कच्ची कली
मेरा नाम राज है लोग प्रेम से मुझे राज्ज्ज भी कहते हैं. 28 वर्ष का हू और थोड़ा सा हॅंडसम और स्टाइलिश भी हू. गोरा रंग. ब्रॉड शोल्डर्स, मस्क्युलर शरीर और हेरी चेस्ट. मेंएक एलेक्ट्रॉनिक कंपनी में मेंटेनेन्स इंजिनियर हू. हमारी कंपनी एलेक्ट्रॉनिक कॉंपोनेंट्स भी बनाती है जिसकी इंडस्ट्रियल एरिया मेंएक मीडियम साइज़ की फॅक्टरी भी है ये नौकरी जोइन कर के मुझे बॅस 3 ही मंथ हुए हैं. हमारी फॅक्टरी शहेर से तकरीबन 25 किलोमेटेर की दूरी पे है. हमारी कंपनी काएक शोरुम और मेंटेनेन्स सेक्षन काएक ऑफीस शहेर में भी है जहा मुझे डेली जाना पड़ता है तो में डेली 25 किलोमीटर का अप आंड डाउन अपनी यामेहा बाइक पे ही करता हू. मुझे बाइक्स का ज्यादा शौक है और में 1 या 2 वर्ष में बाइक्स बदलता रहता हू. इंडस्ट्रियल एरिया में फॅक्टरी वर्कर्स और स्टाफ के लिए छोटे छोटे हाउसिंग कॉलोनीस बने हुए हैं जो फॅक्टरीस से थोड़ी दूर के डिस्टेन्स पर हैं. में भी ऐसी हीएक कॉलोनी केएक इनडिपेंडेंट घर में रहता हू. मेरा घर ज्यादा बड़ा भी नही ज्यादा छोटा भी नही. मेरे घर के सामने छोटा सा गार्डेन है दोबारा गेट है. मेरा घर मीडियम साइज़ का है जिस्मैएक सिट्टिंग रूम, 2 मीडियम साइज़ के बेडरूम्स, 1 ड्रॉयिंग कम डाइनिंग रूम है जहा टीवी, वीडियो और म्यूज़िकल सेट भी रखा हुआ है शौकीन मिज़ाज का हू इसी लिए ज्यादा पॉवेरफूल स्पीकर्स को ऐसे छुपा के रखा है के वो किसी को भी दिखाई नही देते बॅस वंडरफुल ब्लास्ट करते रहते है जिसे सुन के तबीयत मस्त हो जाती है और छोटी से छोटी म्यूज़िकल इन्स्ट्रुमेंट की साउंड भी ज्यादा बढ़िया और क्लियर आती है. में ने अपना कंप्यूटर अपने बेडरूम में रखा हुआ है जिस्मै हाइ स्पीड इंटरनेट कनेक्षन भी है जहा में रात के टाइम पे लड़कियों से सेक्सी चाटिंग करता हू और राज शर्मा स्टोरीज पर सेक्स स्टोरीस पढ़ता और लिखता हू और मेरे पास सेक्स पिक्चर्स का ज्यादा बड़ा ख़ज़ाना है. मेरे डॅडी और मम्मी दोनो अलग अलग एमएनसी में काम करते है और दूसरे सिटी में ही रहते हैं. मेरी अभी शादी नही हुई है और में यहा अपने घर में तन्हा ही रहता हू. अभी हाउस मैड की सर्च कर रहा हू जो मेरे लिए खाना बना दे और कपड़े धो के आइरन कर दे और घर की सफाई वाघहैरा कर दिया करे पर अभी तक कोई हौसेमैड नही मिली. खाना पकाना तो आता नही इसी लिए लंच और डिन्नर होटेल से ही ख़ाता हू कभी कभी पॅक करवा के घर ला आता हू और घर पे ही खा लेता हू. ब्रेकफास्ट स्वयं ही बनाता हू ब्रेड, बटर, जाम एग्स या कॉर्नफ्लेक्स विथ मिल्क बना के खा लेता हू. अपने कपड़े तो लौंड्री में दे देता हू पर अपनी प्लेट्स स्वयं ही धोनी पड़ती हैं. मेरे घर के सामने ही बस स्टॉप भी है जहा स्कूल की बस भी स्कूल के लड़कियों को पिक करती है में