Best Incest sex story: बहन-भाई की आत्मकथा. Daily updated hindi sex stories collection on Desi Sex Stories.
" जब मैं कहती थी कि आपकी Bike खटारा है तब तो आप गुस्सा करते थें भैया. अब देखो. ". आराधना ने कहा. " अब भी सुधर जाओ भैया.एक नई Bike ले लो ना. या फिरइसे बारएक Car ! ".
" बकबक थोड़ा कम किया करो. अब क्या करना है सोचने दो. ". रविंद्र ने अपनी Bike को देखते हुए कहा.
" शांत भाई . इधर पास मेंएक Garage है. आप Bike हमें दे दो. हम वहाँ बनने को छोड़ देंगे. कल आप जब आराधना को लेने आओगे तो ले जाना. " . पास ही खड़े आराधना के दोस्तों के Group में सेएक लड़के... Continue reading
" जब मैं कहती थी कि आपकी Bike खटारा है तब तो आप गुस्सा करते थें भैया. अब देखो. ". आराधना ने कहा. " अब भी सुधर जाओ भैया.एक नई Bike ले लो ना. या फिरइसे बारएक Car ! ". " बकबक थोड़ा कम किया करो. अब क्या करना है सोचने दो. ". रविंद्र ने अपनी Bike को देखते हुए कहा....
Incest Desi Sex Story : बहन-भाई की आत्मकथा
" जब मैं कहती थी कि आपकी Bike खटारा है तब तो आप गुस्सा करते थें भैया. अब देखो. ". आराधना ने कहा. " अब भी सुधर जाओ भैया.एक नई Bike ले लो ना. या फिरइसे बारएक Car ! ".
" बकबक थोड़ा कम किया करो. अब क्या करना है सोचने दो. ". रविंद्र ने अपनी Bike को देखते हुए कहा.
" शांत भाई . इधर पास मेंएक Garage है. आप Bike हमें दे दो. हम वहाँ बनने को छोड़ देंगे. कल आप जब आराधना को लेने आओगे तो ले जाना. " . पास ही खड़े आराधना के दोस्तों के Group में सेएक लड़के ने कहा.
अपने भैया को चिढ़ाने के लिए आराधना उसके चेहरे के पास जाकर मुस्कुराई और बोली. " मेरे दोस्तों को आप पश्चात में Thanks बोल देना.
अब चलें ? . ".
" और ये बारिश ? ". रविंद्र नेबाहर् हो रही बरसात को देख कर कहा.
"इसे मामले में मेरे मित्र आपकी कोई मदद नहीं कर सकतें ! ". आराधना ने हँसते हुए कहा. " चलो न भैया. गर्मी कि बारिश है. चलो ना भीग कर चलते हैं. "
पूजा ने अपनी किताबों वाली बैग भी अपने दोस्तों को दे दी ताकि बारिश में भीग ना जाये.उन्को Bye बोला और अपने भैया के संग मार्केट सेबाहर् निकल आई.
रविंद्र का ये रोज़ का Routine था. उसे ऑफिस से लौटते वक़्त अपनी छोटी बहन आराधना को मार्केट से Pick करना पड़ता था घर वापसी के लिये. उनके मम्मी पापा थोड़े पुराने खयालात के थें, पर बुरे नहीं थें. उनका मानना था कि भाई यदि अपनी बहन को मार्केट ले जाना और ले पहुँचना करे तो लड़की Safe रहती है. आराधना को इसमें कोई परेशानी नहीं थी, बस उसके दोस्तइसे बात पर उसका बहुत मज़ाक उड़ाते थें.
रोज़ कि तरह में आज भी अपनी बहन को लेने आया था पर मेरी Bike ख़राब हो गई थी.
मार्केट से बस स्टॉप सिर्फ 5 मिनट कि दुरी पर था पर बारिश इतनी तेज़ हो रही थी कि में और आराधना पूरी तरह से भीग गयें वहाँ तक पहुंचते पहुंचते.
" वो बंदा कौन था जो मुझे Bro बोल रहा था ?. ". बस स्टॉप पे बस का इंतजार करते हुए मेने ने पूछा आराधना से,
" आराधना भैया Relax. मेरे मित्र ऐसे ही बात करतें हैं. ".
" गुस्सा क्यूं हो रही हो. ". मेने ने मज़ाक किया.
"Oh Please भैया. ".
" तुम्हारा मम्मी पापा से झगड़ा ख़त्म हुआ ? ". मेने पूछा.
" कौन वाला भैया ? ज्यादा सारे हैं तो. ". आराधना हँस पड़ी .
" वो ,अलग रम, वाला. ".
मेरी बहन आराधना को मम्मी पापा के कहे अनुसार अपने मेरा ही कमरा Share करना पड़ता था. उसका कोई अपना कमरा नहीं था और इसी बात पर आराधना रोज़ मम्मी पापा से लड़ती झगड़ती रहती थी.
" अभी कहाँ भैया. अब आप ही बताओ जब उपरि फ्लोर पेएक कमरा खाली पड़ा है तो मेरा आपके संग आपके रूम में रहने का क्या मतलब ??? ".
" धैर्य रख . अभी तूम 19साल कि हो. 22 या 23 वर्ष कि होने तक मम्मी पापा तेरी शादी कर देंगे. दोबारा जी भर के अपने पति के साथएक दो जितनी मर्ज़ी उतने कमरों में रह लेना. ". मेने दुबारा अपनी बहन कि टांग खींची.
" भैया Shut Up ! ".
15 मिनट बीत चुके थें पर बस का कोई नमोनिशान नहीं था.
" ola बुला लूं क्या ? ".
" रहने दो भैया. बेकार में पैसे खर्च होंगे. बस अभी आ जायेगी. " आराधना ने कहा. " ola पे पैसे बर्बाद ना करके उसी पैसों से आप मुझेएक साड़ी खरीद के दे देना. "
" बढ़िया ? दो तीन सौ में कहाँ से आयेगी साड़ी ? ".
" दो तीन सौ में कुछ और पैसे मिला लेना भैया. ". आराधना हँसते हुए बोली.,
कुछ देर में बस आ गई.
" आजाओ भैया. ".
" इसमें नहीं पूजा. ज्यादा भीड़ है. ".
" भैया. इधर कि सारी बसें ऐसे ही भीड़ वाली आती हैं. चलो. ".
मुझे आराम से Travel करने कि आदत पड़ी थी, बस में अंदर घुसते ही भीड़ देख कर मेरा दिमाग़ घुमने लगा. आराधना इन सभी में Expert थी, उसने मेरा हाथ पकड़ा और भीड़ में स्थान बनाती हुई बस के एकदम पीछले हिस्से में चली गई. भीड़ तो वहाँ भी कम नहीं थी पर बस के पिछले हिस्से में कम से कम आने जाने वाले लोगों कि धक्को से बचा जा सकता था. मुश्किल से खड़े होने कि स्थान मिली थी हमें, दोनोंएक दूसरे के अगल बगल खड़े हो गये, बस चल पड़ी.
" बढ़िया पूजा. जिस दिन मैं तुझे मार्केट से Pick करने नहीं आ पाता उस दिन तूम इसी तरह बस में इतनी भीड़ में जाती हो ? ".
" हाँ भैया. तो ? वैसे आज थोड़ी ज़्यादा ही भीड़ हैइसे बारिश कि वजह से. रोज़ नहीं होता इतना. पर. ".
" अब से मैं तुम्हें रोज़ लेने आ जाया करूंगा. ". मेने अपनी बहन कि बात काटते हुए कहा.
" So Sweet भैया. मुझे आपके संग आने जाने कि आदत पड़ चुकी है और आप जो मेरे संग Bodyguard कि तरह रहते हो उससे मेरे मित्र जो मेरा मज़ाक उड़ाते हैं, उसकी भी आदत पड़ चुकी है. ". आराधना ने मुँह बनाते हुए कहा..
पूजा जिस स्थान खड़ी थी उसके पीछेएक पुरुष बड़ा सा बैग लिये खड़ा था. उस बैग कि वजह से आराधना ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी और उसे बार बार ठोकर लग रही थी.
" इधर आ जा पूजा. ". मैंने जब ये Notice किया तो उसने अपने सामने थोड़ी सी स्थान बना ली और आराधना वहाँ घुस कर मेरे आगे खड़ी हो गई. अब उसकी पीठ मेरी तरफ थी और उसे धक्के मुक्के से बचाने के लिये में उसके पीछे खडा हो गया, में उसके लिये इतने Protective थें ये देख कर आराधना मन ही मन मुस्कुराई पर कुछ बोली नहीं. उसे अपने भैया के संग नोंक झोंक वाला रिश्ता ही ज़्यादा भाता था, Formality वाला नहीं !
बाहर बारिश होने कि वजह से दिन के वक़्त भी बढ़िया खासा अंधेरा छा गया था, बस कि सारी खिड़कीयां बंद थी तो अंदर बस में भी अंधकार ही था, जो जहाँ था वहीं चुपचाप खड़ा था, हिलने डूलने कि तो स्थान ही नहीं थी. कुछ देर कि यात्रा के पश्चात में और आराधना अब Relax हो गयें थें.
मेने अपनी बहन को अपने सामने खड़े होने कि स्थान तो दे दी थी पर में Comfortable नहीं हो पा रहा था, आराधना भूली का तो मुझे पता नहीं.
दरअसल, मेरी बहन का बदन मेरे जिस्म से एकदम चिपक गया था, उसपे मेरी बहन का सलवार कमीज़ और स्वयं मेरा लोअर और शर्ट पानी में भीग कर तर बतर हो चुका था.
शुरू में बहुत देर तक मेने कोशिश कि, की मेरा बदन अपनी बहन के बदन से ना सटे, पर पीछे से पड़ रहे लोगों की भीड़ के दबाव को में ज़्यादा देर तक रोक नहीं पाया. मुसीबत तब हुई जब अंततः उसके कमर का नीचला हिस्सा मेरी बहन के नितंब में जा सटा.
