिए गए विकास के चेलेंज के कारण अमेरिका में खलबली मच जाती है । वहां से जल्दी माइक को भारत भेजा जाता है ।
उसका सीधा मिशन था-विकस की हत्या ! .
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माइक लद्दाख की तरफ से हिंदुस्तानी सैनिकों से लड़ता-भिडता हिंदुस्तान मे प्रविष्ट होता है ।
इधर सी आईं ए की कोई युवती सीक्रेट सर्विंस की एजेंट आशा के मेकअप में सीक्रेट सर्विस मे आ जाती है ।
विजय उसका रहस्य खोल देता है । जब वह रघुनाथ की कोठी पर होता है तो ठाकुर साहब कुछ कांस्टेबलों के साथएक लाश लेकर वहां आते है ।
जब उस लाश से कपड़ा हटाया जाता है तो रैना चीखकर बेहोश हो जाती है क्योकि वह लाश कार्ली की होती है । उसके माथे का गोश्त काटकर लिखा गया था----विकास ।।
जव विजयं ये रहस्य खोलता है विकास गुनहगार बनना चाहता है तो ठाकुर साहब और रघूनाथ पसीने-पसीने हो जाते हैं।
विकास के नाम वारंट कर दिए जाते है ।
दूसरी तरफ विकास धनुषटंकार को संग लेकर जब बिशन को देश के संग गद्दारी करने का इनाम देने उसके फ्लेट पर पहुंचता है तो आराधना और बिशन में वार्तालाप हो रहा होता है । यहां बिशन बिकास पर गोली चलाता है, आराधना अपने भाई बिशन को गोली मारकर उसकी हत्या कर देती है । विकास संग-आर्ट से बच जाता है । लोग उसे घेर लेते हैं परंतु विकास आराधना को लेकर फरार हो जाता है ।
अगले दिन…राजनगर में भयानक हंगामां खड़ा हो जाता है । छात्रों में भयानक रोष है । प्रत्येक छात्र बुरी तरह क्रोधित है । छात्रों ने आंदोलन कर दिय, बाजार बंद हो गए । उनके अध्यक्ष की हत्या जो कर दी गई है-उसकी बहन को विकास उठाकर जो ले गया । प्रत्येक छात्र कीएक आवाज है----" बिशन की बहन, हमारी बहन! हमारी बहन को -जल्दी ढूढों । रघुनाथ हो पदच्युत करों ।" इत्यादि मांगों के संग जुलूसं निकलता है और रघुनाथ की कोठी पर छात्रो द्वारा पथराव किया जाता है ।
इधर ये हंगामे हो रहे होते हैं और उधर विकास को भारत में माइक नजर आ जाता है ।
विकास ने उसका पीछा किया लेकिन माइक वहुत चतुर निकला । उसने बिकास को कैद कर लिया । अभी वह विकास को गोली से उडाना ही चाहता कि ऐन वक्त पर आकर विजय उसे बचा लैता है । दरअसल आशा के मेकअप हैं जो लड़की पकड़ी जाती है, बह इसी कोठी का पता बताती है और कहती है आशा भी वहीं कैद है ।।
वहां भारी जंग होती है ।।
इस जंग मे माइक और विकास दोनों फ़रार हो जाते है। आशा इसी मकान से बरामद जाती है ।
अलफांसे अचानक टेलीविजन पर विकास को देखता है ।
टेलीविजन पर से ही विकास अलफांसे, टुम्बकटू प्रिंसेज जैक्सन और सिंगही को अपनी मदद के लिए पुकारता है ।
अपने प्यारा शिष्य विकास की पुकार टेलीविजन पर सुनते ही अंतर्राषट्रीय गुनहगार अलफांसे उसकी सहायतार्थ राजनगर पहुचा ।
सर्वप्रथम वह सुपर रघुनाथ की कोठी पर पहुंचा । रैना विकास के विरह में पलंग पर अचेत पडी थी । उसका दिलएक मम्मी का दिल था जो अपने बच्चे कारण बेहद बेचैन था ।
वहीं अत्तफांसे की मुलाकात विजय, रघूनाथ, विजय के माता-पिता से हुई ।। अंलफासे रैना को अपनी बहन वना चुका था । जब रैना को होश आया तो रैना अपने भैया अलफांसे के कंधे से लिपटकर सिसकने लगी । अलफांसे ने रैना को सांत्वना दी कि वह विकास को गुनहगार नहीं बनने देगा । उसका जिंदगी बरबाद नहीं होने देगा । उसने रैना से ये भी कहा कि वह विकास को सुरक्षित पुनः लाएगा ।