डेली अपने घर से और ऑफीस जाते समए स्कूल की लड़कियों को बस का वेट करते देखता हूँ और ये बस स्टॉप मुझे मेरे ड्रॉयिंग रूम की विंडो से भी नज़र आता है. स्कूल ड्रेस में मुझे वो ज्यादा अच्छी लगती है. मेरे टाइम पे ज्यादा तो नही बॅस 3 या 4 अड्वान्स क्लास की लड़कियाँ ही होती हैं. ब्लू कलर का स्कर्ट और वाइट शर्ट और उस पे ब्लू टाइ के यूनिफॉर्म के संग उनके सर से झूलती हुई पोनी टेल ज्यादा अच्छी लगती है. में उनको देखता हुआ चला जाता हू कभी ऐसा कोई घालत ख़याल मेरे मन में नही आया था बसएक ग्लॅन्स डाल के में चला जाता हू. में डेली रुटीन की तरह से 9 बजे घर से निकला. अभी शाएद 50 मीटर भी नही आया था केएक लड़की ने हाथ हिला के मुझे रुकने का इशारा किया तो में रुक गया.एक नज़र में देखा के वोएक ज्यादा ही क्यूट लड़की है. होगी शाएद कोई x4 वर्ष की. में उसको देखता ही रह गया ज्यादा गोरा रंग इतना गोरा के मानो हाथ लगा ते ही मैला हो जाए बॅस मलाई लगती थी मलाई, लाल कश्मीरी सेब जैसे गाल, बड़ी बड़ी हिरनी जैसी लाइट ब्राउन कलर की आँखें, चीक्स में डिंपल, लाइट ब्राउन हेर, मीडियम हाइट, भरे भरे बदन वाली लड़की थी और उसके ब्लू स्कर्ट जो उसके नीस से थोड़ा उप्पेर था जिस से उसकी शेप्ली और वंडरफुल सुडोल थाइस नज़र आ रहे थे लगता था के वो स्पोर्ट्स गर्ल होगी उसके स्कर्ट के ऊपेर वाइट और थोड़ी सी टाइट शर्ट में से उसके छोटे से सेब ( बेबी आपल ) या छोटे साइज़ के संतरे (ऑरेंज) जैसे चुचियाँ उभरी हुए दिख रही थी. उसकी टाइ दोनो चुचियों के बीच में लटक रही थी. में बाइक रोक के खड़ा हो गया और उसकी खूबसूरती में डूब के रह गया और उसको देखा तो देखता ही रहा ज्यादा ही खूबसूरत थी जैसे कोई आकाश से उतरी हुई अप्सरा. उसे देख के ये ख़याल भी नही रहा के उसने मुझे इशारा कर के रुकाया है. में सोच रहा था के ये लड़की नही ये तो क़यामत है क़यामत और अभीइसे उमर में इसकी खूबसूरती का ये हाल है तो जब ये बड़ी हो जाएगी तो किया होगा सड़क पे चलते लोग मुड़ मुड़ के देखेगे इसकी मस्त जवानी को. – वो मेरी तरफ थोड़ी देर तक अपनी बड़ी बड़ी शरारती आँखों से देखती रही और दोबारा मेरे हाथ पे अपना हाथ रख के कहाँ भैया कहा खो गये आप !!! मेरे मूह सेएक दम से निकल गया ओह वाउ यू आर दा मोस्ट ब्यूटिफुल गर्ल आइ हॅव सीन तुम ज्यादा ही सुंदर हो तो वो थॅंक्स भैया कह के मुस्कुरा दी दोबारा मुझे एहसास हुआ के में ने ये किया कह दिया और दोबारा सडन्ली में अपने ख़यालो से पुनः आया और पूछा कया बात है तो उसने कहा भैया आज मेरी बस मिस हो गई कया आप मुझे स्कूल तक ड्रॉप दे सकते हैं ?. में ने पूछा कौनसा स्कूल और कहाँ है तुम्हारा स्कूल तो उसने कहा के वो स्ट्रीट. मेरी'स कॉनवेंट हाइ स्कूल में पढ़ती है और xxथ क्लास में है. उसका