इतना तो दोबारा भी ठीक था पर सबसे "ख़राब पोजीशन" तब आई जब मेरा टांगों के बीच वाला हिस्सा बहन की कमीज़ और सलवार में लिपटी पानी से गीली हुई चूतड़ों के मध्य की पतली दरार के बीचो बीच फंस गया ! में बस यही सोच रहा था की कही बहन पता नहीं क्या सोच रही होगी मेरे बारे में, शायद उसे कुछ महसूस ही ना हो रहा हो, ना ही हो तो बेहतर है !
मेरी कमर और दोनों जांघो वाला हिस्सा अब पूजाभुली के गांड़ की दोनों गोल उभारों में सट गया था लेकिन मेरा लण्ड वाला हिस्सा उन दो गोल गुंबदो के बीच घुस गया था !
Feeling तो आखिर Feeling ही होती है जो इंसान महसूस करता है और जिसका Logic हर वक़्त ना खोजना संभव है और ना समझना. मुझको भी जब किसी नरम मुलायम गद्दे जैसी अपनी बहन आराधना के गांड़ का उभार अहसास हुआ तो ना चाहते हुए भी, या दोबारा यूँ कहें, की उसकी इच्छा के विरुद्ध, मेरा लण्ड पैंट में फूलने लगा !!!
पानी में पूरी तरह से भीगे होने के कारण मेरा Trouser( लोअर) के अंदर मेरा अंडरवीयर भी ढीला और लचीला हो गया था, जिसकी वजह से मेरा अंडरवीयर ज़्यादा देर लण्ड के बढ़ते उभार और आकार को दबा नहीं पाया. मेरा लण्ड जांघिये में नीचे की ओर मुड़े हुए ही खड़ा होने लगा !
पूजा भुली की ओर से अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई थी. ,सिचिवेशन, हाथ सेबाहर् जाता देख मेने धीरे-धीरे से अपनी कमर पीछे खिसका कर अपने लण्ड को अपनी बहन की गांड़ की दरारों सेबाहर् निकाला, और थोड़ा Side होने की कोशिश की ताकि वो उसकी गांड़ से ना सटे. परइसे प्रयास में चूंकि पीछे से भीड़ का बहुत दबाव था, मेरा लण्डबाहर् तो निकला परइसे बार पुनः जाकर आराधना भुली की बाई गांड़ के गुंबद पे टिक गया. और ये आराधना ने ज्यादा ही अच्छे से बिना किसी गलतफहमी के महसूस भी किया !!!
" भैया आप ठीक है ? मैं थोड़ा हटूं क्या ? ". आराधना भुली ने अपनी गर्दन पीछे की ओर बस इतना सा घुम कर पूछा की उसकी आँख भैया के आँख से ना मिले.
" हाँ हाँ .सब ठीक है,, यदि ola से चलते तो सभी ठीक होता .सब बेकार हो गया ! ". मेने जितना हो सका अपनी आवाज को स्वाभाविक बना कर कहा, जैसे की कुछ हुआ ही ना हो.
पूजा भुली ने भैया का लण्ड स्वच्छ अपनी गांड़ पर महसूस कर लिया था, उसे थोड़ा अजीब लगा पर वो जानती थी की ये "जान बूझ के नहीं था. आराधना भुली ने अपनी गांड़ थोड़ी सी हिला कर Adjust करनी चाहि पर उससे मामला और बिगड़ गया !
पूजा भुली कीइसे हरकत से मेरा लण्ड घिसट कर पुनः उसकी गांड़ की दरार में फिट हो गया औरइसे बार मेरा नीचे मुड़ा हुआ लण्ड जांघिये में थोड़ी सी स्थान पाकर सीधे उपरि की ओर उठ गया !!!
में और आराधना भुली इतने सालों सेएक साथएक ही कमरे में रह रहें थें, मेने कभी भी ऐसा महसूस नहीं किया था जैसा अब कर रहा था. ऐसी बात नहीं है की में कभी अपनी बहन के इतना करीब ना गया हो, दोनोंएक ही पलंग पर सोते थें, इससे ज़्यादा करीबी और क्या हो सकती है.
पर हमेशा सेएक Normal भाई बहन रहे हम दोनों के बीच अभी जो भी हो रहा था, ऐसा क्यूं हो रहा था यदि मुझे पता होता तो मैं ज़रूरइसे चीज का विरोध करता !!!
हम दोनों भाई बहन सामने उपरि की तरफ बस का Rod पकड़े खड़े थें. मेरा मुँह अपनी बहन के भीगे खुले बालों के ठीक पीछे था. उसके बालों से आ रही बारिश के पानी और शैम्पू की घुली मिली महक ने मानो बहन औरएक लड़की के बीच का संकरा फासला कम कर दिया था.
अभी तक तो में असमंजस में था की क्या हो रहा है और वो क्या करे और क्या ना करे, पर अब जब मेरा लण्ड पूरी तरह से टाईट ठनक कर खड़ा हो गया तो मेने समझ लिया की वो अपनी ही सगी बहन के बदन से सट कर कामोत्तेजित हो रहा था !!!
अब मेरे पास बसएक ही रास्ता था. ये टेस्ट करना की उसकी छोटी बहन क्या चाहती है, यदि वो तिनका भर भी आपत्ती दिखायेगी तो मुझे जल्दी स्वयं को रोक लेना होगा.
में अपनी कमर हल्के से सामने की ओर बढ़ाई तो आराधना भुली की गांड़ के बीच रगड़ खा कर मेरे लण्ड का चमड़ा पीछे खिसक कर खुल गया और उसका मोटा सुपाड़ाबाहर् निकल आया. अब में अपने भीगे Trouser (लोअर) में अपने खड़े लौड़े का सुपाड़ा खोले अपनी बहन की गोल गदराई चूतड़ से टिका खड़ा था !!!
पूजा भुली का रहा सहा शक भी अब जाता रहा की जो कुछ भी हो रहा था वो अनजाने में हो रहा था. वो समझ गई की उसके भैया बेचारे सिचिवेशन के सताये कामोन्मादित हो रहें थें. सिचिवेशन के सताये और मारे ही कहेंगे ना. क्यूंकि आराधना भुली समझ रही थी आज तक उसके भैया ने ना जाने कितनी बार उसे नाईटी में, लोअर में, Skirt में और पजामे में देखा था, पर कभी भी उसपे गंदी नज़र नहीं डाली थी. आज का दिन मगर कुछ और ही था. मन ही मन मेरी आराधना भुली थोड़ा मुस्कुराई, पर कुछ ना बोली, चुप रही.
इधर मेरा मन बढ़ गया जब मेरी बहन की ओर से ऐसा कोई इशारा नहीं हुआ जिसके द्वारा वो अपनी असहमति दिखाए. दोबारा क्या था, दोबारा मेने एकदम धीरे-धीरे धीरे आराधना भुली की नरम गांड़ में अपना लण्ड ठेलना शुरुआत किया. मेरे खड़े लण्ड का सुपाड़ा तो पहले ही खुल चुका था, सो अपने पानी में गीले भीगे अंडरवीयर के अंदर अपना लौड़ा घिसने में मुझे ऐसी आनंद की अनुभूति होने लगी की में बयां नहीं कर सकता था !
अभी मेने तीन चार बार ही मेरा लण्ड रगड़ा होगा की बस रुक गई. कोई Stopage आया था. मैं थोड़ा संभल कर खड़ा हो गया पर मेने देखा की जितने लोग बस से उतरे नहीं उससे ज़्यादा लोग चढ़ गयें, भीड़ और बढ़ गई थी. और बस दोबारा से चल पड़ी.
" में अभी दूर है क्या आराधना भुली ? ". मेने अपनी बहन के मूड का जायजा लेने के मकसद से पूछा.
" हाँ भैया. ये बस दूसरे Route से जाती है ना. आपकी Bike में तो ज़ल्दी हो जाता है वो lic Office के रास्ते से जाने पर. ". आराधना भुली ने जल्दी जवाब दिया, पर अभी भी पीछे नहीं मुड़ी.
" हाँ. अच्छा. ".
मैंने इधर उधर आस पास के लोगों को देखा पर सभी अपने में मगन और परेशान खड़े थें. बस में दो अच्छे घराने के भाई बहन क्या कर रहें थें इसमें शायद ही किसी को रूचि हो !!!
मेंने अपना दाया हाथ नीचे सरका के अपने Trouser (लोअर) तक ले गया और पैंट की Zip यानि चैन खोल दी. आराधना भुली पीछे देख तो नहीं पा रही थो पर वो समझ गई की उसके भैया अब कोई और नई शैतानी करने वाले हैं. उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगा.
अपने Trouser(लोअर) के अंदर हाथ डाल कर मैंने अपना खड़ा लण्ड अपने जाँगिया सेबाहर् निकाल लिया और दोबारा पैंट कि Zip पुनः लगा ली. अब मेरा लण्ड अंडरवीयर सेबाहर् लेकिन Trouser (लोअर)के अंदर था. मेने ऐसा इसलिए किया था ताकि मेरे लण्ड को अपनी बहन के चूतड़ का ज़्यादा से ज़्यादा स्पर्श मिल सके. अब मेने अपनी बहन कि गीली कमीज़ उठा कर सीधे उसके सलवार में लिपटी गांड़ में अपना लण्ड सटा दिया और उसकी कमीज़ से वो हिस्सा ढक दिया, जिससे यदि कोई देखे तो सिर्फ ये समझे कि दोनों बस ऐसे ही बाकि यात्रियों कि तरह खड़े हैं !
पूजा भुली कि तो जैसे साँस ही रुक गई Public में अपने भैया किइसे 'साहस' और कुछ कुछ Funny हरकत को देख कर !
पूजा भुली ने अपने भीगे बालों और गर्दन पर अपने भैया कि गर्म साँसे महसूस कि. में अब उसके उपरि झुका पहले से और ज़्यादा सट कर खड़ा हो गया था. कमीज़ के अंदर ढकी उसकी गांड़ में अब खुल कर लण्ड घिसने रगड़ने लगा. आराधना भुली कि मांसल पूठों गांड़ कि गोलाईयां मेरे लण्ड को इतना सुकून और आनंद देंगी, ये मुझे अभी अभी पता चला था !