यह सांत्वना देकर अलफांसे वहां से चल दिया, लेकिन विजय ने अशरफ को अलफांसे के पीछे लगा दिया । अंलफांसे भी ताड गया कि विजय काएक मित्र उसका पीछा कर रंहा है लेकिनइसे बात की विशेष चिंता न करता हुआ अलफांसे होटल डीगारिका में पहुंचा । यहांएक गहरे षड़यंत्र के संग आराधना और धनुटंकाऱ उससे संबंध स्थापित करने मे संपन्न हो गए ॥॥
उन दोनों ने अशरफ को गच्चा दिया अलफांसे को साफ़ निकालकरएक खंडहर में ले गए ।।
उस खंडहर में अलफांसे विकास से मिला । अभी वे भली तरह बात भी न कर पाए थे किइसे सदी का सबसे बडा आश्चर्य चंद्रमा का निबासी यानी महाबली टुम्बकटू वहां प्रकट हुआ । धनुषटकार और टुम्बकटू में दो-तीन झढ़पों के पश्चात दोस्ती तो हो गई मगर धनुषटंकार के दिमाग में पूरी तरह से ये बात बैठ चुकी थी कि टुम्बकटू ने उसे मात दी है।। अत: अवसर प्राप्त होते ही वह प्रतिशोध लेगा । तभी अपने विशेष मधूर संगीत के संग वहां प्रिंसेज आँफ़ मर्डरलैंड यानी जैक्सन प्रकट होती है । विकास ने उन तीनो के अतिरिक्त सिंगही को भी पुकारा था लेकिन वह नहीं आया ।।
इन सभी वारदातों को अमेरिकन जासूस माइक देख लेता है ।। अज्ञात आदमी के रूप में विजय को सूचना दे देता है ।
विकास, पूजा, धनुषटंकार, अलफांसे, टुम्बकटू प्रिंसेज जैक्सन की आपस मेएक काॅफ्रेस होती है ।।
उसमे प्रिसेज जैक्सन बताती है कि सिंगहीइसलिये विकास की पुकार सुनकर इधर नहीं आया , क्योंकि आजकल वह घरती पर नहीं, मंगल ग्रह पर है । वहां पर वह मंगल ग्रह के सम्राट की हैसियत से है औरएक वार पुन:
विश्व सम्राट बनने के टार्गेट को लेकर मंगल ग्रह पर शक्तियां जुटा रहा है ।
विकास सबको ये बता देता है कि वह गुनहगार बनना चाहता है । उसका प्रमुख उद्देश्य अमेरिका का नामो निशान, विश्व के नक्शे से मिटा देना है ।
इसके लिए उसे सिगही और जैक्सन जैसे विश्व सम्राट बनने के ख्वाब देखने वाले अपराधियों की मदद की आवश्यक्ता होगी ।
वह चीन की भांति अमेरिका को हिलाकर रख देना चाहता है । इसके लिए प्रिसेज जैक्सन से मर्डरलैंड की मदद मांगता है. . .तोइसे पर जैक्सन कहती है कि अभी मर्डरलैड इतना विकसित नहीं हो पाया है जिसके आधार पर अमेरिका से टकराया जा सके । वह कहती है कि अमेरिका से टकराने के लिए हमे पहले मंगल ग्रह पर सिंगही के पास चलना होगा ।। सिगंही के सामने विकास अपना लक्ष्य रखकर मदद मांगेगा और उसने विश्व विजय
करने हेतु जो शक्तियां जुटाई होगी, उनके द्वारा विकास अमेरिका को नष्ट कर देगा ।।
यह भी हो सकंता है कि मंगल ग्रह सम्राट सिंगही उसे ये मदद देने के लिए तैयार न हो ।इसे स्थिति में ये फैसला लिया गया कि बे सभी मिलकर मंगल ग्रह सिंगही
को परास्त करके "मंगल सम्राट" विकास को बनाएंगे और सिगंही की शक्तियों से विकास अपना उदेश्य पूर्ण कर सकेगा । यहां प्रश्न
मंगल ग्रह तक पहुचने का उठा जिसे जैक्सन ने दूर किया ॥॥
उसने बताया कि उसके पास मंगल की यात्रा हेतु 'रियाब्लो-8' नामकएक यान है जो मर्डरलैंड में है ।।
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अभी यहां इतनी ही बाते हो पाई थी कि विजय माइक द्वारा दी गई सूचना के आधार पर सीक्रेट सर्विस के जासूसों के संग उन सबको घेर लेता है । तभी कमरे केएक रोशनदान से गोली चलती है और विकास की भुजा मे घुस जाती है ।
यह देखकर विजय पर खून सबार हो जाता है ।।
पागल सा होकर विजय चीख पड़ता है…" ये गोली किस कुत्ते ने चलाई?"