स्कूल मेरे ऑफीस के करीब ही था इसी लिए में ने कहा के आओ पीछे बैठ जाओ. उसने थॅंक्स भैया कहा और पीछे की सीट पे उचक के बैठ गई. उसने स्वयं ही बात शुरुआत करते हुए कहा के मेरा नाम हर्षिता शर्मा है. मेरे डॅडी स्टील फॅक्टरी में सीनियर सेल्स डाइरेक्टर है है और मम्मी प्लास्टिक फॅक्टरी में अकाउंटेंट हैं. सुबह दोनो मेरे से पहले ही ऑफिसस को चले जाते हैं. डॅडी और मम्मी के जाने के पश्चात हमारी हाउस मैड आती है और उसके आने के पश्चात ही में स्कूल के लिए निकल जाती हू पर आज थोड़ी देर हो गई और बस मिस हो गई और अब कोई दूसरी बस भी नही है. डॅडी भी ऑफीस के काम सेबाहर् गये हुए है और मम्मी अपने नौकरी पे सुबह ही चली जाती है तो मुझे कोई लिफ्ट नही मिलती आज आप आ गये थॅंक्स भैया नही तो मेरा स्कूल मिस हो जाता. में ने कहा कोई बात नही यू आर मोस्ट वेलकम. कौनसी क्लास में हो तो उसने बताया के वो xxथ में है और अपनी क्लास की कॅप्टन भी है और स्पोर्ट्स की सेक्रेटरी भी है इसी लिए उसको स्कूल अटेंड करना ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है.
You are currently reading Rajsharma Indian Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
में सोचने लगा के स्पोर्ट्स में है इसी लिए इतना सुडोल बदन है इसका वंडरफुल थाइस औरएक दम से हेल्ती और आक्टिव लग रही थी. कॉलोनी ख़तम होने के पश्चात में रोड पे आ गये. में रोड पे उतनी ज़ियादा ट्रॅफिक नही रहती और यहा से टाउन तक रोड के दोनो तरफ बड़े बड़े नीम के पेड (ट्रीस) है और दूर दूर तक खेत भी है जहा से खेतों की मधुर सुगंध आती रहती है एस्पेशली शाम में और रात में. रात में ये पूरा रास्ता ऑलमोस्ट अंधेरा ही रहता है और कोई ट्रॅफिक भी नही होती. मैन रोड से टर्न लेने के पश्चात भी तकरीबन 3 किलोमीटर पे हमारी कॉलोनी स्टार्ट होती है और कॉलोनी के करीब ही लाइट्स लगी हुई हैं अदरवाइज़ टाउन सेबाहर् निकालने के पश्चात तकरीबन 28 किलोमीटर अंधेरे में ही ही हमारी कॉलोनी तक ट्रॅवेल करना पड़ता है. स्कूल की लड़किया तो बस से स्कूल जाती है और स्कूल ख़तम होने के संग ही शाम से पहले बस से ही पुनः आ जाती है याउन्को उनका कोई रिलेटिव या जानने वाला लिफ्ट दे देता है. अब कॉलोनी से हम में रोड पे आ गये. उसने बताया के भैया हमारा स्कूल 10:30 बजे से स्टार्ट होता है तो मेरे पास टाइम है आप इटमेनन से बाइक चलिए. वो बाइक के दोनो तरफ अपने पांव रख के बैठी थी उसके बॅक पे उसका स्कूल बैग लगा हुआ था और उसने हाथ मेरे पेट पे लप्पेट के मुझे पकड़ा हुआ था. मेरी यामेहा की सीट थोड़ी सी स्लॅनटिंग थी पीछे से उठी हुई थी और सामने से झुकी हुई थी इसी लिए वो मुझ से चिपक के बैठी थी और मुझे मेरे बॅक पे उसके चुचियाँ लग रही थी जिस से मेरे बदन में एलेक्ट्रिसिटी