अपने पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके लण्ड से मेने ठेल ठेल कर अपनी बहन कि सलवार और उसके अंदर पहनी पैंटी को उसकी चूतड़ कि फांक में घुसा दिया था. आराधना भुली को तो मन ही मन हँसी आने लगी अपने भैया कि बेचैनी देख कर.
अति कामोत्तेजना में मेरे को पता ही नहीं चला कि कब रुकना है और मैंने अपना लण्ड अपनी बहन कि टाईट गांड़ में कुछ ज़्यादा ही घिस दिया था,इसे वजह से मैं स्खलित होने के करीब पहुंच गया. मेने जल्दी अपना लण्ड आराधना भुली कि गांड़ से हटा लिया और साँस रोक कर अपना माल गिरने से रोकने कि कोशिश करने लगा.इसे कोशिश में मेरे पेट मे बल पड़ गया, मगर अब बहुत देर हो चुकी थी, मेरा लण्ड पैंट में एकदम से बड़ा होकर फूल गया और मेरा वीर्य निकल आया !!!
जब मेने देखा कि अब कोई फायदा नहीं तो मेने पुनः अपना लण्ड अपनी बहन कि सलवार में घुसा दिया और झड़ने लगा. मेरा गाढ़ा वीर्य Trouser(लोअर) के कपड़े सेबाहर् रिस रिस कर बहने लगा. आराधना ने जब अपनी सलवार में गांड़ और जांघो पर गर्म गरम मलाई जैसी चिकनी रस केएक के पश्चात दूसरी धार को गिरता हुआ महसूस किया तो वो समझ गई कि उसके भैया का काम तमाम हो चुका है !!!
20 सेकंड के अंदर ही मेरी कि पिचकारी पूरी खाली हो गई. मेरे पांव अचानक से हुएइसे शीघ्रपतन से काँप रहें थें और मेने बड़ी मुश्किल से स्वयं को अपनी बहन के उपरि गिरने से रोका था. आराधना ने अपने हाथ से अपनी गांड़ में घुस चुकी पैंटी और सलवार को निकाला और अपने कपड़े ठीक करने लगी. पर मेरा का काम अभी ख़त्म नहीं हुआ था !
अभी अभी थोड़ी सी Relax हुई आराधना भुली ने अचानक अपने भैया का दाया हाथ सीधे अपनी चूत पे रेंगता हुआ महसूस किया. में उसकी चूत सलवार के उपरि से ही सहलाने लगा ! भैया अचानक से इतने बेशरम कैसे हो गयें ???. आराधना बेचारी ये सोच ही रही थी कि मेने ने उसकी सलवार के नाड़े में अपनी ऊँगलीयां फंसा दी. हाय !. भैया पागल हो गयें थें क्या. इतने लोगों के बीच भरी बस में अपनी सगी बहन को नंगा करना चाहते थें क्या ??? घबरा कर आराधना ने जल्दी अपने भैया का हाथ पकड़ करउन्को रोक लिया. में रुक तो गया. मेने अपनी बहन कि सलवार का नाड़ा नहीं खोला मगर अब अपना हाथ उसकी सलवार के अंदर ही डाल दिया. लेकिन आराधना ने सलवार इतनी टाईट बाँध रखी थी कि मुश्किल से मेरा का हाथ अंदर घुस पाया और में बेचारा सिर्फ उसकी पैंटी का ऊपरी हिस्से वाला Elastic ही छू पायें थें !!!
अब ये तो कुछ ज़्यादा ही हो रहा था. आराधना एकाएक अपने भैया के तरफ मुड़ कर खड़ी हो गई. मेरे को ये अंदेशा नहीं था कि मेरी बहन अचानक Face To Face हो जायेगी. मेने झट से अपनी नज़र घुमा ली.
" भैया ! मम्मी को फोन किया कि हम लेट हो जायेंगे ? ". आराधना भुली ने पूछा.
में समझ गया कि आराधना जानबूझ कर ज़ोर से बोल रही थी और " भैया " शब्द पर ज़्यादा दबाव डाल रही थी ताकि आस पास खड़े लोगों को हमारी हरकतों पे कोई शक ना हो.
मेरी हिम्मत नहीं हुई कि अपनी बहन से आँख मिला सके. मैंने कोई जवाब नहीं दिया. मेरा गला सूख रहा था. आराधना भुली अब सीधे मेरी आँखों में देख रही थी.
" कितनी भीड़ है भैया. मैं गिर जाउंगी. ". आराधना ने अचानक अपने दाये हाथ से मेरी कमर को पकड़ लिया और बाये हाथ से बस का Rod पकड़े खड़ी रही.
मुझको और किसी इशारे कि ज़रूरत नहीं थी. मैं समझ गया कि मेरी बहन के संग मेने जो कुछ किया था वो उसे बढ़िया लगा हो या ना पर इतना तो तय था कि वो नाराज़ नहीं थी.
मेरी बहन के गोल मम्मे अब मेरी छाती से दब रहें थें. उसकी कमीज़ बारिश में भीगे होने के कारण में महसूस कर पा रहा था कि उसके दोनों निप्पल खड़े हो गयें थें. मुझे अब बस में अपनी बहन के अलावा कोई दिखाई नहीं दे रहा था !
मेरी पैंट आराधना कि कमीज़ से ढक गया था. मेने अंदर हाथ डाल कर अपने पैंट कि Zip खोल दी औरइसे बार अपना लण्ड Trouser सेबाहर् निकाल लिया. आराधना को अपने भैया किइसे हरकत पे अब कोई आश्चर्य नहीं हो रहा था. Infact, सबसे नज़र बचा कर हम दोनों जो कुछ भी कर रहें थें उससे अब आराधना कोएक अजीब सा Sexual Kink मिलने लगा था !!!
मेरा लण्ड अब अपने स्वयं के पेट और मेरी बहन के पेट के बीच में दबा पड़ा था और उपरि से बहन कि कमीज़ से पूरी तरह ढका हुआ था. आराधना ने मेरे लण्ड का चिकना सुपाड़ा अपनी नाभी में टच होता महसूस किया. अफ़सोस कि वो अपने भैया का लौड़ा देख नहीं पा रही थी. पर उसके स्पर्श से इतना तो अंदाज़ा लगा लिया था कि भैया का लौड़ा बढ़िया खासा बड़ा होगा.
मैं धीरे-धीरे धीरे अपनी कमर हिला कर अपना लण्ड अपनी बहन के पेट और नाभी में रगड़ने लगा. अब मैं सीधा अपनी बहन कि नज़रों से नज़रें मिलाये खड़ा था. मेरा चेहरा अपनी बहन के चेहरे के इतने पास था कि मेरा तो मन कर रहा था उसे चुम ही ले.
चूंकि मेरा लण्ड अभी अभी झड़ा था, सो मेरे लण्ड में ज़्यादा तनाव नहीं आ रहा था पर मेरा मन कर रहा था कि में फिरएक बार माल गिराउ।
" अब हम पहुँचने ही वाले हैं भैया. ". आराधना भुली ने मुझे आगाह किया. हमारा Stopage आने वाला था !!!
मेने धीरे-धीरे से अपना सिर हिला कर हामी भरी और लण्ड घिसता रहा. पर अब इससे बात नहीं बनने वाली थी. मेने जल्दी बहन कि कमीज़ के अंदर हाथ डाल कर अपना लण्ड पकड़ लिया और मूठ मारने लगा ! आराधना भुली अपने भैया का संग देने के लिये मेरी कमर को सहलाने लगी और अपनी जांघे भैया के पैरों में सटा दिया. मैं अपनी बहन के बदन, उसकी जांघ, उसकी चूचियाँ, सबका स्पर्श Feel करते हुए पूरा Concentrate करके मूठ मारने लगा. मेरी मेहनत जल्द ही रंग लाई. मेरे लण्ड का पानी छूट पड़ा. वीर्य कि पहली तीन चार धार तो इतनी तेज़ थी कि आराधना के कमीज़ के अंदर होती हुई उसके ब्रा तक पहुंच गई, दोबारा उसके पेट और सलवार पर गिरने लगी और दोबारा मेने झड़ता हुआ लौड़ा जल्दी अपने पैंट में घुसा लिया और बाकि का माल अपने Trouser (लोअर) के अंदर गिराने लगा. मेरी बहन ने यदि मेरी कमर ना पकड़ी हुई होती तो में बेचारा उत्तेजना के मारे गिर ही गया होता !
फिर भी मैं थोड़ा सा लड़खड़ा गया तो पास खड़ेएक पुरुष ने मुझे टोका.
" ओ भाई. थोड़ा Balance बना के रहो. तब से देख रहा हूं ! "
" Sorry भाईसाहब. Sorry ! ". मेरी आवाज गले में अटक गई. आराधना भुली को हँसी आ गई अपने भैया कि हालत देख कर.
हमारा Stopage आ गया था.हम दोनों ने अपने अपने कपड़े ठीक किये, मेने ने अपना शर्टबाहर् कर लिया ताकि उसके पैंट में बना लण्ड का तंबू पता ना चले. गेट पर Conductor को पैसे दिये और बस से उतर गयें. मौसम उनके Favour में था, अभी भी तेज़ बारिश हो रही थी, सो मेरे और मेरी बहन के कपड़ों पे लगा वीर्य ऐसे ही धुल गया.
"एक फ़ोन तो कर देते. और Bike ? " . घर में घुसते ही मम्मी ने पूछा.
" ख़राब हो गई मम्मी. बस से पहुँचना पड़ा. ". मैं बोला.
" और भैया के कपड़े भी भीग गयें मम्मी ! ". आराधना ने मेरी पैंट कि ओर शरारती नज़रों से देखते हुए मुस्कुरा कर कहा तो बेचारा में एकदम से झेप गया.
" अरेउन्को कहो ज़ल्दी से नहा ले वर्ना सर्दी लग जायेगी. ". पीछे से पापा ने चिल्ला कर कहा.
" गर्मी के बारिश में भीगने से सर्दी नहीं लगती पापा. ". मैंने भी उतने ही ज़ोर से चिल्ला कर कहा .