-“माइक ने यहां माइक है !"
" उसे जाने मत देना अशरफ ।" विजय भयानक ढंग से गुर्रा उठता है--" मै उसका खून पी जाऊंगा ।"
इधर-विकास को गोली लगते देखते ही बिजय का खून खौल उठता है । सभी तरफ से ध्यान हटाकर वह माइक की जान का प्यासा हो जाता है उधर…प्रिंसेज़ जैक्सन के मुकुट से अदृश्य किरणे निकलती है । अदृश्य किरणों में बांधकर सबको मर्डरलैंड ले जाती है ।
उधर माइक किसी तरह विजय के हाथ से बचकर भाग जाता है ।।
मर्डरतैड में पहुंचकर अलफांसेएक ट्रांसमीटर के जरिए विजय को ये बता देता है कि वे मंगल ग्रह की यात्रा हेतु जा रहे है ।
उधर विजय ये सूचना ब्लेक ब्वाय को देता हैं ब्लैक ब्वाॅय विजय और अशरफ के लिए भी मंगल ग्रह की यात्रा का प्रबंध कर देता है ।।
दरअसल प्रेफेसर सुभ्रांत ने मंगल-यात्रा हेतुएक यान, जिसका नाम उसने रियाल्बो-7 रखा था तेयार कर लिया था ।।
इधर रियाब्लो 7 के जरिए विजय, अशरफ व स्वयं सुभ्रांत तथा उसके तीन सहयोगी मंगल यात्रा पर रवाना होते हैं, उधर विकास का ग्रुप मर्डरलैंड से रियाब्लो-8 के जरिए मंगल ग्रह के लिए निकल पड़ता है ।
वास्तविकता ये है कि मर्डरलैंड के वैज्ञानिकों ने प्रोफेसर सुभ्रांत के रियाब्लो-7 बाले सिद्धांत पर ही रियाब्लो-8 बनाया होता है। दोनों की बनावट बिल्कुल एक-सी होती है अंतर सिर्फ उनकी गति में होता है । यानी कि रियाब्लो-8 की गति रियाब्लो 7 से दुगुनी होती है ।
रिंयाब्लो-8 मंगल परएक माह में पहुचना था जब कि-रियाब्लो 7 दो माह पश्चात ।।
रियाब्लो दरअसल दो यान 'सर्जिबेण्टा' और माण्टोफो'नामक दो यानो से वना होता है जिसे कभी भी अलग जोडा जा सकता था । वैसे ये दोनों यान एक-दूसरे के पूरक होते इन दोनों यानों को मंगल की तरफ अग्रसर देख रूस अमेरिका के वेज्ञानिक चौंक पड़ते हैं ।रूस और अमेरिका काएक गुप्त कांफ्रेस होता है श जिससे भारत के खिलाफ कुछ महत्वपूर्ण फैसला लिए जाते है ।
बात उस टाइमकी है जव, रियाब्लो 8 मंगत के समीप पहुंच जाता है [ वहाँ उसका टकराव र्सिंगही के कुछ पिंडनुमा यान से होता है ।
दरअसल सिंगही विकास की मदद करने के लिए तैयार नहीं होता ।इसे टकराव में प्रिंसेज जैक्सन अपने मुकुट का कमाल दिखाती है लेकिन सिंगहीँ के ये यान पता नहीं किस घातु के बने होते है कि जैक्सन के सभी हथियार विफल हो जाते है ।
अंतरिक्ष में होने वालेइसे युद्ध में सिगंही विजयी होता है ।इसे युद्ध,में रियाब्लो-8 का काएक यान सर्जिवेण्टा नष्ट हो जाता है । उनके पास सिर्फ माण्टोफो बचता है । ये दोनों क्योंकि यान एक-दूसरे के पूरक हैं,इसलिये किसी भीएक यान से मंगल पर नहीं उतरा जा सकता । वे धरती की तरफ़ पुनः लौट जाने पर बिवश हो'जाते है ।
विकास तो भड़क उठता है लेनिन अलफांसे अपनी सौगंध देकर उसे मनाता है। माण्टोफो में ये काफिला धरती की तरफ़ पुनः आने लगता है ।
इधर-रियाल्बो 7 के संग भीएक दुखद घटना घटती है । इसमे विजय, अशरफ, सुभ्रातं तीन सहयोगी होते हैं । इनका अपनी कीली पर घूमते हुए दो उपग्रहों के बीच फंस जाता है और अपने रियाब्लो--7 का माण्टोंफो खो देते है । अब ये भी विवश होकर सर्जिबेण्टा मे बैठकर पुनः धरती की तरफ़ जाने लगता है ।