दौड़ रही थी और मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा था. में बाइक स्पीड से चला रहा था और वो मुझ से पूरी तरह से चिपकी हुई थी और उसके चुचियाँ मेरे बॅक से प्रेस हो रही थी और जब बाइक झटका खाती तो उसकी चुचियाँ मेरे बदन पे ही ऊपेर नीचे जाती थी. इसी तरह से रास्ता गुज़र गया हम तकरीबन 35 या 40 मिनिट्स में शहेर में एंटर हो गये. पहले मेरा ऑफीस आता था में ने हर्षिता को बताया के देखो ये मेरा ऑफीस है तो उसने कहा के भैया मेरा स्कूल भी तो यही है ये सिग्नल के पीछे वाली रोड पे है. मैने उसको उसके स्कूल पे ड्रॉप किया तो पता चला के स्कूल और मेरे ऑफीस के बीच में हार्ड्ली 5 मिनिट्स का वॉकिंग डिस्टेन्स है. में ने कहा के कभी भी कोई ज़रूरत हो या कुछ भी हो तो मेरे पास ऑफीस को आ जाना. उसने थॅंक्स कहा और मेरी तरफ हाथ हिला के बाइ करती हुई मुस्कुराती हुई स्कूल के गेट में दौड़ती हुई चली गई में ज्यादा देर तक उसके डॅन्स करती चुचियाँ और उसकी लटकती हुई पोनी टेल और उसके मलाई जैसे गोरे और शेप्ली सेक्सी थाइस को देखता ही रह गया और दोबारा पलट के ऑफीस आ गया. ऑफीस में किसी काम में दिल नही लगा बार बार उसके चुचियाँ, उसकी मोटी सेक्सी थाइस और लटकती हुई पोनी टेल ही दिमाग़ में घूमती रही. – शाम हो गई और वो नही आई शाएद बस मिल गई होगी. में ऑफीस ख़तम होने के पश्चात घर आ गया. बस स्टॉप देख के मुझे हर्षिता की याद आई पर थोड़ी देर में ही भूल गया और अपना खाना खा के टीवी देखने लगा. थोड़ी देर चाटिंग कर के सो गया. दूसरे दिन में रेडी हो के बाइक पे निकला तो देखा के हर्षिता वही खड़ी है. में बाइक उसके करीब ले गया और रोक के पूछा के आज कया हुआ ? किया दोबारा से बस मिस कर दी ?? तो वो मुस्कुरा के बोली के सॉरी भैया आज में ने जान बूझ के बस मिस की है. आइ वान्ना गो विथ यू कल आपके संग बाइक पे बैठना मुझे ज्यादा बढ़िया लगा मुझे ज्यादा मज़ा आया. टेल मी भैया कॅन यू टेक मी टू माइ स्कूल आप माइंड तो नही करोगे ना भैया ? वो ज्यादा अच्छी इंग्लीश बोल रही थी. में ने कहा माइ प्लेषर कम ऑन सिट ऑन माइ पिलियन सीट. वो उचक के मेरे पीछे बैठ गई और बाइक चलाने से पहले ही मुझे ज़ोर से ऐसे चिपक गई जैसे मुझे अपने चुचियाँ फील करवाना चाहती हो. आज हम इधर उधर की बातें कर रहे थे. उसके फ्रेंड्स की, स्कूल कीं उसके टीचर्स की. वो ज्यादा इंटेरेस्ट ले के मेरे संग बातें कर रही थी. ऐसे ही बातें करते करते रास्ता गुज़र गया. स्कूल आ गया और हर्षिता बाइक से उतर ते हुए बोली के भैया आज मेरी स्पेशल क्लास है. प्रॉबब्ली में आपके संग ही पुनः जाउन्गि. यदि में आपके ऑफीस ख़तम होने तक नही आइ तो आप ऑफीस के पश्चात भी थोड़ी देर मेरा वेट करलेणा प्लीज़. आइ हॅव ऑलरेडी इनफॉर्म्ड माइ मोम आंड टोल्ड