हम दोनों भाई बहन Drawing Room से होते हुए जब अपने कमरे कि ओर जा रहें थें तब मैंने सबसे नज़र बचा कर अपनी बहन कि भीगी मटकती हिलती गांड़ पेएक ज़ोर का थप्पड़ मारा और बोला. " ज्यादा बदमाश हो गई हो. क्या बोल रही थी ?. भैया के कपड़े भीग गयें हैं. ".
" मैं बदमाश हो गई हूं ??? ". आराधना ने अपने भैया को झूठे गुस्से वाली नज़रों से देखते हुए पूछा.
कमरे में पहुंच कर मेने कहा. " पहले तूम नहा लो पूजा. ".
" Thanks भैया ! ". आराधना ने मुँह बना कर कहा और अपना Towel लेकर बाथरूम में घुस गई.
उसने अंदर से बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया पर सिटकिनी नहीं लगाई. चूंकि रूम का ये Shared बाथरूम था तो दोनों में से कोई भी जब बाथरूम Use कर रहा होता तो बस ऐसे ही बिना सिटकिनी लगाए दरवाज़ा भिड़ा देता था, जिससे ज़ाहिर था कि कोई अंदर है.
बाथरूम में आकर आराधना ने अपनी सलवार कमीज़, ब्रा और पैंटी खोल कर बाल्टी में धोने के लिये डूबा दिया. उसे ज्यादा जोरों कि पेशाब लगी थी, बस में इतने लम्बे सफर के दौरान उसने कब से रोक के रखी थी !
बाथरूम में Indian और इंग्लिश दोनों Type के टॉयलेट थें और आराधना हमेशा Indian टॉयलेट ही Use करनापस्न्द करती थी. नंगी आराधना अपनी दोनों टांगें खोल कर बैठी तो बैठते के संग ही उसकी बूर से इतनी देर तक रुकी पेशाब कि धार छरछरा कर फूट पड़ी. पेशाब करते हुए आराधना अभी सोच ही रही थी कि आज बस में उसके और भैया के बीच में क्या क्या हुआ कि तभी बाथरूम का दरवाज़ा धड़ाक से खुला और मैं अंदर घुस आया !!!
" भैया ??? !!! " आराधना नेइसे बात कि तो विचार ही नहीं कि थी कि भैया ऐसे बाथरूम में धड़ल्ले से घुस आएंगे. वैसे आज उसके संग भैया ने जो कुछ भी किया था उससे अब कोई भी चीज़ होनी असंभव तो नहीं लग रही थी.
बेचारी आराधना ने झट से अपने दाये हाथ से अपनी खुली नंगी चूत को ढंक लिया पर उसका पेशाब गिरता रहा. मैं उसके सामने बिना कपड़ों के बिल्कुल नंगा खड़ा मुस्कुरा रहा था. आराधना ने देखा कि उसके भैया का लण्ड खड़ा था और भैया ने लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया था. यानि भैया दोबारा से शैतानी के मूड में थें. उनकी बदमाशीयां अभी बाकि थीं !!!
जल्दबाज़ी में आराधना अपनी चुचियाँ छुपाना तो भूल ही गई थी और उसके भैया अब खुलेआम बेशरम कि तरह उसके मम्मे निहार रहें थें ! भैया केइसे हरकत कि वजह से घबराई बेचारी आराधना मन भर के ठीक से मूत भी नहीं पाई. उसने अपना बाया हाथ भी अपनी चूत पर रख लिया और बड़ी ही सावधानी सेइसे तरह से खड़ी हुई कि भैया को उसकी अनमोल चूत किएक हल्की सी भी झलक ना मिलने पाए !
मैं चलते हुए अपनी बहन के सामने जा खड़ा हुआ.
" मत करो ना भैया. जाओ इधर से. Please ! ". आराधना ने नज़र उठाये बिना कहा, उसके गाल एकदम टमाटर कि तरह लाल हो गयें थें, शर्म से पानी पानी हो रही थी बेचारी !!!
" मुझे गलत मत समझो पूजा. ". मैंने अपनी बहन के झुके चेहरे पर से उसके गीले बालों को हटाते हुए कहा. " देखो. यदि तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारा फायदा उठा रहा हूं या दोबारा तुम्हें Use कर रहा हूं तो बोल दो. मैं चला जाऊंगा ! ".
" मैंने ऐसा तो नहीं कहा भैया. ". आराधना धीरे-धीरे से बुदबुदाई.
मैं अपनी बहन के जवाब पे हल्का सा मुस्कुराया और उसे Kiss करने के लिये अपना चेहरा सामने बढ़ा दिया. मगर आराधना ने अपना मुँह पीछे हटा लिया. फिरएक समय रुक कर उसने अपनी नज़रें उठाई और अपने भैया कि आँखों में देखा. उसके भैया कि आँखों मेंएक अजीब सा आत्मविश्वास था जो मानो कह रहा हो कि वो कुछ भी गलत नहीं कर रहा था. आराधना का भ्रम जाता रहा. उसने अपने होंठ आगे बढ़ा कर अपने भैया के होठों से सटा दिये. दोनोंएक दूसरे के होंठ चूसते काटतेएक दूसरे को किसी बिछड़े हुए प्रेमी प्रेमिका कि तरह चुमने चाटने लगें !!!
पूजा ने अपने दोनों हाथों से अभी भी अपनी चूत को ढंक रखा था.इसे चुम्मा चाटी के दौरान मेरा खड़ा लौड़ा अपनी बहन के हाथों पर ठोकर मारता रहा, मानो चूत देवी के दर्शन कराने कि ज़िद कर रहा हो !!!
करीब दो मिनट के पश्चात जब दोनों के होंठ अलग हुए तो मैंने अपनी बहन कि आँखों में देखा, आराधना कि आँखे चमक रही थी, उसके चेहरे पेएक संतुष्टी के जज्बातों वाली मुस्कान थी. मैं उसके बदन से अलग हुआ तो आराधना ने अपने हाथ अपनी चूत पर से हटा लिये, और मुझे अपनी नंगी चूत दिखा दी !!!
मेने देखा कि आराधना कि गोरी जांघों के बीच उसकी चूत झांट से ढंकी हुई थी, पर उसकी झांट अनियमित नहीं थी, यानि तय था की वो अपनी झांट शेव तो नहीं करती थी पर कैची से टाइमसमय पर काटती संवाराती रहती थी. जब तक मैंने अपनी बहन का चूत नहीं देखी थीं मुझे पक्का यकीन था की उसका चूत Shaved होगा, जैसा की आजकल का Trend है लड़कियों में बाल रहित चूत रखने का ! पर जो भी हो, मुझे ये Surpriseपस्न्द आया.
मैं अपनी बहन की चूत अच्छे से मन भर करदेख्ना चाहता था, सो मैं नीचे ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठ गया, अब मेरा चेहरा ठीक अपनी बहन की खुली नंगी चूत के सामने था. जब मैं उसकी चूत निहार रहा था, तब उसी दौरान आराधना को भी मौका मिल गया अपने मेरे लण्ड का मुआयना करने का. आराधना ने देखा की उसके भैया का लण्ड नहीं भी तो कम से कम 10इंच लम्बा और 4.5 इंच मोटा था, जितना उसने बस में अनुमान लगाया था उससे कहीं ज़्यादा बड़ा और सख्त था. भैया का Handsome चेहरा देख कर उसे यकीन नहीं हो रहा था की उनका लौड़ा इतना तगड़ा निकलेगा, पर उसे भी ये Surpriseपस्न्द आया !
ज़मीन पर बैठे रवि ने आगे बढ़कर अपने दोनों हाथों से अपनी बहन का झांट हटा कर चूत के दर्शन किये, उसकी कुंवारी चूत के दोनों होंठ आपस में सटे हुए थें. दोबारा रोहित ने निधी के चूतड़ अपने हाथों में पकड़ कर उसे अपनी ओर खींचा और अपना मुँह उसकी जांघों के बीच घुसा दिया. निधी ने सोचा की भैया अब उसकी चूत चाटेंगे तो वो अपने दोनों हाथों से उसका सिर सहलाने लगी. पर रोहित ने अपनी बहन की चूत का सिर्फएक चुम्मा लिया और दोबारा उठ कर खड़ा हो गया.
खड़े होते ही रवि ने अपनी बहन के गालों पर प्रेम से हाथ फेरा और उसके सिर को चुम लिया. आराधना ने देखा की भैया का ठनका हुआ लण्ड अब फड़कने लगा था. वो समझ गई की अब भैया उसे चोदेंगे !!!
रवि ने बिना कुछ बोले ही अपनी बहन को घुमा कर उसे बाथरूम की दिवार से सटा गया, आराधना की पीठ अब उसके तरफ थी. उसने निधी की कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो भैया का मनसूबा समझते हुए आराधना ने अपनी गांड़ पीछे की ओर निकाल दी. भैया उसे Standing Doggy Style में पेलने वाले थें !!!
रवि ने अपने बाये हाथ से अपनी बहन का कमर पकड़ा और दाये हाथ में अपना लण्ड पकड़ कर पीछे से उसकी टांगों के बीच डाल कर उसकी चूत का छेद खोजने लगा. लण्ड का सुपाड़ा तीन चार बार आराधना की चूत पे घिस घिस कर उसने उसकी झांट को हटा कर चूत का छेद अंततः ढूंढ़ ही निकाला. वो पीछे से अपनी बहन की गर्दन पे झुका, उसके सुगंधीत बालों को चुमा, और हल्के से झटके से अपना लौड़ा उसकी चूत में ठेल दिया.
" स्स्स्सस्स्स्स भैया !!! ". आराधना के मुँह से निकला तो रवि ने जल्दी पीछे से उसके गाल चुम लियें. अपने होंठ आराधना के गाल पर रगड़ते हुए रवि ने अपना लण्ड आगे ठेलना जारी रखा, जब तक की उसके अंडकोष आराधना की जांघो में ना जा सटे.
" तू ठीक है आराधना ? ". रवि ने अपनी बहन के गाल पर से अपने होंठ हटाये बिना ही पूछा.