रियांब्लो8 का माण्टोंफो सुरक्षित होता है रियाब्लो-7 का सर्जिबेण्टा । वे अंतरिक्ष मेंएक दूसरे को देख लेते है और योजना बनाते हैं कि दोनों को जोड़ करके .एक नया रियाब्लो बना लिया जाए, ताकि दोनों मगल पर पहुँच सके ।
इस तरह दोनों यानों को मिलाकर दो काफिलो काएक काफिला बना दिया जाता है । विजय तो विकास को पुनः लेने मंगल ग्रह जा रहा था । जब वे मिले तो उसका कहना था कि धरती की तरफ चला जाए, लेकिन विकांस की ये जिद थी कि मंगल की तरफ चला जाए । दोनो अपनी जिद पकड़ लेते है----तब अलफांसे विजय को अकेले में ले जाकर समझाता है कि उनका मंगलम जाना अधिक आवश्यक है क्योंकि मंगल पर सिगंही विश्व-विजय हेतु शक्ति जुटा रहा है यानी वह निकट, भविष्य में विश्व के लिए-भयानक खतरा बनकर समाने आएगा अतः उसे पहले, ही ख़त्म कर दिया जाना अधिक अनावश्यक है.और अंलफासे व विजय योजना बनाते है कि मंगल पर पहुंचकर सिगंही के साथ-साथ उसकी समस्त शक्तियों कों भी ख़त्म कर देगे ताकि बिकास उनका अनुचित उपयोग करके गुनहगार न बन सके ।।
उनकी ये गुप्त योजना टुम्बकटू विकास को बता देत है।। लिहाजा लडका भडक उठता है ।,
विकास को कुछ नहीँ सूझता तो वह माण्टोफो मे पहुंचता है ।। उस टाइमसभी सर्जिवेण्टा में सोए हुए होते है । वह धनुषटकार को संग ले जाता मानाण्टोफो को सर्जिबेण्टा से अलग कर देता है ।
टुम्बकटू क्योंकि विकास का इरादा भांप गया थाइसलिये वह पहले ही मोण्टोफो मे आ गया था ।
अपने गुरु लोगों को धोखा देकर मोण्टोफो को ले भागता है । मोणाटोफो की गति क्योंकि सर्जिबेण्टा से ज्यादा होती है इसंलिऐ विजय, अलफांसे इत्यादि विकासं का कुछ नहीं बिगाड़ पाते । वे पीछे रह जाते हैं लेकिन लडका तेजी के संग मंगल की तरफ़ निकल जाता है ।
विजय और अलफांसे जानते वे कि विकसएक जिद्दी लडका है । चाहे जान चली जाए लेकिन बह मोण्टोफो के जरिए ही मंगल पर उतर जाएगा ।
जैक्सन और सुभ्रांत कहते है कि मोण्टोफो के बिना 'सर्जिबेष्टा मंगल पर नही उतर सकेगा ।
अत: हमे बापस लौटना होगा लेकिन बिजय और अलफांसे भडक उठते हैं । वे अपने प्यारा विकास को मौत के मुंह छोडकर कैसे लोट सकते थे? उनकी जिद पर सर्जिवेण्टा भी अपनी गति से मंगल की तरफ बढ रहा था ।
इधर-माण्टोफो में सिर्फ विकास, धनुषर्टकार और टुम्बकटू होते है ।
मंगल की कक्षा में प्रविष्ट होते ही उनका टकराव पुन: सिगंही के पिंडनुमा यान से होता है' ।
इस बार टुम्बकटू कमाल कर देता है ।
वह उल्टा होकर अपने गले से प्लास्टिक कीएक थैली निकालता है जो उसके छोटे-छोटे किंतु भयानक वैज्ञानिक शस्त्रों का पिटारा होती है । उसमें सेएक नन्हीं-सी टॉर्च का कमाल दिखाता हुआ टुम्बकटू सिंगही के पिंडनुमा यान को नष्ट कर देता है ।इसे तरह अनेकों बाधाओं को पार करते हुए वे मंगल पर पहुच जाते है ।
उनका यान मंगल केएक गुदगुदे पहाड्री इलाके मे उतरता है, जहां हवा तूफानी वेग से चल रही होती है । इधर विकास विना सर्जिबेण्टा यान के अपनी जान की बाजी लगाता हुआ मंगल की धरती पर उतरता है ।
अनेक अजूबो से गुजरने के पश्चात ये तीनों उस टाइममंगल निवासियों के पंजे मे फंस जाते हैं, जब वेएक हीरे की धरती पर होते है ।
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