हर अबाउट यू. शी ईज़ वेरी हॅपी दट यू आर गिविंग मे लिफ्ट. इस् वीकेंड पे में आपको अपनी मम्मी से मिलवाउन्गि. में ने बोला के कोई बात नही तुम इम्त्मीनान से अपनी स्पेशल क्लास अटेंड कर के मेरे ऑफीस आ जाओ दोनो मिल के पुनः चलते है मे तुम्हारा वेट करूगा ये बोल के में ऑफीस आ गया और बेचैनी से शाम का वेट करने लगा. में ऑफीस के डेली रुटीन वर्क में बिज़ी हो गया इसी में शाम हो गई. हर्षिता का स्कूल ख़तम हो गया और वो मेरे ऑफीस पा आ गई बट मुझे अभी थोड़ा और काम बाकी था में ने कहा के अभी थोड़ी देर में चलते हैं. उसने अपने घर फोन करके उसकी मम्मी को बता दिया के वो मेरे संग है और मेरे संग ही पुनः आएगी. उसकी मम्मी ने अड्वान्स में थॅंक्स कहा और कहा के भैया को परेशान नही करना जब उनका काम ख़तम हो तब ही पहुँचना उसने कहा ओके मम्मी डॉन'ट वरी आइ वोन्त ट्रबल हिम. ऑफीस से काम ख़तम करके निकलते निकलते लेट ईव्निंग हो गई थी थोड़ा थोड़ा अंधेरा भी होने लगा था. बाइक स्टार्ट किया और हर्षिता उछल के पीछे बैठ गई. शहेर से हमबाहर् निकल आए.बाहर् आते ही दोनो तरफ के खेतो से ठंडी ठंडी हवा आ रही थी मौसम ज्यादा बढ़िया हो गया था. खेतों की ये मधुर सुगंध मुझे ज्यादा अच्छी लगती है और में बाइक को धीरे-धीरे धीरे चलाता और खेतों की सुगंध का मज़ा लेते हुए बाइक चला रहा था. हर्षिता भी बाइक के फुट रेस्ट पे पांव रख के खड़ी हो गई और मेरे नेक पे अपने हाथ डाल दिए और राइडिंग का मज़ा लेने लगी. वो थोड़ी थोड़ी देर में उठ जाती थी और बैठ जाती थी जिस से उसके चुचियाँ मेरे बॅक पे रगड़ खा रही थी और मेरा लंड पॅंट के अंदर सेबाहर् निकालने को बेचैन हो गया और अकड़ने लगा. ये रोड पे कोई ट्रॅफिक नही रहती थी कियोंकि ये रोड सिर्फ़ इंडस्ट्रियल एरिया की हाउसिंग कॉलोनी को ही जाती थी. सिर्फ़ रिलेटेड लोग ही इसे रोड पे आते जाते थे. कभी कभी कोई गाड़ी या बाइक बाज़ू से चली जाती. में बाइक ज्यादा धीमी गति से चला रहा था हर्षिता की चुचियों को अपनी पीठ पे फील कर के मज़े ले रहा था और कोई जल्दी भी तो नही थी
You are currently reading Rajsharma Indian Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories
अब तो हर्षिता की मम्मी को भी मालूम हो गया था के वो मेरे संग है. उसके हाथ मेरे पेट से स्लिप हो गये और मेरे थाइस पे आ गये. मेरे बदन में एलेक्ट्रिक के झटके लगना शुरुआत हो गये.