जवाब में आराधना ने बिल्कुल हल्के से अपना सिर भर हिला दिया, उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी. उसकी चूत के अंदरुनी हिस्से में हो रही जलन से उसने समझ लिया की उसका सील फट गया है !!!
रवि ने अपनी बहन कोएक मिनट तक थोड़ा संभलने का मौका दिया और दोबारा उसे चुमते चुमते अपना लण्ड उसकी टाईट चूत में धीरे-धीरे धीरे अंदरबाहर् करने लगा. उसने अभी मुश्किल से 5 - 6 बार ही अपना लण्ड अंदरबाहर् किया होगा की उसे लगा की उसका माल गिर जायेगा. उसने जल्दी अपना लण्ड आराधना की चूत सेबाहर् निकाला और लण्ड का चमड़ा अपने सुपाड़े पर चढ़ा कर सुपाड़ा ढंक दिया, ताकि लण्ड की Sensitivity थोड़ी कम हो जाये, दोबारा उसी अवस्था में लण्ड अपनी बहन की बड़ी गांड़ पे रख कर अपनी बहन को चुमने लगा !!!
करीब 5 मिनट तक उसी तरह पड़े रहने के पश्चात रवि का लण्ड थोड़ा शांत हुआ और उसका वीर्य पुनः उसके अंडकोष में चला गया. रवि ने दुबारा अपने लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया और अपनी बहन की चूत मे घुसा दिया.
अब रविएक हाथ से आराधना की कमर पकड़े औरएक हाथ से पीछे से उसकी चूची दबाते हुए उसकी गर्दन और गाल को चूमते चाटते हुए उसे पेलने लगा.
" उधर देखो पूजा. ". चोदते चोदते रवि आराधना की कानों में फुसफुसाया. उसके कहने पर आराधना ने अपनी बाई ओर देखा, वहाँ बाथरूम की दिवार पेएक बड़ा शीशा लगा हुआ था, शीशे में दिख रहा था की वो दोनों किस तरह से रतिक्रिया कर रहें हैं. आराधना बाथरूम की दिवार पे अपने हाथों के बाल टेक लगाए गांड़ पीछे किये खड़ी है, उसके भैया पीछे से उसे धक्के मार मार कर चोद रहें हैं. यही दिखाना चाहते थें उसके बेशरम भैया उसे आईने में !!! देख कर तो आराधना शर्म से लाल हुई पानी पानी हो गई और हँस कर अपना मुँह घुमा लिया !
अभी 2 मिनट भी नहीं हुए थें अपनी बहन को पेलते हुए की रवि ने दोबारा से अपना लण्डबाहर् निकाल लिया.
" क्या हुआ भैया ??? ". आराधना ने बिना पीछे देखे पूछा, उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरुआत कर दिया था.
" ज्यादा Hot हो तूम यार पूजा. ". रवि ने फूलती साँस में कहा. " लगता है अब मेरा वीर्य निकल जायेगा. ".
रवि अपनी बहन को कुछ देर और चोदना चाहता था,इसलिये उसने अपने लण्ड का सुपाड़ा कस कर अपनी हथेली में भर कर दबा लिया, और अपना माल रोकने की कोशिश करने लगा.
" माल गिर जाने दो ना भैया ! क्यूं अपने लण्ड को परेशान कर रहे हो ??? ".इसे बार आराधना ने पीछे मुड़ कर अपने भैया का लण्ड देखा और हँसने लगी.
पूजा का बस इतना कहना भर था की उत्तेजना के मारे रवि के लण्ड से वीर्य उबल पड़ा. रवि ने कस कर अपनी बहन की चूची दबा दी और अपना लण्ड अपने हाथ से रगड़ रगड़ कर माल गिराने लगा. ढ़ेर सारा गाढ़ा वीर्य उसने अपनी बहन के चूतड़ और जांघों पर छीड़क दिया. माल की कुछ बूंदे आराधना की झांट पर भी गिरी थीं, बाकि का माल रवि ने बाथरूम की ज़मीन पर गिरा दिया.
पूजा का भी पानी गिरने ही वाला था, वो झट से मुड़कर अपने भैया से लिपट गई , जिससे भैया का झड़ा हुआ आधा खड़ा लण्ड उसकी जांघों के बीच घुस गया. आराधना ने कस कर अपने भैया को पकड़ा और उसी टाइमउसकी चूत से पानी चूने लगा. वो अपनी ज़िन्दगी में आज पहली बार चरमोत्कर्ष पर पहुँची थी. उसके लिये ये एहसास जितना कामुक था उससे कहीं ज़्यादा भावनात्मक था, इतना की उसकी आँखों से आंसू निकल आएं. वो अपना सिर भैया के कंधों पे रख कर आँखे मुंदे रोने लगी. रवि उसे अपनी बाहों में भरे उसके बाल सहलाते हुए उसे शांत करता रहा.
झड़ने के दौरान आराधना अपनी काँपती जांघों के बीच फंसे अपने भैया के लौड़े को अपनी नरम नरम टांगों में दबाती रही, जिससे रवि के लण्ड से वीर्य की तीन चार और धारें बह निकली !!!
पूरे चार मिनट तक आराधना झड़ती रही और दोनों उसी तरहएक दूसरे से लिपटे हुए नंगे खड़े रहें. दोबारा रवि ने बड़े प्रेम से आराधना की आंसूओ से गीले हुए गालों को चुमा और अपना पूरी तरह से झड़ा हुआ लण्ड जो की अब ढीला पड़ कर झूल रहा था, अपनी बहन की जांघों के बीच सेबाहर् निकाल लिया. दोनोंएक संग Shower में नहाने के लिये घुस गयें और नहाते हुए खड़े खड़े पेशाब भी कर लिया.
"फिर कुछ देर पश्चात रवि आपलोगों ने भी नहीं खाया ? खा लेते ना. ". खाने के टेबल पर Lunch के दौरान रवि ने अपने मम्मी पापा से पूछा.
" कोई बात नहीं. रोज़ जब संग खाते हैं तो.एक दिन लेट हो गया तो क्या. " उनके पापा ने कहा.
" मम्मी, आपसेएक बात थी. ". आराधना ने कहा. " मैं अपना अलग रूम मांग रही थी ना, वो अब मुझे नहीं चाहिये. ".
रवि ने अपनी बहन की ओर देखा तो आराधना ने उसे आँख मार दी.
" अच्छा. Good. पर क्या हो गया अचानक ? ". मम्मी ने पूछा.
" भैया ने मुझेएक साड़ी Gift करने का वादा किया है. ". आराधना मुस्कुराते हुए बोली.
" अरे ! मैंने कब कहा ? ". रवि ने कहा.
" आपने बोला था भैया. बस में. ". आराधना ने कहा.
रवि अपनी बहन की शैतानी पर मुँह दबा कर हँसने लगा और दोबारा सबएक संग खाना खाने लगें.
रात को डिनर के पश्चात दोनों भाई बहन रोज़ की तरह अपने मम्मी पापा को Good Night बोल कर अपने कमरे में आ गयें.एक दिन में सभी कुछ बदल गया था, कहाँ रोज़ दोनों इसी कमरे में लड़ते झगड़ते रहते थें औरएक ही पलंग पर भाई बहन की तरह सोते थें, और आज देखो, रवि की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा जब आराधना भुली ने रूम का दरवाज़ा अंदर से बंद किया तो, मानो वो अपनी बहन नहीं बल्कि अपनी नई नवेली दुल्हन का Wait कर रहा हो !!!
रवि की आँखे खुली की खुली रह गई जब आराधना बाथरूम से कपड़े चेंज करके आई. उसकी बहन ब्रा औरएक पारदर्शी Designer स्लीपिंग पैंट में अतुलनीय सुन्दरता की कामदेवी लग रही थी.
बिस्तर पर आकर बैठते हुए आराधना ने देखा की उसके भैया ने पहले से ही अपने पजामे में लण्ड खड़ा कर रखा है, उसके पजामे में लण्ड वाली स्थान पेएक बड़ा सा गोल सा गीला धब्बा बन गया था, यानि भैया का Pre - Cum निकल आया था. आराधना को हँसी आ गई अपने भैया की बेचैनी देख कर !
रवि ने पहले अपनी बहन के सिर को चुमा, दोबारा गालों को और दोबारा उसके होठों को. उसके पश्चात वो अपनी बहन की चुचियाँ ब्रा के उपरि ऊपर से दबाने लगा. कुछ देर अपनी बहन के दूध को मसलने के पशचात उसकी नाभी में ऊँगली डाल कर खेलता रहा. दोबारा हाथ सीधा पेट से नीचे सरकाने लगा तो आराधना समझ गई की भैया उसकी चूत की ओर बढ़ रहें हैं, उसने जल्दी अपने भैया का हाथ पकड़ करउन्को रोका और भैया को शर्माते हुए देखने लगी.
" क्या हुआ ? . रवि ने धीरे-धीरे से पूछा.
" अभी नहीं भैया. ". आराधना ने कहा.
" क्यूँ ? दर्द हो रहा है क्या ? ".
" नहीं भैया. ".
" दोबारा ??? ".
" अब तीन दिन पश्चात ही मेरी चूत मिलेगी. ". आराधना का चेहरा शर्म से लाल हो गया.
" तीन दिन पश्चात ??? मतलब ? ".
" ओफ्फो भैया. आपको इतने बड़े MNC में कैसे Job मिल गई ??? ". आराधना ने आँखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा.
रवि कुछ ना समझते हुए बेवकूफ़ की तरह उसकी ओर देखता रहा.
" मेरे बुद्धू भैया. इधर आओ ! ". आराधना को अपने भैया की नादानी पर प्रेम आ रहा था, उसने अपने भैया का चेहरा अपने हाथों में लेकरउन्को होठों पे Kiss किया और दोबारा उसके कान में कुछ बोलने लगी.
पूजा की बात ख़त्म होने पर रवि ने कहा. " तो इसमें इतना शर्माने की क्या बात है ??? हर लड़की को तो ये होता ही है हर महीने ! ".