बाहर् की मस्त हवा थी या हर्षिता की रगड़ती चुचियाँ या उसकी चड़ती जवानी का नशा कि हर्षिता ने अपना हाथ और करीब कर लिया और मुझ से चिपट गई जिस से उसके हाथ मेरे जाँघ पे आ के रुक गये. पोज़िशन ऐसी थी के बस 2 या 3 इंच और उसके हाथ नीचे उतार जाता तो सीधे मेरे लंड पे ही उसके हाथ होते. अपने लंड के इतना करीब उसके हाथ का स्पर्श महसूस करके मेरा लंड ज्यादा ही ज़ोर से अकड़ गया और पॅंट के अंदर सेबाहर् निकलने को मचलने लगा. हर्षिता मेरे कान के करीब अपना मूह ला के मेरे कान में धीरे-धीरे से बोली आप ज्यादा अच्छे हो भैया यू आर रियली वेरी वेरी स्वीट आंड वंडरफुल यू हॅव ए पॉवेरफूल शरीर और जो मुझे ज़ोर से हग किया तो उसके हाथ मेरे लंड से टकरा गये और उसने अपने हाथ मेरे लंड के पास से नही हटाया वही लंड से लगाए ही रहने दिया. आआआआहह मेरे मूह से सिसकारी निकल गई. उसने पूछा कया हुआ भैया तो में ने कहा कुछ नही आज राइडिंग में ज्यादा मज़ा आ रहा है. - उसने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा मुझे भी ज्यादा मज़ा आ रहा है भैया ऐसा मज़ा मुझे पहले कभी नही आया और कभी किसी की बाइक पे भी नही बैठी फिरएक हग और किया तो उसका हाथ डाइरेक्ट मेरे लंड के ऊपेर ही गया उसने अपना हाथ वहाँ से नही हटाया ऐसे ही मेरे आकड़े हुए लंड पे रहने दिया. मुझे यकीन हो गया के उसने मेरे आकड़े हुए लंड को महसूस किया होगा और जान बूझ के अपना हाथ वहाँ से नही हटाया.
अभी हम शहेर से हार्ड्ली 4 या 5 किलोमीटर ही आए थे अभी तकरीबन 20 किलोमीटर और डिस्टेन्स बाकी था. हर्षिता का मस्त बदन,बाहर् की हल्की ठंडी हवा और खेतों की मधुर सुगंध से मुझे तो नशा जैसा हो गया था और में अपने आकड़े हुए लंड पे हर्षिता के हाथों के स्पर्श से जैसे दीवाना हो गया था. गहरी गहरी साँसें ले रहा था हर्षिता मेरे से ज्यादा ज़ोर से चिपक के बैठी थी और ऐसे खामोश थी जैसे हम दोनो के बीच कोई खामोश रहने की अनकही अंडरस्टॅंडिंग हो. थोड़ी ही देर में उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और मेरे बदन में 2000 वोल्ट्स के करेंट के झटके लगने लगे और मूह ऊऊऊओह कीएक सिसकारी निकल गई. मुझे यकीन हो गया के अब तक तो शाएद बिना जाने ही उसका हाथ मेरे लंड से लग रहा था परइसे टाइम पे तो उसने जान बूझ के लंड पकड़ा था. आआहह में तो दीवाना हो गया औरएक ज़ोर की सिसकारी मेरे मूह से निकल गई. थोड़ी देर तक ऐसे ही लंड को पकड़ने के पश्चात हर्षिता बोली भैया बढ़िया लग रहा है कया ? तो में बोला आआअहह हा ज्यादा ही बढ़िया लग रहा है. मेरा इतना बोलना था के उसने मेरे लंड को अच्छी तरह से अपने हाथ में पकड़ लिया और पॅंट के ऊपेर से ही दबा ने लगी. मैने हर्षिता से पूछा के तुम ब्रस्सिएर पहनती हो किया तो उसने कहा हा भैया कभी ब्रस्सिएर पहनती हू कभी बानयन पहनती हू. मेरी साँसें तेज़ी से चल रही थी बस इतना ही पूछ सका किया साइज़ की ब्रा तो उसने कहा 28 सी में सोचने लगा के वो दिन कब आएगा जब में ये 28 सी साइज़ की चुचियाँ को कब अपने हाथो से दबाउन्गा और कब अपने मूह में ले के चुसूंगा. मेरा और मेरे लंड का बुरा हाल था. पॅंट सेबाहर् निकल ने को मचल रहा था लैकिन में अपनी तरफ से कुछ स्टार्ट नही करना चाहता था. में सोच रहा था के वो ही कुछ करे पर उस दिन और कुछ नही हुआ बस वो मेरा लंड पकड़े रही और दबाती रही. घर आ गया और उसको घर पे ड्रॉप किया तो उसने कहा भैया मम्मी से मिल लीजिए ना तो में ने अपने लंड की तरफ इशारा कर के कहा के ऐसी पोज़िशन में तुम्हारी मम्मी से मिला तो वो मुझे मार ही डालेगी तो वो हँसने लगी और कहा ठीक है वीकेंड पे मिल लेना और थॅंक्स काएक किस मेरे गाल पे कर के अंदर चली गई. में रात भर तड़प्ता रहा और 2 टाइम मूठ मार के सो गया. सुबह हर्षिता दोबारा से वही खड़ी मिली अब वो जान बूझ कर अपनी बस को मिस करने लगी थी ता कि मेरे संग चल सके. मुझे भी कोई प्राब्लम नही था तो में डेली हर्षिता को ले के आने और अपने संग ही पुनः लाने लगा. वो डेली रास्ते में मेरे लंड को पॅंट के ऊपेर से ही पकड़ के दबाती रहती और ज्यादा टाइम तो मेरी क्रीम निकलते निकलते रह गई. दिन इसी तरह से गुज़रते रहे और हर्षिता को मेरे संग आते जातेएक वीक हो गया था. डेली रुटीन बन गया था मेरे संग आती और शाम में स्कूल के पश्चात ऑफीस आ जाती और दोबारा हम दोनो रात में पुनः आते और हमारे शहेर सेबाहर् निकलते ही मेरे लंड को अपने हाथ में ले के ऐसे दबा ने लगती जैसे हमारे बीचएक साइलेंट अग्रीमेंट हो और मुझ से चिपक के अपनी चुचियों से मेरे बॅक से घिसती रहती और मुझे महसूस होता के वो सीट पे आगे पीछे होती रहती है जिस से उसकी चूत सीट से रगड़ खाते रहती और जिस से शाएद उसको मज़ा आता और शाएद उसका जूस भी निकल जाता होगा ये उसके चूत का मसाज ऐसे ही करती होगी.एक शाम मेरे दिमाग़ मेंएक ख़याल आया हर्षिता बाइक पे पीछे बैठी रही और जैसे ही शहेर ख़तम हुआ और रात होने लगी हर्षिता को महसूस भी नही हुआ और मैने अपने पॅंट की ज़िप खोल के अपने आकड़े हुए लंड को पॅंट सेबाहर् निकाल दिया और वेट करने लगा. मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और मेरे पेट के पास स्प्रिंग की तरह से झटके खा रहा था और आकाश की तरफ ऐसे मूह करके खड़ा था जैसे आकाश मिज़ाइल हो.एक ही मिनिट के अंदर हर्षिता का हाथ मेरे आकड़े हुए लंड पे आ गया तो वो हैरान रह गई और उसके मूह से वाउ भैया आज तो आप इसको भी ठंडी हवा खिला रहे हो वाउ इतना मोटा इतना बड़ा निकला और मेर मूह से आआअहह निकला और मेरा तो मस्ती के मारे बुरा हाल था और हर्षिता मेरे आकड़े हुए नंगे लंड को अपने छोटे छोटे हाथो से दबाने लगी और मेरे मूह से आअहह और ऊऊहह जैसी साउंड निकल रही थी. मेरा उसने पूछा बढ़िया लग रहा है कया भैया तो में बोला के हा ज्यादा ही बढ़िया लग रहा है.
You are currently reading Rajsharma Indian Sex Story on our website, desixxxstories.com. We regularly share and update similar sex stories