फिर अपने हाथ से अपनी बहन की चूत को उसके स्लीपिंग पैंट के उपरि से सहलाते हुए कहा.
" इसका ध्यान रखना ये तीन दिन. अब ये मेरी अमानत जो है !!! ".
अब जब रवि को पता चल गया की आज रात चोदने नहीं मिलेगा तो उसने अपने पजामे में हाथ डाल कर अपने खड़े लण्ड का सुपाड़ा खोल लिया और पजामा पहने हुए ही आराधना के उपरि चढ़ गया. आराधना ने अपने ब्रा में से अपनीएक चूची निकाल ली अपने भैया के चूसने के लिये. रवि अपनी बहन की चूची का दूध पीते पीते अपने पजामे में खड़ा लण्ड अपनी बहन की चूत पे स्लीपिंग पैंट के उपरि ऊपर से रगड़ने लगा. जब उसे लगा की अब उसका माल गिर जायेगा तो वो अपनी बहन के उपरि से उठ कर उसकी बगल में लेट गया. आराधना को पता था की अब क्या करना है.
पूजा उसकी तरफ घुम गई और अपना दाया जांघ अपने भैया के लण्ड पर उनके पजामे के उपरि से रख कर घिसने लगी. आराधना ने अपने भैया की नंगी छाती को अपने हाथ से जैसे ही सहलाना शुरुआत किया, उसका लौड़ा पजामे के अंदर ही स्खलित हो गया. पूरा पजामा वीर्य से भर कर सन गया, आराधना तब तक अपने जांघ से उसका लण्ड मसाज करती रही जब तक की उसका लण्ड शांत होकर ढीला नहीं पड़ गया. रवि ने अपनी बहन को Kiss किया और अपना पजामा चेंज किये बिना वैसे ही पड़ा रहा, दोबारा दोनों भाई बहनएक दूसरे की बाहों में पड़े पड़े सो गयें.
अगले दिन आराधना कॉलेज नहीं गई तो भी ऑफिस से Sick Leave ले लिया. दोबारा जब आराधना तीन दिन तक कॉलेज नहीं गई तो उसने भी अपनी छुट्टी बढ़ा कर Friday तक कर ली ताकि अपनी बहन के संग ज़्यादा से ज़्यादा टाइमघर में बिता सके. और दोबारा शनिवार और रविवार तो उसका Week Off रहता ही था , सो कुल मिलाकर ये हम दोनों काएक लम्बा हॉलिडे हो गया.
इन तीन दिनों के दौरान रवि ने अपनी बहन का जितना हो सका ख्याल रखा, उसके लिये रोज़ ढ़ेर सारी Chocolates ले आता था, क्यूंकि आराधना ने बताया था की उसके Periods के दिनों में उसे Chocolates खाना बहुतपस्न्द है. यही नहीं, उसने अपनी बहन को तीन चार जोड़ी पैंटी भी ला दी थी ताकि वो बदल बदल कर पहन सके. और तो और, उसेएक बेशकीमती साड़ी और उसकी मैचिंग पेटीकोट और ब्लाउज़ भी गिफ्ट कर दिया. कुल मिलाकर आराधना को यकीन नहीं हो रहा था की उसके भैया इतने रोमांटिक हो सकतें हैं.
इन तीन दिनों के दौरान दोनों भाई बहन ज्यादातर वक़्त बंद कमरे में ही बिताते थें. कमरे में दोनों हमेशा पूरे नंगे ही रहते थें, हालाँकि आराधना सिर्फ पैंटी पहने रहती थी जो की उसके लिये उस वक़्त ज़रूरी था, पर वो पैंटी पहनना भी नंगे होने के बराबर ही था, रवि जितनी भी पैंटी उसके लिये खरीद लाया था वो सभी छोटी छोटी Designer पैंटी थीं, जो सिर्फ चूत भर ढंकने के लिये ही बनी थी.
रवि का लण्ड हर वक़्त खड़ा ही रहता था पर उसने अपनी बहन को कभी तंग नहीं किया और ना ही स्वयं मूठ मारा. उसे तो सब्र का फल चखना था ! वैसे आराधना की कोशिश यही रहती थी की जितना हो सके अपने भैया को इन तीन दिनों तक बोर ना होने दे और खुश रखे, औरइसलिये वो जब भी नहाने जाती तो बाथरूम का दरवाज़ा खुला ही छोड़ देती, ताकि उसके प्रेमी भैया पलंग पर से कम से कम उसके नंगे बदन का मन भर दर्शन तो कर सकें !!!
खैर, तीन दिन किसी तरह बीत गयें और चौथा दिन शनिवार का था. उस दिन तो आराधना की खुशी का ठिकाना ही नहीं था, आज भैया मिलन का दिन जो था, सो सुबह सुबह उसने स्नान कर लिया और भैया की गिफ्ट दी हुई साड़ी पहन ली. उसकी साड़ी को उसके मम्मी पापा ने भी काफीपस्न्द किया. साड़ी में आराधना इतनी प्यारी लग रही थी की रवि से तो सारा दिन जैसे इंतजार किया ही नहीं जा रहा था की कब रात हो. पूरे दिन दोनों भाई बहन अपने मम्मी पापा से नज़रें बचा करएक दूसरे से आँख मिचौली और प्रेम भरी छेड़खानी करते रहें !
रात को डिनर में भी दोनों का मन नहीं लगा और किसी तरह आधा अधूरा खाना खा कर दोनों ने निपटाया और दोबारा सोने का वक़्त होते ही अपने कमरे में चले आएं.
" तुम्हारे लियेएक Surprise है पूजा. ". पलंग के किनारे नंगे बैठे रवि ने अपने तकिये के नीचे से Condom का पैकेट निकालते हुए कहा.
Dressing Table के पास खड़ी आराधना अपनी साड़ी खोल रही थी, उसने पीछे मुड़ कर देखा पर कुछ बोली नहीं. साड़ी खोल कर आराधना ने Dressing Table पर ही फेंक दिया और ब्लाउज़ और पेटीकोट में अपने भैया के पास आ खड़ी हुई. उसने अपना हाथ भैया के कंधे पर टिका दिया और भैया को एकटक देखने लगी.
" ज्यादा इंतजार कराया पूजा. इतना वेट तो कोई अपने पति को भी नहीं कराता. ". रवि ने अपने दोनों हाथ अपनी बहन के नरम गांड़ पर लपेट दिये और उसे अपनी ओर खींच लिया, मैंने महसूस किया कि आराधना ने पेटीकोट के अंदर पैंटी नहीं पहनी थी.
" सिर्फ तीन दिन में ही ये हालत है भैया ??? ". आराधना ने अपनी आँखे बड़ी बड़ी करते हुए कहा. " मैं तो इतने सालों से आपके संग रह रही हूं. "
रवि बिना कोई जवाब दिये उसके ब्लाउज़ को सूंघने लगा, दोबारा थोड़ा नीचे आकर अपनी बहन कि नाभी में नाक घुसा दिया. मन भर कर नाभी कि महक सूंघ कर रवि दोबारा नीचे बढ़ा और आराधना कि पेटीकोट और पेटीकोट के नाड़े कि महक सूंघने लगा. आराधना समझ गई कि आज भैया उसे ज्यादा तंग करने वाले हैं !!!
बदमाश भैया ने जब आराधना कि पेटीकोट के उपरि से उसकी चूत का महक लेना चाहा तो आराधना ने हँसते हुए अपने भैया को धक्का देकर पलंग पर लिटा दिया और स्वयं भी पलंग पर चढ़ गई. वो अपने भैया का जांघ सहलाने लगी तो मेरा लौड़ा तन कर पूरा टाईट खड़ा हो गया.
" Condom क्यूं भैया ??? ". आराधना ने अपने भैया के अंडकोष पर अपनी पतली उंगलियां फेरते हुए पूछा.
" जो हुआ सो हुआ पूजा. मैं अपने स्वार्थ के लिये तुम्हें मुसीबत में नहीं डाल सकता. हम अब से बिना Condom के नहीं करेंगे. ". रवि ने अपनी बहन के गाल चूमते हुए कहा.
पूजा मन ही मन गदगद हो गई. उसके भैया उसके बारे में कितना सोच रहें थें ! पर कुछ बोली नहीं.
पूजा ने देखा कि भैया के लण्ड से पतले पानी जैसा कुछ निकलना शुरुआत हो गया था, वो उठ बैठी और अपनीएक ऊँगली से भैया के Pre - Cum को उसके लण्ड के मुँह पर मलने लगी. लण्ड का मुँह थोड़ा गीला होते ही आराधना ने भैया का लण्ड अपनी मुठठी में लेकर उसका सुपाड़ा खोल दिया. लण्ड का सुपाड़ाबाहर् आते ही रवि के पूरे बदन मेंएक कंपन सी दौड़ गई !
भैया के लण्ड का लाल चिकना सुपाड़ा इतना सुंदर लग रहा था कि आराधना से ना रहा गया और उसने नीचे झुक कर उसके सुपाड़े को चुम लिया. दोबारा भाई के लण्ड को अपने चेहरे पे हर तरफ रगड़ने घिसने लगी. रवि का लण्ड उसकी हथेली में फूल कर और बड़ा होने लगा. रवि को लगा कि Chances है कि उसे आजएक स्वीट सा ब्लोजॉब मिल जाये, सो उसने पलंग पे पास पड़ा तकिया खींच कर अपने सिर के नीचे रख लिया और आगे जो कुछ भी होने वाला था उसका पूरा आनंद लेने के लिये रेडी हो गया !
लण्ड को चेहरे पे मलने कि वजह से लण्ड से निकला Pre - Cum आराधना के गालों और होठों पर फ़ैल गया, जिससे उसके खूबसूरत चेहरे कि रंगत और खिल गई. अब आराधना ने अपने होंठ खोल कर अपने भैया के लण्ड का सुपाड़ा मुँह में भर लिया, दोबारा रुकी, और अपनी नज़रें उठा कर भैया को देखा. भैया के चेहरे कि खुशी और रौनक देख कर आराधना समझ गई कि भैया को ब्लोजॉब चाहिये था. उसके भैया उसके लिये इतना सभी सोच और कर रहें थें, इतना तो बनता ही है !!!
पूजा ने अपना मुँह नीचे कि ओर दबाया तो लण्ड का बाकि का हिस्सा भी उसके मुँह में समा गया. रवि भाई का लौड़ा इतना बड़ा था कि पूरा अंदर लेना संभव नहीं था, सो जितना भी अंदर जा सका, उतना भर ही मुँह में लिये हुए आराधना उसका लण्ड चूसने लगी. रवि को पता था कि उसकी बहन को लण्ड चूसने का कोई तज़ुरबा नहीं था, पर दोबारा भी शायद ये ब्लोजॉब उसकी ज़िन्दगी का बेस्ट ब्लोजॉब बन जायेगा, क्यूंकि ये ब्लोजॉब उसकी कोई गर्लफ्रेंड या पत्नी नहीं, बल्कि अपनी स्वयं कि सगी बहन दे रही थी !!!
पूजा को अपने भैया के लण्ड का टेस्ट एकदमपस्न्द नहीं आ रहा था, दोबारा भी अपने भैया कि खुशी के लिये वो उसका लौड़ा चूसती रही. लण्ड चूसने के दौरान वो बिना पलके झुकाये उपरि कि ओर अपने भैया को ही देखती रही, उसके भैया के चेहरे पर झलक रही खुशी उस वक़्त उसके लिये अनमोल थी.
" बढ़िया भैया.एक बात बताओ. ". आराधना ने भैया का लण्डएक सेकंड के लिये अपने मुँह से निकाल कर पूछा. इसके आगे वो कुछ और बोल पाती, उसके पहले ही रवि के लण्ड से माल गिरना शुरुआत हो गया. वीर्य कि दो तेज़ धार छिटक कर रवि के पेट पर गिरी तो मौके कि नज़ाकत को समझते हुए आराधना ने झट से भाई का लण्ड पुनः अपने मुँह में भर लिया और उसे अपने मुँह के अंदर झड़ने देने लगी !
10 सेकंड के अंदर ही आराधना का पूरा मुँह वीर्य से भर गया, तो उसने भैया का लण्ड मुँह सेबाहर् निकाल लिया और लण्ड फड़क फड़क कर बाकि का वीर्य उसके गोरे चेहरे पर उड़ेलने लगा !
2 मिनट तक रवि का लण्ड झड़ता रहा और तब तक आराधना ने भाई का वीर्य अपने मुँह में भरे रखा. उसे वीर्य का नमकीन स्वाद एकदम नहीं भाया था, उसने बहुत कोशिश कि अपने भैया के माल को अंदर निगल लेने कि, पर नहीं हो पाया उससे . अंततः हार कर उसने अपने हाथ से अपना मुँह दबा लिया ताकि माल वहीं पलंग पे मुँह सेबाहर् ना आ जाये, और पलंग से उठ कर दौड़ कर बाथरूम कि ओर भागी !!!
बाथरूम से वीर्य थूक कर और अपना मुँह धो कर आराधना पुनः आई और थोड़ा सा पानी पीने के पश्चात पुनः पलंग पर चढ़ गई. शीघ्रपतन कि वजह से रवि अभी भी वैसे ही निस्तेज पड़ा हुआ था, उसकी सांसे फूल रही थीं. मेरा झड़ा हुआ लण्ड अपने पेट पर लुढका पड़ा था और वो धीरे-धीरे धीरे अपने हाथ से अपना खुला हुआ सुपाड़ा सहला रहा था.
" जब चूत Available ना हो तो मूठ मार लेनी चाहिये. तीन दिनों से माल ना गिराने का नतीजा देखा भैया ! ". आराधना ने अपने भैया के लण्ड पर प्रेम सेएक थप्पड़ मारा और हँसने लगी.
" Sorry पूजा. ". रवि ने फूलती साँस में कहा. जवाब में आराधना ने उसके होठों परएक Kiss किया और बोली.
" वैसे भैया. मेरे पास भी आपके लियेएक Surprise है. "
पूजा उठ कर अपने भैया के सीने के बगल में अपने घुटनों पर बैठ गई और अपने पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगी. नाड़ा खुलते ही वो रुकी, अपने भैया को शरारती नज़रों से देखा, और दोबारा अपना पेटीकोट कमर से नीचे सरका दिया. वाकई में ये रवि भाई के लियेएक Surprise था. आराधना ने अपने बूर कि झांट शेव कर ली थी !!!
" मेरे लिए ??? ". रवि कि ख़ुशी का तो ठिकाना ही ना रहा. उसकी बहन ने शर्माते हुए हाँ में सिर हिला दिया.
" ना मेरी शादी हुई है और ना ही मेरा कोई बॉयफ्रेंड है. इसलिए चूत के बाल पहले नहीं काटती थी. ".
" और अब ? ". रवि ने अपनी बहन कि चूत पर से नज़रें हटाये बिना ही कहा. झांट शेव हो जाने कि वजह से अब उसकी चूत कहीं ज़्यादा फुली हुई मोटी गुदेदार लग रही थी. Indian लड़कियों कि बूर थोड़ी सांवले रंग की होती है, पर आराधना ने चूंकि पहली बार अपने झांट स्वच्छ किये थें, तो उसकी चूत एकदम गोरी लग रही थी.
" अब आप मेरी ज़िन्दगी में जो आ गये हो भैया. ". आराधना बोली. " भैया. मुझेएक चूत शेव करने वाली क्रीम ला देना ना प्लीज़. "
"इसे बार कैसे काटा ? ".
" आपकी दाढ़ी काटने वाली Gillette Guard से. ". आराधना ने मुँह बनाते हुए कहा, जैसे की भैया की डांट से डर रही हो. पर रवि को उसकी बात पर हँसी आ गई, और उसने अपनी बहन की नाभी में प्रेम सेएक चिमटी काटी, दोबारा उसकी कमर पकड़ कर अपनी ओर खींचा. आराधना समझ गई की भैया को क्या चाहिये !
पूजा ने अपना पेटीकोट पैरों से निकाल कर वहीं पलंग पर रख दिया और रवि के तकिये पर उसके मुँह के सामने अपनी टांगे खोले बैठ गई. उसने अपनी ऊँगलीयों से अपनी योनि के Lips को फैला कर अपने भैया को अंदर का गुलाबी फांक दिखाया. झांट ना होने कि वजह से अब उसके चूत का दाना यानि Clitoris भी स्वच्छ दिखाई दे रहा था. रवि ने आगे बढ़ कर अपनी बहन कि खुली हुई चूत को सूंघा और दोबारा अपना चेहरा सीधे उसकी जांघों के बीच डाल दिया.
पूजा अपने भैया के बालों को सहलाते हुए उसे अपनी चूत चटाते रही. कुछ देर पश्चात रवि ने अपना मुँह उसकी बूर सेबाहर् निकाला और उसे कमर से पकड़ कर पलंग पे लिटा दिया और स्वयं उसके उपरि चढ़ने लगा. आराधना ने देखा कि भैया के लण्ड में थोड़ा सा तनाव आ गया है तो वो समझ गई कि वो अब उसे चोदने वाले हैं !
" ऐसे नहीं भैया. ". आराधना कुछ और ही प्लान कर रही थी. उसने अपने भैया को अपने उपरि से धकेल दिया और पलंग पर बैठने का इशारा किया. आराधना के कहे अनुसार रवि पलंग पे अपनी पीठ टिका कर अपने दोनों पांव फैलाये बैठ गया तो आराधना उसके उपरि आ कर उसकी गोद में बैठ गई. रवि ने अपने खड़े लण्ड परएक Condom चढ़ा लिया और मूठ मार कर लौड़े को ठीक से खड़ा करने लगा.
जब रवि का लण्ड चोदने लायक ठीक ठाक खड़ा हो गया तो आराधना ने अपना गांड़ थोड़ा उपरि उठा करएक हाथ से उसके लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत में फिट किया और धीरे-धीरे धीरे भैया कि गोद में बैठने लगी. रवि का लण्ड अपनी बहन कि बूर का छोटा टाईट छेद फैलाता हुआ अंदर समाने लगा. आराधना ने अपने दोनों हाथ भैया के कंधे पर रख दिये और भैया उसके कमर में अपने हाथ डाले उसे अपनी गोद में बैठाये चोदने के लिये रेडी थें !
पूजा एकदम आहिस्ते आहिस्ते अपने चूतड़ उपरि नीचे करती हुई अपने भैया को चोदने लगी. आराधना हर बार अपनी गांड़ इतना उपरि तक उठाती कि भैया के लण्ड का बस सुपाड़ा भर ही उसकी चूत में रह जाता और दोबारा वो पुनः अपनी गांड भैया कि गोद में नीचे तक लाती जब तक कि उसका लण्ड जड़ तक अंदर ना घुस जाता.
पूजा ने अभी अपने गांड़ पटकने कि स्पीड थोड़ी सी बढ़ाई ही थी कि रवि ने कहा. " आराधना Wait. लगता है Condom फट गया. ".
रवि ने अपना लण्डबाहर् निकाला तो देखा कि Condom का मुँह फाड़ कर उसका मोटा लाल सुपाड़ाबाहर् झांक रहा है. उसने उस फटे Condom को खोले बिना ही उसके ऊपरएक दूसरा Condom पहन लिया और पुनः लण्ड अपनी बहन कि चूत में ठूस दिया.
पूजा अब अच्छी खासी स्पीड में अपने भैया को पेलने लगी. 5 मिनट के अंदर ही उसकी टाईट चूत ने असर दिखाना शुरुआत कर दिया और रवि का पूरा बदन अकड़ गया.पूजा समझ गई कि भैया स्खलित होने वाले हैं तो वो एकदम से रुक गई. उसने अपने ब्लाउज़ खोल कर भैया के दोनों हाथ अपनी चुचियों पर रख दिये तो रवि उसके बूब्स दबाने मसलने लगा.इसे वजह से रवि का ध्यान भटक गया और उसका वीर्य पुनः उसके अंडकोष में लौट गया. ने दोबारा से चोदन क्रिया शुरुआत कर दी.
अब चोदते चोदते जब भी रवि झड़ने के करीब पहुँच जाता, आराधना वैसे ही चुदाई एकदम से रोक देती, और जब उसके लण्ड कि उत्तेजना कम हो जाती, तो वो पुनः दोबारा से शुरुआत हो जाती. अब रवि कि समझ में आया कि उसकी बहन ने क्यूं उसे अपने उपरि चढ़ कर पेलने नहीं दिया और वो स्वयं उसके गोद में बैठ कर क्यूं पेलवा रही है. भैया के शीघ्रपतन को कण्ट्रोल करना चाहती थी !!!
पूजा कि तरकीब काम कर रही थी. पूरे 50 मिनट हो गयें थें पर उसके भैया का माल नहीं निकला था. या दोबारा यूँ कहें कि आराधना ने अपने भैया को माल गिराने ही नहीं दिया था ! दरअसलइसे पूरे 50 मिनट के चोदा चोदी के दौरान रवि का लौड़ा अनगिनत बार झड़ने के करीब पंहुचा था, पर उसकी बहन ने उसे झड़ने नहीं दिया था. रवि का अंडकोष वीर्य से लबालब भर कर अब दर्द करने लगा था. अपना माल गिराने के लिये तरस गया था बेचारा रवि!!!
अब तोएक घंटे से ज़्यादा हो गयें थें और आराधना अपने भैया कि गोद में बैठी उछल उछल कर खुब चुद रही थी. उसका खुब पानी निकला था आज, भैया कि जांघे, उनके अंडकोष और पलंग कि चादर सभी भीग गई थी बहन कि योनि रस के स्राव से ! बस सिर्फ बेचारे भैया के लण्ड को ही स्खलित होने कि इज़ाज़त नहीं थी !!!
आखिरकार रवि के सब्र का बांध टूट ही गया. उसने ठान ली कि अब उसे किसी भी हालत में माल गिराना ही है. उसने कस कर अपनी बहन को अपनी बाहों में भरा और उसेएक ही झटके में पलंग पर पलट दिया. इससे पहले कि आराधना कुछ समझ पाती, भैया उसके उपरि थें !
पूजा के उपरि चढ़ते ही रवि ने उसके नरम बदन को रोंदना शुरुआत कर दिया. आराधना कि हँसी छूट पड़ी अपने भैया कि बेकरारी और बेचैनी देख कर. वो समझ गई कि अब तो भैया रुकने वाले नहीं हैं !
रवि का वीर्य तो उसके लण्ड के मुहाने पर कब से आकर अटका पड़ा था, उसने घपाघप तीन चार धक्के मारे और अपना लण्ड अपनी बहन कि चूत कि तह तक घुसेड़ कर Condom में वीर्य भरने लगा. इतनी देर कि तड़प एकबारगी शांत हुई तो उसका पूरा बदन सिहर उठा और वो अपनी बहन के जिस्म पर निढ़ाल होकर गिर पड़ा.
" ममममममम. भैया. हो गई तसल्ली ??? ". आराधना ने अपने भैया कि पीठ सहलाते हुए कहा.
तीन मिनट तक अपनी बहन कि चूत में लण्ड घुसेड़े रवि माल गिराता रहा. जब उसे लगा कि Condom अब वीर्य से भर कर फूल गया है और किसी भी वक़्त दबाव के कारण अंदर चूत में ही फट सकता है तो वो आराधना के बदन पर से उठा और बड़ी सावधानी से अपना लौड़ा उसकी चूत सेबाहर् निकाला. उसने वीर्य से भरा Condom खोल कर वहीं नीचे ज़मीन पर फेंक दिया और दोबारा सेएक नया Condom अपने झड़े लण्ड पर चढ़ा लिया. आराधना समझ गई कि उसने अपने भैया को अभी इतनी देर तक सताया है और अब उसकी स्वयं कि चूत का बारह बजने वाला है !!!
रवि पलंग से नीचे ज़मीन पर उतर गया और आराधना कि नंगी टांगों को पकड़ कर खींच कर बेड के किनारे ले आया.
" आअह्ह्ह्हह. भैया धीरे-धीरे ! ". रवि ने आराधना को इतनी ज़ोर से खींचा था कि आराधना गुस्से में बोली मगर दोबारा हँसने लगी.
पूजा कि गांड़ अब पलंग के किनारे पर थी और उसके पांव हवा में फ़ैले हुए . रवि ने ज़मीन पर खड़े होकर अपना आधा खड़ा झड़ा हुआ लण्ड अपनी बहन कि बूर में ठेल कर घुसा दिया. आराधना ने अपनी दोनों टांगें भैया के मजबूत कंधो पर टिका दी और अपने भैया को तंग करने कि सजा भुगतने को तैयार हो गई.
लण्ड चूत में जाते ही रवि ने अपनी बहन को चोदना शुरुआत कर दिया. कौन कहेगा कि अभी जल्दी उसका वीर्यपात हुआ था !!!
5 मिनट तक अपनी बहन कि चूत में लण्ड अंदरबाहर् करने के पश्चात रवि का लौड़ा अब पहले जैसा सख्त हो गया. वोएक कामोत्तेजित कुत्ते कि तरह अपनी कुंवारी बहन को पेलने लगा !
" भैया. आआह्ह्ह्हह्ह. धीरे-धीरे करो ना भैया. हाय मम्मी. मेरी चूत !!! ". पलंग पर लेटे लण्ड के तेज़ झटके खाती आराधना को समझ आ गया था किएक मर्द को चरमोत्कर्ष के वक़्त रोकने का क्या परिणाम हो सकता है !!!
" भैया Nooooo.प्लीज भैया. आअह्हह्ह्ह्ह. ". आराधना सिसकारती कराहती रही. " अब मैं आपको कभी भी माल गिराने से नहीं रोकूंगी भैया. जितनी मर्ज़ी झड़ना. बस आज मुझे छोड़ दो. उफ़्फ़ मम्मी. हाय मेरी चूत. भैया !!! ".
रवि ने अपने बहन किएक ना सुनी और उसकी नंगी टांगों को अपनी बाहों में जकड़े हुए उसे चोदता रहा. बरसो से संभाल कर रखी अपने सगी बहन कि कसी हुई चूत को लगता हैएक ही रात में फाड़ कर ढीला कर देने कि फ़िराक में था वो कमीना भाई !!!
25 मिनट तक जमकर पेलने के पश्चात रवि के अंडकोष में दोबारा से वीर्य बनना शुरुआत हो गया. उसने अपनी बहन कि चूत में लण्ड डाले हुए ही उसे पलंग से उठाया और उसे अपनी गोदी में ले कर ज़मीन पर खड़े खड़े उसकी गांड़ थामे उसे उछाल उछाल कर चोदने लगा. 12 सेकंड के अंदर ही उसके Condom में माल कि पिचकारी उबल पड़ा !
5 मिनट तक अपनी बहन को उसी तरह अपनी गोद में उठाये रवि माल गिराता रहा. जब उसका सारा का सारा वीर्य निकल गया तो उसका लण्ड ढीला पड़ कर वीर्य से भरे Condom सहित अपनी बहन कि चूत से स्वयं ब खुदबाहर् निकल कर झूलने लगा. लण्ड ढीला पड़ जाने कि वजह से उसका Condom अपने आप सरक कर खुल के नीचे ज़मीन पर गिर गया !!!
रवि ने संभाल कर आराम से आराधना को पलंग पे लिटाया और स्वयं भी उसके बगल में बेसुध होकर लेट गया. आराधना अपने भैया कि ओर करवट बदल कर लेट गई और उसके लण्ड को पकड़ कर अपनी दोनों जांघों के बीच दबा लिया. दोबारा दोनों भाई बहन कब ऐसे ही थक करएक दूसरे कि बाहों में सो गयें, पता ही नहीं चला.
अगली सुबह दोनों देर से दस बजे तक उठे. Fresh होकर दोनों भाई बहन अपने मम्मी पापा के संग नाश्ता करने बैठे.
" बेटा रवि,एक लड़के का रिश्ता आया है तेरी बहन के लिये. तू ज़रा अपने ऑफिस के दोस्तों से बोल कर पता तो लगा उस लड़के के बारे में. वैसे देखने में बढ़िया है. ". मम्मी ने कहा.
पूजा ने झट से अपने भैया कि ओर देखा.
" मम्मी. अभी आराधना बस बीस कि है. और पढाई भी कर रही है. अभी तो कम से कम उसकी शादी के बारे में 4 - 5 वर्ष तक मत सोचो. ". रवि कि आवाज सख्त थी.
" बेटा क्या बोल रहे हो. ". पापा ने टोका.
" No पापा. अब और नहीं. आप लोगों कि हर बात मेरी बहन नहीं मानेगी. आप लोग मुझे कहते हो उसे कॉलेज ले जाने और लाने को ताकि बेचारी की किसी लड़के से दोस्ती ना हो जाये.चलो वहाँ तक तो ठीक है. पर आप लोग हर चीज़ में उसकी मर्ज़ी और आजादी तो मत छीनो. प्लीज़. ". रवि ने आत्मविश्वास से भरे स्वर में कहा.
पूजा कोइसे बात की फ़िक्र नहीं थी की अब उसके मम्मी पापा क्या जवाब देंगे, और उसका क्या होगा. उसका तो बस दिल आ गया था अपने भैया केइसे बात पर की किस तरह आज उन्होंनेएक सच्चे हमसफर की तरह उसे Support किया था. उसकी ज़िन्दगी में अब वो लड़का आ गया था जिसपे वो बेफिक्र होकर भरोसा कर सके. आगे ज़िन्दगी जहाँ ले जाये !!!
.और दोबारा मेरे ओर मेरी बहन की आगे की दास्तान,,,
.
कहानी अभी बाकी है।।।।।
मेरे प्यारा पाठकों अभी कहानी बाकी है । अभी तो आराधना की ओर चुदाई करनी है फिरएक दो वर्ष पश्चात शादी भी करनी है ।
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